जय जिनेन्द्र बंधुओ,
कल १४ मई, दिन शनिवार को अष्टमी पर्व है।
??
कल जिनमंदिर जाकर देवदर्शन करें।
??
जो श्रावक प्रतिदिन देवदर्शन करते है उनको अष्टमी/चतुर्दशी के दिन भगवान का अभिषेक और पूजन करना चाहिए।
??
इस दिन रात्रि भोजन व् आलू-प्याज आदि जमीकंद का त्याग करना चाहिए।
??
जो श्रावक अष्टमी/चतुर्दशी का व्रत करते है कल उनके व्रत का दिन है।
??
इस दिन राग आदि भावो को कम करके ब्रम्हचर्य के साथ रहना चाहिए।
☀
इस दिन धर्म करने से विशेषरूप से अशुभ कर्मो का नाश होता है।
☀
अपकी संतान को लौकिक शिक्षा के समान ही धर्म की शिक्षा जरुरी है।अपने बच्चों को पाठशाला भेजें।क्योकि धार्मिक शिक्षा वर्तमान में उनको तनाव मुक्त जीवन व् शांति प्रदान करेगी ही साथ ही भविष्य में नरक,तिर्यन्च आदि अधोगतियों से बचायगी।
?तिथी - वैशाख शुक्ल अष्टमी।
?? आचार्यश्री विद्यासागर सेवासंघ ??
☀
इस तरह की सूचनाओं को आप भी अन्य श्रावकों को प्रेषित कर पुण्य के भागीदारी बन सकते हैं।
- Read more...
- 0 comments
- 290 views