?असाधारण धैर्य - अमृत माँ जिनवाणी से - १८६
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आज कार्तिक शुक्ला द्वादशी की शुभ तिथी को १८ वे तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ अरहनाथ भगवान का ज्ञान कल्याणक पर्व है।
? अमृत माँ जिनवाणी से - १८६ ?
"असाधारण धैर्य"
सातगौड़ा को दुख तथा सुख में समान वृत्ति वाला देखा है। माता पिता की मृत्यु होने पर, हमने उनमें साधारण लोगों की भाँति शोकाकुलता नहीं देखी। उस समय उनके भावों में वैराग्य की वृद्धि दिखाई पड़ती थी।
उनका धैर्य असाधारण था। माता-पिता का समाधिमरण होने से उन्हें संतोष हुआ था। उनके पास आर्तध्यान, रौद्रध्यान को स्थान न था। वे धर्मघ्यान की मूर्ति थे। वे दया, शांति, वैराग्य, नीति तथा सत्य जीवन के सिंधु थे।
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रंथ का ?
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