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आज का नियम 10-12-20
..........🙏 जय जिनेन्द्र 🙏🙏 नमस्ते 🙏........
* शास्त्रों में लिखा है हमे रोज़ एक नियम/त्याग लेना ही चाहिये ।
* सभी धर्मो में त्याग /नियम को बहुत महत्व दिया गया है ।
* त्याग / नियम कितना भी छोटा क्यों न हो (सिर्फ 10 मिनिट का भी) बहुत अशुभ कर्म नष्ट होते हैं।
* रोज़ कुछ त्याग करने से असंख्यात बुरे कर्मो की निर्ज़रा (क्षय होना) होती है
* नरक गति का बंध अगर हमारा हो चुका है तो हम किसी भी तरह के नियम जीवन में नहीं ले पाते हैं ।दिनांक - 10 - 12 - 2020
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"" आप चाहे तो सिर्फ आज के लिये ये नियम / त्याग भी ले सकते हैं या और
कोई भी नियम अपने अनुसार ले सकते हैं🙏* आज मंगसिर माह कृष्ण पक्ष की दशमी ,गुरुवर है 🙏 आज काजू खाने का त्याग 🙏*
🔻विनम्र आग्रह🔻
🐄🐈 एक रोटी या कुछ भी जीव दया के लिए हम भी देवे और अपने सभी जानकारों को भी रोज़ ऐसा करने के लिए प्रेरित करें 🙏🙏🙏🙏 निवेदन :-(शहर में विराजित साधू संतो के दर्शन की भावना रखे )
आज - 10 - 12 - 2020 एक दिन का संकल्प करना चाहते हैं तो प्रति उत्तर में नियम / त्याग
लिखकर के वापिस ग्रुप में पोस्ट भी कर सकते हैं(आप नीचे दिए गए लिंक पर नियम लेने के लिए comment कर के भी नियम ले सकते हैं )
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*INDIA नहीं 🚫 भारत बोले🇮🇳*
*⚖️SUPREME COURT* में *Namah* नाम से याचिकाकर्ता ने WRIT PETITION (C) क्रमांक 000422 / 2020 को register किया है और 2 जून 2020 को इसके Admission के निर्णय के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तारीख दी हुई है।
➡️याचिका में लिखा है कि संविधान के Article 21 के अनुसार सभी भारतीय नागरिकों को मौलिक अधिकार है कि वो अपने देश को *भारत* कह सके। इस आधार पर यह याचिकाकर्ता ने देश के India नाम को हटाकर *भारत* करने की प्रार्थना की है
*⛳आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज* का अनेक वर्षों से यह विचार रहा है कि देश का India नाम हटाकर भारत होना चाहिए
*➡️ ज्ञात रहे इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में इस तरह की याचिकाएं अन्य व्यक्तियों द्वारा दाखिल की हुई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनको निरस्त कर दिया*
*➡️ यदि जैन समाज के प्रबुद्ध जन इस याचिका को support करने के लिए अपनी पहचान आदि का उपयोग करते हैं और पूरी समाज सार्वजनिक मंचों पर इस याचिका को प्रचारित करके अन्य RSS जैसे हिन्दू संगठनों को भी इस याचिका के सहयोग के लिए प्रेरित करते हैं तथा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री आदि नेताओं तक पहुँचकर इस याचिका के समर्थन और पक्ष में उतरने के लिए बयान आदि जारी करवाने के लिए निवेदन करें तो संभव है कि सुप्रीम कोर्ट यह याचिका निरस्त न करके इसकी सुनवाई करे*
*➡️ जैन समाज अपनी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सहायक वकील देकर भी इस याचिकाकर्ता को बाहर से दिशानिर्देश और सलाह दे सकते हैं*
*🙏🏽अतः आप सभी से करबद्ध निवेदन है कि इस याचिका के लिए समर्थन और सार्वजनिक माहौल तैयार करने के लिए अपने अपने स्तर पर पूरी कोशिश करें। 2 जून से पहले कुछ करने की कोशिश करें🙏🏽*
*🖼️ याचिका की सर्व जानकारी सलग्न photo में दी है*
*⛳जिनशासन जयवंत हो⛳*
*💎जिनशासन संघ💎*
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सादर जय जिनेन्द्र,
आपको यह आज शाम 9 बजे तक भेजनी है।आओ शब्दो से भजन बनाये
उदहारण :-
ध क म ज
धरम करो मस्त जवानी में1 जी है पा की बूं क
2 मे आ कृ से स का
3 पा प्या ला च प्या
4 मं ण ह प्रा से प्या
5 ज से गु द मि म
6 स ध क जि दि मौ की
7 अ ज ज सि प्र ज ज
8 ण मं है न्या जि ला
9 छो सा मं ब वी गु
10 वि की तृष् को छो के
11 हिं पी वि रा म
12 तू जा रे चे प्रा क
13 ते पां हु कल् प्र ए बा
14 सो सो में नि ग सा जिं
15 मु आ मे कु में आ है
16 मि है सच् सु के भ
17 मा तू द क क से
18 ल ल ल के झं जि का
19 क हूं में अ स्वी क
20 झी झी उ रे गु चा रे
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पहेली क्रमांक 23 से 35
23. सोलह सपने माता देखे, उन्नत गज है हर्ष विशेखे।
फल है इसका कौन बताए, वीर प्रभु को शीश नवाए।
24. बैल स्वप्न में माँ के आया, शभ लक्षण है गर्भ कहाया।
फल है इसका कौन बताए, वीर प्रभु को शीश नवाए।
25. सिंह स्वप्न में माँ के आया, शुभ लक्षण है गर्भ कहाया।
फल है इसका कौन बताए, वीर प्रभु को शीश नवाए।
26. लक्ष्मी का अभिषेक कराएं, हस्ति देखो स्वप्न में आएं।
फल है इसका कौन बताएं, वीर प्रभु को शीश नवाएं।
27. पुष्प सुगंधित दो मालाएं, स्वप्न में माता के है आएं।
फल है इसका कौन बताए, वीर प्रभु को शीश नवाए।।
28 पूर्ण चन्द्रमा मन को भाता, अंधकार को दूर भगाता।
स्वप्न में देखे त्रिशलारानी,स्वज के फल की कहो कहानी।।
29. उदयाचल पर्वत पर भारी, सूर्य दिखा जो संकटहारी।
स्वप्न में देखे त्रिशलारानी, कहे कौन शुभ फल की वाणी।।
30. स्वर्ण कलश दो स्वप्न में आए, जल से भरे सदा मन भाए।
फल है इसका कौन बताए, वीर प्रभु को शीश नवाए।
31.मत्स्य युगल तालाब में भाई, स्वप्न में देखे प्रभ सखदाई।
फल है इसका कौन बताए, वीर प्रभु को शीश नवाए।
32. जल से भरा सरोवर भाई , स्वप्न में देखे माँ सहाई।
फल है इसका कौन बताए, वीर प्रभु को शीश नवाए।
33. जोरदार गर्जन है करता, सागर जल जो तरंग धरता।
स्वप्न में देखे त्रिशला माई, कौन-सा फल है बताओ भाई ।।
34. सिंहासन सपने में आया, माँ त्रिशला का मन हर्षाया।
स्वप्न का फल है कौन बताये, सही बताकर इनाम पाये।
35. स्वर्ग लोक का विमान भाई, स्वप्न में देखे माँ सुखदाई।
फल है इसका कौन बताए, सही बताकर इनाम पाए।
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जीवन में हम सफल हो या ना हो परंतु मनुष्य जीवन पाने के बाद भी यदि हमारा आचरण मनुष्य जैसा ना हो तो इससे बड़ी विफलता और कोई नहीं हो सकती है । पाठशाला में आने से हमें हमारे आचरण में निखार की संभावना दिखाई देती हैं जो कि भविष्य सुधारने के लिए सार्थक कदम सिद्ध हो सकता है ।
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