आत्म चेतना ही व्यक्ति की सबसे बडी शक्ति है।
जब हवा काम नहीं करती तब दवा काम करती है और जब दवा काम नहीं करती तब दुआ काम करती है परन्तु जब दुआ भी काम नहीं करती तब यह जो स्वयंभुवा चेतना है काम करती है। मात्र आत्म चेतना जागृत होने पर हवा, दुआ और दवा अपने आस पास स्वयं चक्कर काटती रहती है। आत्म जागरण के अभाव में व्यक्ति इन तीनो के पीछे चक्कर काटता रहता है।
🙏🙏मूकमाटी पृष्ठ सं 240
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