विशेषण - पाठ 12
1. गुणवाचक विशेषण -
जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, दशा, रंग, आकार, स्थिति आदि का बोध कराते हैं, वे गुणवाचक विशेषण होते हैं। पुल्लिंग गुणवाचक विशेषण में 'आ' और 'ई' प्रत्यय जोडकर स्त्रीलिंग गुणवाचक विशेषण बना लिए जाते हैं। पुल्लिंग गुणवाचक विशेषण और नपुंसकलिंग गुणवाचक विशेषण समान होते हैं। जैसे -
विशेषण शब्द |
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
सुन्दर |
सुन्दर | सुन्दरा, सुन्दरी |
थिर |
थिरा | विशाल |
विशाल |
विसाल | विसाला |
विस्तारवाला |
वित्थिण्ण | वित्थिण्णी |
अकेला |
एकल्ल | एकल्ला |
प्यार |
पिआर | पिआरी |
अपूर्व |
अउव्व | अउव्वा |
चंचल |
चल | चला |
भयंकर |
भीषण | भीषणा, भीषणी |
पवित्र |
पवित्त | पवित्ता |
गम्भीर |
गम्भीर | गम्भीरी |
श्रेष्ठ |
सार, पवर | सारी, पवरा |
धारण करनेवाला |
धार | धारी |
आज्ञाकार |
पेसणगाार | पेसणगारी, पेसणयारी |
धैर्यवान |
धीर | धीरी |
दुर्लभ |
दुल्लह | दुल्लहा |
शीतल |
सीयल | सीयला |
गर्म |
उण्ह | उण्हा |
उत्तम |
उत्तिम, उत्तम | उत्तिमा, उत्तमा |
सुन्दर |
मणोहर | मणोहरा, मणोहरी |
जन्मान्ध |
जच्चन्ध | जच्चन्धा |
मधुर |
महुर | महुरा |
उज्जवल |
उज्जल | उज्जला |
तीखा |
तिक्ख | तिक्खा |
प्रिय |
वल्लह | वल्लहा |
सफेद |
पण्डुर | पण्डुरा |
शून्य |
सुण्ण | सुण्णा |
कंजूस |
किविण | किविणा, किविणी |
निर्मल |
णिम्मल | णिम्मला |
विमल |
विमल | विमला |
दुर्बल |
किस | किसा |
मूर्ख |
मुक्ख | मुक्खा |
काला |
कसिण | कसिणा |
मोटा |
थूल्ल | थूल्ला |
पूर्वी |
पुव्व | पुव्वा |
पश्चिमी |
पच्छिम | पच्छिमा |
उत्तरी |
उत्तर, उत्तरीय | उत्तरा, उत्तरीया |
दक्षिणी | दाहिण, दक्खिण |
दाहिणी, दक्खिणी, दाहिणा, दक्खिणा |
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