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भाववाच्य : अकर्मक क्रिया से - पाठ 6


Sneh Jain

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भाववाच्य बनाने के लिए कर्त्ता में सदैव तृतीया विभक्ति होती है तथा अकर्मक क्रिया में 'इज्ज' ‘इय' प्रत्यय जोड़े जाते हैं। इसके पश्चात् सम्बन्धित काल के ‘अन्यपुरुष एकवचन' के प्रत्यय भी लगा दिये जाते हैं। क्रिया से भाववाच्य वर्तमानकाल, विधि एवं आज्ञा तथा भविष्यकाल में बनाया जाता है। भविष्यकाल में क्रिया का भविष्यत्काल कर्तृवाच्य का रूप ही रहता है।

भूतकाल में भूतकालिक कृदन्त से भाववाच्य बनाने पर कर्त्ता में सदैव तृतीया विभक्ति होती है; किन्तु कृदन्त सदैव नपुंसकलिंग प्रथमा एकवचन में ही रहता है।

हँसा जाना चाहिए, सोया जाना चाहिए आदि भावों को व्यक्त करने के लिए विधिकृदन्त का प्रयोग भी भाववाच्य में किया जाता है। विधिकृदन्त बनाने के लिए क्रिया में दो प्रकार के प्रत्यय लगाए जाते हैं। १. अव्व (परिवर्तनीय रूप) २. इएव्वउं, एव्वउं, एवा (अपरिवर्तनीय रूप)। ‘अव्व' विधिकृदन्त का भाववाच्य में प्रयोग करने पर कर्त्ता में तृतीया विभक्ति होती है तथा कृदन्त के रूप सदैव नपुंसक लिंग एक वचन (कमल के समान) चलेंगे। इएव्वउं, एव्वउं, एवा विधिकृदन्त का भाववाच्य में प्रयोग करने के लिए कर्त्ता में तृतीया विभक्ति होगी; किन्तु कृदन्त में कोई परिवर्तन नहीं होगा। ये यथावत रहेंगे।

 

क. वाक्य रचना : वर्तमानकाल

मेरे द्वारा हँसा जाता है।

मइं हसिज्जइ/हसियइ/हसिज्जए/ हसियए।

हम सबके द्वारा हँसा जाता है।

अम्हेहिं हसिज्जइ/हसियइ।

तुम्हारे द्वारा हँसा जाता है।

पइं, तइं हसिज्जइ/हसियइ।

तुम सबके द्वारा हँसा जाता है।

तुम्हेहिं हसिज्जइ/हसियइ।

उसके द्वारा हँसा जाता है।

तें, तेण, तेणं हसिज्जइ/हसियइं।

उन सबके द्वारा हँसा जाता है।

तहिं, ताहिं, तेहिं हसिज्जइ/हसियइ।

पुत्र के द्वारा हँसा जाता है।

पुत्तें, पुत्तेण, पुत्तेणं हसिज्जइ/हसियइ।

माता के द्वारा हँसा जाता है।

मायाए हसिज्जइ, हसिज्जए।

 

ख. वाक्य रचना : विधि एवं आज्ञा

मेरे द्वारा हँसा जाए।

मइं हसिज्जउ/हसियउ।

हम सबके द्वारा हँसा जाए।

अम्हेहिं हसिज्जउ/ हसियउ।

तुम्हारे द्वारा हँसा जाए।

पइं, तइं हसिज्जउ/हसियउ।

तुम सबके द्वारा हँसा जाए।

तुम्हेहिं हसिज्जउ/ हसियउ।

उसके द्वारा हँसा जाए।

तें, तेण, तेणं हसिज्जउ/ हसियउ।

उन सबके द्वारा हँसा जाए।

तहिं, ताहिं, तेहिं हसिज्जड/हसियउ।

पुत्र के द्वारा हँसा जाए।

पुत्तें, पुत्तेण, पुत्तेणं हसिज्जउ/हसियउ।

माता के द्वारा हँसा जाए।

मायाए हसिज्जउ/हसियउ।

पुत्रों के द्वारा हँसा जाए।

पुत्तेहिं हसिज्जउ/ हसियउ।

 

ग. वाक्य रचना : भविष्यत्काल

मेरे द्वारा हँसा जाएगा।

मइं हसेसइ/हसेसए/हसिहिइ/हसिहिए।

हम सबके द्वारा हँसा जाएगा।

अम्हेहिं हसेसइ/हसेसए/ हसिहिइ/हसिहिए।

तुम्हारे द्वारा हँसा जाएगा।

पइं, तइं हसेसइ/हसेसए/हसिहिइ/हसिहिए।

तुम सबके द्वारा हँसा जाएगा।

तुम्हेहिं हसेसइ/हसेसए/हसिहिइ/हसिहिए।

उसके द्वारा हँसा जाएगा।

तेण हसेसइ/हसेसए/हसिहिइ/हसिहिए।

उन सबके द्वारा हँसा जाएगा।

तहिं, ताहिं, तेहिं हसेसइ/हसेसए।

पुत्र के द्वारा हँसा जाएगा।

पुत्तें, पुत्तेण, पुत्तेणं हसेसइ/हसेसए।

माता के द्वारा हँसा जाएगा।

मायाए हसेसइ/हसेसए/ हसिहिइ/हसिहिए।

पुत्रों के द्वारा हँसा जाएगा।

पुत्तेहिं हसेसइ/हसेसए/ हसिहिइ/हसिहिए।

माताओं के द्वारा हँसा जाएगा।

मायाहिं हसेसइ/हसेसए / हसिहिइ/हसिहिए।

 

घ. वाक्य रचना : भूतकाल

मेरे द्वारा हँसा गया।

मइं हसिअ/ हसिआ/हसिउ।

हम सबके द्वारा हँसा गया।

अम्हेहिं हसिअ/ हसिआ/ हसिउ।

तुम्हारे द्वारा हँसा गया।

पइं, तइं हसिअ/हसिआ/ हसिउ।

तुम सबके द्वारा हँसा गया।

तुम्हेहिं हसिअ/हसिआ/ हसिउ।

उसके द्वारा हँसा गया।

तेणं हसिअ/हसिआ/ हसिउ।

उन सब के द्वारा हँसा गया।

तहिं, ताहिं, तेहिं हसिअ/ हसिआ/हसिउ।

पुत्र के द्वारा हँसा गया।

पुत्तें, पुत्तेण, पुत्तेणं हसिअ/हसिआ/ हसिउ।

माता के द्वारा हँसा गया।

मायाए हसिअ/ हसिआ/ हसिउ।

पुत्रों के द्वारा हँसा गया।

पुत्तेहिं हसिअ/ हसिआ/ हसिउ।

माताओं के द्वारा हँसा गया।

मायाहिं हसिअ/हसिआ/ हसिउ।

 

ङ वाक्य रचना : विधिकृदन्त

मेरे द्वारा हँसा जाना चाहिए।

मइं हसिअव्व/हसिअव्वा/हसिअव्वु/हसेअव्व/हसेअव्वा/ हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हसेवा।

हमारे द्वारा हँसा जाना चाहिए।

अम्हेहिं हसिअव्व/हसिअव्वा/हसिअव्वु/हुसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हुसेवा।

तुम्हारे द्वारा हँसा जाना चाहिए।

पइं हसिअव्व/हसिअव्वा/ हसिअव्वु /हुसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/सेवा।

तुम सबके द्वारा हँसा जाना चाहिए।

तुम्हेहिं हसिअव्व/हसिअव्वा/ हसिअव्वु/हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/ हसेवा।

उसके द्वारा हँसा जाना चाहिए।

तेणं हसिअव्व/हसिअव्वा/हसिअव्वु/हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हसेवा।

उन सबके द्वारा हँसा जाना चाहिए।

तेहिं हसिअव्व/हसिअव्वा/ हसिअव्वु/हसेअव्व/हुसेअव्वा/हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/ हसेवा।

पुत्र के द्वारा हँसा जाना चाहिए।

पुत्तेणं हसिअव्व/हसिअव्वा/ हसिअव्वु/हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/ हसेवा।

पुत्रों के द्वारा हँसा जाना चाहिए।

पुत्तेहिं हसिअव्व/हसिअव्वा/हसिअव्वु/हसेअव्व/हसेअव्वा/ हसेअव्वु/हसिएव्वउँ,हसेव्वउं/हसेवा।

माता के द्वारा हँसा जाना चाहिए।

मायाए हसिअव्व/हसिअव्वा/ हसिअव्वु/हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हसेवा।

माताओं के द्वारा हँसा जाना चाहिए।

मायाहिं हसिअव्व/हसिअव्वा/ हसिअव्वु/हसेअव्व/हसेअव्वा/हसेअव्वु/हसिएव्वउं/हसेव्वउं/हसेवा।

इसी प्रकार पाठ-2 में दिये गये सभी संज्ञा शब्द व अकर्मक क्रियाओं व कृदन्तों के साथ विभिन्न कालों में भाववाच्य में रचना की जाती है।

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