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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. admin
    घोर-घोर उपसर्ग है कीना, प्रभु डिगे न ध्यान में लीना।
    बैरी कौन वो नाम बताएं, वीर प्रभु सम हम बन जाएं।
  2. admin
    जय जिनेन्द्र 
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  3. admin
    वर्द्धमान ने जन्म है पाया, देवों ने जयकार लगाया।
    महल कौन-सा कौन बताए, कुण्डलगिरी में दर्शन पाए।
  4. admin
    वीर प्रभु को गर्भ में आना, इन्द्र ने अपने ज्ञान से जाना। 
    रत्न कहाँ पर है बरसाना, कुबेर को है ज्ञात कराना॥ 
  5. admin
    समवशरण में प्रभु को पाया, शीश नवाया संयम पाया।
    आयां व्रत वे कोन हैं धारे, वर्धमान से रिश्ता पाले। 
  6. admin
    पूर्व दिशा सम माँ कहलाती, जीवन अपना धन्य बनाती।
    माँ का दूजा नाम बताओ, त्रिशला वीर प्रभु को ध्याओ॥
  7. admin
    वीर प्रभु ने जन्म है पाया, भव्यों का है भाग्य जगाया। ।
    दादा-दादी का नाम बताओ, महावीर सम सब बन जाओ॥
  8. admin
    देव-देवियाँ स्वर्ग से आते, क्षीर सिन्धु का जल हैं लाते।।
    प्रभु अभिषेक कहाँ वे करायें, वीर प्रभु जी खुशी मनायें। 11.
  9. admin
    भारत देश में हर 10 वर्ष में राष्ट्रीय जनगणना का कार्यक्रम एक माह तक चलता है। प्रायः फरवरी माह जनगणना के लिये सुनिश्चित रहता है इस बार भी 2021 में फरवरी के माह में जनगणना होगी जन समाज की राष्ट्रीय संस्थाएँ सदैव जैनो की जनसंख्या 1 करोड़ होने का दावा करती रही है, किन्तु जनगणना उपरांत अभी तक जैनो की संख्या एक करोड नहीं हो पाई। शायद शासकीय आकड़ामजना का सख्या कम होने का सबसे बड़ा कारण यह हैं कि जनगणना प्रपत्र में नम्बर का कॉलम धर्म का है सन् 1872 से सन् 2011 तक 15 बार राष्ट्रीय जनगणना हई 1872 में जैनों की संख्या 12.21% होतीथी किन्तु अभी तक यह संख्या कोई 1 करोड़ का आंकड़ा नहीं कर पाई जबकि भारत की जनसंख्या उस
    समय.............थी और जैनो की जनसंख्या अकबर के समय 1 करोड़ थी तब यह प्रश्न पैदा होता है किआज भारत की जनसंख्या 132 करोड़ हो चुकी है। तब भी जैनो की संख्या 1 करोड़ नहीं हो पा रही है। बल्कि 2011 में 44.51 लाख रह गई थी जैन धर्मांलंबी अपनी संख्या कम होने का दोष सरकारी तंत्र पर थोपते है। वे अपनी जागरूकता के अभावको इन आंकड़ों की कमी का कारण नहीं मानते है। ____ 2015 में मुनि प्रमाण सागर जी के नेतृत्व में जब संलेखना, संथारा आंदोलन में 76 लाख लोगो ने भाग लिया तब एक आशा की किरण जगी कि जैनो की संख्या भारत देश में निश्चित तौर पर 1 करोड़ से अधिक है परंतु सबसे बड़ी चुनौती यह है क्या जैन समाज के जागरूक वर्ग ने जनगणना के समय अपनी सक्रियता का परिचय देते हुए समस्त जैन समाज को पंथ, संत, जातिवाद से ऊपर उठाकर जैन धर्म की पहचान मिटने से बचाने का प्रयास किया ? यदि हाँ तो अभी से इस दिशा में हमें कार्य प्रारंभ करना होगा, संगठनात्मक रूप से 1 अभियान चलाना होगा कि अब हम न चूकें और धर्म के छठवें कॉलम में जैन लिखाने का हर परिवार तक संदेश भेजे क्योंकि इस बार यदि चूक हुई तो जनगणना प्रपत्र से अगली बार की जनगणना में धर्म के कॉलम से जैन शब्द ही हट सकता है। और फिर हमारे मंदिर और मूर्तियों की उत्सवों की सार्थकता आयोजनों की उपयोगिता कोई मायना नही रखेगी। हम अपने धन और शक्ति को जितना आयोजनों में लगा रहे हैं, उन आयोजन के माध्यम से यदि यह बात प्रसारित कर दी जाये कि जैनियों के लिये 2021 फरवरी का महिना जीवन मरण जैसा प्रश्न है। हम अपने अहिंसा सत्य विश्वशांति विश्वमैत्री सह अस्तित्व जैसी मानवताओं का संचार करने वाले जैन धर्म को जनगणना में आनुपातिक सिद्ध नहीं कर पाये तो निश्चित तौर पर हम कैसे गर्व से कह पायेंगे कि हम जैन है।
    उठो जागो और गर्व से कहो हम जैन हैं। जैन कभी पतित नहीं होता है। जैन कभी तिरस्कृत नहीं हुआ है। भगवान महावीर स्वामी के मोक्ष जाने के बाद से आज तक जैन धर्म की पताका गगनचुंबी रही है। जैन धर्मअनुयायियों ने अपने बुद्धि बल, धनबल, समरसता की भावनाओंसे देश के सभी वर्गों को अपनाया है। लेकिन वर्तमान समय में सरकारी आँकड़ों में घटती जनसंख्या हमारे अस्तित्व के लिये चुनौती है। इस चुनौती का सामना हर जैनकोजागरूकता के साथ, एकता के साथ, बड़ेसोच के साथ करना होगा।
    हम आपस के मतभेदों को भुलाकर जातिपंथ से ऊपर उठकर मात्र एक परिचय देने में अपनी शक्ति को स्थापित करे और 2021 की जनगणना में धर्म के कॉलम में जैन लिखकर भगवान महावीर के प्रति सच्ची श्रद्धांजली समर्पित करें। ।
     
    साभार
     
    संस्कार प्रवाह संस्कार सागर पत्रिका
  10. admin
    आदरणीय श्री राजकुमार जैन अजमेरा जी, हजारीबाग को शास्वत तीर्थराज के महामंत्री पद पर मनोनीत होने पर बहुत बहुत बधाई एवम अशेष शुभकामनाएं। आदरणीय अजमेरा जी अत्यंत ऊर्जावान, कर्मठ, समर्पित व्यक्तित्व हैं। पूर्व में भी अनेक पदों पर सुशोभित होकर धर्म प्रभावना और धर्मायतन सेवा में हमेशा अग्रणी रहे हैं।
  11. admin
    क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 आसेगांव Aasegaon अतिशय क्षेत्र 2 आष्टा (कासार) Aashta (Kasar) अतिशय क्षेत्र 3 अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ Antariksha Parshvanath अतिशय क्षेत्र 4 भातकुली जैन Bhatkuli Jain अतिशय क्षेत्र 5 दहीगाँव Dahigaon अतिशय क्षेत्र 6 धरणगाँव Dharangaon अतिशय क्षेत्र 7 एलोरा (वेरूल) Ellora (Verul) अतिशय क्षेत्र 8 गजपंथा Gajpantha सिद्ध क्षेत्र 9 जटवाड़ा Jatwada अतिशय क्षेत्र 10 कचनेर Kachner अतिशय क्षेत्र 11 कारंजा (लाड़) Karanja (Lad) अतिशय क्षेत्र 12 कौडण्यपुर Kaudanyapur अतिशय क्षेत्र 13 केसापुरी-बीड़ Kesapuri-Bir अतिशय क्षेत्र 14 कुम्भोज बाहुबली Kumbhoj Bahubali अतिशय क्षेत्र 15 कुण्डल Kundal सिद्ध क्षेत्र 16 कुंथलगिरि Kunthalgiri सिद्ध क्षेत्र 17 कुन्थुगिरि Kunthugiri अतिशय क्षेत्र 18 मांडल Mandal अतिशय क्षेत्र 19 मांगीतुंगी Mangitungi सिद्ध क्षेत्र 20 नाईचाकुर Naichakur अतिशय क्षेत्र 21 नंदीश्वर-पंचालेश्वर Nandishwar-Panchaleshwar अतिशय क्षेत्र 22 नवागढ़ (उखलद) Nawagarh अतिशय क्षेत्र 23 नेमगिरि, जिंतूर Nemgiri Jintur अतिशय क्षेत्र 24 पैठण Paithan अतिशय क्षेत्र 25 पोदनपुर (बोरीवली) Podanpur (Borivalli) अतिशय क्षेत्र 26 रामटेक Ramtek अतिशय क्षेत्र 27 सावरगाँव (काटी) Sawargaon अतिशय क्षेत्र 28 शिरड़ शहापुर Shirad अतिशय क्षेत्र 29 तेर Ter अतिशय क्षेत्र 30 विजय गोपाल Vijay Gopal अतिशय क्षेत्र  
  12. admin
    क्र.स. तीर्थक्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 मेलचित्तामूर Melchitamur अतिशय क्षेत्र 2 पोन्नूरमले Ponnurmalle अतिशय क्षेत्र 3 तिरूमलै Tirumalle अतिशय क्षेत्र  
  13. admin
    क्र.स. तीर्थक्षेत्र का नाम  Name of the Tirth क्षेत्र 1 अडिन्दा Adinda अतिशय क्षेत्र 2 अन्देश्वर पार्श्वनाथ Andeshwar Parshvanath अतिशय क्षेत्र 3 अरथूना नसियाँजी Arthuna Nasiyaji अतिशय क्षेत्र 4 बिजौलियां पार्श्वनाथ Bijoliya parshvanath अतिशय क्षेत्र 5 चमत्कारजी (सवाईमाधोपुर) Chamatkarji अतिशय क्षेत्र 6 चाँदखेड़ी Chandkhedi अतिशय क्षेत्र 7 चन्द्रगिरि बैनाड़ Chandragiri Bainad अतिशय क्षेत्र 8 चंवलेश्वर पार्श्वनाथ Chanwaleshwar Parshvanath अतिशय क्षेत्र 9 चूलगिरि (खानियांजी) Chulgiri Khaniyaji अतिशय क्षेत्र 10 देबारी Debari अतिशय क्षेत्र 11 देहरा - तिजारा Dehara-Tijara अतिशय क्षेत्र 12 दिलवाड़ा-माउण्ट आबू Dilwada-Mount Abu अतिशय क्षेत्र 13 जहाजपुर Jahajpur अतिशय क्षेत्र 14 झाझीरामपुरा-दौसा Jhajhirampura-Dausa अतिशय क्षेत्र 15 झालरापाटन-पार्श्वगिरि Jhalarapatan Parshwagiri अतिशय क्षेत्र 16 केशवराय पाटन Keshorai Patan अतिशय क्षेत्र 17 खेरवाड़ा Khairwada अतिशय क्षेत्र 18 खन्डारजी Khandarji अतिशय क्षेत्र 19 खूणादरी Khunadari अतिशय क्षेत्र 20 महावीरजी Mahavirji अतिशय क्षेत्र 21 मालपुरा - टोंक Malpura - Tonk अतिशय क्षेत्र 22 मौजमाबाद Maujamabad अतिशय क्षेत्र 23 मेहन्दवास - टोंक Mehandwas - Tonk अतिशय क्षेत्र 24 नागफणी पार्श्वनाथ Nagphani Parshvanath अतिशय क्षेत्र 25 नारेली Nareli दर्शनीय क्षेत्र 26 नौगामा नसियाँजी Naugama Nasiyaji कला क्षेत्र 27 पदमपुरा (बाड़ा) Padampura (Baada) अतिशय क्षेत्र 28 रैवासा-सीकर Raiwasa-Seekar अतिशय क्षेत्र 29 ऋषभदेव (केशरियाजी) Rishabhdev Keshriyaji अतिशय क्षेत्र 30 सालेड़ा Saleda अतिशय क्षेत्र 31 संधीजी-सांगानेर Sanghiji-Sanganer अतिशय क्षेत्र 32 सांखना - टोंक Sankhana - Tonk अतिशय क्षेत्र 33 सरवाड़ Sarvaad अतिशय क्षेत्र 34 शांतिनाथ-बमोतर Shantinath-Bamotar अतिशय क्षेत्र 35 वागोल-पार्श्वनाथ Vagol-Parshvanath अतिशय क्षेत्र  
  14. admin
    कर्नाटक
    क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 बीजापुर Bijapur अतिशय क्षेत्र 2 धर्मस्थल Dharmasthal कला क्षेत्र 3 हरसूर Harsur अतिशय क्षेत्र 4 हॅमचा Humcha अतिशय क्षेत्र 5 हुणसे हडगली Hunse Hadgali अतिशय क्षेत्र 6 ज्वालामालिनि Jwalamalini अतिशय क्षेत्र 7 कमठाण Kamthan अतिशय क्षेत्र 8 कनकगिरि (मलेयूर) Kanakgiri (Maleyur) सिद्ध क्षेत्र 9 कारकल Karkal अतिशय क्षेत्र 10 कोथली Kothali अन्य क्षेत्र 11 मलखेड Malkhed अतिशय क्षेत्र 12 मूडबिद्री Mudbidri अतिशय क्षेत्र 13 शंखबसदी Shankhabasdi कला क्षेत्र 14 श्रवणबेलगोला Shrawanbelgola अतिशय क्षेत्र 15 स्तवनिधी (तवंदी) Stavanidhi (Tavandi) अतिशय क्षेत्र 16 वेणूर Venur कला क्षेत्र  
  15. admin
    क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 हाँसी (पुण्योदय तीर्थ) Hansi अतिशय क्षेत्र 2 कासनगांव Kasangaon अतिशय क्षेत्र 3 रानीला (आदिनाथपुरम्) Ranila अतिशय क्षेत्र 4 रोहतक Rohtak अतिशय क्षेत्र
  16. admin
    क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 भिलोड़ा Bhiloda अतिशय क्षेत्र 2 चैतन्यधाम Chetanyadham साधना तीर्थ 3 देरोल-वाघेला Derol-Vaghela अतिशय क्षेत्र 4 घोघा Ghogha अतिशय क्षेत्र 5 गिरनारजी Girnarji सिद्ध क्षेत्र 6 महुवा पार्श्वनाथ Mahua अतिशय क्षेत्र 7 पावागढ़ Pawagarh सिद्ध क्षेत्र 8 शत्रुजयजी (पालीताणा) Shatrunjayaji सिद्ध क्षेत्र 9 तारंगाजी Tarangaji सिद्ध क्षेत्र 10 उमता Umata अतिशय क्षेत्र
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