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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. अतिशय क्षेत्र कुण्डलगिरि (कोनीजी) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कुण्डलगिरि (कोनीजी) ग्राम-कोनीकला, पोस्ट- पाटन, जिला-जबलपुर(मध्यप्रदेश) पिन - 483113 टेलीफोन - 07621 - 294895, 09977460299 (प्रबंधक) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, (बिना बाथरूम) - 30 हाल - 6 (यात्री क्षमता - 300), गेस्ट हाउस -X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है, पुस्तके - 3000 विद्यालय - है (शासकीय) एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - जबलपुर - 40 कि.मी. बस स्टेण्ड - पाटन - 6.5 कि.मी. मुख्य सड़क (वासन) 1.5 कि.मी.। पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर-दमोह व्हाया पाटन मार्ग पर मुख्य सड़क से 1.5 कि.मी. अन्दर क्षेत्र अवस्थित है। निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 36 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र कुन्डलगिरि (कोनीजी) जीर्णोद्धार समिति अध्यक्ष - श्री सिंघई राजेन्द्र कुमार जैन (एम.डी.),जबलपुर (0761 - 2442917, 099072 68917) मंत्री - श्री विमलकुमार नायक, पाटन (07621 - 220536) प्रचार मंत्री - श्री अभिनन्दन सांधेलीय, पाटन (07621 - 220488, मो.: 09425863244) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 10 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ कुल 10 मन्दिर हैं जिनका पूर्णतया जीर्णोद्धार किया गया है। गर्भ मन्दिर अतिशय सम्पन्न है। इस मंदिर में सहस्रकूट चैत्यालय भी है। नंदीश्वर जिनालय भी दर्शनीय है। मूलनायक भगवान विघ्नहर चिंतामणी पारसनाथजी की अतिशयपूर्ण प्रतिमा मनोकामना पूर्ण करने वाली विराजित है। 1982 में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सान्निध्य में म.प्र. में प्रथम त्रिमूर्ति जिनालय का निर्माण हुआ तथा भगवान आदिनाथ, भरत तथा बाहुबली की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा हुई। प्रतिवर्ष पर्युषण समाप्ति के बाद प्रथम रविवार को वार्षिक मेला लगता है। जनवरी में वार्षिक मेला लगता है। विशेष जानकारी : यह क्षेत्र विन्ध्यांचल पर्वतमाला के कैमोर भांडेर पहाड़ियों की तलहटी एवं हिरन सरिता के तट पर अवस्थित है। अन्य दर्शनीय स्थल : विश्व प्रसिद्ध जल-प्रपात, भेड़ाघाट, जहाँ नर्मदा नदी संगमरमर की धवल चट्टानों के बीच प्रवाहित होती है - दूरी 25 कि.मी. है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - पनागर -56 कि.मी., कुण्डलपुर -110 कि.मी., पिसनहारी मढ़ियाजी - 40 कि.मी., बहोरीबन्द -67 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  2. दर्शनीय क्षेत्र खनियाँधाना मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री नन्दीश्वर जैन मन्दिर, चेतन बाग, खनियाँधाना ग्राम / तह. - खनियाँधाना, जिला - शिवपुरी (मध्यप्रदेश) पिन - 473990 टेलीफोन - 099262 65955, 099265 20588, 09977644295 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) -8 (बिना बाथरूम)- 20 हाल - 2 (यात्री क्षमता- 50+40), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200 भोजनशाला - है, नियमित (विद्यापीठ के छात्रों के फंड से संचालित) औषधालय - है, शासकीय (ऐलोपैथिक) पुस्तकालय - है। विद्यालय - है (हायर सेकेण्डरी तक) एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बसई - 40 कि.मी. (झाँसी - ललितपुर के मध्य) बस स्टेण्ड - खनियाँधाना - 1 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - ग्वालियर - 200 कि.मी. झाँसी - 85 कि.मी.,गुना-125 कि.मी अशोक नगर-120 कि.मी.,चंदेरी-55 कि.मी.,ललितपुर-85 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - खनियाँधाना - 1 कि.मी., शिवपुरी - 115 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री नेमीनाथ दिगम्बर जैन नया मन्दिर ट्रस्ट, खनियाँधाना अध्यक्ष - श्री नाथूराम जैन 'वैद्य' (07497 - 235825) मंत्री - सुनील जैन 'सरल' (07497-235419, 09977644295) प्रबन्धक - श्री मनीष जैन (099265 20588) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : (1) खनियाँधाना नगर में दो प्राचीन भव्य जिन मंदिर दर्शनीय हैं। यह एक स्वतंत्र रियासत थी। उस समय में ग्वालियर राज्य में गजरथ चलाने की स्वीकृति नहीं दी जाती थी। यहाँ के महाराजा ने गजरथ चलाने की स्वीकृति दी। तीन गजरथ एक साथ चले थे। इसी स्थान पर नंदीश्वर जिन मंदिर का निर्माण किया है। (2) पंचमेरु एवं नन्दीश्वर मंदिर की रचना अति सुन्दर एवं विशाल रूप में अद्वितीय है। इसमें पंचमेरु के साथ वज्रदन्त जिनालयों की रचना भी की गयी है। श्री नंदीश्वर विद्यालय संचालित है एवं इसी नाम से आवास भी हैं। वार्षिक मेले : समय-समय पर कमेटी के निर्णयानुसार समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - अतिशय क्षेत्र - गोलाकोट - 8 कि.मी., पचराईजी - 20 कि.मी., पवाजी-70 कि.मी., चन्देरी-चौबीसी - 50 कि.मी., थुबोनजी - 75 कि.मी.,माताटीला-बांध - 40 कि.मी., राजघाट-बांध - 50 कि.मी., सोनागिरि - 115 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  3. अतिशय क्षेत्र खंदारगिरि मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, खंदारगिरि ग्राम - खंदारगिरि, तहसील - चन्देरी, जिला - गुना (मध्यप्रदेश) पिन - 473446 टेलीफोन - 07547-252118 (धर्मशाला) 8989261184, 09425761945 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 5, (बिना बाथरूम) - 19 हाल - 2 (यात्री क्षमता - 350), गेस्ट हाउस - 4 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. अन्य - एक कि.मी. दूर चन्देरी में विशाल धर्मशाला है, जिसमें 25 कमरे, 1 बड़ा हॉल व 1 छोटा हाल है। भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर चंदेरी में । औषधालय पुस्तकालय - है । विद्यालय - है। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन ललितपुर - 36 कि.मी., मुंगावली - 38 कि.मी. बस स्टेण्ड - चन्देरी - 1 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - ललितपुर, मुंगावली, अशोकनगर, गुना से बस सेवा उपलब्ध है। निकटतम प्रमुख नगर - चंदेरी - 1 कि.मी., ललितपुर - 36 कि.मी., मुंगावली - 38 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन चौबीसी मन्दिर ट्रस्ट प्रबन्ध समिति, चंदेरी अध्यक्ष श्री महावीर चौधरी (09425381257) मंत्री - डॉ. अविनाश कुमार जैन सराफ (09009167555) प्रबन्धक - श्री राजेन्द्र कपस्या (08989259206) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 04, गुफाएँ - 6 क्षेत्र पर पहाड़ : है (115 सीढ़ियाँ हैं) ऐतिहासिकता : खंदारगिरि पर्वतमाला तीर्थकर देवों का अतिशय क्षेत्र है, यहाँ प्रत्येक चतुर्दशी और अष्टमी को भगवान आदिनाथ की 38 फीट ऊँची प्रतिमा पर अलौकिक रूप से केसर की वर्षा होती है। पहाड़ी की गुफाओं में पत्थर काटकर मूर्तियाँ बनाई गई हैं जो पुरातत्व व कला दोनों ही दृष्टियों से विशेष महत्व रखती हैं। ये मूर्तियाँ 13वीं से 17 वीं शताब्दी के मध्य में निर्मित हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - थूबोनजी - 22 कि.मी., सेरोनजी - 27 कि.मी., बूढ़ी चन्देरी-20 कि.मी., देवगढ़ - 62 कि.मी.,गोलाकोट -70 कि.मी., खनियांधाना-60 कि.मी., पचरई-75 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  4. खजुराहो ऐतिहासिक/अतिशय क्षेत्र मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र,खजुराहो पोस्ट - खजुराहो,तह. - राजनगर, जि. - छतरपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 471606 टेलीफोन - 07686-274148, email-digamberjainkshetrakhajuraho@gmail.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 39, (बिना बाथरूम) - 18 हाल - 5 (यात्री क्षमता - 150), कमरे ए.सी. - 10 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500 अन्य -ठंडे एवं गर्म पानी की नि:शुल्क व्यवस्था भोजनशाला - सशुल्क, नियमित औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है एवं पुस्तक विक्रय केन्द्र है। विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - खजुराहो, सतना 110 कि.मी., झाँसी 175 कि.मी. बस स्टेण्ड - खजुराहो । पहुँचने का सरलतम मार्ग - झॉसी, सागर, छतरपुर से सतना, पन्ना, महोवा से बस द्वारा विशेष : वायुयान से दिल्ली, आगरा, बनारस से प्रतिदिन सेवा निकटतम प्रमुख नगर । छतरपुर - 46 कि.मी., पन्ना - 46 कि.मी., हरपालपुर - 100 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र प्रबन्ध समिति, खजुराहो अध्यक्ष - इंजी श्री शिखरचन्द जैन,छतरपुर(07682-241011-12, 094249-22444, 09617438008) मंत्री - श्री विनोद कुमार जैन, खजुराहो (07686 - 272382,274185, मो.: 09425342180) प्रबन्धक - श्री ऋषभकुमार जैन (07686-274148, 094258-79049) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 22 शिखरबन्द मन्दिर तथा 34 वेदियाँ क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं। ऐतिहासिकता : खजुराहो विश्व प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र है। यहाँ अनेक जैन व हिन्दू मन्दिर हैं। 1000 वर्ष प्राचीन (चन्देलकालीन) मंदिरों की शिल्पकला व वास्तुकला उत्कृष्ट हैं। इन्हें पश्चिमी, पूर्वी व दक्षिणी उपसमूहों में बांटा गया है। पश्चिमी समूह में कंदारिया महादेव एवं अन्य कलात्मक हिन्दू मंदिर है। पूर्वी समुह में पाश्र्वनाथ मंदिर सहित 16 मंदिर 34 वेदियां है। जो अतिशय क्षेत्र के परिसर में है। इसके अलावा इसी समूह में घण्टाई जैन मंदिर एवं अन्य हिन्दु मन्दिर खजुराहों बस्ती में है। दक्षिण समूह में दुल्हास एवं चतुर्भुज मंदिर है। मुख्यतया कलात्मकता की दृष्टि से शांतिनाथ, पार्श्वनाथ, आदिनाथ व घण्टाई मंदिर प्रमुख हैं। क्षेत्र पर साहू शांति प्रसाद जैन कला संग्रहालय है, जिसमें 9वीं व 10वीं शताब्दि मूर्तियाँ है| वार्षिक मेला : आश्विन कृष्ण 3 को वार्षिक पालकी महोत्सव एवं फाल्गुन मास में होली के अवसर पर वार्षिक मेले का आयोजन होता है। समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - द्रोणगिरि - 100 कि.मी., नैनागिरि - 165 कि.मी. कुण्डलपुर - 180 कि.मी., अहारजी - 125 कि.मी., पपौराजी - 150 कि.मी., पाण्डवफाल - 32 कि.मी., ट्री हाऊस -30 कि.मी. स्नेहफाल -19कि.मी. पन्ना नेशनल पार्क - 25 कि.मी. । आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  5. अतिशय क्षेत्र कैथूली मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 चिन्तामणी पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कैथूली ग्राम-कैथूली, तह.-भानपुरा, जिला -मंदसौर (मध्यप्रदेश) पिन-458 775 टेलीफोन - 09261557048 (निलेश जैन) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - ४, कमरे (बिना बाथरूम) - 13 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150 भोजनशाला - अनुरोध पर सशुल्क अन्य : शास्त्रों की संख्या - 3 औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - रामगंज मंडी - 20 कि.मी. (स्टेशन पर उतरकर पुन:सड़क मार्ग से) बस स्टेण्ड - रामगंज मंडी - 20 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रामगंज मंडी से या सड़क मार्ग - मंदसौर-गरोठ - 105 कि.मी. भानपुरा -20 कि.मी., निमथूर होकर - 13 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - रामगंज मंडी - 20 कि.मी., भानपुरा - 20 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र समिति अध्यक्ष - श्री त्रिलोकचन्द्र सांवला, रामगंज मंडी। (09414193194, 07459 - 222195, 220475) मंत्री - श्री पी.के. जैन, कोटा (0744 - 2437890) कोषाध्यक्ष - श्री विमलचन्द जैन - रामगंज मंडी (09214165921) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं (पहाड़ी की तलहटी में मन्दिर है) ऐतिहासिकता : म.प्र., राजस्थान सीमा एवं अरावली पर्वत श्रृंखला की तलहटी पर स्थित यह स्थल 1100 वर्ष प्राचीन है। चतुर्थ काल की चौबीसी एवं मनोहारी चमत्कारी प्रतिमा है। जिनालय के गर्भगृह में वेदियाँ हैं। एक सुरंग का गन्तव्य अज्ञात है। गर्भगृह में एक प्राचीन शिलालेख होने से ऐतिहासिक संकेत उभरे हैं। शिलालेख एवं किंवदन्ती के अनुसार यहाँ भगवान चन्द्रप्रभु की प्राचीन प्रतिमा होनी चाहिये। संभव है कि किसी तलघर में मूर्तियों का खजाना मिले। भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा क्षेत्र पर विराजित है। 40 जिन-बिम्ब विद्यमान हैं। विशेष - मोक्ष सप्तमी पर वार्षिक मेला समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अतिशय क्षेत्र - चाँदखेड़ी - 90 कि.मी., झालरापाटन - 50 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  6. अतिशय क्षेत्र जयसिंहपुरा - उज्जैन मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री नेमिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र एवं पुण्य भूमि, जयसिंहपुरा जयसिंहपुरा, उज्जैन (मध्यप्रदेश) पिन - 456001 टेलीफोन - 0734-2552208, 09907025457 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, (बिना बाथरूम) - 7 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 125. भोजनशाला - अनुरोध पर सशुल्क औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं। विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - मंदिर के पास है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - उज्जैन - 3 कि.मी. बस स्टेण्ड - उज्जैन - 3 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल अथवा सड़क मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - इन्दौर - 60 कि.मी., गोम्मटगिरि - 56 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन मन्दिर ट्रस्ट, नमकमंडी, उज्जैन अध्यक्ष - श्री प्रकाशचन्द्र कासलीवाल (मो.: 094250-92967) मंत्री - श्री अनिल गंगवाल (0734-2556733) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 (एक विशाल जैन मंदिर) क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र वर्तमान उज्जैन नगर सीमा में ही है। इसका प्राचीन नाम अवंतिकापुरी था। जैन शासन के दौरान ही इसका नाम उज्जैन पड़ गया। श्वेताम्बर मान्यतानुसार यहाँ पर श्मसान में भगवान महावीर पर रुद्र ने उपसर्ग किया था। मुनि अभयघोष अंतकृत केवली यहाँ से मोक्ष पधारे थे, अत: इस स्थान को सिद्ध क्षेत्र माना जाता है। यहीं पर दुर्भिक्ष की भावी घटना ज्ञात होने पर अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु अपने विशाल संघ सहित दक्षिण भारत की ओर चले गये थे। उनके साथ सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य भी मुनि दीक्षा लेकर चले गये थे। जयसिंहपुरा मन्दिर के समीप मालवा प्रांतिक सभा बड़नगर द्वारा निर्मित भव्य पुरातत्व संग्रहालय में जैन पुरातत्व सामग्री से समृद्ध प्राचीन मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ सुरक्षित हैं। यह संग्रहालय दर्शनीय है। उज्जैन में 8 बड़े भव्य जिनालय एवं 10 छोटे मंदिर हैं । शिव ज्योतिर्लिंग (महाकाल), चिन्तामन गणेश, जंतर - मन्तर, कालियादह पैलेस, सांदीपन आश्रम, भतृहरि (भरतरी) गुफा इत्यादि भी दर्शनीय हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र मक्सी - 36 कि.मी., पुष्पगिरि -80 कि.मी., गोम्मटगिरि इन्दौर -60 कि.मी. भगवान महावीरतपोभूमि -5 कि.मी आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  7. अतिशय क्षेत्र जामनेर मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, सार्वजनिक न्यास,जामनेर ग्राम-जामनेर, तह.-शुजालपुर मंडी, जिला-शाजापुर (मध्यप्रदेश)पिन-465335 टेलीफोन - 07360 - 254633, 98120059521, 08358076393 (दीपक जैन) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X (बिना बाथरूम)- 09 हाल - 2 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 55 अन्य धर्मशाला का निर्माण कार्य चल रहा है। भोजनशाला - सशुल्क, पुजारी द्वारा व्यवस्था औषधालय - शासकीय पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - शासकीय एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - मंदिरजी में है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - शुजालपुर मंडी-9 कि.मी., कालापीपल-9 कि.मी. (पश्चिम-रेल) बस स्टेण्ड - आष्टा से, शुजालपुर से, कालापीपल से, पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग - बस, जीप, टैक्सी द्वारा, शुजालपुर मंडी तथा कालापीपल एवं शुजालपुर मंडी। निकटतम प्रमुख नगर - शुजालपुर-9 कि.मी.,भोपाल-85 कि.मी.,इन्दौर-175 कि.मी., उज्जैन-110 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र सार्वजनिक न्यास, जामनेर अध्यक्ष - श्री नेमीचन्द जैन, पूर्व विधायक, शुजालपुर 09425083897 मंत्री - श्री हेमराज जैन, भोपाल (094253 01047) प्रबन्धक - श्री हुकुमचन्द जैन, जामनेर (07360 - 254701) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र पवन मन्दिर, जामनेर के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान आदिनाथ की प्रतिमा अतिशययुक्त है। पिछले 25 वर्षों से हर साल गुड़ीपड़वा को वार्षिक मेला भरता है। कई विकास योजनाएँ प्रगति पर है। कुछ वर्षों पूर्व ही प्राचीन अत्यन्त जीर्ण मन्दिर का जीर्णोद्धार कर प्रतिमाजी को सुरक्षित वेदीजी में विराजमान किया गया है। मंदिर में 29 प्रतिमाएँ हैं। वार्षिक मेला : चैत्रसुदी एकम-गुड़ीपड़वा समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - मक्सीजी-90 कि.मी., चाँदखेड़ी-200 कि.मी., पुष्पगिरि - 100 कि.मी.,गोम्मटगिरि (इन्दौर)-175 कि.मी.,समसगढ़-70 कि.मी.,भोजपुर-110 कि.मी आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  8. अतिशय क्षेत्र/कला तीर्थ ग्यारसपुर मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चौबीसी मन्दिर, ग्यारसपुर ग्राम/तहसील - ग्यारसपुर, जिला - विदिशा (मध्यप्रदेश) पिन - 464 331 टेलीफोन - 07596 - 263222, 08269252080 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - निर्माणाधीन,कमरे (बिना बाथरूम)-2 हाल - 1(यात्री क्षमता - 15), गेस्ट हाउस - शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 25. भोजनशाला - नहीं औषधालय - है (वैद्य दीपचन्द जैन द्वारा संचालित धर्मार्थ) पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - विदिशा - 37 कि.मी. बस स्टेण्ड - ग्यारसपुर । पहुँचने का सरलतम मार्ग - बस द्वारा विदिशा - सागर सड़क मार्ग पर स्थित विदिशा - 37 कि.मी., सागर - 80 कि.मी., प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - दि. जैन अतिशय क्षेत्र चौबीसी मन्दिर कमेटी, ग्यारसपुर अध्यक्ष - श्री नरेश कुमार जैन (09907755500) मंत्री - श्री रूपेन्द्र जैन (099936 02776) प्रबन्धक - श्री सुरेन्द्रकुमार गोयल क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : है माला देवी (सीधी चढ़ाई हैं)। 1 कि.मी. वाहन पहाड़ पर जाते है। ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र पर अतिशयकारी चौबीसी जिन बिम्ब विद्यमान हैं। 10 वीं शताब्दी का दिगम्बर जैन मन्दिर दो पहाड़ियों के मध्य कला का अद्भुत नमूना है। वज्रमठमन्दिर भी उच्च कलाकोटि का जैन मन्दिर है। नगर के भीतर बाहर अनेक पुरावशेष बिखरे पड़े हैं। किंवदन्ती है कि राजा श्रीपाल का कुष्ठ रोग यहाँ के मानसरोवर तालाब से दूर हुआ था। कुछ विद्वानों के अनुसार यह क्षेत्र भगवान शीतलनाथ की तपोभूमि और दो कल्याणक क्षेत्र है। भगवान पाश्र्वनाथ की खड्गासन 4 फुट 9 इंच की प्रतिमा है। लगभग 50 वर्ष पूर्व किन्हीं अज्ञात कारण से प्रतिमा में से पसीना निकला था। जो हवन शुद्धि पर बंद हुआ। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - विदिशा (उदयगिरि की गुफाएँ)- 37 कि.मी., भोपाल - 93 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  9. दर्शनीय क्षेत्र ग्वालियर-स्वर्ण मंदिर मध्य प्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन तेरापंथी पंचायती, बड़ा मंदिर (पुरानी सहेली), गस्त का ताजिया, डीडवाना ओली, लश्कर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) पिन-474001 टेलीफोन - 0751 - 2433727 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X कमरे (बिना बाथरूम) - 6 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 25), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 50 भोजनशाला - मंदिर के सामने - नियमित एवं सशुल्क है। औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ग्वालियर - मंदिर से 4 कि.मी. बस स्टेण्ड - ग्वालियर - मंदिर से 4 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - दिल्ली-मुम्बई, दिल्ली-चेन्नई, मुख्य रेल मार्ग पर ग्वालियर निकटतम प्रमुख नगर मंदिर ग्वालियर शहर में ही हैं। प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन तेरापंथी, पंचायती बड़ा मंदिर, पुरानी सहेली, प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष - श्री अनिलकुमार शाह (0751 - 2420179) मंत्री - श्री संजयकुमार भौंच (0751 - 2431016) प्रबन्धक - श्री देवेन्द्र क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : स्वर्ण मंदिर के निर्माण में तत्कालीन श्रेष्ठियों ने 2 मन (80 किलो) सोने का उपयोग स्वर्ण चित्रकारी हेतु किया था। जो इस मन्दिर का वैशिष्ट्य है। ग्वालियर के इर्द-गिर्द 7 वीं - 8 वीं शताब्दी से 14 वीं-15 वीं शताब्दी तक प्राचीन जिनालयों के दर्शन होते हैं। रियासतों के काल से श्री 1008 पार्श्वनाथ दि. जैन बड़ा मंदिर अपनी गौरवशाली संस्कृति समेटे हुए हैं एवं तेरापंथी पंचायती मंदिर पुरानी सहेली के नाम से विख्यात है। इसका निर्माण भादों सुदी 2 संवत् 1761 में हुआ। भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा संवत् 1212 की प्रतिष्ठित है। इस मंदिर में 163 मूर्तियाँ है जो - चांदी,मुंगा, स्फटिक मणि, प्लेट, पाषाण, कसौटी, संगमरमर तथा श्यामश्वेत पाषाण की हैं। एक इंच से 5-6'' अवगाहना की खड़गासन तथा पद्मासन प्रतिमाएं एवं त्रिकालचौबीसी विराजमान हैं। एक प्रतिमा भगवान पाश्र्वनाथ की श्यामवर्ण की फणयुक्त है। कुल6वेदियाँ है एवं कलापूर्ण समवशरण, जिसमें स्वर्ण चित्रकारी का काम सोने की कलम से बारीकी से किया गया है एवं कई अन्य दर्शनीय स्थल है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - श्री गोपाचल सिद्धक्षेत्र-3 कि.मी., सोनागिर-65 कि.मी., 15 वीं एवं 16 वीं शताब्दी का ग्वालियर का दुर्ग है -5 कि.मी., श्री सिंहोनिया सिद्ध क्षेत्र-60 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  10. अतिशय क्षेत्र गूर मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री अभिनन्दननाथ दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट, गूड़र तहसील - खनियांधाना जिला - शिवपुरी (मध्यप्रदेश)पिन - 473990 टेलीफोन - 07497 - 235479, 235470, मो.: 08989457481 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 3 हाल - X, गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 25. भोजनशाला - नहीं । औषधालय - है (शासकीय एवं आयुर्वेदिक) पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - है एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बसई - 50 कि.मी. (झांसी - ललितपुर के मध्य) बस स्टेण्ड - खनियांधाना - 8 कि.मी. पहुँचने का - सडक मार्ग व्हाया खनियांधाना होकर निकटतम प्रमुख नगर - खनियांधाना - 8 कि.मी.। प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री अभिनन्दननाथ दि. जैन मन्दिर ट्रस्ट, गूड़र अध्यक्ष -श्री श्यामलाल जैन चौधरी (07497-235479) मंत्री - श्री राजेन्द्रकुमार जैन (099778 00815) प्रबन्धक - श्री अशोककुमार जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : 2500 वर्ष प्राचीन अतिशय क्षेत्र श्री गोलाकोट की तलहटी में बसा ग्राम गूडर के जिन मंदिर में मूलनायक प्रतिमा भगवान अभिनन्दननाथ की 12 वीं शताब्दी की हैं। मानस्तम्भ व अन्य प्रतिमाएँ भी काफी प्राचीन हैं। औरंगजेब के आक्रमण के समय इन प्रतिमाओं को अन्य स्थानों पर छिपा दिया गया था। वर्तमान मन्दिर 16 वीं शताब्दी का है जिनमें इन प्रतिमाओं को विराजित किया गया है। सम्पर्क - श्री श्यामलाल जैन चौधरी, खनियाधाना, जिला शिवपुरी-473990 समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - श्री गोलाकोट जी - 2.5 कि.मी., नंदीश्वर जैन मंदिर, खनियांधाना - 8 कि.मी., पचराई - 28 कि.मी., थूबोनजी - 85 कि.मी., चन्देरी, चौबीसी - खन्दारजी - 63 कि.मी. दर्शनीय स्थल - हनुमानखो एवं माता मंदिर आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  11. सिद्ध क्षेत्र एवं अतिशय क्षेत्र गोपाचल पर्वत मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र गोपाचल पर्वत संरक्षक न्यास, गोपाचल पर्वत पार्श्वनाथ वनस्थली,गोपाचल मार्ग,फूलबाग के पास,ग्वालियर, (मध्यप्रदेश) पिन-474 002 टेलीफोन - 0751 - 2427778, 2420964, 09301122000 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - X हाल - X, गेस्ट हाउस - X क्षेत्र यात्री ठहराने की कुल क्षमता - x किन्तु लश्कर में नई सड़क पर महावीर जैन धर्मशाला सर्व सुविधा सम्पन्न है। जैन छात्रावास, हॉस्पिटल रोड, ग्वालियर स्वर्ण मन्दिर, गस्त का ताजिया, ग्वालियर। भोजनशाला - नहीं पर आवास सुविधा उपलब्ध है। औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ग्वालियर -2 कि.मी. बस स्टेण्ड - ग्वालियर - 2 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल व सड़क मार्ग दोनों निकटतम प्रमुख नगर - ग्वालियर प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र गोपाचल पर्वत संरक्षक न्यास अध्यक्ष - श्री श्यामलाल विजयवर्गीय (0751-6536647) मंत्री - श्री अजीत वरैया (0751-2431000, 2432000, 093011 22000) कोषाध्यक्ष - श्री अनिल शाह (0751 - 2632226, 2420179) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : तहलटी में 2 जिनालय व 26 गुफाओं में मूर्तियाँ हैं। क्षेत्र पर पहाड़ : है, 50 सीढ़ियाँ है। ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र भगवान पार्श्वनाथ की देशनास्थली, सुप्रतिष्ठित केवली की निर्वाणस्थली होने के साथ पर्वत पर 26 जिनालयों के अन्दर छोटी बड़ी डेढ़ हजार से अधिक मूर्तियाँ हैं। गुफा नं. 10 में भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन 42 फुट ऊँची, 30 फुट चौड़ी संसार की सबसे विशाल पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। सं. 1398 से सं. 1536 के मध्य पर्वत को तराशकर ये मूर्तियाँ बनाई गई थीं। मुगल आतताइयों द्वारा मूर्तियाँ खण्डित की गईं। पार्श्वनाथ प्रतिमा पर वार करने पर चमत्कार हुआ एवं विध्वंसक भाग गये। क्षेत्र की प्राचीनता एवं पुरातत्व के बारे में विस्तृत सर्वेक्षण कराकर कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा सचित्र रंगीन प्रामाणिक पुस्तक का प्रकाशन The Jain Sanctuaries of Fortres of Gwalior शीर्षक से किया गया है। वार्षिक मेले एवं विशेष आयोजन तिथियाँ: 1. भगवान महावीर का जन्म कल्याणकचैत्रसुदी-13 एवं निर्वाण कल्याणक कार्तिक वदी- 30, 2.भगवान पाश्र्वनाथ का जन्म कल्याणक - पौषबदी -11 एवं निर्वाण कल्याणक - श्रावण सुदी -7, 3. वार्षिक मेला - क्वाँर - बदी - 4 समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सोनागिर-70 कि.मी., सिंहानियाँ-60 कि.मी., शिवपुरी-115 कि.मी., आगरा -115 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  12. अतिशय क्षेत्र गोम्मटगिरि - इन्दौर मध्यप्रदेश नाम एवं पता - भगवान बाहुबली दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थ क्षेत्र, गोम्मटगिरि हातोद रोड़, तहसील - हातोद, जिला - इन्दौर (मध्यप्रदेश) पिन - 453111 टेलीफोन - 0731 - 2882251, धर्मशाला - 2882650 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 45, (क्षेत्र पर धर्मशालायें हैं) गेस्ट हाउस तलहटी पर -3 पहाड़ी पर -1, ए.सी.रूम-8 हाल - 5 (यात्री क्षमता - 350), गेस्ट हाउस - 3 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. तलहटी पर भोजनशाला - गोम्मटेश भोजनालय, सशुल्क, नियमित पहाड़ी पर-1 पुस्तकालय - है विद्यालय - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - इन्दौर - 15 कि.मी. बस स्टेण्ड - गंगवाल बस स्टेण्ड, इन्दौर-10 किमी., सरवटे बस स्टेण्ड-15 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - इन्दौर तक रेल अथवा सड़क मार्ग, ऑटो-रिक्शा, टेम्पो, नगर सेवा, सिटी-बस, टाटा मैजिक उपलब्ध निकटतम प्रमुख नगर - इन्दौर - 10 कि.मी. (पश्चिम दिशा) प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - भगवान बाहुबली दिगम्बर जैन ट्रस्ट, गोम्मटगिरि अध्यक्ष - श्री कमल चन्द सेठी (93021 06655) कार्याध्यक्ष - श्री प्रतिपाल टोंग्या (93021 06984) महामंत्री - श्री भरत मोदी (98260 33128) कोषाध्यक्ष - श्री शांतिकुमार टोंग्या (9926958968) प्रबन्धक - श्री अनिल जैन (09329114091) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 24 मंदिर, 21 फीट, बाहुबली प्रतिमा, आदिनाथ मंदिर-3, महावीर मंदिर-1, रत्नत्रय मंदिर, तलहटी पर आदिनाथ मंदिर - 1 आदि (कुल - 32 मन्दिर) क्षेत्र पर पहाड़ : है (पहाड़ पर 110 सीढ़ियाँ है), वाहन जाते हैं । ऐतिहासिकता : आचार्य श्री विद्यानन्दजी महाराज की प्रेरणा से यह क्षेत्र निर्मित हुआ है। सन् 1986 में आचार्य श्री विद्यानन्दजी महाराज, आचार्य श्री विमलसागरजी महाराज एवं अनेक मुनिराजो के सान्निध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा सम्पन्न कर भगवानबाहबली की विशाल प्रतिमाएवं वर्तमान चौबीसी जिनालय की स्थापना की गई। यह क्षेत्र अति सुन्दर, मनोहारी एवं आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है। त्रिकाल चौबीसी की रत्नों की प्रतिमाएँ दर्शनीय हैं। तलहटी में भी जिनालय है। इसके अलावा इन्दौरशहर में अनेकभव्य जिनालय हैं। वार्षिक मेले व विशेष आयोजन की तिथियाँ : मार्च के द्वितीय रविवार को समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अतिशय क्षेत्र श्री बनेड़ियाजी - 33 कि.मी., मक्सी पार्श्वनाथ - 80 कि.मी., पुष्पगिरि-80 कि.मी., सिद्धवरकूट-90 कि.मी., अतिशय तीर्थनवग्रहजिनालय-3 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  13. अतिशय क्षेत्र गोलाकोट मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्री गोलाकोटजी अंतर्गत - (श्री शांतिनाथ चौरासी दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट) कार्यालय - खनियांधाना, जिला - शिवपुरी (मध्यप्रदेश) पिन - 473990 टेलीफोन - मो.: 09926730232, 09926784422 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 3 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 20), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 60. भोजनशाला - नहीं (श्री नंदीश्वर जिन मंदिर खनियांधाना में सुविधा है) औषधालय - नहीं । पुस्तकालय - नहीं । विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बसई (बबीना - ललितपुर के मध्य) - 45 कि.मी. बस स्टेण्ड - खनियांधाना - 10 कि.मी., ग्राम - गूड़र - 3 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग व्हाया खनियांधाना निकटतम प्रमुख नगर - खनियांधाना - 10 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री शांतिनाथ चौरासी दि. जैन मंदिर ट्रस्ट, खनियांधाना अध्यक्ष - श्री नाथूराम जैन कठया (07497 - 235428) मंत्री - श्री ताराचन्द जैन सिंघई (099267 84422) प्रबन्धक - श्री श्यामलाल जैन चौधरी (07497 - 235679) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 क्षेत्र पर पहाड़ : है । छोटी पहाड़ी हैं। ऐतिहासिकता : विंध्य पर्वतमाला पर प्रकृति की सुरम्य गोद में स्थित चतुर्थकालीन मन्दिर की दो दालानों में मूलनायक आदिनाथ भगवान की प्रतिमा सहित अनेक दिव्य, भव्य एवं बोलती पाषाण प्रतिमाएँ, भगवान महावीर के शासनकाल के पूर्व की विराजमान हैं। यहाँ अतिशययुक्त बावड़ी का जल पीने से अनेकों रोग दूर होते हैं। मेला एवं विमानोत्सव प्रतिवर्ष 15 जनवरी को होता है। पहाड़ी पर चहारदीवारी में मंदिर हैं, उसमें 119 प्रतिमाएँ हैं जो कि दर्शनीय एवं मनोज्ञ हैं। पत्राचार - श्री सुनील जैन 'सरल', मै, सरल ज्वेलर्स, खनियांधाना - 473990 जिला - शिवपुरी (म.प्र.), (09926730232) समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - पचराई -30 कि.मी.,चंदेरी - 60 कि.मी.,थुबोनजी - 85 कि.मी.,सोनागिरि-130 कि.मी., पवाजी - 65 कि.मी, सेरोनजी - 70 कि.मी., जैन मंदिर - गुड़र - 3 कि.मी., खनियांधाना-10 कि.मी., पंचमेरू नंदीश्वर जिन मंदिर एवं तीन जैन मंदिर दर्शनीय हैं। आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  14. पुरातत्व क्षेत्र गंधर्वपुरी मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री संकट हरण गंधर्वपुरी पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन ऐतिहासिक तीर्थक्षेत्र, गंधर्वपुरी ग्राम - गंधर्वपुरी, तहसील - सोनकच्छ, जिला - देवास (मध्यप्रदेश) टेलीफोन - 07270 - 277173, 099938 31876, 94248 28876 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 2 हाल-X, गेस्ट हाऊस - है। यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 50 भोजनशाला - नहीं संग्रहालय - है। औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - देवास - 45 कि.मी., इन्दौर - 80 कि.मी. बस स्टेण्ड - गंधर्वपुरी में है। पहँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग व्हाया देवास, इन्दौर - भोपाल मुख्य मार्ग पर सोनकच्छ से 9 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - सोनकच्छ - 09 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - संकटहरण गंधर्वपुरी पार्श्वनाथ दि, जैन ऐतिहासिक तीर्थक्षेत्रा अध्यक्ष - श्री रतनलाल जी जैन मंत्री - श्री कल्पित जैन (277173, 09938 36876) प्रबन्धक - बिन्दु जैन (07270-277173, 094248 28876) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ पर भगवान महावीर विराजे थे। पुरातत्व के दृष्टिकोण से म.प्र. में गंधर्वपुरी का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ वहाँ बिखरी हुई जैन प्रतिमाएँ, इस बात की द्योतक है कि यहाँ एक बड़ा नगर एवं व्यापारिक स्थल रहा होगा। पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. कैलाशनाथ काटजू ने यहाँ पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना करवाई। एक मूर्ति 12 फुट लम्बी एवं 4 फुट चौड़ी है। चूने एवं पतली ईंट का बना मंदिर लगभग 250 वर्ष पुराना है। इस मंदिर में मूलनायक प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की है, जो कि संकट हरण गंधर्वपुरी पाश्र्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध है। खुदाई करने पर पत्थर के बने हुए मंदिर एवं सीढ़ियाँ मिलती हैं। यहाँ पुरातत्त्व पर शोध करने के लिए भी बाहर से अनेक विद्वान आते रहते हैं। वार्षिक मेला - पौष बदी ग्यारस के दिन भगवान पार्श्वनाथ जन्मोत्सव पर वार्षिक मेला लगता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - पुष्पगिरि - 13 कि.मी., बनेड़ियाजी - 75 कि.मी., बावनगजा (चूलगिरि) - 222 कि.मी., मक्सी - 75 कि.मी. 87 आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  15. सिद्ध क्षेत्र फलहोड़ी-बड़ागाँव मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र, फलहोड़ी-बड़ागाँव ग्रा.-फलहोड़ी-बड़ागाँव (धसान), तह. एवं जि.-टीकमगढ़ (म.प्र.) पिन-472010 टेलीफोन - मंत्री - 09977016880 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - ४ कमरे (बिना बाथरूम) - 8 हाल - 2, (यात्री क्षमता - 100+ 50 ),त्यागी वृत्ति आश्रम - 14 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200 भोजनशाला - नहीं अन्य : उदासीन आश्रम है। औषधालय - नहीं पुस्तकालय - 3500 पुस्तकें विद्यालय - है। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ललितपुर-75 कि.मी.,दमोह-100 कि.मी.,झांसी-130 कि.मी बस स्टेण्ड - बड़ागाँव (धसान) आधा कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - टीकमगढ़ से सागर - राज मार्ग (हर आधा घंटा पर बस सेवा उपलब्ध) निकटतम प्रमुख नगर - टीकमगढ़ - 30 कि.मी., सागर-100 कि.मी., बड़ागाँव - (धसान) 0.5 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिग. जैन सिद्ध क्षेत्र, फलहोड़ी - बड़ागाँव प्र. का. समिति अध्यक्ष - श्री महेन्द्रकुमार जैन (094251 41579) मंत्री - श्री शाह मुन्नालाल जैन (07683-210823, 9977016880) कार्यालय - श्री रमेशचन्द्र जैन (09630120392) प्रचार मंत्री - श्री अमितकुमार जैन (09926859688) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : तीन जिनालय, सात वेदी क्षेत्र पर पहाड़ : है। 80 सीढ़ियाँ हैं। ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र से साढ़े तीन करोड़ मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया। यह क्षेत्र बुन्देलखण्ड के तीर्थ क्षेत्रों का केन्द्र है। इसके चारों ओर-25 कि.मी. के अन्तराल में प्राचीन जिन मंदिर एवं तीर्थ क्षेत्र स्थित हैं। आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद से पद्मासन 16'/, फीट की आदिनाथ भगवान की प्रतिमा विराजमान है। 5 फुट खड़गासन ‘सफेद चौबीसी' है। वार्षिक मेला - महावीर जयंती पर समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अहारजी - 25 कि.मी., पपौराजी - 25 कि.मी., नैनागिरि-70 कि.मी., द्रोणगिरजी - 32 कि.मी., नवागढ़ - 07 कि.मी., कारीटोरन-18 कि.मी. थूबोनजी-90 कि.मी., गिरारजी-60 कि.मी., बंधाजी-65 कि.मी., बानपुर-40 कि.मी., खजुराहो-135 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  16. अतिशय क्षेत्र ईशुरवारा मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, ईशुरवारा ग्राम - ईशुरवारा (जरूवाखेडा), तहसील एवं जिला-सागर (म.प्र.) पिन - 470 115 टेलीफोन - 09754571273,07582-269186, 09977541326 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 11, कमरे (बिना बाथरूम) -7 हाल - 2 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200. भोजनशाला - नहीं पुस्तकालय - है। (1 पहाड़ पर एवं 1 नीचे) औषधालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ईशुरवारा - 3.5 कि.मी. बस स्टेण्ड - ईशुरवारा - 0.5 एवं किशनपुरा - 3.5 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - सागर - खुरई रोड़ के मध्य में ईशुरवारा तथा है। सड़क मार्ग सागर किशनपुरा - ईशुरवारा, खुरई - किशनपुरा - ईशुरवारा। निकटतम प्रमुख नगर - सागर - 25 कि.मी., खुरई - 25 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, ईशुरवारा अध्यक्ष - श्री देवेन्द्रकमार जैन (07584-283331,09926948940) महामंत्री - श्री मुन्नालाल जैन (O7582-233598,093008-07598) प्रबन्धक - श्री संतोषकुमार जैन (097545 71273) कार्यकारी एवं निर्माणकारी अध्यक्ष श्री उत्तमचन्द जैन, सागर (07582 - 244960) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 क्षेत्र पर पहाड़ : है। 800 मीटर पक्की सड़क है। वाहन जाते है। ऐतिहासिकता : सन् 1600 ई. में श्री पाणाशाह द्वारा पहाड़ी पर निर्मित जिन मन्दिर है। इसमें शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ, चन्द्रप्रभु व नेमिनाथ भगवान की खड्गासन प्रतिमाएँ हैं। धर्मशाला व पहाड़ी का विकास कार्य प्रगति पर है। मुनि पुंगव श्री 108 सुधासागरजी की जन्मस्थली है। मुख्य मंदिर का द्वार 12 फीट ऊँचा कर दिया है। वार्षिक मेले : वसंत-पंचमी पर विमान उत्सव जेठवदी चतुर्दशी को निर्वाण महोत्सव समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सागर - 30 कि.मी., नैनागिरि - 57 कि.मी., द्रोणगिरि - 100 कि.मी., अहारजी, पपौराजी, पजनारी - 30 कि.मी., रहली पटनागंज - 65 कि.मी., भाग्योदय तीर्थ - 25 कि.मी., बीना बारा - 105 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  17. सिद्ध क्षेत्र द्रोणगिरि मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि (लधु सम्मेद शिखर), द्रोणगिरि ग्राम - सेंधपा, तहसील - बिजावर, जिला - छतरपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 471311 टेलीफोन - 09754355296 (पवनकुमार जैन - 07049319402), सिद्धायतन (09753456868-पंकज) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 30, कमरे (बिना बाथरूम) - 83 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 500), गेस्ट हाउस - 1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. संत निवास - 1 भोजनशाला - स:शुल्क, नियमित अन्य- सिद्धायतन - 42 कमरे अटेच औषधालय - है (आयुर्वेदिक), नि:शुल्क पुस्तकालय - है। विद्यालय - हैं - (उदासीन आश्रम है) एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - हरपालपुर एवं सागर - 117 कि.मी., झाँसी -175 कि.मी., ललितपुर - 120 कि.मी., दमोह-103 कि.मी., हवाई अड्डा - खजुराहो - 107 कि.मी. बस स्टेण्ड - बड़ा मलहरा-7 कि.मी., छतरपुर-57 कि.मी., टीकमगढ़- 60 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - बड़ा मलहरा से द्रोणगिरि क्षेत्र सड़क मार्ग राष्ट्रीय मार्ग - 86, कानपुर सागर, बड़ा मलहरा से प्रति 30 मिनिट में वाहन उपलब्ध निकटतम प्रमुख नगर - बड़ा मलहरा -- 7 कि.मी., छतरपुर - 57 कि.मी., धुवारा से 23 कि.मी. पूर्व की ओर प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि.जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि प्रबन्ध समिति (लधु सम्मेदशिखर) अध्यक्ष - श्री कपूरचन्द घुवारा-विधायक (09425880545) मंत्री - श्री भागचन्द जैन (पीली दुकान) बड़ामलहरा (07689 - 252376, 09425144006) प्रबन्धक - श्री पवनकुमार जैन (097543-55296) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : गुफायें - 3, चरण पादुकाएँ - 5, तलहटी में 4 मंदिर क्षेत्र पर पहाड़ : है (पर्वतराज पर 32 मंदिर, 255 सीढ़ियाँ हैं) ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र से गुरुदत्त मुनि सहित साढ़े आठ करोड़ मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया है। पर्वत पर जाने के लिये 170 सीढियाँ बनी हुई हैं। पर्वत पर 35 जिनालय व तीन गुफाएँ हैं। पर्वत के पास दो कुण्ड हैं जिनका जल सर्दियों में गर्म तथा गर्मियों में ठण्डा रहता है। इस क्षेत्र के दोनों ओर चदांक्षीव, श्यामरी नामक दो नदियाँ बहती हैं। ग्राम में मूलनायक भगवान आदिनाथ की सं. 1549 की प्रतिष्ठित प्रतिमा है। गुरुदत्त निर्वाण गुफा, कांच मंदिर, चौबीसी मन्दिर, मानस्तम्भ (अति प्राचीन, चतुर्थकालीन) एवं संग्रहालय दर्शनीय हैं। विशेष जानकारी : यहाँ दि. जैन तीर्थ प्रबन्धन प्रशिक्षण संस्थान संचालित है। वार्षिक मेले : माघ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक। रथ यात्रा माघ शुक्ला पूर्णिमा को। कार्तिक कृष्ण अमावस्या को श्री महावीर स्वामी भगवान का निर्वाण महोत्सव।। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अहारजी - 58 कि.मी., पपौराजी - 58 कि.मी., नैनागिरि - 88 कि.मी., खजुराहो - 104 कि.मी., डेरा पहाड़ी - 57 कि.मी., सोनागिरि - 225 कि.मी. कुंडलपुर - 147 कि.मी., देवगढ़ - 152 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  18. अतिशय क्षेत्र छोटा महावीरजी मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र छोटा महावीरजी, कागदीपुरा, जिला -धार (मध्यप्रदेश) 454001 टेलीफोन - 07292-223432, 09425967460, 09424800572, 09827248654 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 8, कमरे (बिना अटैच) - 2 हाल -1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 50 भोजनशाला - है, सशुल्क औषधालय - नहीं पुस्तकालय - X विद्यालय - X एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - X आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - इंदौर - 75 कि.मी. बस स्टेण्ड - धार, मांडव पहुँचने का सरलतम मार्ग - धार से मांडव रोड़ पर निकटतम प्रमुख नगर - बगड़ी दूरी 8 कि.मी., इंदौर 75 कि.मी., धार 22 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - छोटा महावीरजी ट्रस्ट कागदीपुरा अध्यक्ष - श्री विनय छाबड़ा (जैन) (07292-223432, 09425967460) महामंत्री - श्री आशिष जैन (07292-232892) प्रबन्धक - श्री अजित छाबड़ा (07292-273412) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 1 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : भगवान महावीर की मनोज्ञ अतिशयकारी प्रतिमा स्वप्न देकर भूगर्भ से 24 अक्टूबर 2007 को प्रकट हुई। महावीर भगवान की अंगुली से दूध निकलना, अभिषेक करते वक्त जल दूध में बदल जाना, सफेदनाग-नागिन का मंदिरजी की परिक्रमा अनायास करना, असंख्य श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होना ऐसी अनेक बातें क्षेत्र के अतिशय से जुड़ी हैं। पं. आशाधरजी ने नलकच्छपुर के कागदीपुरा में नेमिनाथ जिनालय में शास्त्रों की रचना की । नेमिनाथ भगवान की 4.5 फूट पद्मासन प्रतिमा मांडव के पुरातत्त्व संग्रहालय में है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : मानतुंग गिरि-धार - 25 कि.मी., आहूजी (धार) - 37 कि.मी., बावनगजा - 110 कि.मी., सिद्धवरकूट - 110 कि.मी., मांडव ऐतिहासिक हिल स्टेशन-15 कि.मी. 83 आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  19. अतिशय क्षेत्र चंदेरी मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन चौबीसी बड़ा मन्दिर, चंदेरी चंदेरी, जिला - गुना (मध्यप्रदेश) पिन - 473446 टेलीफोन - 07547 - 252118, 07547252118, 08989261185 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 5, कमरे (बिना बाथरूम) - 19 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 250), गेस्ट हाउस - 3 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - पुस्तकालय - है। विद्यालय - है - 3 एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - हैं -8/10 आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ललितपुर-36 कि.मी.,मुंगावली-38 कि.मी.,अशोकनगर-58 कि.मी. बस स्टेण्ड - चंदेरी पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल व सड़क मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - ललितपुर - 36 कि.मी., मुंगावली - 38 कि.मी., अशोकनगर - 58 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन चौबीसी बड़ा मंदिर ट्रस्ट प्रबन्ध समिति, चंदेरी अध्यक्ष - श्री महावीर चौधरी 9425381257 मंत्री - डॉ. अविनाश कुमार जैन सराफ (09009167555) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ चौबीस तीर्थंकरों की अत्यन्त कलापूर्ण प्रतिमाएँ पृथक - पृथक गर्भगृह में, प्रत्येक तीर्थंकर के मूल वर्ण के अनुरूप उसी रंग के पाषाण से निर्मित हैं। इन प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा सं. 1893 में हुई थी। मन्दिर में 13 वीं शताब्दी की अन्यमूर्तियाँ कलात्मक एवं दर्शनीय हैं। विशेष आकर्षण : केन्द्रीय पुरातत्त्व विभाग का चन्देरी म्यूजियम जिसमें बूढ़ी चन्देरी के 61 जैन मंदिरों के अवशेष एवं तीर्थंकर की प्रतिमाएं विराजमान है। म्यूजियम में शुक्रवार अवकाश रहता है। प्रतिदिन समय प्रातः 9 से सायं 5 बजे तक। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - थूथोनजी - 22 कि.मी., सेरोनजी - 27 कि.मी., बूढ़ी चन्देरी - 20 कि.मी., देवगढ़ - 62 कि.मी., श्री गोलाकोट - 70 कि.मी., खनियांधाना - 60 कि.मी., पचरई - 75 कि.मी., आमनचार - 29 कि.मी., बीठला - 19 कि.मी., मामौन - 16 कि.मी., भियाँदाँत - 14 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  20. अतिशय क्षेत्र बीनाजी (बारहा), मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बीनाजी (बारहा) पोस्ट- बीना (बारहा), देवरीकलाँ, जिला - सागर (मध्यप्रदेश) पिन - 470 226 टेलीफोन - 07586 - 250457, 09425451153, 09425838178 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 12, कमरे (बिना बाथरूम) - 85 हाल - 4 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - 12 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - स:शुल्क नियमित औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - नरसिंहपुर - 85 कि.मी., करेली - 55 कि.मी.,सागर-73 कि.मी. बस स्टेण्ड - देवरीकलाँ - 8 कि.मी. बायपास रोड़ पर पहुँचने का सरलतम मार्ग - नरसिंहपुर - देवरीकलाँ - बीनाजी (बारहा) सड़क मार्ग, सागर - देवरीकलाँ - बीनाजी (बारहा) सड़क मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - देवरी कलाँ - 8 कि.मी., सागर-60 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र बीनाजी (बारहा) अध्यक्ष - श्री संतोष चौधरी, अनन्तपुर (99269 79547) कार्याध्यक्ष - दिनेश सोंधिया मंत्री - श्री अलकेश जैन, देवरी (9425182108) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 04 (संतशिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद से बंशी पहाड़पुर पत्थर से जीर्णोद्धार का कार्य तीव्र गति से चल रहा है) क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : विश्व के जैन इतिहास में अन्यत्र कहीं न मिलने वाली चूना- गारा से निर्मित 16 फीट पद्मासन अवगाहना में महावीर स्वामी की प्रतिमा विराजमान है। इसी के निकट भगवान चन्द्रप्रभु की पाषाण की रक्ताभ रंग की सवा छ: फीट अवगाहना की प्रतिमा विराजमान है। भगवान शांतिनाथ की 18 फीट ऊँची कत्थई पाषाण प्रतिमा मनोज्ञ एवं अतिशययुक्त है। गंधकुटी स्तूप जिनालय 40-40 सीढ़ियों वाला लाल पत्थर से निर्मित अलौकिक छटा वाला है। भोंहरे में भी अनेक प्राचीन प्रतिमाएँ हैं। खण्डित पाषाण की अनेक मूर्तियाँ संग्रहालय में रखी हैं। समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - पटनागंज - 35 कि.मी., कुंडलपुर-140 कि.मी., पटेरिया-45 कि.मी., कोनीजी-155 कि.मी., मढ़ियाजी (जबलपुर)-120 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  21. अतिशय क्षेत्र बिजौरी मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बिजौरी ग्राम - बिजौरी, तहसील - पाटन, जिला - जबलपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 483 113 टेलीफोन - विमल जैन-99939 05227, पप्पु जी- 78795 48201 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 4, कमरे (बिना बाथरूम) - X हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150. अन्य : साधारण धर्मशाला के ऊपर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। भोजनशाला - नि:शुल्क, अनुरोध पर। औषधालय - नहीं। पुस्तकालय - नहीं। विद्यालय - नहीं। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मदन-महल, जबलपुर-30 कि.मी., श्रीधाम - 25 कि.मी. बस स्टेण्ड - बिजौरी पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर से चरगंवा रोड़ पर 18 कि.मी. बिजौरी मेन रोड़ पर स्थित है। पक्का मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 30 कि.मी., गोटेगांव - 30 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 चन्द्रप्रभु दि. जैन अतिशय क्षेत्र, बिजौरी अध्यक्ष - श्री पवनकुमार जैन उपाध्यक्ष - श्री उदयचन्द जैन मंत्री - श्री धरमचन्द जैन प्रबन्धक - श्री मुकेश आत्मज श्री अच्छेलाल जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : 22 मई 1997 को आये भूकम्प की पूर्व सूचना भगवान श्री चन्द्रप्रभु ने ग्राम निवासी पवनकुमार को स्वप्न में दे दी थी कि रात्रि में भूकम्प आने वाला है, खुदे पड़े गढ़ों में कालम भरवाकर व्यवस्था बना लो, जो तत्काल कर ली गई। रात में भीषण भूकम्प तो आया लेकिन समवशरण में कोई आंच नहीं आई, जबकि शिखर सहित बहुत नुकसान हुआ। सन् 1998 में चोरी की नीयत से आये चार चोर चन्द्रप्रभु की प्रतिमा उठा भी नहीं सके। उनकी आँखों में अंधेरा छा गया। चोर 24 घंटे के अन्दर पुलिस द्वारा पकड़ लिये गये। श्री चन्द्रप्रभु भगवान के गर्भगृह से वाद्यों की आवाज आती है। कभी-कभी रात्रि में केशर वर्षा भी होती है। विशेष तिथियाँ - क्वांर बदी एकम् को मेला एवं विमान उत्सव कार्यक्रम समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - मढ़ियाजी-25 कि.मी., कोनीजी-55 कि.मी., तिलवारा घाट गौशाला-20 कि.मी., भेड़ाघाट (घुवांधार) - 15 कि.मी., पनागर - 45 कि.मी., बंदर कुदनी - 17 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  22. अतिशय क्षेत्र भौंरासा मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, भौंरासा ग्राम - भौंरासा, तहसील - कुरवाई, जिला - विदिशा (मध्यप्रदेश) पिन - 464224 टेलीफोन - 07593 - 247054, 247252, 09009153244 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 6, कमरे (बिना बाथरूम) - 6 हाल - 4 (यात्री क्षमता - 200), गेस्ट हाऊस -X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 300. भोजनशाला - नि:शुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मंडी बामोरा - 8 कि.मी., बीना जंक्शन - 18 कि.मी. बस स्टेण्ड - कुवाई - 3 कि.मी. एवं भौंरासा पहुँचने का सरलतम मार्ग - मंडी बामोरा एवं बीना से सड़क मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - बीना - 18 कि.मी., मंडी बामोरा - 8 कि.मी., कुरवाई - 3 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र समिति, भौंरासा अध्यक्ष - श्री जिनेन्द्रकुमार जैन, भौंरासा उपाध्यक्ष - श्री सतीश कुमार जैन (099774 43259) कोषाध्यक्ष - श्री नवीन जैन (098934 86288) प्रबन्धक - श्री प्रदीपजी (ब्रह्मचारी) (094251 56630, 09425471171) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : क्षेत्र पर मन्दिरजी में पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पद्मासन साढे चार फुट ऊँची, सं. 1272 की प्रतिष्ठित विराजमान है एवं चन्द्रप्रभु भगवान 1143 की श्वेत पाषाण की प्रतिमाएँ हैं। यह क्षेत्र 4000 वर्ग फुट में विकसित है । भौंरासा एक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक तीर्थस्थल है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - बड़ोह - 40 कि.मी., सिरोंज नसियाँजी - 40 कि.मी., उदयगिरि (विदिशा) - 80 कि.मी., चंदेरी (चौबीसी) -70 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  23. अतिशय क्षेत्र भोजपुर मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र शान्तिनगर, भोजपुर ग्राम - भोजपुर, तहसील - गौहरगंज, जिला - रायसेन (मध्यप्रदेश) पिन - 464 993 टेलीफोन - 099934-63612, 09425011360, (गौशाला-093015 53960) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 62 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाऊस - ४ यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250 गौशाला - है। भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं संस्था - सन् 1998 में विद्यासागर गौशाला स्थापित आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - भोपाल - 25 कि.मी. बस स्टेण्ड - भोपाल - 27 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - भोपाल से नियमित बस सेवा, ओबेदुल्लागंज रेल्वे स्टेशन से बसद्वारा भोजपुर - 14 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - भोपाल - 30 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि.जैन अतिशय क्षेत्र शान्तिनगर पर्यटन केन्द्र विकास समिति, भोजपुर अध्यक्ष - श्री मनोहरलाल जैन टोंग्या (09425011360) महामंत्री - श्री विमल जैन 'राजदीप’ (091390 98888) मैनेजर - श्री राजेन्द्र जैन (099934-63612) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : है- टेकड़ीनुमा ऐतिहासिकता : भक्तामर स्तोत्र के रचयिता आचार्य मानतुंग की समाधि स्थली है। समाधिस्थल के निकट जैन मन्दिर में तीर्थंकर शांतिनाथ भगवान की साढ़े बाईस फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित है और इसके दोनों ओर तीर्थंकर पार्श्वनाथ एवं सुपार्श्वनाथ की प्रतिमाओं की ऊँचाई 8 फीट है। राजा भोज के निर्देशानुसार ये प्रतिमाएँ सन् 1100-1101 में प्रतिष्ठित की गई है। निकट ही शिव मन्दिर है। यह पर्यटन स्थल भी है। पास ही बेतवा नदी प्रवाहित होती है। सिद्धशिला पर भगवान बाहुबली की प्रतिमा स्थापित है। विशेष जानकारी : ओबेदुल्लागंज - भोजपुर के रास्ते में आशापुरी में संग्रहालय है। जहाँ प्राचीन जैन मूर्तियाँ हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : जैन मन्दिर कुराना - 28 कि.मी., प्राचीन जैन मन्दिर समसगढ़ - 22 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  24. सिद्ध क्षेत्र बावनगजा (चूलगिरि) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, बावनगजा (चूलगिरि) ग्राम - बावनगजा, तहसील एवं जिला - बड़वानी (मध्यप्रदेश) पिन - 451 551 टेलीफोन - 07290 - 291010, मो.: 81031 91289 (आवास-जितेन्द्र जैन) क्षेत्र पर उपलब्ध आवास - कमरे (अटैच बाथरूम एवं ए.सी.) - 45, कमरे (बिना बाथरूम) - X सुविधाएँ हाल - 4 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - 6 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 400. भोजनशाला - सशुल्क, नियमित संत निवास - 24 कमरे औषधालय - है (बाह्य उपचार केंद्र) पुस्तकालय - है। विद्यालय - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - इन्दौर - 160 कि.मी., महू - 138 कि.मी., खण्डवा - 180 कि.मी., दाहोद - 170 कि.मी. बस स्टेण्ड - बड़वानी - 8 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - इन्दौर, खंडवा, दाहोद, बड़ौदा से बड़वानी के लिये बस सुविधा है। बड़वानी से बावनगजा नियमित बस सेवा है। निकटतम प्रमुख नगर - बड़वानी - 8 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र चूलगिरि ट्रस्ट बावनगजा अध्यक्ष - श्री राजकुमार जैन (099937-37000) मंत्री - श्री राज प्रकाश पहाड़िया (094259-14345) प्रबन्धक - श्री इन्द्रजीत मंडलोई, (094250-90384, 09977771022) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 33 क्षेत्र पर पहाड़ : है- कुल 800 सीढ़ियाँ, डोली की व्यवस्था है। ऐतिहासिकता : यह एक सिद्धक्षेत्र है। यहीं से इन्द्रजीत व कुम्भकर्ण आदि साढे पाँच करोड़ मुनि मोक्ष पधारे थे। यहाँ पहाड़ में पाषाण की विश्व प्रसिद्ध सबसे ऊँची भगवान आदिनाथ की लगभग 27 मीटर (84 फीट) प्रतिमा उत्कीर्ण है। 52 हाथ ऊँची (किसी काल में गज का प्रमाण 1 हाथ था) होने के कारण ही इसे बावनगजा क्षेत्र कहते हैं। यह मूर्ति 13 वीं शताब्दी से भी पहले बनी थी। पर्वत के पास में ही मंदोदरी का प्रासाद बना है। प्रत्येक बारह वर्ष में महामस्तकाभिषेक व मेला आयोजित होता है। मूर्तियों पर 1223, 1258, 1380 लेख वाली प्रतिमाएँ है। मंदिर के पीछे की ओर आचार्य कुन्दकुन्द की खड़गासन प्रतिमा है। वार्षिक मेला : प्रति वर्ष भगवान आदिनाथजी के निर्वाणोत्सव पर माध बदी चौदस को मेला लगता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - तालनपुर - 40 कि.मी., ऊन (पावागिरि) - 80 कि.मी., सिद्धवरकूट - 180 कि.मी., तालनपुर - 40 कि.मी., ऊ पावागढ़ - 220 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  25. अतिशय क्षेत्र बरही (वल्ल भपुर) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बरही (वल्लभपुर) ग्राम एवं पोस्ट - बरही, तहसील - अटेर, जिला - भिण्ड (मध्यप्रदेश) पिन -477556 टेलीफोन - 07534 - 287703, 990096 63048 (ज्ञानचंद पुजारी) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 07, कमरे (बिना बाथरूम) - 16 हाल - 02 (यात्री क्षमता - 20), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500 भोजनशाला - अनुरोध पर औषधालय - हाँ पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं। एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - इटावा-12 कि.मी., ग्वालियर-100 कि.मी., भिण्ड-20 कि.मी. फूप -7 कि.मी. बस स्टेण्ड इटावा - 12 कि.मी., भिण्ड - 20 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - ग्वालियर - भिण्ड सड़क मार्ग, पूर्व एवं उत्तर से आने वालों के लिये व्हाया इटावा, ग्वालियर सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग से जुड़ा है। दूरी-32 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - इटावा - 12 कि.मी., भिण्ड - 20 कि.मी., ग्वालियर - 100 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र प्रबन्धकारिणी समिति, बरही (वल्लभपुर अध्यक्ष - श्री पांडे प्रभुदयाल जैन (09412572903) पूर्व अध्यक्ष - श्री अशोक कुमार जैन (09926485681) संयोजक - डॉ. एस.के.जैन भिण्ड (98262-11688) मंत्री - श्री नेमीचन्द जैन (07534 - 234391) प्रबन्धक - श्री ज्ञानचन्द्र पुजारी (09009663048) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता - किंवदन्ती है कि भगवान महावीर के समवशरण स्थल वल्लभपुर (बरही) में देवों ने भव्य जिनालय का निर्माण किया था। वर्तमान जिनालय 1200 वर्ष प्राचीन है एवं जिन प्रतिमाएँ 10 वीं व 11 वीं शताब्दी की हैं। भगवान अजितनाथ की पद्मासन मूलनायक पाषाण प्रतिमा सं. 1520 की है। इसके अलावा क्षेत्रपालजी की चमत्कारिक मूर्ति भी यहाँ की महत्वपूर्ण विशेषता है। भव्य मानस्तम्भ दर्शनीय है। अश्विन कृष्णा सप्तमी-अष्टमी को वार्षिक मेला लगता है। खरौआ जैन समाजव्यवस्था प्रमुख है। पत्राचार - श्री नेमीचन्द जैन, के के टेन्ट हाऊस, हाउसिंग कालोनी, भिण्ड समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - शौरीपुर बटेश्वर - 60 कि.मी., बरासोंजी - 40 कि.मी., सिहोंनियाँजी-100 कि.मी., पावई-40 कि.मी., मरसलगंज(उ.प्र.)-100कि.मी. मंगलायतन-250 कि.मी. आगरा-200 कि.मी., कानपुर -200 कि.मी. महामृत्युञ्जयतीर्थउदीइटावा-3 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
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