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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. सिद्ध क्षेत्र खंडगिरि-उदयगिरि उड़ीसा नाम एवं पता - श्री खंडगिरि - उदयगिरि दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, ग्राम - खंडगिरि-भुवनेश्वर, जिला - खुरड़ा (उड़ीसा) पिन - 751030 टेलीफोन - 0674-2384530, 09438730773, 09437313970 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 08, कमरे (बिना बाथरूम) - 24 हाल-1(यात्री क्षमता-20 ), गेस्ट हाऊस-1, ए.सी.सहित कमरा यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - है (होम्योपैथिक) पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - भुवनेश्वर - 8 कि.मी. बस स्टेण्ड - वरमुण्डा बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल अथवा सड़क मार्ग से, भुवनेश्वर से टेम्पो, ऑटो रिक्शा उपलब्ध रहते हैं। निकटतम प्रमुख नगर - भुवनेश्वर - 8 कि.मी., कटक - 30 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री बंगाल बिहार उड़ीसा दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, कोलकाता अध्यक्ष - श्री शांतिलाल पाटोदी, कोलकाता मंत्री - श्री भागचन्द कासलीवाल, कोलकाता (09437042974) क्षेत्र मंत्री - श्री शांतिकुमार जैन, कटक (0671-2310258, 2310126) उप - मंत्री - श्री सपंतलाल बाकलीवाल, कटक (0671 - 2440983) प्रबन्धक - श्रीमती विमलादेवी जैन, खंडगिरि (09438730773) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 28 (उदयगिरि पर 18 गुफाएँ, खंडगिरि पर 4 मन्दिर एवं 5 गुफाएँ तथा धर्मशाला में एक जिनालय) क्षेत्र पर पहाड़ : है। 125 सीढ़ियाँ हैं। ऐतिहासिकता : उदयगिरि पहाड़ी 35 मीटर ऊँची है। जिसमें 18 गुफाएँ भव्य एवं दर्शनीय हैं तथा 2500 वर्ष पुराना खारवेल का शिलालेख है। खंडगिरिपहाड़ी लगभग 40 मीटर ऊँची है। यहाँ 4 जिनालय एवं 5 गुफाएँ हैं। अनंत गुफा में डेढ़ हाथ की कायोत्सर्ग जिन प्रतिमा है। इन्द्रकेसरी गुफा में 8 प्रतिमाएँ अंकित हैं। आदिनाथ गुफा में 24 तीर्थंकरों की प्रतिमाएँ हैं। यहाँ भगवान महावीर का समवशरण आया था अत: यह अतिशय क्षेत्र भी माना जाता है। यहाँ से जयद्रथ राजा के 500 पुत्र मोक्ष गये थे, अत:यह सिद्धक्षेत्र भी है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - लिंगराज टेम्पल-10 कि.मी., धवलगिरि-15 कि.मी., कोणार्क-65 कि.मी., नंदनकानन-21 कि.मी., जगन्नाथपुरी - 60 कि.मी., कटक 30 कि.मी., ये सभी दर्शनीय स्थल हैं। आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  2. अतिशय क्षेत्र चन्दवाड (फिरोजाबाद) नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन प्राचीन अतिशय क्षेत्र, चन्द्रवाड़, ग्राम-चन्द्रवाड़, तह. एवं जिला - फिरोजाबाद (उत्तरप्रदेश) पिन - 283 203 टेलीफोन - 09219396072 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X कमरे (बिना बाथरूम)-5, हाल - 02(यात्री क्षमता-100) निर्माणाधीन यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 110 भोजनशाला - नहीं विद्यालय - है । एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- 1 कि.मी. गढीतिवारी पर आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - फिरोजाबाद - 6 कि.मी. बस स्टेण्ड - फिरोजाबाद - 6 कि.मी.(फिरोजाबाद से आसाबाद गढ़ी तिवारीचौराहा) पहुँचने का सरलतम मार्ग - फतिहाबाद - 12 कि.मी. आगरा से फतिहाबाद होकर एवं शौरीपुर से जलालपुर होकर निकटतम प्रमुख नगर - फिरोजाबाद - सड़क मार्ग - 6 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र चन्द्रवाड़ समिति (रजि.) निर्देशक - प्राचार्य श्री नरेन्द्र प्रकाश जैन (09358581008) अध्यक्ष - श्री पुष्पेन्द्र कुमार जैन (094122 67608) उपाध्यक्ष - श्री नितेश अग्रवाल जैन (09410008856) प्रबन्धक - श्री योगेन्द्र प्रकाश जैन (098376 10371) मैनेजर - श्री पंकज जैन (094582 80335, 092193 96072) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02 (प्राचीन मंदिर एवं चरण मंदिर, ऐतिहासिक वट वृक्ष) क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं (किले पर मंदिर) ऐतिहासिकता - प्राचीन दि.जैन तीर्थक्षेत्र, जो कि 22 वें तीर्थंकर 1008 भगवान नेमिनाथ की जन्मस्थली शौरीपुर- बटेश्वर की 108 वर्ग योजन की परिधि में फिरोजाबाद से 6 कि.मी. दक्षिण दिशा में स्थित है। विद्वान, कवियों, सिद्धों की तपस्थली, भगवान नेमिनाथ की क्रीड़ा स्थली, 5। पंचकल्याणक प्रतिष्ठाओं की भूमि। वर्तमान में जैन मंदिर जीर्ण-शीर्ण हालत में। जब भी खुदाई होती है कुछ न कुछ मूल्यवान वस्तु निकलती है। क्षेत्र पर अनेक प्रसिद्ध कवियों यथा रइधू तथा श्रीधर द्वारा महत्वपूर्ण ग्रंथों का सृजन, फिरोजाबाद के अनेक मन्दिरों विशेषत: बड़े मंदिर एवं अटावाला मन्दिर में विराजित मूर्तियाँ चन्द्रवाड़ से प्राप्त । चन्द्रप्रभु दि. जैन मन्दिर में विराजित स्फटिक मणि की विशाल मूर्ति चन्द्रवाड़ के समीप यमुना से प्राप्त । जैन मुनियों का आवागमन निरंतर होता रहता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र शौरीपर बटेश्वर - 22 कि.मी. बाहुबली - 06 कि.मी., राजमल - 20 कि.मी., फरिहा - मरसलगंज - 18 कि.मी., आगरा-35 कि.मी. 225 आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  3. कल्याणक क्षेत्र चन्द्रावतीजी नाम एवं पता - श्री चन्द्रावतीजी दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र, चन्द्रावतीजी पोस्ट - चन्द्रपुरी, जिला - वाराणसी (उत्तरप्रदेश) टेलीफोन - 0542 - 2615316 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 2, कमरे (बिना बाथरूम) - 10, हाल - 1 (यात्री क्षमता - 25) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. भोजनशाला - नहीं। औषधालय - है (होम्योपैथिक) एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - वाराणसी - 20 कि.मी. बस स्टेण्ड - चन्द्रपुरी - 1 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - वाराणसी से बस अथवा टेक्सी द्वारा निकटतम प्रमुख नगर - वाराणसी -20 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री चन्द्रावती दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष - श्री अजयकुमार जैन (093343 96920) प्रबंध-न्यासी - श्री प्रशान्तकुमार जैन, आरा (०94314 9369) प्रबन्धक - श्री मक्खनलाल जैन (0542 - 2615316) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - भगवान चन्द्रप्रभु के जन्म, तप एवं ज्ञान कल्याणक स्थली । क्षेत्र सुरम्य गंगातट पर चन्द्रावती गढ़ के भग्नावशेषों के बीच स्थित है। क्षेत्र पर चैत्र कृष्णा 5 को वार्षिक मेला लगता है। विशेष जानकारी - गंगा किनारे स्थित यह क्षेत्र भारत सरकार के पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र श्रीभदैनीजी-22 कि.मी., श्री भेलूपुरजी -21 कि.मी., श्री सिंहपुरीजी - 18 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  4. कल्याणक क्षेत्र भेलूपुर-वाराणसी नाम एवं पता - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र, भेलूपुर, वाराणसी (उत्तरप्रदेश) पिन - 221010 टेलीफोन - 0542 - 2275892, 094153 43022, 093692 53642 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 72 , कमरे (बिना बाथरूम) - 4 हाल - 7, गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. भोजनशाला - नियमित, सशुल्क औषधालय - है। पुस्तकालय - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - वाराणसी केन्ट - 4 कि.मी. बस स्टेण्ड - केन्ट रोडवेज़ पहुँचने का सरलतम मार्ग - स्टेशन से लंका मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - वाराणसी में ही है। प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी, भेलूपुर अध्यक्ष - श्री चन्द्रभान जैन (0542-2401602,2401608,2392020) महामंत्री - श्री अरूणकुमार जैन (0542-2420219, 09415343022) मंत्री - श्री संजय जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 11 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - यहाँ भगवान पार्श्वनाथजी के गर्भ, जन्म एवं तप कल्याणक हुए। वाराणसी का प्राचीन नाम काशी है। यहीं पर स्वामी समंतभद्र ने तपस्या की और 'स्वयंभू स्तोत्र का पाठ कर भीम लिंग से चन्द्रप्रभु की सुन्दर मूर्ति प्रकट की थी। यहीं उन्होंने अपना भस्मक रोग शांत कर पुन: दिगम्बर दीक्षा ली एवं धर्म की प्रभावना की। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र एवं दर्शनीय स्थल सिंहपुरी, चन्द्रपुरी, अनेक जैन मन्दिर, स्याद्वाद महाविद्यालय गंगा तट के घाट, विश्वनाथ मन्दिर,दुर्गा मन्दिर, तुलसी मानस मन्दिर, भारत कला मन्दिर, भारत माता मन्दिर, बिड़ला मन्दिर आदि। आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  5. अतिशय क्षेत्र विजय गोपाल महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, विजय गोपाल, ग्राम/पोस्ट-विजयगोपाल, तह.-देवली, जिला-वर्धा (महाराष्ट्र) पिन-442306 टेलीफोन - 07158-255918, 09960350379, 09096484908 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 3, कमरे (बिना बाथरूम) - X हाल - X, गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 30. भोजनशाला - नहीं औषधालय - है (शासकीय ) -प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र विद्यालय - यशवंत हाईस्कूल, पुस्तकालय - नहीं जूनियर कॉलेज, विजयगोपाल एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - पुलगाँव - 15 कि.मी. बस स्टेण्ड पुलगाँव - 15 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग, वर्धा - 45 कि.मी. रेल्वे स्टेशन से यवतमाल के रास्ते पर वर्धा - यवतमाल रोड़ - मार्ग शिरपुर - 8 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - पुलगाँव-15 कि.मी., यवतमाल-45 कि.मी., नागपुर-110 कि.मी., वर्धा-45 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 आदिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, विजयगोपाल अध्यक्ष - श्री रमेश मधुकर राव नानोटी (07158 - 255918, 9552908562) मंत्री - श्री सुनिल रामकुमार मेघल (9960350379, 07158-255821) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : 600 वर्ष पुराना क्षेत्र है। भगवान आदिनाथ की प्रतिमा एवं क्षेत्रपालजी जाग्रत हैं। दो वर्ष पूर्व इस मन्दिर का जीर्णोद्धार कराकर नया मन्दिर बनाया गया है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - रामटेक - 170 कि.मी., मुक्तागिरि - 150 कि.मी., भातकुली जैन - 100 कि.मी., दिग्रस -150 कि.मी., बाजारगांव - 120 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  6. कल्याणक क्षेत्र भदैनीजी (वाराणसी) नाम एवं पता - श्री भदैनीजी दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र, भदैनीजी (वाराणसी), प्रमुदास जैन घाट,ग्राम-भदैनी, पो.-शिवाला, जिला-वाराणसी (उत्तरप्रदेश) 221 001 टेलीफोन - 0542 - 2275756, 094503 74932 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - यात्री सुविधाएं भेलूपुर में उपलब्ध है। हाल -- 1 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - 1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता -- 100. भोजनशाला - अनुरोध पर, सशुल्क औषधालय - है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - वाराणसी - 5 कि.मी. बस स्टेण्ड - वाराणसी - 2 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - वाराणसी पहुँचकर सड़क से 2 कि.मी. दूर निकटतम प्रमुख नगर - वाराणसी में ही है। प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र, भदैनी प्रबन्धकारिणी कमेटी अध्यक्ष - श्री अजय कुमार जैन, आरा (०93343 96920) प्रबंध-न्यासी - श्री प्रशांत कुमार जैन, आरा (094314 19369) प्रबन्धक - श्री सुरेन्द्रकुमार जैन (094503 74932) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - सातवें तीर्थंकर भगवान सुपार्श्वनाथ की गर्भ, जन्म, तप एवं ज्ञान कल्याणकस्थली। विशेष जानकारी - वाराणसी के सुरम्य गंगा तट पर श्री प्रभुदास जैन घाट पर स्थित। श्री स्याद्वाद महाविद्यालय एवं श्री अकलंक सरस्वती पुस्तकालय एवं छात्रावास भी संचालित है। समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र भेलूपुर - 2 कि.मी., चन्द्रपुरी-30 कि.मी., सिंहपुरी सारनाथ- 15 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  7. अतिशय क्षेत्र बरनावा-जिला-बागपत नाम एवं पता - श्री चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर, ग्राम-बरनावा, तह.-बड़ौत, जिला-बागपत, (उ.प्र.) पिन - 250 345 टेलीफोन - 01234-240071, 09634900959,08923194918 (प्रबंधक) email - jmbarnawa@gmail.com, barnawajainmandir@gmail.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 9, कमरे (बिना बाथरूम) - 20 हॉल - 01बड़ा एवं 1 छोटा गेस्ट हाऊस - है। यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500 भोजनशाला - निःशुल्क औषधालय - है, ऐलोपैथिक आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बड़ौत - 17 कि.मी., मेरठ - 33 कि.मी. बस स्टेण्ड - बरनावा - 200 मीटर, बड़ौत - 17 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - दिल्ली से बड़ौत (दिल्ली-सहारनपुर हाईवे) बड़ौत से बरनावा (बड़ौत मेरठ मार्ग) दिल्ली से मेरठ, मेरठ से बरनावा निकटतम प्रमुख नगर - मेरठ - 33 कि.मी.,बड़ौत-17 कि.मी.,सरधना-18 कि.मी., बुढ़ाना-2 कि.मी., मुजफ्फरनगर - 50 कि.मी., दिल्ली - 70 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री चन्द्रप्रभः दि. जैन अतिशय क्षेत्रा मंदिर समिति (रजि.) अध्यक्ष - प. धनराज जैन, अमीनगर, सराय (09319551165) महामंत्री - श्री पंकज जैन (यू.जी.एस.), मेरठ (09412705104) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - बरनावा उत्तरप्रदेश के मेरठ जनपद की तहसील सरघना का एक ऐतिहासिक स्थल है। यहाँ श्री 1008 चन्द्रप्रभु भगवान की 2700 वर्ष प्राचीन चतुर्थकालीन प्रतिमा विराजमान है। 1300 वर्ष प्राचीन मल्लिनाथ भगवान की प्रतिमा 100 वर्ष प्राचीन मंदिर की मूलनायक प्रतिमा है। प्राचीन नाम वरणावतपुरी था। बाद में बिगड़कर बरनावा नाम बन गया। दो घाटियों के संगम पर बसा वारणावत, आज बरनावा के नाम से जाना जाता है। राज्य परिवर्तन में मुगल शासक भी चन्द्रप्रभु के मंदिर को तोड़ने लगे तो क्षेत्रपाल ने दुष्टों को निर्बल बना दिया था तभी से अतिशय क्षेत्र के नाम से जानने लगे। आचार्य श्री विमल सागरजी एवं श्री भरत सागरजी को क्षेत्र पर ध्यान योग लगा। संवत् 1917 में मेरठ शहर में जन्में श्री लालमन दास ने जैन धर्म का प्रचार-प्रसार कर बहुत से अनूठे कार्य किये। सन् 1908 में बरनावा का मंदिर छोटा एवं अधूरा होने पर भगवान चन्द्रप्रभः मंदिर का विकास किया। यहां की खोदी हुई मिट्टी को मस्तक पर लगाने से पीड़ा दूर हो जाती है। खुदाई करते समय सफेद रंग का सर्प आया फिर लुप्त हो गया। श्री नमिसागरजी महाराज को रात्रि समय मंदिर में इन्द्र देव जिनेन्द्र देव की पूजा आरती करते दिखाई भी दिये। आचार्य विमलसागरजी महाराज ने ध्यान लगाकर जानकारी दी, कि तहखाने में अटूट धन सम्पत्ति है। वार्षिक मेला - अनन्त चतुर्दशी से द्वितीय रविवार को (फाल्गुन शुक्ल सप्तमी) चन्द्रप्रभु भगवान का मोक्ष कल्याणक। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र वहलना अतिशय क्षेत्र व्हाया-सरधना दौराला खतौली-65 कि.मी., हस्तिनापुर-70कि.मी., (व्हाया-सरघना, दौराला, मवाना),महलका-42 कि.मी., (व्हाया-सरघना, दौराला), बड़ागांव-अतिशय क्षेत्र-36 कि.मी., वाया-बिनौली 22 ) आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  8. अतिशय क्षेत्र बानपुर नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बानपुर, ग्राम - बानपुर तह.- महरौनी, जिला - ललितपुर (उ.प्र.) पिन-284 402 टेलीफोन - 096700 96220, 094541 25500 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 6, कमरे (बिना बाथरूम) - 6, हाल - 2 (यात्री क्षमता - 150) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250. भोजनशाला - सशुल्क पुस्तकालय - है। विद्यालय - है। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। अन्य - वर्ष भर पाठशाला चलती है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ललितपुर - 32 कि.मी. बस स्टेण्ड - बानपुर से क्षेत्र - 1 कि.मी., महरोनी से - 13 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - ललितपुर से टीकमगढ़, महरौनी बस एवं टेम्पो द्वारा टीकमगढ़ से बस द्वारा 11 कि.मी., महरौनी से 13 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - ललितपुर - 32 कि.मी., टीकमगढ़ - 11 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बानपुर कमेटी अध्यक्ष - श्री वीरेन्द्र कुमार सिंघई, बानपुर (05172-240175) संरक्षक - श्री चौधरी राजकुमार जैन (096700 96220) महामंत्री - श्री चौधरी अखिलेश कुमार जैन (094541 25500) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 05 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - क्षेत्र पर दसवीं शताब्दी तक की मूर्तियाँ विद्यमान हैं। हजारों वर्ष पुराना सहस्रकूट चैत्यालय शिल्पकारी का उत्कृष्ट नमूना है। शांतिनाथबड़े बाबा की विशाल 18 फुट ऊँची प्रतिमा अतिशय युक्त है। कुन्थुनाथ, अरहनाथकी विशाल प्रतिमायें भी विराजित हैं। विशेष जानकारी। | : विकास की दृष्टि से क्षेत्र उपेक्षित एवं पिछड़ा हुआ है। आर्थिक सहायता की अत्यावश्यकता है। विशेष आयोजन - मेला प्रति वर्ष 05 फरवरी। नेत्र-शिविर, स्वास्थ्य - शिविर गत तीस वर्षों से लगाये जा रहे हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र पपोराजी - 15 कि.मी., पवाजी - 70 कि.मी., देवगढ़जी - 70 कि.मी., सेरोनजी - 55 कि.मी., अहारजी - 30 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  9. अतिशय क्षेत्र बहसूमा नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बहसूमा, कस्बा-बहसूमा, तहसील-मवाना, जिला-मेरठ (उत्तरप्रदेश)पिन-250 404 टेलीफोन - 01233 - 289176, मो : 098970 92499 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- ४, कमरे (बिना बाथरूम) - 6, हाल - 1 (यात्री क्षमता - 250), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250. भोजनशाला - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मेरठ - 40 कि.मी. बस स्टेण्ड - बहसूमा - 100 मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रोडवेज़ एवं निजी बस से । मेरठ - बिजनौर मार्ग पर स्थित है। दिल्ली - पौड़ी हाइवे निकटतम प्रमुख नगर - मेरठ - 40 कि.मी., हस्तिनापुर - 12 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बहसूमा कमेटी अध्यक्ष - श्री वकीलचन्द जैन मंत्री - श्री विजेन्द्र जैन प्रबन्धक - श्री अनिल जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - क्षेत्र पर चतुर्थ काल की चन्द्रप्रभु भगवान की भव्य प्रतिमा विराजमान है। यहाँ प्राचीन मन्दिरजी है, जिसके शिखर की ऊँचाई 200 फीट है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र हस्तिनापुर - 10 कि.मी., महलका - 30 कि.मी., हरिद्वार - 130 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  10. अतिशय क्षेत्र बड़ागाँव त्रिलोकतीर्थ नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन त्रिलोकतीर्थ-धाम, अतिशय क्षेत्र, बड़ागाँव, ग्राम बड़ागाँव, त. खेकड़ा, जिला- बागपत (उ.प्र.)-250101 टेलीफोन - 09012213920,09837264400, Email - syadwad1@gmail.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (ए.सी./सुपर डिलक्स)-29, कमरे (डिलक्स) -94 कमरे (साधारण) -96, हॉल-1 यात्री ठहरने की कुल क्षमता - 600 भोजनशाला - सशुल्क पुस्तकालय - हाँ विद्यालय - हाँ औषधालय - हाँ आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - खेकड़ा-6 कि.मी., रेल द्वारा दिल्ली से शामली-सहारनपुर रूट पर खेकड़ा पहुँचे। स्टेशन पर मंदिरजी की बस सुविधा बस स्टेण्ड - बस स्टेण्ड खेकड़ा-7 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - (बस द्वारा दिल्ली से बागपत-सहारनपुर रूट पर खेकड़ा तक पहुँचे। वहाँ से टैम्पो-रिक्शा द्वारा बड़ागाँव निकटतम प्रमुख नगर - दिल्ली - 35 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन स्याद्वाद ट्रस्ट बड़ागाँव (बागपत) उ.प्र. अध्यक्ष - श्री श्री गजराज जैन गंगवाल, दिल्ली (09810900009) कार्याध्यक्ष - श्री महेन्द्रकुमार जैन, दिल्ली (09810001005) प्रबंधक - श्री त्रिलोकचंद जैन, बड़ागाँव (09012213920) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 6 क्षेत्र पर पहाड़ - X ऐतिहासिकता - त्रिलोकतीर्थ विश्व धरा पर जैन धर्म की ऐसी कृति है, जहाँ पर तीनों लोकों के साथ-साथ जैन धर्म के सभी तीर्थों के दर्शन एक साथ एक छत के नीचे करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। 16 मंजिल का विश्व में यह पहली तरह का महामन्दिर है। जिसके उपरी भाग पर अष्टधातु की पद्मासन आदिनाथ भगवान की प्रतिमा विराजमान है। इसके साथ त्रिलोकतीर्थ में 3740 मूर्तियाँ विराजमान हैं। इसी प्रांगण में एक इंग्लिश मीडियम स्कूल, औषधालय, भोजनशाला, पुस्तकालय, गऊशाला एवं वृद्धा आश्रम भी है। अतः त्रिलोकतीर्थ धर्म, शिक्षा, स्वास्थ्य, जीव दया एवं मानव जाति के कल्याण के लिए एक संगम है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र हस्तिनापुर - 80 कि.मी., बरनावा- 45 कि.मी., वहलना - 100 कि.मी. तिजारा - 150 कि.मी., कासन - 100 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  11. अतिशय क्षेत्र तेर महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 भगवान महावीर दि. जैन अतिशय क्षेत्र, तेर (संस्थान), तहसील - जिला - उस्मानाबाद (महाराष्ट्र) पिन - 413509 टेलीफोन - 02472-233722, 09421360667 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - शौचालय बाथरूम -7, कमरे (बिना बाथरूम) - 15, हाल - 2, (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200 - 250. भोजनशाला - औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - सोलापुर से तेर लातुर रेल्वे लाइन का कार्य चल रहा है। बस स्टेण्ड - है। (उस्मानाबाद-लातुर रेल्वे मार्ग - उपळा रेल्वे स्टेशन से 14 कि.मी.) पहुँचने का सरलतम मार्ग - उस्मानाबाद - तेर बस सेवा सतत्, ढोकी-तेर बस/जीप सेवा, एस.टी. सेवा सतत् उपलब्ध रहती है। निकटतम प्रमुख नगर - उस्मानाबाद - 24 कि.मी. (पश्चिम दिशा) प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 महावीर दिगम्बर जैन मंदिर, तेर अध्यक्ष - श्री राजन अ. देशमोन, उस्मानाबाद मंत्री - श्री संजय देशमाने (02472-227221,9422465224) कोषाध्यक्ष - श्री बाबूराव गणपति मुरूड़ (02382 - 270151) प्रबन्धक - श्री किशोर रामलिंग बुबणे (02472 - 233722, 9421360667) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 05 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ भगवान महावीर का समवशरण आया था। पौराणिक आख्यानों के अनुसार यहाँ नल और नील तथा राजा करकुण्ड का भी आगमन हुआ था। मंदिर की इंटें पानी में तैर जाती हैं। भगवान महावीर एवं पार्श्वनाथ की प्रतिमाएँ अति प्राचीन हैं एवं पुरा वस्तुसंग्रहालय है। विशेष आयोजन : प्रत्येक अमावस्या को मेला लगता है। वार्षिक मेला : माघ शु. पंचमी समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : सावरगाँव -70 कि.मी., कुंथलगिरि -70 कि.मी., आष्टा (कासार) - 85 कि.मी., उस्मानाबाद - 24 कि.मी., नवागढ़-200 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  12. अतिशय क्षेत्र बडागाँव नाम एवं पता - श्री पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र प्राचीन दिगम्बर जैन मन्दिर, बड़ागाँव, ग्राम - बड़ागाँव, तहसील - खेकड़ा, जिला - बागपत (उत्तरप्रदेश)-250101 टेलीफोन - 0121 - 2233013, 2234033 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 80, कमरे (बिना बाथरूम) - 70, हाल - 3 (यात्री क्षमता - 1100), गेस्ट हाऊस - 2 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 2000. भोजनशाला - सशुल्क एवं नि:शुल्क दोनों औषधालय - है। पुस्तकालय - निर्माणाधीन विद्यालय - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - खेकड़ा - 4 कि.मी. बस स्टेण्ड - खेकड़ा -7 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - दिल्ली (आनंद विहार) से सहारनपुर - बागपत बस द्वारा खेकड़ा, वहाँ से टेम्पो, रिक्शा द्वारा निकटतम प्रमुख नगर - दिल्ली - 35 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र प्राचीन दि. जैन मन्दिर समिति, बड़ागांव अध्यक्ष - पं. धनराज जैन (0121 - 2234033) महामंत्री - श्री सुभाषचन्द्र जैन (9121 - 2233732) प्रबन्धक - श्री देवेन्द्रकुमार जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 03 एवं अद्वितीय विशालतम तीन लोक रचना क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - यह क्षेत्र बहुत ही अतिशयकारी एवं प्राचीन है। यहाँ की मूलनायक प्रतिमा श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान की है। यह प्रतिमा बहुत ही भव्य, चित्ताकर्षक एवं चमत्कारी है। यहाँ प्रतिवर्ष मनौती मनाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहाँ का वार्षिक मेला फाल्गुन शुक्ल 8 से 10 को लगता है। आसोज कृष्णा एकको जलयात्रा आयोजित होती है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र हस्तिनापुर - 80 कि.मी., बरनाँवा - 45 कि.मी., वहलना - 100 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  13. अतिशय क्षेत्र शिरड शहापुर महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 मल्लिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, मु.-पोस्ट - शिरड़ शहापुर, तहसील - औंढा (नागनाथ), जिला - हिंगोली (महाराष्ट्र) पिन-431705 टेलीफोन - क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 16, कमरे (बिना बाथरूम) - 6, हाल - 1, (यात्री क्षमता - 10०), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - हाईस्कूल व कॉलेज है एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - चोंडी - 5 कि.मी. बसमतनगर - 22 कि.मी. बस स्टेण्ड - शिरड़ शहापुर - एस.टी. बस भी उपलब्ध है। पहुँचने का सरलतम मार्ग - मुम्बई - हैदराबाद राजमार्ग पर व्हाया औरंगाबाद औढा (नागनाथ) से 13 कि.मी.- बस मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - बसमतनगर - 22 कि.मी., ओंढा (नागनाथ) - 13 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 मल्लिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, शिरड शहापुर अध्यक्ष - श्री तेजकुमार मूलचन्द झांझरी (02456 - 260029) श्री नागोराव अम्बादास राव भाद्रप (02454 - 248066) प्रबन्धक - श्री मधुकर राव दिनानाथ घोंगडे (02454 - 248019) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : आसना नदी के तट पर स्थित यह अतिशय क्षेत्र भगवान मल्लिनाथ को समर्पित है। यहाँ भट्टारक देवेन्द्रकीर्तिजी की नसियां है। दूर - दूर से लोग मनौती पूरी करने हेतु आते हैं। मंदिरजी की 6 एकड़ जमीन है। विशेष जानकारी : भगवान मल्लिनाथ एवं शांतिनाथ की पद्मासन सातिशय प्रतिमाएँ हैं। वार्षिक मेला : फाल्गुन शु. ग्यारस, भ. मल्लिनाथ जयंति समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : शिरपुर - 70 कि.मी., आसेगांव - 29 कि.मी., व्हाया बसमतनगर नागनाथ ज्योतिर्लिंग - 14 कि.मी., नवागढ़ व्हाया भीधारा - 55 कि.मी., नेमगिरि जितूर - 60 कि.मी., औंढा (नागनाथ) - 13 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  14. कल्याणक क्षेत्र अयोध्या नाम एवं पता - श्री ऋषभदेव दिगम्बर जैन मंदिर, अयोध्या, बड़ी मूर्ति, रायगंज,पो.-अयोध्या,जिला-फैजाबाद (उत्तरप्रदेश) पिन-224 123 टेलीफोन - 05278 - 232308, 07376879723, 094505 23104 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 50 कमरे (बिना बाथरूम) - 20, हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100) गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. भोजनशाला - है, नियमित, सशुल्क। पुस्तकालय - है। विद्यालय - है (गुरूकुल) एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - अयोध्या - 1 कि.मी., सभी रेलगाड़ियाँ रूकती हैं। बस स्टेण्ड - अयोध्या नया घाट - 2 कि.मी., बस सुविधा उपलब्ध पहुँचने का सरलतम मार्ग - लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, गोरखपुर होकर फैजाबाद स्टेशन से 6 कि.मी. अयोध्या है। निकटतम प्रमुख नगर - बनारस - 200 कि.मी., लखनऊ - 135 कि.मी., कानपुर - 210 कि.मी., इलाहाबाद - 165 कि.मी., गोरखपुर - 130 कि.मी. । प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन अयोध्या तीर्थक्षेत्र कमेटी अध्यक्ष - स्वस्तिश्री पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी (01233 - 292943, 280184, 09412708203) महामंत्री - श्री सरोजकुमार जैन, तहसील - फतेहपुर (बाराबंकी) (05240-245575,094500 55039) प्रबन्धक - श्री चन्दरकुमार जैन (073768 79723) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 3+ कटरा मंदिर एवं तीर्थंकर भगवन्तों की टोंक, कुल मंदिर - 10 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के गर्भ, जन्म कल्याणक व चार अन्य तीर्थंकरों - भगवान अजितनाथ, भगवान अभिनन्दननाथ,भगवान सुमतिनाथ तथा भगवान अनंतनाथजी के गर्भ, जन्म, दीक्षा व केवलज्ञान कल्याणक की पावन नगरी अयोध्या है। इस प्रकार यहाँ कुल 18 कल्याणक हुए हैं। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री रामचन्द्रजी ने भी यहीं जन्म लिया। आचार्यरत्न श्री देशभूषणजी महाराज की प्रेरणा से रायगंज में 31 फुट ऊँची उत्तुंग विशाल मूर्ति की स्थापना सन् 1965 में कराई गई थी। इस परिसर का जीर्णोद्धार एवं विकास, 2 नवीन मन्दिर निर्माण, आवासीय व्यवस्थाओं के अलावा प्राचीन टोंकों का जीर्णोद्धार तथा ऋषभदेव उद्यान का निर्माण गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से 1993-94 में किया गया तथा माताजी की प्रेरणा से भगवान ऋषभदेव मंदिर का भी निर्माण किया गया। वार्षिक मेले - ऋषभदेव-जन्मजयन्ति, चैत्र कृ. 9 वार्षिक मेला समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र रत्नपुरी - 30 कि.मी., श्रावस्ती - 110 कि.मी., त्रिलोकपुर - 130 कि.मी., वाराणसी - 200 कि.मी., काकन्दी - 200 कि.मी.।। आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  15. अतिशय क्षेत्र सावरगाँव (काटी) महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, सावरगाँव (काटी) तहसील - तुलजापुर, जिला - उस्मानाबाद (महाराष्ट्र) पिन - 413624 टेलीफोन - 094235 75 108 Email - atishayakshetrasawargaon@gmail.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 14, हाल - 2, (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाऊस - X, यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - नि:शुल्क, अनुरोध पर औषधालय - है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - सोलापुर - 35 कि.मी. बस स्टेण्ड - क्षेत्र पर बस की सुविधा है। पहुँचने का सरलतम मार्ग - सोलापुर एवं तुलजापुर से सुरतगांव होकर बस सेवा उपलब्ध निकटतम प्रमुख नगर - सोलापुर - 35 कि.मी., तुलजापुर - 35 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री पार्श्वनाथ दि. जैन मन्दिर ट्रस्ट, सावरगाँव अध्यक्ष - श्री ब.डा. हर्षवर्धन कस्तूरचंद मेहता (09422073448) मंत्री - एवं प्रबन्धक - श्री पद्मकुमार, रमेशचन्द मेहता, सोलापुर (09890695120) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यह अतिशय क्षेत्र 1100 वर्ष पुराना है। यहां का मंदिर हेमा डंपती अहिंसा का प्रतीक यहाँ आज भी उपलब्ध है। श्रावण सुदी एकम् से पंचमी तक सांप, बिच्छू, छिपकली आदि बैरभाव के जीव साथ-साथ खेलते पाये जाते हैं। उस समय बड़ा जुलूस होता है। यह इस क्षेत्र का महान अतिशय है। क्षेत्र पर भगवान पार्श्वनाथ की मनोज्ञ चतुर्थकालिक प्रतिमा है। 108 आनन्दसागरजी महाराज की सल्लेखना भूमि है। वार्षिक मेला : श्री भगवान पार्श्वनाथ के जन्मकल्याणक पर मार्गशीर्ष 11 (पोष वद - 11) समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : कुंथलगिरि - 100 कि.मी., आष्टा (कासार) -70 कि.मी., कोंडी - 35 कि.मी. तेरु -65 कि.मी., बिजापुर - 135 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  16. अतिशय क्षेत्र रामटेक महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, रामटेक जिला - नागपुर (महाराष्ट्र) पिन - 441106 टेलीफोन - 07114 - 255117, 202177 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 37, कमरे (बिना बाथरूम) - 60, हाल - 3, (यात्री क्षमता - 200), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 700. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - रामटेक -5 कि.मी. बस स्टेण्ड - रामटेक - 3 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रामटेक रेल्वे स्टेशन व बस स्टेण्ड से ऑटो-रिक्शा उपलब्ध निकटतम प्रमुख नगर - नागपुर - 45 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन परवार मन्दिर ट्रस्ट, परवारपुरा, इतवारी नागपुर - 440 002 (0712 - 2764379,2779887) अध्यक्ष - श्री भिकनचन्दजी पन्नालालजी जैन (0712-2776156,2737271) मंत्री - श्री महेन्द्र धरमचन्दजी देवड़िया (0712-2731121, 09822061288) प्रबन्धक - श्री अनिल चुन्नीलाल जैन (0712-2731039, 093731 06099) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 09 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : भगवान शांतिनाथ की लगभग 13 फुट 5 इंच ऊँची पीले पाषाण की खड्गासन अति मनोज्ञ प्रतिमा चौथे काल की है। जनश्रुति है कि इस स्थान पर श्री रामचन्द्रजी का आगमन हुआ था। इसके सुरम्य वनों का वर्णन महाकवि कालिदास के मेघदूत में मिलता है। वार्षिक मेला : कार्तिक सुदी 13 से 15 तक भरता है। इस अवसर पर रथ - यात्रा निकलती है। विशेष जानकारी : संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज की प्रेरणा से एकचौबीसी एवं पंच बालयति मन्दिर का निर्माण कार्य चालू है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - बाजारगांव - 85 कि.मी., भातकुली जैन - 230 कि.मी., कामठी - 35 कि.मी., सिवनी - 90 कि.मी., मढ़ियाजी (जबलपुर) - 240 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  17. अतिशय क्षेत्र पोदनपुर (बोरीवली) महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री आचार्य शान्तिसागर स्मारक, श्री 1008 आदिनाथ बाहुबली दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट, तीनमूर्ति, पोदनपुर टाटा पावर हाऊस के पास, बोरीवली (पूर्व),मुम्बई (महा.) पिन - 400066 टेलीफोन - 022 - 28862138,28862790 बोरीवली (प.) मंदिर - 28932279 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 15, कमरे (बिना बाथरूम) - 20, हाल -2, (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200. भोजनशाला नियमित, सशुल्क औषधालय नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बोरीवली - 4 कि.मी. बस स्टेण्ड बोरीवली - 4 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - बोरीवली स्टेशन पूर्व (प्रात: 5.30 से रात्रि 11.30 बजे तक) से सिटी बस क्र. 299 टाटा पावरहाऊस तक आती है। ऑटोरिक्शा, टेक्सी, इत्यादि उपलब्ध निकटतम प्रमुख नगर - महानगर मुम्बई (लोकल ट्रेन) (पश्चिम रेलवे) प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री आचार्य शांतिसागर स्मारक ट्रस्ट बोरीवली महामंत्री - सरदार श्री चन्दुलाल हीराचन्द शाह (022 - 24930310) प्रबन्धक - श्री मनोहर भाई जैन (022 - 28862138, 28862790) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 एवं बोरीवली (प.) में 1 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ भगवान आदिनाथजी की 31 फुट ऊँची मूर्ति है व उसके दोनों ओर भरत चक्रवर्ती व भगवान बाहुबलीजी की 28-28 फुट की उत्तुंग मूर्ति हैं। इन मूर्तियों के पृष्ठ भाग में 24 वेदियाँ में 24 तीर्थंकरों की दर्शनीय मूर्तियाँ हैं व कई आचार्यों के चरण विराजमान हैं। 51 फुट ऊँचा भव्य मानस्तम्भ एवं नीचे श्री 1008 चन्द्रप्रभु भगवान का जिनालय है। परमपूज्य युग प्रवर्तक चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री 108 शांतिसागर जी महाराज की छत्री एवं उनके शिष्य पोदनपुर के प्रेरणा स्रोत चारित्र चूड़ामणि पूज्य आचार्य श्री 108 नेमीसागर जी महाराज की छत्री एवं मूर्ति विराजमान है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - गजपंथा (नासिक) - 200 कि.मी., कुम्भोज बाहुबली - 400 कि.मी., महुवा पार्श्वनाथ - 200 कि.मी., कुंथुगिरि - 400 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  18. अतिशय क्षेत्र पैठण (प्रतिष्ठानपुर) महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पैठण जैनपुरा, पोस्ट एवं तहसील-पैठण, जिला-औरंगाबाद (महाराष्ट्र) पिन - 431107 टेलीफोन - 02431-223149, 09226576897, 09404000418, 09763146623 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - ए.सी. कमरे (अटैच बाथरूम) - 11, कमरे (बिना बाथरूम) - 5 एक ए.सी. हॉल, 0ए.सी. कमरे - 15 हाल - 3, (यात्री क्षमता-60+100+100), गेस्ट हाऊस-X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 400. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - जैन इंग्लिश स्कूल एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - औरंगाबाद - 50 कि.मी. बस स्टेण्ड - एस.टी. स्टेण्ड, पैठण पहुँचने का सरलतम मार्ग - अहमदनगर से बस द्वारा 100 कि.मी. औरंगाबाद से बस द्वारा 50 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - औरंगाबाद - 50 कि.मी., अहमदनगर - 100 कि.मी., बीड़ - 100 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, पैठण अध्यक्ष - श्री महावीरकुमार कँवरलाल बड़जात्या (0241 - 2421981, 09823024011) मंत्री - श्री विलाश मिश्रीलाल पहाड़े पैठण, (02431-223937, 09422204497) प्रबन्धक - श्री राजेश जैन सिंघई (02431-223149, 092265-76897) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : भगवान मुनिसुव्रतनाथ की अर्द्धपद्मासन साढे तीन फुट ऊँची मूलनायक प्रतिमा के अतिरिक्त 50 मूर्तियाँ हैं। प्रत्येक शनि अमावस्या को यात्रा एवं महामस्तकाभिषेक होता है। यहाँ अनेक प्रकार की चमत्कारिक घटनायें होती रहती हैं। यह प्रतिमा चतुर्थ कालीन होकर राजा खरदूषण द्वारा रेती से निर्मित है। विशेष जानकारी : यहाँ का बगीचा (संत ज्ञानेश्वर उद्यान) एवं बाँध दर्शनीय हैं। पैठण पर्यटन केन्द्र बन गया है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : एलोरा - 80 किमी., कचनेर - 35 कि.मी., जटवाड़ा - 62 कि.मी., पांचालेश्वर - 32 कि.मी., कुंथलगिरि - 150 कि.मी., जिन्तूर-180 कि.मी., भानस हेवरा - 55 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  19. अतिशय क्षेत्र अहिच्छत्र पाश्र्वनाथ नाम एवं पता - श्री अहिच्छत्र पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थक्षेत्र दि. जैन मन्दिर, अहिच्छत्र पार्श्वनाथ ग्राम-रामनगर किला, तहसील - आंवला, जिला - बरेली (उत्तरप्रदेश) पिन - 243 303 टेलीफोन - 05824-236410, 90126 80487, 95680 04800 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)-200, कमरे (बिना बाथरूम) -70, हाल - 7, (यात्री क्षमता-500) ए.सी. कमरे - 22 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 2000. भोजनशाला - है, नियमित, सशुल्क औषधालय - है पुस्तकालय - है। विद्यालय - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - रेवती बहोड़ा खेड़ा- 6 कि.मी. बस स्टेण्ड - आंवला-14 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - बरेली से आंवला होकर रामनगर अहिच्छत्र के लिये बस द्वारा या दिल्ली से हापुड़, गजरोला, पाकबड़ा, कुन्दरकी, बिलारी, शाहबाद, टांडा, अहिच्छत्रपाश्र्वनाथ रामनगर किला है। निकटतम प्रमुख नगर - बरेली-55 कि.मी., बदायूँ-40 कि.मी., रामपुर-60 कि.मी., मुरादाबाद-75 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री अहिच्छत्र पाश्र्वनाथ अतिशय तीर्थक्षेत्र दिगम्बर जैन समिति अध्यक्ष - श्री विनोद बिहारी जैन, रामपुर (098377 88540) मुख्यमंत्री - श्री अखिलेश कुमार जैन, रामपुर (098370 24885) प्रबन्धक - श्री ओमप्रकाश सोलंकी (095680 04800) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 03 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - भगवान पार्श्वनाथ मुनि अवस्था में इस क्षेत्र में तपस्या में लीन हुए। कमठ ने घोर उपसर्ग किया। धरणेन्द्र और पद्मावती ने अपने नागफण मंडल रूप छत्र लगाकर उपसर्ग दूर किया। क्षेत्र पर गणिनी ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से भारत की सर्वश्रेष्ठ तीस चौबीसी बनी है। पद्मावती एवं धरणेन्द्र की 7'-7' की विशाल मूर्तियाँ प्रतिष्ठित हैं।7'/' आकार की विशाल पद्मासन चौबीसी भी निर्माणाधीन है।थीम पार्क दर्शनीय है। वार्षिक मेले - चैत्रकृष्ण अष्टमी से द्वादशी, श्रावण शुक्ल सप्तमी, पोषकृष्ण एकादशी विशेष - यहाँ पर एक कुएँ के जल को पीने से अनेक रोग नष्ट हो जाते हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र हस्तिनापुर - 225 कि.मी., बड़ागाँव - 190 कि.मी., अयोध्या - 425 कि.मी., महलका - 170 कि.मी., कम्पिलजी - 200 कि.मी., सिंधोली - 250 कि.मी. शोरीपुर - बटेश्वर - 200 कि.मी., पदमांचल बदायूं - 45 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  20. सिद्ध क्षेत्र अष्टापद कैलाश बद्रीनाथ नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, अष्टापद बद्रीनाथ (बांगड़ धर्मशाला के पीछे), ग्राम - बद्रीनाथ, जिला - चमोली (उत्तराखंड) - 246422 टेलीफोन - 01381 - 222334, 095847 96141 Email - mahaveertrust@rediffmail.com - Website - www.asthapadtirth.org, www.adinathnirvan.org क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 15, कमरे (बिना बाथरूम) - X, हाल - 2 (यात्री क्षमता - 75), गेस्ट हाऊस - 1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200 भोजनशाला - है, अनुरोध पर, सशुल्क आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - हरिद्वार - 320 कि.मी. बस स्टेण्ड - बद्रीनाथ धाम पहुँचने का सरलतम मार्ग - हरिद्वार, श्रीनगर एवं जोशी मठ से पहाड़ी मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - हरिद्वार - लगभग 320 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री आदिनाथ आध्यात्मिक अहिंसा फाउन्डेशन, इन्दौर अध्यक्ष - श्री प्रदीपकुमारसिंह कासलीवाल (09893030218) मंत्री - श्री ललितकुमार बड़जात्या (09425960104) प्रबन्धक - श्री जिनेन्द्र कुमार जैन (कचरू भाई) (07599173864) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01 क्षेत्र पर पहाड़ - क्षेत्र पहाड़ पर ही है। वाहन/बसें जाती है। ऐतिहासिकता - यह भगवान ऋषभदेव की साधना स्थली है। उन्होंने कैलाश पर्वत पर योग निरोध किया तथा कैलाश मार्ग से मोक्ष गमन किया था। प्राप्त प्रमाणों के आधार पर बद्रीनाथ में स्थापित भगवान ऋषभदेव के चरण अत्यन्त प्राचीन हैं, भारतीय सीमा का अंतिम गाँव ‘माना’ यहाँ से 3 कि.मी. पर है। कैलाश पर्वत इससे आगे है। निर्वाणभूमि के प्रतीक स्वरूप इस तीर्थ पर चरण चिन्ह की स्थापना की गई है। विशेष - मन्दिर एवं धर्मशाला अक्षय तृतीया से शरद पूर्णिमा तक खुली रहती है। शेष अवधि में हिमपात के कारण क्षेत्र का मार्ग एवं मन्दिर बन्द रहता है। क्षेत्र पर सर्वसुविधायुक्त अतिथिगृह बनाया गया है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र फूलों की घाटी, केदारनाथ, आईस रोप वे, जोशी मठ (ओली), गंगोत्री, यमुनोत्री, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल, जीन कार्बो पार्क व अन्य वैष्णव तीर्थ । इन्दौर कार्यालय - 63, एम.जी.रोड़, इन्दौर, फोन: 0731-2527483 आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  21. अतिशय क्षेत्र तिरूमलै नाम एवं पता - श्री क्षेत्र अरिहन्तगिरि दिगम्बर जैन मन्दिर, तिरूमलै, तहसील - पोलूर, जिला - तिरूवण्णामलै (तमिलनाडु) पिन - 606 907 टेलीफोन - 04181 - 244325, 97918 38809, 097867 13349, 093821 32278 email - asaetrust@gmail.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 10, कमरे (बिना बाथरूम) - 5, हाल - 3 (यात्री क्षमता - 160), गेस्ट हाऊस - 2 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250. भोजनशाला - है। औषधालय - है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - है, गुरुकुल भी है। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - काटपाड़ी - 55 कि.मी., चेन्नई - 155 कि.मी. बस स्टेण्ड - पोलूर - 14 कि.मी., आरणी - 24 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - पोलूर - आरणी मार्ग के मध्य वड़मादि मंगलम् कास से तिरूमलै 6 कि.मी. बस, टेक्सी, रिक्शा से पहुँच सकते हैं। निकटतम प्रमुख नगर - वेलूर-50 कि.मी., पाण्डिचेरी-100 कि.मी., तिरूपति-160 कि.मी., चेन्नई-155 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री क्षेत्र अरहन्तगिरि दि. जैन मैनेजमेन्ट ट्रस्ट अध्यक्ष - स्वस्ति श्री धवलकीर्ति भट्टारक स्वामीजी प्रमुख ट्रस्टी - श्री एम.के. जैन, चैन्नई मंत्री - श्री राजेन्द्र जैन (मजि.), एम.एल.ए. (04181-222104) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 04 क्षेत्र पर पहाड़ - है। 140 सीढ़ियाँ हैं एवं 335 मीटर उंचा है। ऐतिहासिकता - तिरूमलै को अर्हत्सुगिरि (अरहन्तों का पर्वत) कहते हैं। पर्वत पर शिखा मणिनाथ के नाम से प्रसिद्ध श्री नेमिनाथ भगवान की 18 फुट ऊँची प्रतिमा है। इस मूर्ति का अभिषेक लेकर गंधोदक लेने से अनेक रोग नष्ट हो जाते हैं, ऐसी मान्यता है। अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु के साथ 8000 मुनियों ने यहाँ तप, ध्यान, स्वाध्याय आदि किया था। यहाँ अति प्राचीन मुनि विहार गुफाएँ भी हैं तथा लगभग 100 ताड़पत्र के ग्रंथ हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र पोन्नूरमलै -43 कि.मी., मेलचित्तामूर -72 कि.मी., कांचीपुरम् -60 कि.मी., वल्लिमलै - 80 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  22. तपोभूमि | पौन्नूरमलै। नाम एवं पता - आचार्य कुन्दकुन्द जैन संस्कृति सेन्टर, पौन्नूरमलै अतिशय क्षेत्र ग्रा.-कुन्दकुन्दनगर तह.-वन्दावासी, पो.-वडावणक्कमवाड़ी जिला-तिरूवन्नमलै (तमिलनाडु) पिन - 604 505 टेलीफोन - 04183 - 291136, 094441 38289 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 08, तपोनिलयम में - 10, कमरे (बिना बाथरूम) - 06 हाल - 1 (यात्री क्षमता -25), गेस्ट हाऊस - 2 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. भोजनशाला - नियमित - निःशुल्क औषधालय - है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - है व्रती आश्रम - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं रेल्वे स्टेशन - तिरूवन्नमलै - 60 कि.मी., चेन्नई - 125 कि.मी., कांजीपुरम-50 कि.मी. बस स्टेण्ड - वन्दावासी-10 कि.मी., चितपेट-15 कि.मी. बस क्र 15बी, 148, 208,422, 130, 104 पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग - बस, कार, जीप द्वारा, यहाँ का बस स्टेण्ड पौन्नूर आई.टी.आई. या वन्दावासी होकर तिरुवल्लुवुर इंजीनियर कॉलेज से प्रसिद्ध है। निकटतम प्रमुख नगर - वन्दावासी - 8 कि.मी., चेन्नई - 125 कि.मी., तिरूवन्नमलय - 60 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था अध्यक्ष - श्री वसंतलाल एम. दोसी (०9820248383) कार्याध्यक्ष - श्री अनन्तराय सेठ (09867128508) महामंत्री - श्री सी.एस.पी. जैन (09444053510) प्रबंधक - श्री राजीवकुमार जैन (04183-291136) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 04 क्षेत्र पर पहाड़ - है। सीढ़ियाँ 333 हैं। ऐतिहासिकता - आचार्य कुन्दकुन्द स्वामी की यह तपोभूमि है, यहीं से वे विदेह क्षेत्र को गये थे। पहाड़ी पर आचार्यश्री की प्राचीन सातिशय चरण पादुकाएँ हैं। उनकी स्मृति में प्रति रविवार को पहाड़ पर यात्रा होती है। निर्धन छात्रों के लिये आवासीय स्कूल है। यहाँ की जलवायु स्वास्थ्यवर्द्धक है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र तिरूमलयनेमिनाथ पहाड़ी मन्दिर - 50 कि.मी., करन्डाई -50 कि.मी., चित्तमूर पार्श्वनाथ मंदिर-50 कि.मी.,कांचीपुरम-50 कि.मी., मेलसीतामुर-50 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  23. अतिशय क्षेत्र नेमगिरि, जिंतूर महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र नेमगिरि संस्थान, नेमगिरि, जिंतूर मेनरोड़, जिंतूर, जिला - परभणी (महाराष्ट्र) पिन - 431509 टेलीफोन - 09766720520 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 6, कमरे (बिना बाथरूम) - 18, हाल - 4, (यात्री क्षमता प्रत्येक - 50), गेस्ट हाऊस - 4 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. 4 ब्लॉक x3 रुम अन्य संस्था : श्री विघ्नहर नेमीनाथ गोशाला, नेमिगिरि भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - परभणी - 43 कि.मी. बस स्टेण्ड - जिंतूर - 3 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - जिंतूर सड़क मार्ग बायपास येलदरी रोड से नेमगिरि 4 व्हीलर के लिये शहर में से मेनरोड़ से नेमगिरि सीधा निकटतम प्रमुख नगर - परभणी - 43 कि.मी., औरंगाबाद- 160 कि.मी., नांदेड- 110 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र नेमगिरि संस्थान, जिंतूर अध्यक्ष - श्री मनोहर साहूजी कलमकर,(09422925466) महामंत्री - श्री वीरकुमार साहूजी कलमकर (02457-221564, 9766412500) सम्पर्क सूत्र - श्री धन्यकुमार सावजी कलमकर(02457-220123, 09403585548) प्रबन्धक - श्री बंसीलाल गोरे (09766720520) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 (कुल गुफाएँ - 7) क्षेत्र पर पहाड़ : 02 पहाड़ है। नेमगिरि पर वाहन जाते हैं, चन्द्रगिरि पर 250 सीढ़ियाँ है। ऐतिहासिकता : नेमगिरि व चन्द्रगिरि पर मंदिर एवं 7 गुफाएँ चक्रव्यूहाकार हैं। तीन नम्बर गुफा में भगवान शांतिनाथ की 6 फीट ऊँची पद्मासन प्रतिमा, चौथी गुफा में मूलनायक नेमिनाथ भगवान की सवा सात फीट ऊँची पद्मासन प्रतिमा एवं पांचवीं गुफा में पार्श्वनाथ भगवान की 9 टन वजन वाली 6 फीट ऊँची पद्मासन प्रतिमा भूमि से ऊपर अधर अंतरिक्ष में विराजित है। विशेष जानकारी : चन्द्रगिरि पर प्राचीन चौबीसी मन्दिर है। वार्षिक मेला : भाद्रपद कृष्ण पंचमी, भ.नेमिनाथ-जन्म कल्याणक, भ. पार्श्वनाथ-मोक्ष कल्याणक समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - नवागढ़ -60 कि.मी., आसेगांव-70 कि.मी., शिरड शहापुर -50 कि.मी. कचनेर-190 कि.मी., एलोरा-185 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  24. अतिशय क्षेत्र मेल चित्तामूर नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन जिन कांची मठ, मेलचित्तामूर, ता. टिडींवनम, जिला-विलुपुरम, तमिलनाडु - 604 206 टेलीफोन - 04145-235325, 09443153753, 09025514465, 09444294684 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 6, कमरे (बिना बाथरूम) - 4, हाल -3 (यात्री क्षमता - 100) गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 350, भोजनशाला - है। मार्गदर्शन - यहाँ आवास व्यवस्था जैन मठ में है। मंदिर एवं भट्टारकजी का निवास पास में है। यह स्थान छोटा कस्बा है, किन्तुमंदिर का प्रवेशद्वार - "गोपुर" दूर से दिखाई देता है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - टिंडीवनम बस स्टेण्ड - वल्लम, नाट्टर मगल (एन.एच.-66) निकटतम प्रमुख नगर - पौन्नूर-50 कि.मी., जिंजी-10 कि.मी. तथा टिंडीवनम-20 कि.मी., चैन्नई-150 कि.मी.। प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन जिन कांची मठ, मेलचित्तामुर अध्यक्ष - स्वस्ति श्री लक्ष्मी सेन भट्टारक स्वामीजी । मंत्री - श्री सी. समुत्रविजयन (09025514465) कोषाध्यक्ष - श्री जे. जयपाल जैन (0944294684) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 11 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - यह क्षेत्र तमिलनाडु में सर्वाधिक समृद्ध, विशाल एवं कलात्मक क्षेत्र है, जहाँ धातुओं की विशाल आकर्षक प्रतिमाएं है। प्राचीन भव्य सात मंजिला प्रवेश द्वारा ‘गोपुर में प्रवेश करने पर लम्बे-चौड़े अहाते में 5 मंदिर है-पार्श्वनाथ, नेमिनाथ एवं महावीर स्वामी मंदिर । सोलह पाषाण स्तंभों पर खड़ा 'अलंकार मंडप', धातु का ध्वज दंड, आकर्षक सहस्त्र दीपस्तंभ, विशाल हाथी द्वार आदि सभी दर्शनीय है। कलात्मक 'गोपुर' अन्यत्र किसी जैन मंदिर में नहीं है। मुख्य मंदिर के मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा अलौकिक एवं अद्वितीय है। काले पाषाण से निर्मित इस प्रतिमा के साथ चौबीसी भी है। साथ ही साथ पाषाण पर ही उत्कीर्ण अष्ट प्रातिहार्य आकर्षक है। पाषाण पर ही सिंहमुखी आसन पर श्रीजी विराजमान है। प्रतिमा के पिछले भाग पर श्रुत-स्कन्ध यंत्र अंकित है। मलईनाथ मंदिर, चट्टान पर बाहुबली, पाश्र्वनाथ और नेमिनाथ तथा धर्मदेवी की प्रतिमाएं उकेरी गई है। पांचवी सदी की रचना है, अब इसे मंदिर का रूप दे दिया गया है। जैन मठ में रत्नों की प्रतिमायें है तथा ताड़पत्रों पर ग्रंथों का शास्त्र भंडार है। पाश्र्व प्रभु पीठ सहित, रजत के हैं, ऐसी मूर्ति अन्यत्र नहीं है। विशेष - यहाँ जैन धर्म एवं संस्कृति को पाषाण पर विशाल स्तर पर दर्शाया गया है, जो अन्यत्र नहीं है। शिल्पकला इतनी आकर्षक है कि इस पर शोध किया जा सकता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र अर्हतगिर-90, कांचीपुरम-80 कि.मी., पौन्नुरमले-55 कि.मी., पांडिचेरी -60 कि.मी. वंदवासी, टिंडीवनम से बस का साधन है। आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  25. अतिशय क्षेत्र नवागढ़ (उखलद) महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 नेमिनाथ भगवान दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, नवागढ़ ग्राम-उखलद, पो./तह.-पिंपरी-(देशमुख), जिला-परभणी (महाराष्ट्र) पिन-431401 टेलीफोन - 02452-291671, 098506 55758 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 15, कमरे (बिना बाथरूम) - 64, हाल-3,(यात्री क्षमता-200+200+150), गेस्ट हाऊस-6 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - सशुल्क, नियमित पुस्तकालय - है, पुस्तकें-300, औषधालय - नहीं। नियमित पत्रिकाएँ - 10 विद्यालय गुरूकुल, हाईस्कूल है। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मरखेल - 3 कि.मी., परभणी - 20 कि.मी. बस स्टेण्ड - परभणी - 20 कि.मी., त्रिधारा -7 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल्वे, सड़क मार्ग से व्हाया परभणी निकटतम प्रमुख नगर परभणी - 18 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 नेमिनाथ भगवान दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, नवागढ़ अध्यक्ष - श्री माणिकचन्दजी विनायके (02451-222387, 09422192290) मंत्री - श्री माणिक राव तरटे, परभणी (02452 - 221065) प्रबन्धक - श्री अशोक सोनटक्के (09850655758) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03, आचार्य 108 आर्य नन्दी महाराज दर्शन स्थल स्मारक - 1 (प्रेक्षणीय) बगीचा क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : प्राचीनकाल में यह क्षेत्र 2 कि.मी. दूर पूर्णा नदी के तट पर बसा था। बाढ़ में मंदिर ढह गया, अतः सन् 1931 में यहाँ (नवागढ़) में मूर्तियाँ विधिवत स्थापित की गई जनश्रुति है कि नेमिनाथ की मूर्ति के चरणगुंष्ठ में पारसमणि थी। निज़ाम सरकार ने जब उसे लोभवश लेना चाहा तो वह स्वयं छिटक कर नदी में लुप्त हो गई। विशेष जानकारी : नेमिनाथ जन्मोत्सव श्रावण शुक्ल 6, रथोत्सव माघ शुक्ल 5 से 7 तक धूमधाम से मनाया जाता है। वात्सल्यमूर्ति परम पूज्य श्री 108 आचार्य आर्य नन्दी महाराज का समाधिमरण माघ शुक्ल 2 दिनांक 7 फरवरी, 2000 को इसी क्षेत्र पर हुआ । उनकी पावन स्मृति में 43'x43' आकार के भव्य स्मारक है। क्षेत्र पर संचालित गुरुकुल में संगणक - 15, कलरप्रिंटर -3, स्केनर आदि आधुनिक सुविधायें उपलब्ध हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - शिरड़शहापुर -50 कि.मी., नेमगिरि - 70 कि.मी., आसेगांव - 40 कि.मी., शेलगांव -50 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
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