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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. अतिशय क्षेत्र पचराई मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पचराईजी, अंतर्गत - श्री शांतिनाथ चौरासी दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट कार्यालय खनियांधाना, जिला - शिवपुरी (मध्यप्रदेश) पिन - 473990 टेलीफोन - मो.: 09926730232, 09926784422 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - उपलब्ध है, कमरे (बिना बाथरूम)-7 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 70), गेस्ट हाउस -४ यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200. भोजनशाला - नहीं (श्री नंदीश्वर जिन मंदिर खनियांधाना में सुविधा है) औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बसई - 60 कि.मी.(झाँसी-ललितपुर के मध्य) बस स्टेण्ड - पचराई - 300 मीटर पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग व्हाया खनियांधाना 20 कि.मी. अथवा अशोकनगर-60 कि.मी. खनियांधाम एवं ईसागढ़ - कदवाया होकर निकटतम प्रमुख नगर खनियांधाना - 20 कि.मी., अशोक नगर - 62 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री शांतिनाथ चौरासी दि. जैन मंदिर ट्रस्ट, खनियांधाना अध्यक्ष - श्री नाथूराम जैन कठराया (07497 - 235428) मंत्री - श्री ताराचन्द जैन सिंघई (07497 - 235670) प्रबन्धक - श्री सुनील जैन 'सरल' (09926730232) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 28 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ एक ही परकोटे में अतिशययुक्त 28 भव्य जिनालय हैं। मूलनायक भगवान शांतिनाथ, कुंथुनाथ एवं अरहनाथजी की दिव्य प्रतिमाओं सहित अनेक कलात्मक मूर्तियाँ हैं। 11 वीं, 12 वीं एवं 13 वीं शताब्दी में निर्मित ये मन्दिर श्रेष्ठ पाड़ाशाह की देन हैं। मन्दिरजी में विराजित सभी प्रतिमाएँ देशी पाषाण के हीरे के पालिश युक्त हैं जिनमें आज के ग्रेनाइट से भी ज्यादा चमक है। मेला एवं विमानोत्सव प्रतिवर्ष चैत्र बदी नवमी को होता है। गोलाकोट व पचराई की व्यवस्था एक ही ट्रस्ट के आधीन है। अन्य जानकारी : खनियांधाना में भव्य नन्दीश्वर मंदिर एवं 3 जैन मंदिर दर्शनीय है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - खनियांधाना-20 कि.मी., गोलाकोट-28 कि.मी., चंदेरी(खन्दारजी)- 70 कि.मी., थूबोनजी - 105 कि.मी., सेरोनजी - 90 कि.मी., पवाजी - 85 कि.मी., आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  2. अतिशय क्षेत्र/कला क्षेत्र नोहटा (आदीश्वरगिरि) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थक्षेत्र, आदीश्वरगिरि, नोहटा ग्राम-नोहटा, तहसील-जबेरा, जिला-दमोह (मध्यप्रदेश) पिन - 470 663 टेलीफोन - 078984 89110 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - निर्माणाधीन,कमरे (बिना बाथरूम) -7 हाल - 1-निर्माणाधीन (यात्री क्षमता-25), गेस्ट हाउस - शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. भोजनशाला - अनुरोध पर, सशुल्क औषधालय - ग्राम में सभी प्रकार के हैं पुस्तकालय - है-200 पुस्तकें उपलब्ध हैं। विद्यालय - विचाराधीन है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - दमोह - 23 कि.मी. बस स्टेण्ड - नोहटा - 1 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - दमोह - जबलपुर राजमार्ग क्र. 37 पर, दमोह से 23 कि.मी. एवं जबलपुर से 82 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - दमोह - 23 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय तीर्थक्षेत्र,आदीश्वरगिरि क्षेत्र समिति,नोहटा अध्यक्ष - श्री उमेश कुमार जैन (07606-257394, 09893674056) महामंत्री - श्री भागचन्द गांगरा (07606-257204) मंत्री - श्री खेमचन्द्र जैन (शिक्षक) व्यवस्थापक - श्री भालचन्द जैन (78984 89110) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 एवं ग्राम में 3, प्रस्तावित - 01 क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी है, पहुँच मार्ग सुगम है। सभी वाहन जाते हैं। मुख्य सड़क स्थित प्रवेश द्वारा से 1 कि.मी. दूरी पर है। ऐतिहासिकता : इस पवित्र ग्राम में नौ मढ़ा (पाषाण निर्मित) थे, नौ-हाट (बाजार) लगने से नोहटा पड़ा। यह क्षेत्र ब्यारमा एवं गौरैया सरिता संगम के तट की पहाड़ी पर स्थित है। इस क्षेत्र में स्थापित विभिन्न अतिशयकारी प्रतिमाएँ9वीं - 10 वीं शताब्दी से लेकर 21 वीं शताब्दी तक की हैं। भगवान आदिनाथ एवं चन्द्रप्रभ भगवान की भी प्राचीन मूर्तियाँ है। यहाँ मंदिर एवं मूर्तिकला का स्वर्णिम युग रहा है। यहाँ सन् 1989 को आचार्य विद्यासागरजी का अल्प प्रवास हुआ था। विरासत में मिली आदीश्वरगिरि शाश्वत भूमि है। क्षेत्र में अष्ट प्रातिहार्य युक्त प्रतिमाएँ हैं। भ, आदिनाथ (7 फुट -लाल पाषाण) व शिकाल चौबीसी जिनालय का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। देव दर्शन सदैव प्राप्त होते हैं। विशेष जानकारी : विश्व में प्रथम अष्ट जिन बिम्ब युक्त 'चैत्य स्तंभ’ भी है। अध्ययन व अन्वेषण का विषय है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - कुण्डलपुर (दमोह)-60 कि.मी., कोनीजी (पाटन)-65 कि.मी., बहोरीबन्द-70 कि.मी., मढ़ियाजी (जबलपुर) -85 कि.मी., पटेरियाजी (गढ़ाकोटा)-58 कि.मी., चौपड़ा-चंडी (दमोह) - 15 कि.मी., तेजोदय-तेजगढ़-16 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  3. अतिशय क्षेत्र निसईजी सूखा (पथरिया) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री तारण तरण अतिशय क्षेत्र, निसईंजी सूखा ग्राम-सूखा, तह. - पथरिया, जिला - दमोह (मध्यप्रदेश) पिन - 470666 टेलीफोन - 07746957551 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 3, कमरे (बिना बाथरूम) - 53 हाल - 2 (यात्री क्षमता - 200), गेस्ट हाउस -४ यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 600. भोजनशाला - निःशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - पथरिया से सूखा निसईजी -7 कि.मी., (बीना - कटनी रेलमार्ग) बस स्टेण्ड - बण्डा पथ पर हर घंटे बसें उपलब्ध है। पहुँचने का सरलतम मार्ग - पथरिया से हर घंटे पर बसें उपलब्ध हैं। निकटतम प्रमुख नगर - पथरिया -7 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 तारण तरण दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र निसईजी सूखा अध्यक्ष - श्रीमंत सेठ श्री प्रेमचंद जैन, सागर (09425171188) मंत्री - श्री महेन्द्र कुमार जैन, राजनाँदगांव (094252 40449) उपमंत्री - श्री सुरेशचन्द जैन प्रबन्धक - श्री संतोषकुमार जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यह तीर्थक्षेत्र 16वीं शताब्दी के महान आध्यात्मिक संत तारण तरण मंडलाचार्य की जैन दर्शन प्रचारस्थली है। यहाँ अष्टान्हिका पर्व पर वार्षिक मेला लगता है, जिसमें देश के विभिन्न स्थानों से विद्वान एवं त्यागीव्रती पधारतें हैं। यहाँ हमेशा कुछ न कुछ अतिशयकारी कार्य होते रहते हैं। पर्युषण पर्व पर प्रतिवर्ष आध्यात्मिक शिविर का आयोजन किया जाता है जिसमें देश के चोटी के विद्वानों द्वारा तत्व निर्णय एवं भेद विज्ञान की सूक्ष्म विवेचना मुमुक्षुओं के हितार्थ की जाती है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - कुण्डलपुर - 70 कि.मी., कोनीजी - 110 कि.मी., नैनागिरि - 115 कि.मी., पपौराजी - 105 कि.मी., खजुराहो - 175 कि.मी., मढियाजी - 140 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  4. देरोल-वाघेला अतिशय क्षेत्र नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन देवपुरी अतिशय क्षेत्र ट्रस्ट, देरोल-वाघेला ग्राम-देरोल-वाघेला, तह.- खेड्ब्रह्मा, जि.- साबरकांठा (गुजरात) पिन - 383275 टेलीफ़ोन - 02775 - 241136, 098258 83281 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 28 कमरे (बिना बाथरूम) - 10 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 70), ए.सी.कमरे - 20 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - है, नियमित - सशुल्क विद्यालय - नहीं औषधालय - है। पुस्तकालय -है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - खेड़ब्रह्मा -7 कि.मी., (रेल द्वारा अहमदाबाद से खेड्ब्रह्मा) बस स्टेण्ड - देरोल - वाघेला में बस आती है। पहुँचने का सरलतम मार्ग - खेड़ब्रह्मा-अहमदाबाद, ईडर-हिम्मतनगर मुख्य मार्ग है, बस एवं टेक्सी खेड़ब्रह्मा से उपलब्ध है। निकटतम प्रमुख नगर - खेड़ब्रह्मा - 7 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन देवपुरी अतिशय क्षेत्र ट्रस्ट, देरोल-वाघेला । अध्यक्ष - श्री मेहता नलिनकुमार वाडीलाल (079-25732557 (का.), (नि.) 27493197), (098250 15965) मंत्री - श्री सुनीलकुमार वाडीलाल मेहता (०98250 68055) मैनेजर - श्री दीपकभाई रावजी भाई मेसाणीया (098258 83281) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 03 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - खेड़ब्रह्मा तहसील से पूर्व दिशा में 6 कि.मी. की दूरी पर 'देरोल' ग्राम है, जो पूर्व में 'देवनगरी' या 'देवपुरी' के नाम से विख्यात रहा है। इसे अब 'देरोल' के नाम से जाना जाता है। वर्तमान में तीन जिनालय हैं। इनमें से एक श्वेताम्बर बन्धुओं के प्रबन्ध में है। शेष 2 की व्यवस्था दिगम्बर समाज करती है। चौथी शताब्दी की प्राचीन, कलात्मक भगवान श्री 1008 आदिनाथ की अतिशयकारी प्रतिमा मंदिर क्रमांक एक में है एवं दूसरे जिनालय में भगवान श्री 1008 पाश्र्वनाथ की अतिशयकारी मनोकामनापूर्ण करने वाली चमत्कारी प्रतिमा है। इन दोनों मन्दिरों में सभी प्रतिमायें दिगम्बर आम्नाय की हैं। मंदिर बावन जिनालय कोठरिया पर संवत् 1115 से 1135 लिखा है। स्थानीय लोग इसे 'लाखेणाना' मंदिर के नाम से जानते हैं। विशेष - भगवान पार्श्वनाथ से मन्नत मांगने पर एवं पूर्ण होने पर गुड़, नारियल एवं शक्कर का प्रसाद रखने पर वहां के लोगों को बाँट दिया जाता है। वार्षिक मेले - हर पूर्णिमा पर मेला लगने पर 2000 से अधिक लोग आते हैं एवं वर्ष में ज्येष्ठ सुदी 10वीं को बड़ा मेला लगता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र तारंगाजी - 65 कि.मी., चितामणि - पार्श्वनाथ - 55 कि.मी., ईडर - 30 कि.मी., भिलोड़ा -60 कि.मी. 29 आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  5. साधना तीर्थ चैतन्यधाम नाम एवं पता - चैतन्यधाम' नेशनल हाइवे नं. 8, धणप, जिला-गांधीनगर (गुज.)-382355 टेलीफोन - 079-23272222 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 100, कमरे (बिना बाथरूम) - X, हाल - 10, गेस्ट हाऊस - 02 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 700, अन्य - जिन मंदिर और स्वाध्याय हॉल भोजनशाला - हैं। विद्यालय - हैं। औषधालय - हैं। पुस्तकालय - X आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन अहमदाबाद - 35 कि.मी. बस स्टेण्ड अहमदाबाद - 35 कि.मी. पहुँचने का मोटा चिलोड़ा से हिम्मतनगर जाने वाली बस से, अहमदाबाद रेल्वे स्टेशन से ओर सरलतम मार्ग बस स्टेशन से अंबाजी, हिम्मतनगर जाने वाली बस में आ सकते हैं। निकटतम प्रमुख नगर - गांधीनगर - 17 कि.मी., अहमदाबाद - 35 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - पु श्री कु कु.धर्मरत्न पं. श्री बाबुभाई मेहता दिग. जैन संतसमागम पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष - श्री अमृतभाई सी. मेहता, अहमदाबाद (9428246773) मंत्री - श्री राजुभाई वी. शाह, अहमदाबाद (9825030606) मेला मंत्री - श्री प्रतिकभाई सी. शाह, अहमदाबाद (9825039266) प्रबन्धक - श्री एफ.एम.रावल, चैतन्यधाम, धणप (9924082323) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 1 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता आध्यात्म साधना तीर्थ 'चैतन्यधाम' का निर्माण सन् 2008 में स्वाध्याय एवं आत्मसाधना हेतु हुआ, यह दर्शनीय एवं ऐतिहासिक साधना तीर्थ है । श्री कुंदकुंद कहान स्वाध्याय भवन और उसके ऊपर विशाल श्री महावीर स्वामी जिन मंदिर का निर्माण किया गया है। भारत में पहली बार पंचधातु निर्मित पद्मासन 71' की श्री महावीर भगवान, 62' की श्री पार्श्वनाथ भगवान और श्री सीमंधर भगवान, 65' के खड्गासन श्री नेमिनाथ भगवान और शांतिनाथ भगवान एवं 9'' की पद्मासनश्री आदिनाथ भगवान और चंद्रप्रभु भगवान की जिनप्रतिमाएं धवलपाषाण निर्मित विशाल वेदी पर विराजमान हैं। मंदिर के ऊपरी भाग में अद्भुत कलायुक्त बंसीपहाड़पुर पत्थरों की वेदी पर धवलपाषाण निर्मित वर्तमान चौबीस तीर्थंकरों की प्रतिमाएं विराजमान हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र तारंगाजी - 150 कि.मी., चिंतामणि पार्श्वनाथ- 110 कि.मी., पावागढ - 175 कि.मी. सोनगढ़ -220 कि.मी. गिरनारजी - 365 कि.मी आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  6. अन्य क्षेत्र निंसईजी (मल्हारगढ़) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री तारण तरण दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र, निंसईजी पोस्ट-मल्हारगढ़, तहसील-मुंगावली, जिला अशोकनगर (मध्यप्रदेश) पिन-473 443 टेलीफोन - 099268 84083, 07548-272753 (मुंगावली धर्मशाला) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 100, कमरे (बिना बाथरूम) - 120 हाल - 9, गेस्ट हाउस -2 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 5000. भोजनशाला - नियमित, नि:शुल्क औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - उदासीन आश्रम एवं महिलाश्रम है एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मुंगावली - 15 कि.मी. (बीना - कोटा रेलमार्ग) बस स्टेण्ड - निंसईजी (मल्हारगढ़) पहुँचने का सरलतम मार्ग - बीना, गंजबासौदा, अशोकनगर, गुना, मुंगावली, कुरवाई, मण्डीबामोरा से बस सेवा उपलब्ध है। निकटतम प्रमुख नगर - मुंगावली - 15 कि.मी., बीना - 40 कि.मी., कुरवाई -20 कि.मी., मण्डीबामौरा - 30 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री तारण तरण दि. जैन तीर्थक्षेत्र, निंसईजी ट्रस्ट, मल्हारगढ़ अध्यक्ष - स.र, श्रीमंत सेठ प्रेमचंद जैन, सागर (07582 - 268069/268027) मंत्री - श्री रतनचन्द जैन, गंजबासौदा (07594 - 221089, 221189, 9826854788) प्रबन्धक - श्री रमेशचन्द्र जैन, निंसईजी (07548 - 274395) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 क्षेत्र पर पहाड़ : क्षेत्र पहाड़ पर ही है ऐतिहासिकता : श्री तारण तरण जैन समाज का सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ प्रतिवर्ष चैत्र वदी 8 से 11 तक फाग फूलना मेला आयोजित होता है, जिसमें 5 - 6 हजार धर्मावलम्बी पहुँचते हैं। जिले का प्रमुख दर्शनीय स्थल भी है। बेतवा नदी का सुरम्य तट है जिस पर पक्का घाट बना है। 16वीं सदी के दिगम्बर जैन आचार्य श्री तारण तरण मंडलाचार्य की समाधि स्थली होने से श्रद्धा का क्षेत्र है। पर्युषण पर्व पर बाल संस्कार शिविर, आध्यात्मिक शिविर आयोजित होता है। विशेष: श्री तारणतरण अध्यात्म प्रचार प्रसार योजना केन्द्र - तारण तरण श्री संघ साधना स्थल समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - चन्देरी - 40 कि.मी., थुबोनजी - 45 कि.मी., ललितपुर - 100 कि.मी., सूखाजी-90 कि.मी., सेमरखेड़ी - 100 कि.मी., आनन्दपुर -60 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  7. सिद्ध क्षेत्र नेमावर (सिद्धोदय) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन रेवातट सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र, नेमावर ग्राम-नेमावर, तहसील-खातेगांव, जिला-देवास (मध्यप्रदेश) पिन-455 339 टेलीफोन - 07274 - 277818, 277993, मो: 094253 45132 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - फ्लेट (अटैच बाथरूम) - 18, कॉटेज (बिना बाथरूम) - 36 हाल - 4(यात्री क्षमता - 20०), गेस्ट हाउस -निर्माणाधीन यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - सशुल्क औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - X एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है (नेमावर में) आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - हरदा - 22 कि.मी. बस स्टेण्ड - नेमावर - 1 कि.मी., खातेगाँव - 14 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग - नेमावर से आटो रिक्शा / टैक्सी निकटतम प्रमुख नगर - खातेगांव - 14 कि.मी.हरदा - 22 कि.मी., इन्दौर - 130 कि.मी., भोपाल - 150 कि.मी., खण्डवा - 135 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन रेवातट सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र ट्रस्ट, नेमावर अध्यक्ष - श्री सुन्दरलाल जैन (बीड़ीवाले),इन्दौर (0731-2530645,2536765) कार्याध्यक्ष - श्री संजय जैन-मैक्स,इन्दौर (09425053521) महामंत्री - श्री बी.एल. जैन, हरदा (07577 - 223203) मंत्री - श्री निर्मलकुमार पाटोदी, इंदौर (078699 17070) प्रचार मंत्री - श्री सतीष कासलीवाल,खातेगांव (09827800788) कोषाध्यक्ष - श्री महेन्द्रकुमार अजमेरा, हरदा (09993679938) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 2, त्रिकाल चौबीसी तथा पंच बालयति मंदिर निर्माणाधीन क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : रावण के पुत्र सहित साढे पाँच करोड़ मुनिराज इस स्थली से मोक्ष पधारें हैं। वर्तमान में पूज्य श्री सिद्धसागरजी महाराज ने सल्लेखना पूर्वक समाधि प्राप्त की। लाल पत्थरों से विशाल पंचबालयति मन्दिर एवं त्रिकाल चौबीसी जिनालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। इनमें अष्टधातु की खड्गासन भूत - वर्तमान -भविष्य की चौबीसी एवं पंच बालयति की प्रतिमाएँ विराजमान होना है। यहाँ गौशाला भी है। आचार्य श्री विद्यासागरजी की प्रेरणा से क्षेत्र का विकास व जनकल्याणकारी योजनाएँ चल रही हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सिद्धवरकूट - 160 कि.मी., गोम्मटगिरि - 140 कि.मी., भोजपुर - 165 कि.मी., मक्सी - 160 कि.मी., पुष्पगिरि - 100 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  8. सिद्ध क्षेत्र नैनागिरि (रेशंदीगिरि) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, रेशंदीगिरि (नैनागिरि) ग्राम-नैनागिरि, तहसील-बिजावर (सब - तहसील - बकस्वाहा) जिला - छतरपुर (मध्यप्रदेश) पिन-471318 टेलीफोन - 07583 - (का.) 280095 (नि.) 09407533103-104, 99179393104 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 30, (बिना बाथरूम) - 50 हाल - 7(यात्री क्षमता - 500), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. भोजनशाला - नियमित, सशुल्क पुस्तकालय - है, पुस्तकें-6000 एवं नियमित पत्रिकाएँ - 5 औषधालय - नहीं विद्यालय - है, व्रती/वृद्धाश्रम, छात्रावास भी है एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - सागर - 55 कि.मी. बस स्टेण्ड - दलपतपुर - 13 कि.मी., कटनी - दमोह से होकर व्हाया बकस्वाहा - 25 कि.मी., शाहगढ़ - 40 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - सागर, टीकमगढ,छतरपुर से सड़क मार्ग। सागर - बकस्वाहा, राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 86 पर स्थित दलपतपुर ग्राम से 13 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर दलपतपुर-13 कि.मी., बण्डा (वेलई)-25 कि.मी., बकस्वाहा-26 कि.मी., शाहगढ़ - 40 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन सिद्धक्षेत्र रेशंदगिरि नैनागिरि प्रबन्ध एवं ट्रस्ट समिति अध्यक्ष - श्री डेवडिया रघुवर प्रसादजी, शाहगढ़ (07583 - 259337) मंत्री - श्री सेठ दामोदरजी जैन, शाहगढ़ (07583 - 259344, 259225) प्रबन्धक - श्री आशीष जैन, शिखरचंद जैन, नैनागिरि (07583 - 280095) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 53 क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी पर 50 सीढ़ियाँ हैं। ऐतिहासिकता : लगभग 2900 वर्ष पूर्व भगवान पार्श्वनाथ का समवशरण यहाँ आया था, साथ ही पंच ऋषिराजों ने यहाँ से मोक्ष प्राप्त किया। खुदाई करने पर 13 जिन प्रतिमाओं से युक्त मन्दिर प्राप्त हुए थे। सर्वाधिक प्राचीन जिनालय ई. सन् 1042 का है। सन् 1955 - 56 में चौबीसी जिनालय की पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं 1987 में पाश्र्वनाथ समवशरण जिनालय की प्रतिष्ठा हुई। यहाँ 38 मन्दिर पहाड़ी पर, 13 मन्दिर तलहटी में, 2 मन्दिर पारस सरोवर में स्थित हैं। वार्षिक मेले या विशेष आयोजन की तिथियाँ: अगहन शुक्ल तेरस से पूर्णिमा तक वार्षिक मेला लगता है। इसके अलावा वर्ष में दो दिन विशेष कार्यक्रम होते हैं - सावन सुदी 7 श्री पार्श्वनाथ निर्वाण दिवस, कार्तिक बदी अमावस - भगवान महावीर निर्वाण दिवस। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - द्रोणगिरि - 80 कि.मी., पपौराजी - 102 कि.मी., अहारजी - 115 कि.मी., कुण्डलपुर - 120 कि.मी., खजुराहो - 168 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  9. सिद्ध क्षेत्र मुक्तागिरि (मेंढागिरि) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, मुक्तागिरि पोस्ट-थपोड़ा, तहसील-भैंसदेही, जिला-बैतूल (मध्यप्रदेश)पिन - 460220 टेलीफोन - 07223 - 202146, 202147, 093253-89573 www.muktagiri.org क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 54, (बिना बाथरूम) - 35 छोटा हाल (अटैच बाथरूम) - 6 हॉल-1,डीलक्स (एयरकुल्ड)-16 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. भोजनशाला - है - सशुल्क औषधालय - है पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं। एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बैतूल - 100 कि.मी., आकोट - 75 कि.मी. बस स्टेण्ड - परतवाड़ा - 14 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - दिल्ली - चेन्नई मार्ग से आने वाले बैतूल स्टेशन पर उतरें, बैतूल व अमरावती से परतवाड़ा बस द्वारा। परतवाड़ा से मुक्तागिरि थ्री - व्हीलर भी चलते हैं। जयपुर - इंदौर से आने वाले आकोट, मुम्बई - कलकत्ता से आने वाले - बडनेरा उतरें। निकटतम प्रमुख नगर - परतवाड़ा - 14 कि.मी. अमरावती - 65 कि.मी., इन्दौर-380 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र मुक्तागिरि कमेटी अध्यक्ष - श्री अतुलकुमार कलमकर, अमरावती (0721 - 2672248) ट्रस्टी - श्री रवीन्द्रकुमार बड़जात्या, इन्दौर (0731 - 3298037) श्री प्रसाद संगई, अंजनगांव सुर्जी (07224- 242145) श्री अशोककुमार चंवरे, कारंजा (लाड़) (07256 - 223099) श्री वसन्त भाई दोशी, मुम्बई (022-22068212) प्रबन्धक - श्री नेमीचन्द महाजन जैन, मुक्तागिरि (07223 - 202146) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : पहाड़ पर 52 + तलहटीपर 2 क्षेत्र पर पहाड़ : है -250 सीढ़ियाँ हैं। ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र से साढ़े तीन करोड़ मुनि निर्वाण को प्राप्त हुए थे। पाश्र्वनाथजी का पहला मन्दिर शिल्प कला का सुन्दर उदाहरण है, प्रतिमा सप्तफ़णमण्डित एवं प्राचीन है। जनश्रुति के अनुसार यहाँ पर हर अष्टमी, चौदस एवं पूर्णिमा को केसर-चंदन की वर्षा होती है, अधिकांश मन्दिर 16 वीं शताब्दी अथवा उसके बाद के बने हुए हैं। मन्दिर क्रमांक 10 मेंढागिरि के नाम से प्रसिद्ध है, जो पहाड़ी के गर्भ में खुदा हुआ अति प्राचीन मन्दिर है। इसकी नक्काशी, स्तम्भों व छत की अपूर्व रचना दर्शनीय है। भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा अति मनोज्ञ है। यहाँ एक रमणीय जल प्रपात है। कार्तिक पूर्णिमा को मेला व रथयात्रा का आयोजन होता है। विशेष जानकारी : यहाँ पर भगवान शीतलनाथ जी का समवशरण आया था। मोतियों की वर्षा होने से मुक्तागिरि नाम पड़ा। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - भातकुली जैन - 80 कि.मी., कारंजा (लाड़)- 140 कि.मी., रामटेक-265 कि.मी. शिरपूर अंतरिक्ष - पार्श्वनाथ - 230 कि.मी., कारंजा से सिरपुर - 100 कि.मी., नेमगिरि (जितूर) - 350 कि.मी., चिखलदरा (हिल स्टेशन) - 65 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  10. अतिशय क्षेत्र मानतुंगगिरि (धार) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन मानतुंगगिरि तीर्थक्षेत्र, आमखेड़ा जिला - धार (मध्यप्रदेश) पिन - 454001 टेलीफोन - 07292 - 233400, 09424580671 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 12,(बिना बाथरूम) - 7 हाल -1, गेस्ट हाउस - ४ यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. भोजनशाला - है सशुल्क, अनुरोध पर - संत सदन एवं प्रवचन हॉल औषधालय - निर्माणाधीन पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं । एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - इन्दौर-67 कि.मी., रतलाम-80 कि.मी., मेघनगर -110 कि.मी. बस स्टेण्ड - धार - 3 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - इन्दौर - अहमदाबाद तिरला रोड़ (आमखेड़ा), धार से बसें उपलबध रहती हैं। निकटतम प्रमुख नगर - धार - 3 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र, मानतुंगगिरि अध्यक्ष - श्री अशोक जैन कासलीवाल (094248-22478) महामंत्री - श्री राजेश बड़जात्या (09827209110) प्रबन्धक - श्री बसंत जैन (07292-233400, 09424580671) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 3-पूर्ण विकसित मार्बलीकरण एवं कांच का कार्य क्षेत्र पर पहाड़ : है। 108 सीढ़ियाँ है। ऐतिहासिकता : राजा भोज के शासनकाल में मानतुंगाचार्य द्वारा धार नगरी में भक्तामर स्तोत्र की रचना, उपसर्ग को दूर करने एवं जैन धर्म की महत्ता निरूपित करने हेतु की गई थी। उनकी स्मृति में आचार्य श्री भरतसागरजी (गुजरात केसरी) महाराज से प्रेरणा पाकर समाज द्वारा मानतुंगगिरि का निर्माण सम्पन्न कराया गया है। क्षेत्र का विकास कार्य जारी है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - चमत्कारिक क्षेत्र आहूजी - 13 कि.मी., बावनगजा - 110 कि.मी., गोम्मटगिरि-64 कि.मी., बनेड़िया-70 कि.मी., अतिशय क्षेत्र-कागदीपुरा-22 कि.मी. अन्य दर्शनीय एवं एतिहासिक स्थल -धार किला, भोजशाला, फड़के स्टूडियो, पुरातत्त्व संग्रहालय, दि. जैन शांतिनाथ मंदिर, मोहनखेड़ा (श्वे.जैन) तीर्थक्षेत्र (राजगढ़) - 45 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  11. अतिशय क्षेत्र मनहरदेव मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 शांतिनाथ मनहरदेव दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, मनहरदेव ग्राम - करहिया, तहसील -भितरवार, जिला - ग्वालियर (मध्यप्रदेश) पिन - 475 220 सम्पर्क : श्री पदमकुमार जैन, ग्राम करहिया, ग्वालियर टेलीफोन - 096303 89083, 09893103295 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, (बिना बाथरूम) - X हाल - X, गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - X. भोजनशाला - नहीं औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - प्राथमिक शाला एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ग्वालियर - 50 कि.मी. बस स्टेण्ड - करहिया पहुँचने का सरलतम मार्ग - ग्वालियर, डबरा, भितरवार से प्रायवेट बस सुविधा उपलब्ध है। (कच्चा मार्ग) निकटतम प्रमुख नगर - ग्वालियर - 50 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशयक्षेत्र मनहरदेव प्रबन्धकारिणी समिति, करहिया अध्यक्ष - श्री रोशनलाल जैन, करहिया (09753004343) मंत्री - श्री पदमकुमार जैन,कुलैथवाले,करहिया (09893103295) सहमंत्री - श्री राजकुमार जैन (075250-285624) प्रबन्धक - श्री पदमकुमार जैन (09891 03295, 09630389083) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : पहाड़ी पर 1 एवं तहलटी में 2 (7 मंदिर) क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी है, 25 सीढियाँ बन गई है । 100 सीढ़ियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ऐतिहासिकता : यहाँ 11 वीं-12वीं शताब्दी की बहुत तथा अन्य पुरातत्त्व सामग्री विपुल मात्रा में बिखरी पड़ी है। मन्दिरजी में 4.5 मीटर ऊँची अतिशय सम्पन्न प्रतिमा भगवान शांतिनाथजी की विराजमान है। 5000 फीट की ऊँचाई पर 1008 भगवान मुनि सुव्रतनाथ एवं शासनदेवी की प्रतिमा (2'/ फीट) पहाड़ी पर विराजमान है। क्षेत्रपालजी का मंदिर भी है। कुँए का पानी चमत्कारी है। मेला एवं तिथि : चैतबदी -9 समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सोनागिरि - 65 कि.मी., गोपाचल पर्वत (ग्वालियर) - 55 कि.मी., करहिया-6 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  12. अतिशय क्षेत्रमंगलगिरि (सागर) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, मंगलगिरि धर्मश्री अम्बेडकर वार्ड, सागर (मध्यप्रदेश) पिन - 470001 टेलीफोन - 09302377716, 09179734669 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 9, (बिना बाथरूम) - 12 हाल - 2, गेस्ट हाउस - 1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200. भोजनशाला - नहीं औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - सागर - 2 कि.मी. बस स्टेण्ड - सागर - 2 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क व रेलमार्ग द्वारा निकटतम प्रमुख नगर - सागर - 2 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री स्याद्वाद शिक्षण परिषद ट्रस्ट (रजि.), सागर अध्यक्ष - श्री चौधरी जयकुमार जैन (09993253759, 07582 - 223718,) मंत्री - श्री नेमचन्द जैन (09302377716, 08305918215) प्रबन्धक - श्री मन्नूलाल (091797-34669) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 क्षेत्र पर पहाड़ : है (वाहन पहाड़ पर जाते हैं) सीढ़ियाँ नहीं सड़क है। ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र पर भगवान महावीर की 11'/, फीट ऊँची खड्गासन 9 टन पीतल की विश्व की प्रथम मूर्ति है। यह मूर्ति मनोहारी एवं चमत्कारिक है। मन्दिर के शिखर की ऊँचाई भूतल से 111 फीट है। क्षेत्र पर भगवान पार्श्वनाथ का अद्वितीय कांच का मंदिर स्थित है। क्षेत्र की 36 एकड़ भूमि पर स्कूल, औषधालय, वृद्धाश्रम, चौबीसी मन्दिर, मानस्तम्भ, धर्मशाला आदि निर्माणाधीन हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - रहली पटनागंज - 42 कि.मी., नैनागिरि - 55 कि.मी., बीना बारहा (देवरी) - 70 कि.मी., कुण्डलपुर (दमोह) - 118 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  13. अतिशय क्षेत्र मक्सी पार्श्वनाथ मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, मक्सी पार्श्वनाथ ग्राम - मक्सी, तहसील/जिला - शाजापुर (मध्यप्रदेश) पिन - 465106 टेलीफोन - 07363 - 233028, मो : 09893473517 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 6, (बिना बाथरूम) 12 हाल - 4 (यात्री क्षमता - 60), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - है (गांव में) पुस्तकालय - है। विद्यालय - है (गुरूकुल) एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मक्सी -1 कि.मी. बस स्टेण्ड - मक्सी पहुँचने का सरलतम मार्ग - इन्दौर, उज्जैन, शाजापुर, गुना से सीधी बस सेवा उपलब्ध है। निकटतम प्रमुख नगर - देवास - 35 कि.मी., उज्जैन - 40 कि.मी., इन्दौर - 70 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र मक्सीजी प्रबन्धकारिणी समिति अध्यक्ष - श्री प्रदीपकुमार सिंह कासलीवाल (098930 30218) महामंत्री - श्री राजकुमार पाटोदी (0731-2700702, 098260 47707) अति. महामंत्री - श्री कमलेश कासलीवाल (098260 88870) प्रबन्धक - श्री योगेन्द्रकुमार जैन (08982961343) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र दिगम्बर/श्वेताम्बर दोनों समुदायों द्वारा मान्य है। मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ है। जिनकी दिगम्बर लोग प्रातः 6 से 9 बजे तक पूजन करते हैं। दर्शन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। मंदिर के चारों ओर 52 देवरियाँ हैं। क्षेत्र पर एक मन्दिर भगवान सुपार्श्वनाथ का है जो दिगम्बर समाज के अधीन है। इसे छोटा मन्दिरजी कहते हैं। विगत वर्ष इस मंदिर का जीर्णोद्धार एवं विकास कर भव्य रूप प्रदान किया गया है। जनश्रुति है कि बादशाह हुमायूँ ने ससैन्य इस मन्दिर को नष्ट करना चाहा तो ऐसा करने वाले अन्धे हो गये। बादशाह ने क्षमा याचना की, तब ही सैनिक सुरक्षित वापस हुए। वार्षिक मेला : रंगपंचमी पर समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - पुष्पगिरि-65 कि.मी.,उज्जैन- 40कि.मी., बनेड़िया-80कि.मी., गोम्मटगिरि-80कि.मी., नेमावर- 145 कि.मी., सिद्धवरकूट-154 कि.मी., बजरंगगढ-208 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  14. अतिशय/सिद्ध क्षेत्र महावीर तपोभूमि-उज्जैन मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री महावीर तपोभूमि इन्दौर रोड़, उज्जैन, जिला - उज्जैन (म.प्र.) पिन - 456001 टेलीफोन - 0734-2508103, 2508104 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 8, कमरे (बिना बाथरूम) - 4 हाल - 2 (यात्री क्षमता-50) गेस्ट हाऊस - x यात्री ठहरने की कुल क्षमता - 250 भोजनशाला - सशुल्क, नियमित औषधालय - नहीं। पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - उज्जैन 8 कि.मी. बस स्टेण्ड - उज्जैन-8 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग उज्जैन इन्दौर हाईवे पर निकटतम प्रमुख नगर - उज्जैन-8 कि.मी., सांवेर-15 कि.मी., इन्दौर - 45 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री महावीर तपोभूमि उज्जैन (म.प्र.) अध्यक्ष - श्री अशोक जैन (चायवाले) (09425092268) सचिव - श्री महेश जैन (09425092240) कोषाध्यक्ष - श्री फूलचंद छाबड़ा (09425945999) प्रबंधक - श्री सनत कुमार जैन (0734-2508103) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 07 एवं चौबीसी क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : उज्जयिनी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि अत्यन्त प्राचीन एवं पौराणिक है। यह भगवान महावीर की तपोभूमि एवं मुनि अभयघोष की निर्वाण भूमि है। इस तीर्थ के प्रेरणास्त्रोत मुनि श्री प्रज्ञासागरजी महाराज है, जो आचार्य श्री पुष्पदंत सागरजी महाराज के सशिष्य है। यहाँ विश्व के सबसे विशाल भगवान ऋषभदेव के (7x7) फुट के चरण चिन्ह, विश्व की प्रथम रत्नों की चौबीसी (11), कालसर्प योग निवारण हेतु श्री नेमिनाथ-पार्श्वनाथ मंदिर, पाषाण युक्त श्री कलिकुंड पार्श्वनाथ यंत्र एवं धर्मशाला, भोजनशाला, आहार कक्ष, हरीतिमा से युक्त महावीर उद्यान तीर्थ की शोभा रूप विद्यमान हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - मक्सी पार्श्वनाथ - 40 कि.मी., पुष्पगिरि - 65 कि.मी., जयसिंहपुरा -5 कि.मी. गोम्मटगिरि-इन्दौर -60 कि.मी., बनेड़ियाजी - 45 कि.मी. 103 आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  15. अतिशय क्षेत्र लखनादौन मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, लखनादौन ग्राम/तहसील - लखनादौन, जिला -- सिवनी, (मध्यप्रदेश) पिन - 480886 टेलीफोन - 07690 - 240851 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 15, हाल - 3 (यात्री क्षमता - 150) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - है। औषधालय - है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - दि. जैन स्याद्वाद गुरूकुल एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। ये सभी क्षेत्र से 200 मीटर की दूरी पर है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - जबलपुर - 85 कि.मी., धंजौर - 40 कि.मी., नागपुर - 192 कि.मी. बस स्टेण्ड - लखनादौन । पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर - नागपुर मार्ग क्र. 7 एवं नरसिंहपुर - नागपुर मार्ग क्र. 26 के संगम पर स्थित है। निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर-85 कि.मी., सिवनी-60 कि.मी., नागपुर-192 कि.मी., नरसिंहपुर-70 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - अहिंसा प्रचार एवं शिक्षण समिति, श्रमणपुर, लखनादौन अध्यक्ष - श्री संजयकुमार जैन (07690-240198,मो: 09425148167) मंत्री -श्री विकासकुमार जैन (07690-240182, 09425873463) प्रबन्धक - श्री अलकेशकुमार जैन (07690 - 240182, 09424717164) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 06 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ भगवान महावीर स्वामी की मूलनायक जर्मन सिलवर से निर्मित भारत की प्रथम प्रतिमा हैं 5 फुट 3 इंच ऊँची पद्मासन, अत्यन्त भव्य व अतिशय युक्त है। बड़े जैन मन्दिर बाजार में भगवान आदिनाथ की भूगर्भ से प्राप्त प्राचीन प्रतिमा है एवं नवदेवता जिन मन्दिर भी है। मंदिर में अष्ट धातु से निर्मित 24 प्रतिमाएँ 25' की स्थापित हो चुकी है। पार्श्वनाथ जिन मंदिर में भगवान बाहुबली की प्राचीन प्रतिमा है। मंदिर की प्रतिष्ठा परम पूज्य उपाध्याय श्री 108 ज्ञानसागरजी महाराज के सानिध्य में दिनांक 10से 16 अप्रैल 2006 के मध्य में हुई। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - मढ़ियाजी - 75 कि.मी., सिवनी - 60 कि.मी., भेड़ाघाट - 90 कि.मी.- पश्चिमदिशा आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  16. सिद्धक्षेत्र/अतिशय क्षेत्र कुण्डलपुर मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, कुंडलगिरि, कुण्डलपुर ग्राम - कुंडलपुर (दमोह), तहसील-पटेरा, जिला-दमोह (मध्यप्रदेश) पिन-470773 टेलीफोन - 07605 - 272230, 272293, 272647, 08349335356 (प्रबंधक) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 100, (बिना बाथरूम) - 100 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 700), गेस्ट हाउस - 6 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 4000. अन्य - प्रवचन हॉल, विद्या-भवन, ज्ञान साधना केन्द्र भोजनशाला - नियमित, सशुल्क औषधालय - है (2.3 कि.मी.) शासकीय पुस्तकालय - है। विद्यालय - महावीर उदासीन आश्रम एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - दमोह - 38 कि.मी., बम्बई, बनारस, सुरत, दिल्ली से सीधा सम्पर्क बस स्टेण्ड - दमोह - 38 कि.मी., बस एवं टेक्सी उपलब्ध पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, कटनी आदि से दमोह होकर बस द्वारा कुण्डलपुर जाया जा सकता है। निकटतम प्रमुख नगर - दमोह - 38 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन सिद्धक्षेत्र कुंडलगिरि सार्वजनिक न्यास, कुण्डलपुर अध्यक्ष - सिंघई संतोषकुमार जैन(07812-222394,09329872043) महामंत्री - श्री वीरेन्द्र बजाज (07812-222348, 094250-95548) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 63 क्षेत्र पर पहाड़ : है (400 सीढ़ियाँ हैं, डोली की व्यवस्था है।) ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र श्रीधर केवली की सिद्धभूमि है। भगवान आदिनाथ 'बड़े बाबा की 15 फुट ऊँची पद्मासन प्रतिमा 5वीं - 6 ठीं सदी की अतिशयकारी भव्यता लिये विराजमान है। आचार्य श्री विद्यासागरजी के 5 चातुर्मास व 7 ग्रीष्मकालीन वाचनाएँ होने से यह क्षेत्र विकसित हुआ है। महाराजा छत्रसाल ने युद्ध विजय करने पर एक पक्का घाट, जीर्णोद्धार कर पीतल का दो मन का घण्टा व अन्य वस्तुएँ भेंट की। कहते हैं यहाँ भगवान महावीर का समवशरण भी आया था। जनश्रुति के अनुसार मोहम्मद गज़नवी ने जब प्रतिमा पर छैनी लगाई तब प्रतिमा से दूध की धारा व भौंरों की पंक्ति प्रकट हुई जिससे उसे वहाँ से भागना पड़ा था। तीनों ओर पर्वत माला है। 63 मंदिर हैं एवं 1 मानस्तंभ है। आचार्य श्री विद्यासागरजी की प्रेरणा से बड़े बाबा के विशाल मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। बड़े बाबा के मंदिर तक कार का रास्ता बन चुका है। वार्षिक मेले : माधसुदी 11 से पूर्णिमा तक समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र पपौराजी -194 कि.मी.,नैनागिरि -120 कि.मी.,द्रोणगिरि-147 कि.मी., रहली पटनागंज- बीना बारहा दोनों एक ही मार्ग पर -137 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
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