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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 हाँसी (पुण्योदय तीर्थ) Hansi अतिशय क्षेत्र 2 कासनगांव Kasangaon अतिशय क्षेत्र 3 रानीला (आदिनाथपुरम्) Ranila अतिशय क्षेत्र 4 रोहतक Rohtak अतिशय क्षेत्र
  2. क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 भिलोड़ा Bhiloda अतिशय क्षेत्र 2 चैतन्यधाम Chetanyadham साधना तीर्थ 3 देरोल-वाघेला Derol-Vaghela अतिशय क्षेत्र 4 घोघा Ghogha अतिशय क्षेत्र 5 गिरनारजी Girnarji सिद्ध क्षेत्र 6 महुवा पार्श्वनाथ Mahua अतिशय क्षेत्र 7 पावागढ़ Pawagarh सिद्ध क्षेत्र 8 शत्रुजयजी (पालीताणा) Shatrunjayaji सिद्ध क्षेत्र 9 तारंगाजी Tarangaji सिद्ध क्षेत्र 10 उमता Umata अतिशय क्षेत्र
  3. क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 सूर्यपहाड़ Suryapahad अतिशय क्षेत्र
  4. क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 कुलचारम् Kulcharam अतिशय क्षेत्र
  5. क्र.स. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Tirth क्षेत्र 1 आरा Arrah अतिशय क्षेत्र 2 बासोकुण्ड (वैशाली) Basokund (Vaishali) कल्याणक क्षेत्र 3 चम्पापुर Champapur सिद्ध क्षेत्र 4 गुणावाँजी Gunawaji सिद्ध क्षेत्र 5 कमलदहजी Kamaldahji सिद्ध क्षेत्र 6 कुण्डलपुर Kundalpur कल्याणक क्षेत्र 7 कुण्डलपुर-नंद्यावर्त महल Kundalpur-Nandyavart Mahal कल्याणक क्षेत्र 8 मन्दारगिर Mandargir सिद्ध क्षेत्र 9 पावापुरी Pawapuri सिद्ध क्षेत्र 10 राजगिरजी Rajgirji सिद्ध क्षेत्र 11 वैशाली Vaishali अतिशय क्षेत्र
  6. आंध्रप्रदेश क्र. सं. तीर्थ क्षेत्र का नाम Name of the Teerth क्षेत्र 1 कुलचारम् Kulcharam अतिशय क्षेत्र असम 2 सूर्यपहाड़ Suryapahad अतिशय क्षेत्र बिहार 3 आरा Arrah अतिशय क्षेत्र 4 बासोकुण्ड (वैशाली) Basokund (Vaishali) कल्याणक क्षेत्र 5 चम्पापुर Champapur सिद्ध क्षेत्र 6 गुणावाँजी Gunawaji सिद्ध क्षेत्र 7 कमलदहजी Kamaldahji सिद्ध क्षेत्र 8 कुण्डलपुर Kundalpur कल्याणक क्षेत्र 9 कुण्डलपुर-नंद्यावर्त महल Kundalpur-Nandyavart Mahal कल्याणक क्षेत्र 10 मन्दारगिर Mandargir सिद्ध क्षेत्र 11 पावापुरी Pawapuri सिद्ध क्षेत्र 12 राजगिरजी Rajgirji सिद्ध क्षेत्र 13 वैशाली Vaishali अतिशय क्षेत्र गुजरात 14 भिलोड़ा Bhiloda अतिशय क्षेत्र 15 चैतन्यधाम Chetanyadham साधना तीर्थ 16 देरोल-वाघेला Derol-Vaghela अतिशय क्षेत्र 17 घोघा Ghogha अतिशय क्षेत्र 18 गिरनारजी Girnarji सिद्ध क्षेत्र 19 महुवा पार्श्वनाथ Mahua अतिशय क्षेत्र 20 पावागढ़ Pawagarh सिद्ध क्षेत्र 21 शत्रुजयजी (पालीताणा) Shatrunjayaji सिद्ध क्षेत्र 22 तारंगाजी Tarangaji सिद्ध क्षेत्र 23 उमता Umata अतिशय क्षेत्र हरियाणा 24 हाँसी (पुण्योदय तीर्थ) Hansi अतिशय क्षेत्र 25 कासनगांव Kasangaon अतिशय क्षेत्र 26 रानीला (आदिनाथपुरम्) Ranila अतिशय क्षेत्र 27 रोहतक Rohtak अतिशय क्षेत्र झारखंड 28 कोल्हुआ पहाड़ Kolhua Pahad सिद्ध क्षेत्र 29 सम्मेदशिखरजी Sammedshikharji सिद्ध क्षेत्र कर्नाटक 30 बीजापुर Bijapur अतिशय क्षेत्र 31 धर्मस्थल Dharmasthal कला क्षेत्र 32 हरसूर Harsur अतिशय क्षेत्र 33 हॅमचा Humcha अतिशय क्षेत्र 34 हुणसे हडगली Hunse Hadgali अतिशय क्षेत्र 35 ज्वालामालिनि Jwalamalini अतिशय क्षेत्र 36 कमठाण Kamthan अतिशय क्षेत्र 37 कनकगिरि (मलेयूर) Kanakgiri (Maleyur) सिद्ध क्षेत्र 38 कारकल Karkal अतिशय क्षेत्र 39 कोथली Kothali अन्य क्षेत्र 40 मलखेड Malkhed अतिशय क्षेत्र 41 मूडबिद्री Mudbidri अतिशय क्षेत्र 42 शंखबसदी Shankhabasdi कला क्षेत्र 43 श्रवणबेलगोला Shrawanbelgola अतिशय क्षेत्र 44 स्तवनिधी (तवंदी) Stavanidhi (Tavandi) अतिशय क्षेत्र 45 वेणूर Venur कला क्षेत्र मध्य प्रदेश 46 आहूजी Aahuji अतिशय क्षेत्र 47 अहारजी Aharji सिद्ध क्षेत्र 48 अजयगढ़ Ajaygarh अतिशय क्षेत्र 49 अमरकंटक Amarkantak अतिशय क्षेत्र 50 बाड़ी Badi अतिशय क्षेत्र 51 बड़ोह Badoh कला क्षेत्र 52 बही पार्श्वनाथ Bahi Parshvanath अतिशय क्षेत्र 53 बहोरीबन्द Bahoriband अतिशय क्षेत्र 54 बजरंगगढ़ Bajranggarh अतिशय क्षेत्र 55 बंधाजी Bandhaji अतिशय क्षेत्र 56 बनेड़ियाजी Banediyaji अतिशय क्षेत्र 57 बरासोंजी Baransoji अतिशय क्षेत्र 58 बरेला Barela अतिशय क्षेत्र 59 बरही Barhi अतिशय क्षेत्र 60 बावनगजा (चूलगिरि) Bawangaja सिद्ध क्षेत्र 61 भोजपुर Bhojpur अतिशय क्षेत्र 62 भौंरासा Bhourasa अतिशय क्षेत्र 63 बिजोरी Bijori अतिशय क्षेत्र 64 बीनाजी (बारहा) Binaji (Barha) अतिशय क्षेत्र 65 चन्देरी Chanderi अतिशय क्षेत्र 66 छोटा महावीरजी Chota Mahaveerji अतिशय क्षेत्र 67 द्रोणगिरि Drongiri सिद्ध क्षेत्र 68 ईशुरवारा Eshurwara अतिशय क्षेत्र 69 फलहोड़ी बड़ागाँव Falhodi Badagaon सिद्ध क्षेत्र 70 गंधर्वपुरी Gandharvapuri पुरातत्व क्षेत्र 71 गोलाकोट Golakot अतिशय क्षेत्र 72 गोम्मटगिरि (इन्दौर) Gommatgiri अतिशय क्षेत्र 73 गोपाचल पर्वत Gopachal Parwat सिद्ध क्षेत्र 74 गुड़र Gudar अतिशय क्षेत्र 75 ग्वालियर - स्वर्ण मंदिर Gwalior-Swarna Mandir दर्शनीय क्षेत्र 76 ग्यारसपुर Gyaraspur अतिशय क्षेत्र 77 जामनेर Jamner अतिशय क्षेत्र 78 जयसिंहपुरा-उज्जैन Jaysinghpura-Ujjain अतिशय क्षेत्र 79 कैथूली Kaithuli अतिशय क्षेत्र 80 खजुराहो Khajuraho अतिशय क्षेत्र 81 खंदारगिरि Khandargiri अतिशय क्षेत्र 82 खनियाँधाना Khaniyadhana दर्शनीय क्षेत्र 83 कुण्डलगिरि (कोनीजी) Kundalgiri (Koniji) अतिशय क्षेत्र 84 कुण्डलपुर (दमोह) Kundalpur (Damoh) सिद्ध क्षेत्र 85 लखनादौन Lakhnadaun अतिशय क्षेत्र 86 महावीर तपोभूमि-उज्जैन Shri Mahavir-Tapobhumi-Ujjain अतिशय क्षेत्र 87 मक्सी पार्श्वनाथ Maksi-Parshvanath अतिशय क्षेत्र 88 मंगलगिरि (सागर) Mangalgiri (Sagar) अतिशय क्षेत्र 89 मनहरदेव Manhardev अतिशय क्षेत्र 90 मानतुंगगिरि (धार) Mantunggiri अतिशय क्षेत्र 91 मुक्तागिरि (मेंढागिरि) Muktagiri सिद्ध क्षेत्र 92 नैनागिरि (रेशंदीगिरि) Nainagiri सिद्ध क्षेत्र 93 नेमावर (सिद्धोदय) Nemawar (Siddhodaya) सिद्ध क्षेत्र 94 निंसईजी (मल्हारगढ़) Nisaiji अन्य क्षेत्र 95 निसईजी सूखा (पथरिया) Nisaiji Sukha अतिशय क्षेत्र 96 नोहटा (आदीश्वरगिरि) Nohta अतिशय क्षेत्र 97 पंचराई Pacharai अतिशय क्षेत्र 98 पजनारी Pajnari अतिशय क्षेत्र 99 पनागर Panagar अतिशय क्षेत्र 100 पानीगाँव Panigaon कला क्षेत्र 101 पपौराजी Paporaji अतिशय क्षेत्र 102 पाश्वगिरि (बड़वानी) Parshvagiri (Badwani) अतिशय क्षेत्र 103 पटेरिया (गढ़ाकोटा) Pateria (Gadakota) अतिशय क्षेत्र 104 पटनागंज (रहली) Patnaganj (Raheli) अतिशय क्षेत्र 105 पावई (पावागढ़) Paawai (Pawagadh) अतिशय क्षेत्र 106 पिड़रूवा Pidruva अतिशय क्षेत्र 107 पिसनहारी-मढ़ियाजी Pisanhari-Madiyaji अतिशय क्षेत्र 108 पुष्पगिरि Pushpagiri अतिशय क्षेत्र 109 पुष्पावती  बिलहरी Pushpavati Bilhari अतिशय क्षेत्र 110 सेमरखेड़ी (निसईंजी) Semarkhedi (Nisaiji) अतिशय क्षेत्र 111 सेसई Sesai अतिशय क्षेत्र 112 सिद्धवरकूट Siddhvarkut सिद्ध क्षेत्र 113 सिहोंनियाँजी Sihoniyaji अतिशय क्षेत्र 114 सिरोंज Sironj अतिशय क्षेत्र 115 सोनागिरिजी Sonagiriji सिद्ध क्षेत्र 116 तालनपुर Talanpur अतिशय क्षेत्र 117 तेजगढ़ Tejgarh अतिशय क्षेत्र 118 थुबोनजी Thubonji अतिशय क्षेत्र 119 तिगोड़ाजी Tigodaji अतिशय क्षेत्र 120 ऊन (पावागिरि) Un (Pawagiri) सिद्ध क्षेत्र 121 उरवाहा Urwaha अतिशय क्षेत्र महाराष्ट्र 122 आसेगांव Aasegaon अतिशय क्षेत्र 123 आष्टा (कासार) Aashta (Kasar) अतिशय क्षेत्र 124 अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ Antariksha Parshvanath अतिशय क्षेत्र 125 भातकुली जैन Bhatkuli Jain अतिशय क्षेत्र 126 दहीगाँव Dahigaon अतिशय क्षेत्र 127 धरणगाँव Dharangaon अतिशय क्षेत्र 128 एलोरा (वेरूल) Ellora (Verul) अतिशय क्षेत्र 129 गजपंथा Gajpantha सिद्ध क्षेत्र 130 जटवाड़ा Jatwada अतिशय क्षेत्र 131 कचनेर Kachner अतिशय क्षेत्र 132 कारंजा (लाड़) Karanja (Lad) अतिशय क्षेत्र 133 कौडण्यपुर Kaudanyapur अतिशय क्षेत्र 134 केसापुरी-बीड़ Kesapuri-Bir अतिशय क्षेत्र 135 कुम्भोज बाहुबली Kumbhoj Bahubali अतिशय क्षेत्र 136 कुण्डल Kundal सिद्ध क्षेत्र 137 कुंथलगिरि Kunthalgiri सिद्ध क्षेत्र 138 कुन्थुगिरि Kunthugiri अतिशय क्षेत्र 139 मांडल Mandal अतिशय क्षेत्र 140 मांगीतुंगी Mangitungi सिद्ध क्षेत्र 141 नाईचाकुर Naichakur अतिशय क्षेत्र 142 नंदीश्वर-पंचालेश्वर Nandishwar-Panchaleshwar अतिशय क्षेत्र 143 नवागढ़ (उखलद) Nawagarh अतिशय क्षेत्र 144 नेमगिरि, जिंतूर Nemgiri Jintur अतिशय क्षेत्र 145 पैठण Paithan अतिशय क्षेत्र 146 पोदनपुर (बोरीवली) Podanpur (Borivalli) अतिशय क्षेत्र 147 रामटेक Ramtek अतिशय क्षेत्र 148 सावरगाँव (काटी) Sawargaon अतिशय क्षेत्र 149 शिरड़ शहापुर Shirad अतिशय क्षेत्र 150 तेर Ter अतिशय क्षेत्र 151 विजय गोपाल Vijay Gopal अतिशय क्षेत्र उड़ीसा 152 खंडगिरि-उदयगिरि Khandgiri-Udaygiri सिद्ध क्षेत्र राजस्थान 153 अडिन्दा Adinda अतिशय क्षेत्र 154 अन्देश्वर पार्श्वनाथ Andeshwar Parshvanath अतिशय क्षेत्र 155 अरथूना नसियाँजी Arthuna Nasiyaji अतिशय क्षेत्र 156 बिजौलियां पार्श्वनाथ Bijoliya parshvanath अतिशय क्षेत्र 157 चमत्कारजी (सवाईमाधोपुर) Chamatkarji अतिशय क्षेत्र 158 चाँदखेड़ी Chandkhedi अतिशय क्षेत्र 159 चन्द्रगिरि बैनाड़ Chandragiri Bainad अतिशय क्षेत्र 160 चंवलेश्वर पार्श्वनाथ Chanwaleshwar Parshvanath अतिशय क्षेत्र 161 चूलगिरि (खानियांजी) Chulgiri Khaniyaji अतिशय क्षेत्र 162 देबारी Debari अतिशय क्षेत्र 163 देहरा - तिजारा Dehara-Tijara अतिशय क्षेत्र 164 दिलवाड़ा-माउण्ट आबू Dilwada-Mount Abu अतिशय क्षेत्र 165 जहाजपुर Jahajpur अतिशय क्षेत्र 166 झाझीरामपुरा-दौसा Jhajhirampura-Dausa अतिशय क्षेत्र 167 झालरापाटन-पार्श्वगिरि Jhalarapatan Parshwagiri अतिशय क्षेत्र 168 केशवराय पाटन Keshorai Patan अतिशय क्षेत्र 169 खेरवाड़ा Khairwada अतिशय क्षेत्र 170 खन्डारजी Khandarji अतिशय क्षेत्र 171 खूणादरी Khunadari अतिशय क्षेत्र 172 महावीरजी Mahavirji अतिशय क्षेत्र 173 मालपुरा - टोंक Malpura - Tonk अतिशय क्षेत्र 174 मौजमाबाद Maujamabad अतिशय क्षेत्र 175 मेहन्दवास - टोंक Mehandwas - Tonk अतिशय क्षेत्र 176 नागफणी पार्श्वनाथ Nagphani Parshvanath अतिशय क्षेत्र 177 नारेली Nareli दर्शनीय क्षेत्र 178 नौगामा नसियाँजी Naugama Nasiyaji कला क्षेत्र 179 पदमपुरा (बाड़ा) Padampura (Baada) अतिशय क्षेत्र 180 रैवासा-सीकर Raiwasa-Seekar अतिशय क्षेत्र 181 ऋषभदेव (केशरियाजी) Rishabhdev Keshriyaji अतिशय क्षेत्र 182 सालेड़ा Saleda अतिशय क्षेत्र 183 संधीजी-सांगानेर Sanghiji-Sanganer अतिशय क्षेत्र 184 सांखना - टोंक Sankhana - Tonk अतिशय क्षेत्र 185 सरवाड़ Sarvaad अतिशय क्षेत्र 186 शांतिनाथ-बमोतर Shantinath-Bamotar अतिशय क्षेत्र 187 वागोल-पार्श्वनाथ Vagol-Parshvanath अतिशय क्षेत्र तमिलनाडु 188 मेलचित्तामूर Melchitamur अतिशय क्षेत्र 189 पोन्नूरमले Ponnurmalle अतिशय क्षेत्र 190 तिरूमलै Tirumalle अतिशय क्षेत्र उत्तराखंड 191 अष्टापद कैलाश बद्रीनाथ Ashtapad Kailash Badrinath सिद्ध क्षेत्र उत्तर प्रदेश 192 अहिच्छत्र पार्श्वनाथ Ahikhetra Parshvanath अतिशय क्षेत्र 193 अयोध्या Ayodhya कल्याणक क्षेत्र 194 बड़ागाँव Badagaon अतिशय क्षेत्र 195 बड़ागाँव त्रिलोकतीर्थ Badagaon Trilok Tirth अतिशय क्षेत्र 196 बहसूमा Bahsuma अतिशय क्षेत्र 197 बानपुर Banpur अतिशय क्षेत्र 198 बरनावा-जिला-बागपत Barnava-Jila-Bagpat अतिशय क्षेत्र 199 भदैनीजी-वाराणसी Bhadainiji-Varanasi कल्याणक क्षेत्र 200 भेलूपुर - वाराणसी Bhelupur - Varanasi कल्याणक क्षेत्र 201 चन्द्रावतीजी Chandravatiji कल्याणक क्षेत्र 202 चन्द्रवाड़ (फिरोज़ाबाद) Chandrawad (Firozabad) अतिशय क्षेत्र 203 देवगढ़जी Devgarhji अतिशय क्षेत्र 204 गिरारगिरिजी Girargiriji अतिशय क्षेत्र 205 हस्तिनापुर Hastinapur कल्याणक क्षेत्र 206 हस्तिनापुर-जम्बूद्वीप Hastinapur-Jamboodveep कल्याणक क्षेत्र 207 हुसैनपुर कलाँ Husainpur Kalan अतिशय क्षेत्र 208 कहाऊँ Kahaun कल्याणक क्षेत्र 209 काकन्दी Kakandi कल्याणक क्षेत्र 210 कम्पिलजी Kampilji कल्याणक क्षेत्र 211 करगुवाँजी Karguwanji अतिशय क्षेत्र 212 कारीटोरन Karitoran अतिशय क्षेत्र 213 कौशाम्बी Kaushambi कल्याणक क्षेत्र 214 महलका-जिला-मेरठ Mahalka-Jila-Meerut अतिशय क्षेत्र 215 मङ्गलायतन Manglayatan कला क्षेत्र 216 मरसलगंज Marsalganj अतिशय क्षेत्र 217 मथुरा चौरासी Mathura Chourasi सिद्ध क्षेत्र 218 नवागढ़ (नन्दपुर) Navagarh (Nandpur) अतिशय क्षेत्र 219 पावागिरजी Pawagirji सिद्ध क्षेत्र 220 पावानगर Pawanagar सिद्ध क्षेत्र 221 प्रभासगिरि (पभौसा) Prabhasgiri (Pabhausa) कल्याणक क्षेत्र 222 प्रयाग Prayag कल्याणक क्षेत्र 223 प्रयाग-ऋषभदेव तपस्थली Prayag-Rishabhadev Tapsthali कल्याणक क्षेत्र 224 राजमल (फिरोजाबाद) Rajmal (Firozabad) अतिशय क्षेत्र 225 रतनपुरी Ratanpuri कल्याणक क्षेत्र 226 ऋषभांचल Rishabhanchal अतिशय क्षेत्र 227 सेरोनजी Seronji अतिशय क्षेत्र 228 सीरोनजी (मड़ावरा) Sironji (Madawara) अतिशय क्षेत्र 229 शान्तिगिरि (मदनपुर) Shantigiri (Madanpur) अतिशय क्षेत्र 230 शौरीपुर (बटेश्वर) Shouripur (Bateshvar) कल्याणक क्षेत्र 231 श्रावस्ती (सहेठ-महेठ) Shravasti (Saheth-Maheth) कल्याणक क्षेत्र 232 सिंहपुरी (सारनाथ) Sinhpuri (Sarnath) कल्याणक क्षेत्र 233 टोड़ी फतेहपुर Todi Fatehpur अतिशय क्षेत्र 234 त्रिलोकपुर Trilokpur अतिशय क्षेत्र 235 त्रिमूर्ति मन्दिर - एत्मादपुर Trimurti Mandir (Etmadpur) अतिशय क्षेत्र 236 वहलना Vahalana अतिशय क्षेत्र पश्चिम बंगाल 237 चिन्सुरा Chinsura अतिशय क्षेत्र 238 पाकबीरा (पुरुलिया) Paakbira (Purulia) अतिशय क्षेत्र
  7. अतिशय क्षेत्र अमरकंटक मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सर्वोदय तीर्थ, अमरकंटक, तह. पुष्पराजगढ़, जिला-अनूपपुर (म.प्र.) पिन - 484 886 टेलीफोन - 07629 - 269450,269550, 09425331316 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) 35, (बिना बाथरूम) - 50, हाल - 11 डबल बेड-किचन यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500 भोजनशाला - अनुरोध पर, सशुल्क औषधालय - विकलांग केंद्र पुस्तकालय - X विद्यालय - एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - हाँ आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - पेन्ड्रा रोड 30 कि.मी., अनूपपुर - 70 कि.मी. बस स्टेण्ड - कटनी-बिलासपुर रेल मार्ग के बीच पेन्ड्रा रोड़ एवं अनूपपुर पहुँचने का सरलतम मार्ग - में उतरकर बस द्वारा पहुँचा जा सकता है। निकटतम प्रमुख नगर - पेन्ड्रा रोड़-30 कि.मी.,जबलपुर -235 कि.मी., बिलासपुर-110 कि.मी.,अनूपपुर-70 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन अमरकंटक क्षेत्रीय विकास समिति अध्यक्ष - श्री महावीर प्रसाद सेठी, हजारीबाग (09431144247) कार्याध्यक्ष - श्री प्रमोद सिंघई, बिलासपुर (094252 20709) महामंत्री - श्री पी.सी. जैन, बिलासपुर (09425548069) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 1 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : अमरकंटक हिंदुओं का पवित्र तीर्थ है जहां नर्मदा, सोन एवं जोहिला नदियों का उद्गम स्थल है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - शहडोल - चौथे काल की प्राचीन प्रतिमाएं - 105 कि.मी. कोतमा-प्राचीन प्रतिमाएं एवं दर्शनीयमंदिर - 125 कि.मी. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, कान्हा किसली,मढ़िया जी जबलपुर -235 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  8. अतिशय क्षेत्र देहरा - तिजारा नाम एवं पता - श्री 1008 चन्द्रप्रभु दि. जैन अतिशय क्षेत्र, देहरा - तिजारा, ग्राम-देहरा,तहसील-तिजारा,जिला-अलवर (राजस्थान) पिन-301411 टेलीफोन - 01469 - 262119, 262407, 094140 14222 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 114, कमरे (बिना बाथरूम)-200, हाल - 6 (यात्री क्षमता - 350) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 2000. अन्य - आधुनिक सुविधा युक्त यात्री निवास जहाँ जल, विद्युत की आपूर्ति बनी रहती है। भोजनशाला - नियमित, सशुल्क औषधालय - है (आयुर्वेदिक) पुस्तकालय - है। विद्यालय - 1. सीनियर हायर सेकेन्डरी स्कूल 2. कन्या महाविद्यालय आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - अलवर - 55 कि.मी. बस स्टेण्ड - तिजारा - सड़क पक्की है। पहुंचने का सरलतम मार्ग - अलवर - भिवाड़ी - दिल्ली बस मार्ग पर है। तिजारा से अलवर, श्री महावीरजी, भरतपुर, मथुरा, रेवाड़ी, दिल्ली आदि। निकटतम प्रमुख नगर - अलवर - 55 कि.मी. (अलवर नगर के उत्तर पूर्व में 55 कि.मी. तिजारा है) प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र तिजारा प्रबन्धकारिणी कमेटी अध्यक्ष - श्री ज्ञानचन्द जैन (01469 - 262150,09414427720) महामंत्री - श्री नरेन्द्रकुमार जैन (01469 - 262240) प्रबन्धक - श्री गोपाल अरोड़ा (०1469 - 262310), श्री पंकज जैन (01469 - 263212) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 03 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - भगवान चन्द्रप्रभु की पद्मासन प्रतिमा का दिनांक 16 अगस्त, 1956 में सड़क खुदाई के चौड़ीकरण के समय तलघर से प्रादुर्भाव हुआ। प्रतिमा चन्द्रमा के चिन्ह से चिन्हित है। प्रतिमा की चौड़ाई 12 इंच व ऊँचाई 15 इंच है। प्रतिमा वि.सं. 1554 में प्रतिष्ठित की गई है। देहरा नाम प्राचीन काल से है। इसका इतिहास में महाभारत से संबंध है। अनवरत आक्रमण होने से प्रतिमाएँ भूमिगत होती गयी। मंदिर श्वेत संगमरमर से शोभायमान है हॉल में की गई काँचकी पच्चीकारी, चित्रकारी दर्शनीय है। नगर में अन्य जिनालय भी दर्शनीय हैं। तिथि एवं उत्सव : मिति फाल्गुन सुदी सप्तमी (निर्वाण दिवस) एवं सावन सुदी दशमी समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र श्रीमहावीरजी-200 कि.मी., कासन-60 कि.मी., बड़ागांव-125 कि.मी., हस्तिनापुर 220 कि.मी., पद्मपुरा-234 कि.मी., शिकोहपुर (सिद्धांत क्षेत्र)-65 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  9. अतिशय क्षेत्र कुलचारम् आन्ध्रप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 विघ्नहरण पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मु.पो. - कुलचारम्, तह.-जोगीपेठ, जि.-मेदक (आन्ध्रप्रदेश) पिन - 502 381 टेलीफोन - प्रबंधक - किशोर पहाड़े - 08008436556, 09848054242 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 10 (बिना बाथरूम)- 10, हाल - 01 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - X प्रांगण - 2, प्रांगण में टेंट लगने पर 1000 यात्री ठहर सकते हैं। यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100 भोजनशाला - है, अनुरोध पर सशुल्क विद्यालय - नहीं औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - हैदराबाद या सिकन्दराबाद - 80 कि.मी. बस स्टेण्ड - हैदराबाद - 80 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - हैदराबाद बस स्टेण्ड अथवा बालानगर से बस द्वारा - 70 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - हैदराबाद - 80 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के अन्तर्गत अध्यक्ष - श्री राजेश कुमार मांगीलाल जैन (पहाड़े) (09848054242) मंत्री - श्री सुमेरचन्द्र पाण्डया (09849002772) प्रबन्धक - श्री अभय कुमार जैन (08452-227436) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : सन् 1984 में भूगर्भ से भगवान पार्श्वनाथ की काले पाषाण की सप्तफण वाली 11' 3' की प्रतिमा । मिली है। यह अलौकिक देवरक्षित प्रतिमा 9वीं श.ई. की है। आन्ध्र प्रदेश के इस प्रथम तीर्थस्थल पर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा 10-16 मार्च 2003 में सम्पन्न हो चुकी है। अन्य जानकारी: | जैन पुरातात्विक सम्पदा आन्ध्रप्रदेश राज्य में फैली पड़ी है। मुख्यतः 40 स्थानों पर प्राप्त हुई हैं, जिनका उल्लेख आन्ध्रप्रदेश शासन में पुरातत्व निदेशक रहे डॉ. जी. जवाहरलाल ने अपनी अंग्रेजी पुस्तक 'जैन सेन्टर इन आन्ध्रप्रदेश में एवं जैन मान्यूमेंट इन आन्ध्रप्रदेश में किया है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र -हैदराबाद-नलगोंडा-80 कि.मी. (08685-281696), बैंगलोर -300 कि.मी. श्रवणबेलगोला - व्हाया- बैंगलोर - 450 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  10. अतिशय क्षेत्र बही पार्श्वनाथ मध्यप्रदेश नाम एवं पता - णमोकार महामंत्र साधना केन्द्र, बही पार्श्वनाथ चौपाटी, ग्राम - बही, तहसील - मल्हारगढ़, जिला - मंदसौर (मध्यप्रदेश) पिन - 458664 टेलीफोन - 07424 - 241461, 241948, 09329386709 (विकास जैन) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 13, कमरे (बिना बाथरूम) - X, हाल - 2 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - 6 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150 भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर संत निवास एवं आर्यिका निवास औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - है (हिन्दी-अंग्रेजी माध्यम) एस.टी.डी./ पी.सी.ओ./सी.सी.बी - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - पिपल्या मंडी - 3 कि.मी., मन्दसौर - 14 कि.मी., बस स्टेण्ड - पिपल्या मंडी - 3 कि.मी., पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग व्हाया मन्दसौर या पिपल्या मंडी निकटतम प्रमुख नगर - मन्दसौर - 14 कि.मी., नीमच - 35 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - णमोकार महामंत्र साधना केन्द्र कार्यकारिणी समिति अध्यक्ष - श्री शांतिलाल बड़जात्या (07422-222234, 094259-23534) मंत्री - श्री विमलचंद मच्छीरक्षक (09406601782) प्रबन्धक - श्री विकास जैन (09329386709) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 04 एवं चौबीसी, मानस्तम्भ, समवशरण मंदिर, आ. कल्याणसागर महाराज की समाधि क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं है, (सम्मेदशिखर पहाड़ की रचना) ऐतिहासिकता : आचार्य श्री कल्याणसागरजी महाराज की प्रेरणा से क्षेत्र का निर्माण हुआ है। आचार्य श्री की समाधि स्थली भी यही है। इस साधना केन्द्र पर णमोकार महामंत्र का जाप करने से बड़ा आनन्द प्राप्त होता है एवं विघ्न - बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यहाँ वृद्धाश्रम, संत निवास, शिक्षण संस्थान बनाने की योजना है। वार्षिक मेले : श्री पार्श्वनाथ जयन्ती अष्टान्हिका पर्व - आषाढ़ शुक्ल अष्टमी को प्रति वर्ष मनाया जाता है तथा विशेष आयोजन भी होता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - प्रतापगढ़ - 35 कि.मी., बमोतर शांतिनाथ - 40 कि.मी., देवगढ़ - 50 कि.मी., धरियावद -70 कि.मी., ये सभी तीर्थराजस्थान में हैं। पिपल्या मण्डी-3 कि.मी. की दूरी पर एक मंदिर है। अणिन्दा पार्श्वनाथ - 125 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  11. अतिशय क्षेत्र सालेड़ा राजस्थान नाम एवं पता - श्री 1008 नेमिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, सालेड़ा पो. सालेड़ा, (भीण्डर),त. वल्लभनगर, जिला-उदयपुर (राजस्थान)313608 टेलीफोन - 081074 28195 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)-2, कमरे (बिना बाथरूम) -7 हाल -1(यात्री क्षमता -30), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 50,भोजनशाला - निर्माणाधीन अन्य - क्षेत्र से 8 कि.मी. दूर स्थित भीण्डर कस्बा है, जहां पर ध्यान डूंगरी अतिशय क्षेत्र पर एक विशाल धर्मशाला एवं 16 कमरे (अटैच बाथरूम) है, जहाँ पर 500 यात्री ठहर सकते है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - भीण्डर (मावली-बड़ीसादड़ी लाइन पर) बस स्टेण्ड - भीण्डर (सालेड़ा से 8 कि.मी.) पहुँचने का सरलतम मार्ग - उदयपुर से भीण्डर-70 कि.मी., भीण्डर से सालेड़ा-8 कि.मी., भीण्डर से सालेड़ा दिन में तीन बार प्राईवेट बसें जाती हैं एवं वापस आती है। भीण्डर से टैक्सी लेकर भी आया जा सकता है। निकटतम प्रमुख नगर - भीण्डर -8 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 नेमिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, प्रबंध कमेटी, सालेड़ा अध्यक्ष - श्री अम्बालाल कंठालिया (02957-250309,09950975855) मंत्री - श्री रोशनलाल आवोत (0294-2410813, 09414352746) कोषाध्यक्ष - श्री सूरजमल बोहरा (02957-250457, 09887690901) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र पर लगभग 800 वर्ष प्राचीन पद्मासन प्रतिमाएं विराजमान है, जिनके वि.सं. 2055 में भूगर्भ से प्रकट होने पर भव्य जिनालय का निर्माण कराया गया, जिनालय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा 25 फरवरी 2007 को सम्पन्न हुई। क्षेत्र पर देवकृत अतिशय होने से श्रद्धालुजनों की मनोकामनाएं पूर्ण होती है एवं ऊपरी बाधाएं भी दूर होती है। क्षेत्र पर पुराने नागराज रहते है, जो कई बार नजर आते है। जिस जिनालय की यह प्रतिमाएं है वह जिनालय जीर्णशीर्ण अवस्था में प्रतिमा रहित होने से ग्रामवासियों ने उनके आराध्य देव को सन् 1971 में विराजमान कर जीर्णोद्धार करा दिया। शिलालेखों के आधार पर अभी भी इस ग्राम में 19 प्रतिमाएं भूगर्भ में है, जो उचित समय आने पर प्रकट हो सकती है। समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - ध्यान डूगरी अतिशय क्षेत्र भीण्डर-8 कि.मी., अड़िन्दा पाश्र्वनाथ-35 कि.मी. किर्ती स्तम्भ चित्तौड़गढ़-60 कि.मी., शांतीनाथ (बमोतर) प्रतापगढ़-100 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  12. अतिशय क्षेत्र ऋषभदेव (केशरियाजी) राजस्थान नाम एवं पता - श्री ऋषभदेव दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, ऋषभदेव (श्री केशरियाजी), तहसील-ऋषभदेव, जिला - उदयपुर (राजस्थान) पिन - 313802 टेलीफोन - 09602343641 (पेढ़ीऑ.),09785037808, 02907-230141 (गुरुकुल) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 200, कमरे (बिना बाथरूम)-150 हाल - 7, गेस्ट हाऊस - 4 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 5000 भोजनशाला - नियमित, सशुल्क गुरुकुल - 20 कमरे औषधालय - पुस्तकालय - है, विशाल शास्त्र भंडार विद्यालय गुरूकुल एवं अन्य एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ऋषभदेव रोड़ (कल्याणपुर) - 12 कि.मी. बस स्टेण्ड - ऋषभदेव पहुँचने का सरलतम मार्ग - बस द्वारा उदयपुर, डूंगरपुर, सलुम्बर, प्रतापगढ़, अहमदाबाद से पहुँचा जा सकता है। एन.एच. 8 (मुम्बई, दिल्ली हाईवे) निकटतम प्रमुख नगर - उदयपुर - 65 किमी., डूंगरपुर - 40 कि.मी., सलुम्बर - 56 कि.मी., अहमदाबाद - 195 कि.मी., खेरवाड़ा - 15 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री ऋषभदेव दिगम्बर जैन तीर्थ रक्षा कमेटी, ऋषभदेव अध्यक्ष - श्री केशवलाल वाणावत (02907-230286, 09782793600) मंत्री - श्री बसंतीलाल मेहता (09461513105) प्रबन्धक - श्री जयकुमार जैन (08003269716) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 05 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ भगवान ऋषभदेव (बड़े बाबा) की अति प्राचीन व चमत्कारी प्रतिमा है। विशेष जानकारी : श्री 105 भट्टारक यशकीर्ति गुरूकुल मन्दिर व धर्मशाला है। स्थानीय दर्शनीय स्थल : 1. भट्टारक यशकीर्ति भवन, 2. काँच का मंदिर, 3. भट्टारक यशकीर्ति धर्मार्थ ट्रस्ट गुरूकुल, 4. श्री महावीर जिनालय, 5. चन्द्रगिरि पहाड़ी निर्माणाधीन, 6. पगल्याजी चरण-छत्री एवं विश्राम स्थल तथा सुन्दर पार्कदेखने लायक स्थान है। वार्षिक मेला : प्रतिवर्ष जन्मोत्सव - चैत्रवदी 8 व 9 को लगता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - खेरवाड़ा-16 कि.मी., नागफणी पार्श्वनाथ - 50 कि.मी., दिगम्बर जैन अति, क्षेत्र मंदिर - शांतिनाथ भगवान, पिपली-बी-8 कि.मी., अतिशय क्षेत्र अजिंदा-100 कि.मी., खुणादरी-34 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  13. अतिशय क्षेत्र रैवासा-सीकर राजस्थान नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन भव्योदय अतिशय क्षेत्र, रैवासा, ग्राम-रैवासा, तह. दाँतारामगढ़, जिला-सीकर पिन - 332403 टेलीफोन - फोन : 01572 - 222115, 09460037999 क्षेत्र पर उपलब्ध आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 17, कमरे (बिना बाथरूम) - 10 सुविधाएँ हाल - 04(यात्री क्षमता 100), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200 भोजनशाला - नियमित, निःशुल्क। औषधालय - है, होम्योपैथिक पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - गोरीया - 4 कि.मी. बस स्टेण्ड - गोरीया - 4 कि.मी., प्रति आधा घण्टे से रैवासा जाने वाली बस पहुँचने का सरलतम मार्ग - दाँतारामगढ़ रूट पर बस उपलब्ध सीकर एवं गोरीया रेल्वे स्टेशन से क्षेत्र के लिए बस की व्यवस्था है। निकटतम प्रमुख नगर - सीकर शहर - 18 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन भव्योदय अतिशय क्षेत्र, रैवासा प्रबंध समिति कार्यकारी अध्यक्ष - श्री दीपचन्द काला, सीकर (01572-252802, नि. 9460075570) महामंत्री - श्री नृपेन्द्र कुमार छाबड़ा, जयपुर (9530153534) प्रबन्धक - श्री निहालचन्द सोगानी (094600-37999) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं - मंदिर के निकट अरावली पर्वत श्रृंखला है। ऐतिहासिकता : राजस्थान की मरुवृन्दावन सीकर नगरी के निकट अरावली पर्वत की श्रृंखला की तलहटी में अपनी भव्यता एवं ऐतिहासिकता को संजोये हुए 'श्री दिगम्बर जैन भव्योदय अतिशय क्षेत्र, रैवासा' विद्यमान है। इसी क्षेत्र में वीर निर्वाण संवत् 1674 में निर्मित भव्य जिनालय में भगवान आदिनाथ की प्रतिमा एवं नसियाँजी में चन्द्रप्रभु भगवान की पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। यहाँ रात्रि के समय देवतागण आते हैं। जिनकी नूपुरों की ध्वनि भी सुनाई दी। इसी प्रकार की एक ओर ऐतिहासिकता है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने इस मंदिर के बारे में सुना, उसने उस मंदिर को लूटने का एवं खण्डित करने का प्रयास किया लेकिन श्रावकों को ज्ञान होने पर श्रीजी को तलघर में विराजमान कर दिया। बादशाह के मंदिर के निकट पहुंचने पर मधुमक्खियों द्वारा बादशाह एवं उसके सैनिकों पर हमला करने पर वे सभी भाग खड़े हुए। विशेषता यह भी है कि मंदिर में खम्बों की गिनती कोई भी सही ढंग से नहीं कर पाया। यह भी चमत्कार होने से अनगिनत खम्बे वाले मंदिर के नाम से विख्यात है। एक अद्भुत अतिशय हुआ। चार बार शातिनाथ भगवान की पीतल की मूर्ति चोर ले गये लेकिन कुछ दिनों बाद वह प्रतिमा वापस आकर वेदी पर विराजमान हो गयी। भगवान सुमतिनाथ की अतिशयकारी प्रतिमा भूगर्भ से प्राप्त हुई है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - श्री पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र खण्डेला, खण्डेलवाल जैन उत्पत्ति स्थान-50 कि.मी. आचार्य धर्मसागर महाराज का समाधि स्थल - 20 कि.मी. आचार्य ज्ञानसागर महाराज की जन्म स्थली - रानोली - 8 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  14. अतिशय क्षेत्र पाकबीरा (पुरुलिया) पश्चिम-बंगाल (W. Bengal) नाम एवं पता - श्री 1008 दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पाकबीरा (पुरुलिया), ग्राम - पाकबीरा, तहसील - पुंचा, जिला - पुरुलिया (पश्चिम-बंगाल) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 4, कमरे (बिना बाथरूम) - 4 हाल - 1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100 भोजनशाला - नहीं अन्य - पुरुलिया में 60 दिगम्बर जैन परिवार रहते है, जैन मंदिर एवं धर्मशाला भी है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - पुरुलिया से 55 कि.मी. बस स्टेण्ड - बस एवं टेक्सी वाहन उपलब्ध निकटतम प्रमुख नगर - पुरुलिया-55 कि.मी., पुंचा से-3 कि.मी., कोलकाता-320 कि.मी., बाकुड़ा-45 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र प्रबन्धकारिणी समिति संयोजक - श्री विनोद सरावगी प्रबन्धक - श्री जितेन्द्र जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 04 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - 8 वीं से 12 वीं शताब्दी तक 50 से अधिक प्रतिमायें भू-गर्भ से प्राप्त हुई। भगवान पद्मप्रभु की 8.5 फुट खड्गासन प्रतिमा को स्थानीय नागरिक भैरवनाथजी के नाम से पूजते हैं। इस स्थान की खोज सन् 1890 में अंग्रेजों ने की थी। पूर्व में 24 जिन मंदिर थे। जिनके भग्नावशेष मिलते हैं। तीन मंदिर पूर्ण अवस्था में विद्यमान हैं। यह क्षेत्र सराक बहुल है। सराकोद्धारक, राष्ट्रसंत उपाध्यायरत्न श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने इस सम्पूर्ण अंचल के पुनरुद्धार एवं विकास हेतु बहुत कार्य किया है एवं निरन्तर सराकोत्थान के कार्य चल रहे हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र 8 वीं से 12 वीं शताब्दी तक प्राचीन जैन मूर्तियाँ निकट क्षेत्र लखाड़ा, भाष्करडांगा, बारहमसिया, शीतलपुर, अनाईजामाबाद, भांगड़ा में विराजमान हैं। श्री सम्मेद शिखर 180 कि.मी. बोकारो ईसरी बाजार से होते हुऐ। आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  15. अतिशय क्षेत्र चिन्सुरा नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ जैन मन्दिर, चिन्सुरा, जोगीपाड़ा की गली, पो. चिन्सुरा, जि.- हुगली (पश्चिम बंगाल)पिन -712101 टेलीफोन - 033 - 26811033 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - ४, कमरे (बिना बाथरूम) - 2 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 25), गेस्ट हाऊस - निजी यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100 तक। भोजनशाला - अनुरोध पर सशुल्क अन्य - 2 कि.मी. की दूरी पर निजी होटल व गेस्ट हाऊस है। औषधालय - निजी एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - चूचड़ा (जिला - हुगली) बस स्टेण्ड - लोकल है, घड़ी - मोड़ पहुँचने का सरलतम मार्ग - कोलकाता से रेलमार्ग तथा सड़क मार्ग, बस ऑटो, सायकल रिक्शा उपलब्ध निकटतम प्रमुख नगर - कोलकाता - 40 कि.मी., चिन्सुरा - 3 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर,9,वैसारव लेन, कोलकाता -700007 मंत्री - श्री रतनलाल जैन सेठी (033-22483914,09830401010) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02 (पारसनाथ वेदी तथा क्षेत्रपाल) क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - इस मंदिर में दिगम्बर, श्वेताम्बर, बंगाली लोग क्षेत्रपालजी की पूजा, अर्चना हेतु आते रहते हैं। प्रतिमा प्राचीन एवं मनोरम है। ऐसी मान्यता है कि तीर्थ यात्री श्री क्षेत्रपालजी, भौमियाँजी, भैरवनाथजी को मनोकामना पूर्ण होने पर पूजने आते हैं। भगवान श्री पार्श्वनाथ की प्रतिमा लगभग 400 वर्ष पुरानी है। 'हुगली - चिन्सूरा शहर आशा परगना के अन्तर्गत है। मंदिर 18 वीं शताब्दी के प्रारंभ में निर्मित हुआ है। यह विख्यात पार्श्वनाथ मंदिर गली में जोगीपाड़ा का जैन मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है एवं अन्य तीर्थंकरों की भी प्रतिमाएँ हैं। वार्षिक मेले - महावीर जयंती एवं अनंत चतुर्दशी समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र मधुबन पारसनाथ (झारखण्ड)-लगभग 275-300 कि.मी., कोयलाधार दिगम्बर जैन मंदिर -100 कि.मी., खंड़गिरि - उदयगिरि (उड़ीसा)- लगभग 400 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  16. अतिशय क्षेत्र वहलना नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, वहलना, ग्राम - वहलना, जिला - मुजफ्फरनगर (उत्तरप्रदेश) पिन - 251 002 टेलीफोन - 09682057777 , email - jainmandirvehina@gmail.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 21, ए.सी.कमरे - 10, वातानुकूलित कमरे - 17 कमरे कूलर सहित - 18 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 60), गेस्ट हाऊस -1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200 भोजनशाला - अनुरोध पर, नि:शुल्क औषधालय - है,प्राकृतिक चिकित्सालय पुस्तकालय - है, पुस्तकें लगभग 1000 एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मुजफ्फरनगर - 5 कि.मी. बस स्टेण्ड - मुजफ्फरनगर - 5 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - मुख्य हाईवे से 1.5 कि.मी. मारूति वैन उपलब्ध। दिल्ली - देहरादून हाइवे क्र. 58 से 1.5 कि.मी. की दूरी पर निकटतम प्रमुख नगर - मुजफ्फरनगर-5 कि.मी.,दिल्ली-125 कि.मी.,मेरठ - 50 कि.मी., हरिद्वार-80 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि, जैन अतिशय क्षेत्र, वहलना,(रजि.), प्रबंधकारिणी समिति संरक्षक - श्री नरेन्द्रकुमार जैन (093580 05427) अध्यक्ष - श्री श्रेयांसकुमार जैन (093191 55248) महामंत्री - श्री राजकुमार जैन नावला वाले (094122 13198) कोषाध्यक्ष - श्री रजनीश जैन (09897259199) प्रबन्धक - श्री दिनेशचन्द्र जैन (०93199 10193) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं। ऐतिहासिकता - वहलना का प्राचीन नाम 'बेहरानगर' था। लगभग 200 वर्ष पूर्व बेहरा नगर एक बड़ा नगर था जहाँ 300 जैन परिवार रहते थे एवं भगवान पार्श्वनाथ का भव्य जिनालय था। मूर्ति श्वेत पाषाण की नौ फणवाली भगवान पाश्र्वनाथ की अति सुन्दर एवं अतिशययुक्त है। उपाध्याय 108 श्री नयनसागरजी मुनिराज की प्रेरणा से भगवान पाश्र्वनाथ की 31 फुट उँची खड्गासन प्रतिमा स्थापित की गई है। विशेष जानकारी - क्षेत्र पर 57 फीट ऊँचा मानस्तम्भ, पाण्डुक शिला एवं महावीर बाल वाटिका है। तीन समाधियाँ मुनिराज सुपाश्र्वसागरजी, श्री बोधसागरजी संघस्थ आचार्य श्री धर्मसागरजी (1975), मुनि श्री चारित्रभूषणजी (2002) की हैं। श्री चतुरसेन जैन मेमोरियल प्राकृतिक 20 बेड चिकित्सालय, योग एवं शोध संस्थान, पाश्र्व नौका विहार, अश्व वन, तीर्थंकर केवली वृक्ष वाटिका, ध्यान केन्द्र, हरियाली फव्वारें आदि सुन्दर रमणीय स्थान है। वार्षिक मेले - 2 अक्टूबर, 18 अप्रैल, पाश्र्वनाथ निर्वाण महोत्सव समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र हस्तिनापुर - 60 कि.मी., बड़ागाँव - 105 कि.मी., हरिद्वार - 80 कि.मी., मसूरी-150 कि.मी.,बद्रीनाथ-400 कि.मी.,देहरादून-125 कि.मी.,मेरठ-50 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  17. अतिशय क्षेत्र त्रिमूर्ति मन्दिर-एत्मादपुर नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र त्रिमूर्ति मन्दिर, एत्मादपुर, कस्बा -एत्मादपुर, जिला - आगरा (उत्तरप्रदेश) पिन - 283020 टेलीफोन - 094127 20486, 094108 75275, 089237 69972 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - ४, कमरे (बिना बाथरूम) - 8 हाल - 2 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 80. भोजनशाला - है, सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - है (ऐलोपेथिक) एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - एत्मादपुर - 1 कि.मी. बस स्टेण्ड - कस्बा - एत्मादपुर पहुँचने का सरलतम मार्ग - आगरा अथवा टूण्डला होकर निकटतम प्रमुख नगर - आगरा - 20 कि.मी., टूण्डला - 6 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन पंचायत, एत्मादपुर अध्यक्ष - श्री रामबाबू जैन (0562 - 2256693) महामंत्री श्री महेन्द्रकुमार जैन, अधिवक्ता मंत्री - श्री ब्रह्मानन्द जैन, अधिवक्ता(098971-94578) प्रबन्धक - श्री विनयकुमार जैन (अन्ना) (0562-2390207) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 1+3 (एक मंदिर एवं एक चैत्यालय)-4 मंदिर है। क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - दिल्ली-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 2 पर स्थित यह मंदिर अतिशयकारी एवं चमत्कारिक है। मनोकामना पूर्ण होती है एवं रोगी मुक्त होकर जाते हैं। त्रिमूर्ति के बाहर मंदिर में 22 प्रतिमाएँ विराजमान है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र बटेश्वर - 60 कि.मी., आगरा - 28 कि.मी., राजमल - 15 कि.मी., मरसलगंज - 25 कि.मी., फिरोजाबाद (चॅदवाड़) - 20 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  18. अतिशय क्षेत्र त्रिलोकपुर नाम एवं पता - भगवान नेमिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, त्रिलोकपुर, मु. पो.-त्रिलोकपुर तहसील-रामनगर, जिला-बाराबंकी (उत्तरप्रदेश)पिन-225 208 टेलीफोन - 05240 - 236309, 094155 11961, 09453853501 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 1 कमरे (बिना बाथरूम) -7 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 60) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 120. भोजनशाला - अनुरोध पर चाय-नाश्ता एवं भोजन नि:शुल्क औषधालय - है (ऐलोपेथी) पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - है (नर्सरी से हाई स्कूल, हिन्दी मिडियम) एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बिन्दौरा - 5 कि.मी. (लखनऊ - गोंडा लाइन पर)। बस स्टेण्ड - बिन्दौरा - 6 कि.मी., जीप, टेम्पो उपलब्ध होने पर त्रिलोकपुर में टेम्पो स्टेण्ड - 300 मीटर पर पहुँचने का सरलतम मार्ग - बाराबंकी से टेम्पो-जीप, कार द्वारा 23 कि.मी., बुढ़वल जंक्शन से तांगा/टेम्पो द्वारा-11 कि.मी. (पक्की सड़क प्रारंभ) निकटतम प्रमुख नगर - बाराबंकी - 23 कि.मी., लखनऊ - 50 कि.मी., बिन्दौरा - 5 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - भगवान नेमिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी, त्रिलोकपुर अध्यक्ष - श्री रामगोपाल जैन, त्रिलोकपुर (05240 - 236325) महामंत्री - श्री पदमचन्द जैन, त्रिलोकपुर (05240 - 236311 ) प्रबन्धक - डॉ. विनयकुमार जैन (05248 - 222411, 094150 48611) कोषाध्यक्ष - श्री कल्याणजी जैन (05240-236319, 094502 83782) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - भगवान नेमिनाथ की 1000 वर्ष पुरानी कसौटी पत्थर की मूर्ति बहुत ही चमत्कार पूर्ण है जो कि 300 वर्ष पूर्व गाँव के बाहर खुदाई करते समय मिली थी। यहाँ चमत्कार होते रहते हैं। कभी-कभी वाद्य यंत्रों एवं घंटे/घड़ियाल की ध्वनि सुनाई देती है। प्रात: मन्दिर में केशर की सुगंध फैल जाती है। आज से लगभग 60 वर्ष पूर्व मूल प्रतिमा की बेदी पर हरे लौंग, हरी हल्दी व चाँदी के सिक्के प्रात: प्राप्त होते थे। पुन:60 वर्ष उपरांत 21 फरवरी 2006 को मूल प्रतिमा के बेदी के अन्दर दो दिव्य हरे फल प्रात:काल के समय देवों द्वारा चढ़ायें प्राप्त हुए। अभी भी उपलब्ध है। गणिनी प्रमुख श्रीज्ञानमतीमाताजी चार बार यहाँ वन्दनार्थ आ चुकी हैं। वार्षिक रथयात्रा - कार्तिक सुदी-6,गर्भ कल्याणक भगवान नेमिनाथ की रथयात्रा। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र बाराबंकी - 23 कि.मी., रत्नपुरी - 90 कि.मी., अयोध्या - 105 कि.मी., श्रावस्ती - 145 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  19. अतिशय क्षेत्र टोड़ी-फतेहपुर (मऊरानीपुर) नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय चमत्कारी क्षेत्र, टोड़ी-फतेहपुर, ग्राम - टोड़ी - फतेहपुर,तहसील - महरौली, जिला - झाँसी (उत्तर प्रदेश) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 10, कमरे (बिना बाथरूम) - 40 हॉल -3 (यात्री क्षमता-200) गेस्ट हाऊस - पंडवाहा - 5 कि.मी. यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500 भोजनशाला - नियमित कृष्ण पक्ष में 12 से दोज तक प्रतिमाह निशल्क औषधालय - है निजी एवं शासकीय विद्यालय - शासकीय एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मऊरानीपुर - 30 कि.मी., झाँसी - 90 कि.मी. बस स्टेण्ड - टोड़ी फतेहपुर - 50 मीटर पहुँचने का सरलतम मार्ग - गुरसराय मार्ग पर पंडवाहा तिराहा 5 कि.मी., टैक्सी दिनभर, प्रतिदिन उपलब्ध है। मऊरानीपुर एवं झाँसी से नियमित बस । निकटतम प्रमुख नगर - मऊ रानीपुर - 30 कि.मी., गुरसराय - 11 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन पंचायत समिति, टोड़ी-फतेहपुर अध्यक्ष - श्री कोमलचन्द जैन मंत्री - श्री पवन कुमार जैन प्रबन्धक - श्री मिलापचन्द जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - इस क्षेत्र में 2 मनोहारी अतिशययुक्त जिन मंदिर है, जिसमें चौबीसी, समवशरण एवं नन्दीश्वर द्वीप की मनोहारी रचना है। यहाँ घरणेन्द्र देव एवं माता पद्मावती द्वारा समवशरण सभा का संचालन किया जाता है। प्रवचन भी होते हैं एवं धर्म का मार्ग भी दिखाया जाता है। विशेषता - यहाँ पर असाध्य रोगों का इलाज मात्र जैन धर्म के माध्यम से किया जाता है। इस मंदिर में जो भी रोगी रोता हुआ आता है वह प्रसन्न होकर जाता है। यहाँ पर संकट से घिरे हुए व्यक्तियों की बाधाओं का निराकरण होता है। वार्षिक मेले या विशेष आयोजन की तिथियाँ: समवशरण सभा कृष्णपक्ष की 12 से प्रारंभ होकर द्वितीया तक चलती है, जिसमें यात्रियों के ठहरने एवं भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र करगुंआजी-झाँसी - 90 कि.मी., अहारजी - 90 कि.मी., पपौराजी - 95 कि.मी., अधिकतम दूरी - 110 कि.मी., खजुराहो - 140 कि.मी.,सोनागिरि - 135 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  20. कल्याणक क्षेत्र सिंहपुरी (सारनाथ) नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ तीर्थक्षेत्र, सिंहपुरी, 20/46,भेलूपुर, ग्राम-सारनाथ, जिला-वाराणसी (उत्तरप्रदेश)पिन-221010 टेलीफोन - सारनाथ - मो. : 09305686021 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - हाल - 3 (यात्री क्षमता - 120), गेस्ट हाऊस - शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250. भोजनशाला - नहीं औषधालय - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - वाराणसी केन्ट - 10 कि.मी. बस स्टेण्ड - वाराणसी केन्ट - 10 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - वाराणसी केन्ट - पाण्डेपुर - आशापुर - सारनाथ निकटतम प्रमुख नगर - वाराणसी - 14 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन समाज, काशी अध्यक्ष - श्री चन्द्रभान जैन (0542 - 2392020) महामंत्री - श्री अरुणकुमार जैन (0542 - 2276920) मंत्री - श्री राकेश जैन, वाराणसी (0542 - 2221212) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - भगवान श्रेयांसनाथ के गर्भ, जन्म, तप व केवलज्ञान कल्याणक यहाँ सम्पन्न हुए थे। सारनाथ गौतम बुद्ध के प्रथम उपदेश के लिये जाना जाता है। जैन मन्दिर के पास 2200 वर्ष पुराना स्तूप है जिसकी ऊँचाई 33 मीटर है। अनेक लोग इसे जैन स्तूप मानते हैं। वार्षिक मेला - यहाँ प्रतिवर्ष फाल्गुन कृष्णा 11 व श्रावण शुक्ला 15 को मेला लगता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र भेलूपुर - 14 कि.मी., भदैनी घाट - 15 कि.मी., चन्द्रपुरी - 15 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  21. कल्याणक क्षेत्र एवं सिद्धक्षेत्र श्रावस्ती (सहेठ-महेठ) नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन श्रावस्ती तीर्थक्षेत्र, श्रावस्ती, ग्राम-श्रावस्ती, तह.-इकौना, जिला-श्रावस्ती (उत्तरप्रदेश) पिन - 271845 टेलीफोन - 05252 - 265295, 078974 69873, 094509 96348 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 20, कमरे (बिना बाथरूम) - 23, हाल - 1 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - है (होम्योपैथिक) पुस्तकालय - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - गोण्डा - 65 कि.मी., बलरामपुर - 17 कि.मी. बस स्टेण्ड - श्रावस्ती - 1 फर्लाग पहुँचने का सरलतम मार्ग - बहराइच होकर ज्यादा अच्छा है। निकटतम प्रमुख नगर - बलरामपुर - 16 कि.मी., बहराइच - 45 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन श्रावस्ती तीर्थक्षेत्र कमेटी, श्रावस्ती अध्यक्ष - श्री हंसराजजी जैन (0522-2789554, 09415028126) महामंत्री - श्री रूपेश जैन, बहराइच (094151 92182) प्रबंधक - श्री अजितप्रसादजी जैन (05252 - 265295) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - यह क्षेत्र तीसरे तीर्थंकर भगवान संभवनाथजी के गर्भ, जन्म, तप व केवलज्ञान कल्याणक स्थली तो है ही, यहीं परइन्द्रों द्वारा संभवनाथ भगवान का प्रथम समवसरणभीरचा गयाथा। भगवान महावीर का भी समवसरण आया। श्रावस्ती जैन व बौद्ध दोनों का प्राचीन तीर्थस्थल है। यहां से दो मुनिराज श्री मृगध्वज एवं नागध्वज मोक्ष पधारे हैं अतः यह क्षेत्र सिद्ध क्षेत्र भी है। समवशरण की भव्यरचना निर्माणाधीन है। वार्षिक मेला - कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान पर भगवान संभवनाथ के जन्मदिवस का विशेष आयोजन मेले के रूप में किया जाता है। इस अवसर पर रथ यात्रा होती है। चैत्र शुक्ल षष्ठी को श्री जी का निर्वाणोत्सव धूम धाम से मनाया जाता है। सर्वतोभद्र प्रतिमा के महामस्तकाभिषेकका पंचवर्षीय आयोजन होता है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र अयोध्या - 125 कि.मी., रतनपुरी- 145 कि.मी., त्रिलोकपुर - 130 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  22. सिद्ध एवं कल्याणक क्षेत्र शौरीपुर-बटेश्वर नाम एवं पता - श्री शौरीपुर बटेश्वर दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, शौरीपुर बटेश्वर, ग्राम-बटेश्वर, तहसील-बाह, जिला-आगरा (उत्तरप्रदेश) पिन-283 104 टेलीफोन - बटेश्वर - 05614 - 234750, 08941879101 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (बिना बाथरूम)-26+8, कमरे (अटैच बाथरूम) - 5, हाल -2 बटेश्वर, गेस्ट हाऊस - 1(शौरीपुर) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 300. भोजनशाला - है औषधालय - है पुस्तकालय - नहीं। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- हैं। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - फिरोज़ाबाद - 35 कि.मी., आगरा - 70 कि.मी. बस स्टेण्ड - बाह - 7 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - श्री शांतिनाथ दि. जैन मंदिर (एम.डी. जैन इन्टर कॉलेज), अहिंसा चौक, हरी पर्वत, आगरा से प्रतिदिन 7.30 बजे कमेटी की बस द्वारा एत्मादपुर, टुण्डला, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद आदि मंदिरों के दर्शन कराते हुए बटेश्वर एवं शौरीपुर पहुँचती है। (सम्पर्क- श्री संजय - 099975 21213) निकटतम प्रमुख नगर आगरा - 70 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री शौरीपुर बटेश्वर दि. जैन सिद्धक्षेत्र कमेटी अध्यक्ष - श्री स्वरूपचन्द जैन (0562 - 2850812, 098976 58432) मंत्री - श्री भोलानाथ जैन (09897898844) व्यवस्थापक - श्री सोहनलाल जैन (0894 1879101-बटेश्वर जैन मंदिर) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 03 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - श्रीनेमिनाथ भगवान की यह गर्भ और जन्म कल्याणक भूमि है। यह सिद्ध क्षेत्र और कल्याणक क्षेत्र दोनों ही है। सहस्त्रों वर्ष पूर्व धन-धान्य से समृद्ध यमुना तट पर शौरीपुर एक विशाल नगरी थी। इस नगरी को महाराज शूरसेन ने बसाया था। उन्हीं की पीढ़ी में महाराज समुद्र विजय हुए, ये 10 भ्राता थे, इनमें सबसे छोटे वसुदेव थे जिनके पुत्र श्रीकृष्ण थे। कुन्ती और माद्री महाराज समुद्र विजय की बहनें थीं जो कुरूवंशी पाण्डु को ब्याही थी। समुद्रविजय के पुत्र तीर्थंकर नेमिनाथ थे वे श्रीकृष्ण से उम्र में बहुत छोटे थे। श्री सुप्रतिष्ठ मुनि को यहाँ केवलज्ञान प्राप्त होने पर सर्वज्ञ हो गयेथे एवं मुनि श्री यम, मुनि श्री धन्य एवं मुनि श्री विमलासुत की निर्वाण भूमि है। श्री नेमि प्रभु के पश्चात् अनेक दिगम्बर मुनियों को ज्ञानोत्पत्ति के कारण यह भूमि सिद्ध भूमि के गौरव से अलंकृत हुई। क्षेत्र के भूगर्भ से प्राचीन मूर्तियाँ, महाभारत कालीन ईंटेतथा पुरातात्विक सामग्री प्राप्त हुई है। वार्षिक मेला - 1. प्राचीन मेला मार्ग शीर्ष कृष्ण एकम् को, 2. श्री अजितनाथभगवान निर्वाण महोत्सव चैत्र शुक्ल पंचमी को समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र फिरोज़ाबाद-35 कि.मी., आगरा-70 कि.मी., मथुरा चौरासी - 110 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  23. अतिशय क्षेत्र 'पदमपुरा (बाड़ा) राजस्थान नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्री पदमपुरा (बाड़ा) तहसील - चाकसू, जिला - जयपुर (राजस्थान) पिन - 303903 टेलीफोन - 01429 - 277225, 277210 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 90, कमरे (बिना बाथरूम) - 62, गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. भोजनशाला - नियमित, सशुल्क औषधालय - है (ऐलोपेथिक) पुस्तकालय - है। विद्यालय - एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - शिवदासपुरा, पद्मपुरा (ब्राडगेज) - 7 कि.मी. बस स्टेण्ड - पदमपुरा (बाड़ा) मन्दिर गेट पर पहुँचने का सरलतम मार्ग - अजमेरी गेट, जयपुर से पदमपुरा के लिए बस उपलब्ध निकटतम प्रमुख नगर जयपुर - 30 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पदमपुरा प्रबन्धकारिणी समिति अध्यक्ष - श्री सुधीर जैन (09667759255) मंत्री - श्री हेमन्त सोगानी (98290 64506) कोषाध्यक्ष - श्री राजकुमार कोठ्यारी (094140 48432) प्रबन्धक - श्री रमेश बिलाला (01429-277225, 096024 06263) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : संवत् 2001 में बाड़ा गाँव में मूला जाट के मकान में खुदाई के समय भगवान् पद्मप्रभु की मूर्ति का प्रादुर्भाव हुआ। वही प्रतिमा यहाँ मूलनायक के रूप में प्रतिष्ठित है। गाँव में चरण, छत्री व पुराना स्थान जहाँ प्रथम बार भगवान् पद्मप्रभु को विराजित किया गया था, श्रद्धा के केन्द्र हैं। यहां अनेक चमत्कार होते रहते हैं। अनेक व्याधिग्रस्त व्यक्ति यहां आकर व्याधि मुक्त होकर प्रसन्नतापूर्वक लौटते है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - खानियांजी चूलगिरि - 28 कि.मी., संघीजी मन्दिर, सांगानेर -22 कि.मी., मोजमाबाद अतिशय क्षेत्र -77 कि.मी., जयपुर - 30 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  24. अतिशय क्षेत्र शान्तिगिरि (मदनपुर) नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशयकारी सिद्ध क्षेत्र शान्तिगिरि, मदनपुर, ग्राम-मदनपुर, पोस्ट-डिडोनिया, तहसील-मंडावरा, जिला-ललितपुर (उ.प्र.)-284404 टेलीफोन - 07683 - 242592, 094256 66708 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (बिना बाथरूम) - 2 कमरे (अटेच बाथरूम) - 10, गेस्ट हाऊस - 1(शासकीय) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. भोजनशाला - अनुरोध पर, सशुल्क औषधालय - है आयुर्वेदिक पुस्तकालय - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - सागर - 55 कि.मी. बस स्टेण्ड - मदनपुर - 1.5 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - ललितपुर रेल्वे स्टेशन से महरौनी, मडावरा, मदनपुर। सागर, झांसी, ललितपुर से नियमित बस सेवा उपलब्ध। निकटतम प्रमुख नगर - सागर - 55 कि.मी., ललितपुर - 65 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र शान्तिगिरि मदनपुर प्रबन्धकारिणी कमेटी संस्थापक एवं ट्रस्ट महामंत्री - पं. विमलकुमार जैन, सरया, प्रतिष्ठाचार्य, टीकमगढ़ दूरभाष 07683 - 242592, 094256 66708 क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 9 (8 पहाड़ पर - 1 गाँव में) क्षेत्र पर पहाड़ - है - पहाड़ पर 0.5 कि.मी. की चढ़ाई है, सीढ़ियाँ नहीं है। ऐतिहासिकता - यह 9 वीं से 12 वीं शताब्दी तक की वास्तुकला का जीता जागता दर्शन है। इस क्षेत्र में पाषाण कला के अवशेष एवं क्षेत्र की भूमि में अनेक धातुओं के भंडार हैं। वार्षिक जानकारी : क्षेत्र देवगढ़ अहारजी आदि के समकालीन है तथा उसी कला की खड्गासन शान्तिनाथ भगवान की प्रतिमाएँ हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र गिरारगिरिजी - 45 कि.मी., पिडरूवाजी - 30 कि.मी., बानपुर -50 कि.मी. ऋषभदेव तीर्थस्थल संग्रहालय सीरोनजी - 28 कि.मी., देवगढ़-80 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
  25. कला क्षेत्र नौगामा नसियाँजी राजस्थान नाम एवं पता - श्री दि. जैन वाग्वर सम्मेद शिखर पर्वत रचना नसियाँजी, नौगामा, मु. पोस्ट - नौगामा, तह.- बागीदौरा, जिला - बांसवाड़ा (राजस्थान) पिन - 327034 टेलीफोन - 098288 57171, 09414717079 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 2, कमरे (कच्चे पलड़े वाले) - X, हाल - 2 (यात्री क्षमता-100), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - चालू है। औषधालय पुस्तकालय - X विद्यालय एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - दाहोद - 90 कि.मी. बस स्टेण्ड - नौगामा पहुँचने का सरलतम मार्ग - बस अथवा टेक्सी बांसवाड़ा - 24 कि.मी., दाहोद - 90 कि.मी., उदयपुर - 160 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री सकल दिगम्बर जैन समाज, नौगामा अध्यक्ष - श्री केसरीमल जैन (09414717079) कोषाध्यक्ष - श्री हीरालाल पचोरी (099824 60108) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03 (2 ग्राम - नौगामा में तथा 1 नसियाँजी में) क्षेत्र पर पहाड़ : नसियाँजी पहाड़ीनुमा है। ऐतिहासिकता : यहाँ पर निर्वाण क्षेत्र श्री सम्मेदशिखरजी की रचना है। नसियाँजी क्षेत्र पुराना है। अतीत में यह क्षेत्र भट्टारक परम्परा में स्थापित हुआ था। विशेष जानकारी : निकट ही ग्राम कलिंजरा में ऐतिहासिक बावन डेरी मन्दिर परिसर में वाग्वर गोम्मटेश भगवान बाहुबली की कमल सहित 15 फुट उत्तुंग अति मनोज्ञ एवं चमत्कारिक प्रतिमा दर्शनीय है। वार्षिक मेला : कार्तिक सुदी 2 समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : अतिशय क्षेत्र अन्देश्वर पार्श्वनाथ - 22 कि.मी., केशरियाजी -160 कि.मी., वाग्वर गोम्मटेश कलिंजरा-15 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
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