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जिनशासन संघ

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  1. *INDIA नहीं 🚫 भारत बोले🇮🇳* *⚖️SUPREME COURT* में *Namah* नाम से याचिकाकर्ता ने WRIT PETITION (C) क्रमांक 000422 / 2020 को register किया है और 2 जून 2020 को इसके Admission के निर्णय के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तारीख दी हुई है। ➡️याचिका में लिखा है कि संविधान के Article 21 के अनुसार सभी भारतीय नागरिकों को मौलिक अधिकार है कि वो अपने देश को *भारत* कह सके। इस आधार पर यह याचिकाकर्ता ने देश के India नाम को हटाकर *भारत* करने की प्रार्थना की है *⛳आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज* का अनेक वर्षों से यह विचार रहा है कि देश का India नाम हटाकर भारत होना चाहिए *➡️ ज्ञात रहे इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में इस तरह की याचिकाएं अन्य व्यक्तियों द्वारा दाखिल की हुई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनको निरस्त कर दिया* *➡️ यदि जैन समाज के प्रबुद्ध जन इस याचिका को support करने के लिए अपनी पहचान आदि का उपयोग करते हैं और पूरी समाज सार्वजनिक मंचों पर इस याचिका को प्रचारित करके अन्य RSS जैसे हिन्दू संगठनों को भी इस याचिका के सहयोग के लिए प्रेरित करते हैं तथा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री आदि नेताओं तक पहुँचकर इस याचिका के समर्थन और पक्ष में उतरने के लिए बयान आदि जारी करवाने के लिए निवेदन करें तो संभव है कि सुप्रीम कोर्ट यह याचिका निरस्त न करके इसकी सुनवाई करे* *➡️ जैन समाज अपनी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सहायक वकील देकर भी इस याचिकाकर्ता को बाहर से दिशानिर्देश और सलाह दे सकते हैं* *🙏🏽अतः आप सभी से करबद्ध निवेदन है कि इस याचिका के लिए समर्थन और सार्वजनिक माहौल तैयार करने के लिए अपने अपने स्तर पर पूरी कोशिश करें। 2 जून से पहले कुछ करने की कोशिश करें🙏🏽* *🖼️ याचिका की सर्व जानकारी सलग्न photo में दी है* *⛳जिनशासन जयवंत हो⛳* *💎जिनशासन संघ💎*
  2. *💥पटाखे फोड़ने से पहले सावधान ,,ये जरुर पढीए💥* दोस्तों सावधान.... 👀 ✋🏿 🤔🤔 पटाखे फोड़ने से आठ कर्मों का बन्धन होता है ..! *1⃣ज्ञानावरण कर्म-* जीवों के ज्ञानेन्द्रियाँ का छेदन भेदन करके उनके ज्ञान में अन्तराय डालने से 💥🕷🐜🐕🐈🐿🕊 *2⃣दर्शनावरण कर्म-* जीवो की हिंसा से उनके मति, श्रुत, अवधि दर्शन में और जीवों के चक्षु आदि अंगोपांग छेद भेद कर उनके चक्षु और अचक्षु दर्शन में अन्तराय डालने से 🕷🐜💥👀🌿☘ *3⃣वेदनीय कर्म-* जीवो को दुःख, शोक, ताप, वध, वेदना होने से ! 💥🕷🐞🐜🐰🐶🙊🐤 *4⃣ मोहनीय कर्म-* पटाखे फोड़ने से विध्वंस और बम आदि फोड़ने के भाव होते हैं और यदि किसीके संपत्ति का नुकसान आपके पटाखों से जल कर हो जाए तो उसके भी कषाय और लड़ाई झगडे होते है । पटाखों की आवाज से बच्चे, पशु पक्षी सब डरते है और उनके परिणाम ख़राब होते हैं। ये सब स्वयं और दूसरे के कषाय परिणामों से चारित्र मोह का आस्रव होता है 💥🤕😷😭😫😧 *5⃣अशुभ-आयुष्य कर्म-* पटाखे फोड़ने से बहुत आरम्भ होता है और रौद्र परिणाम होते हैं जिससे नरक का बंध हो सकता है 💥👺 *6⃣नाम कर्म -* पटाखे फोड़ते समय मन वचन काय में कुटिलता आती है और जीवों के अंगोपांग का छेदन भेदन होने से अशुभ नाम कर्म का आस्रव 💥🤓 *7⃣नीच गोत्र कर्म-* पटाखे फोड़ने से खुश होते हुए अपने अधिक रसूक की प्रशंसा करना 💥💵💵💵💵 *8⃣अन्तराय कर्म-* नींद लेने में, पढने में, शांति में विघ्न, अन्तराय करने से ! 💥😌😩😖📚❎ 💤💤💤💤💤💤💤 सत्य और अच्छा लगे तो सभी को बताना ! *🚫पटाखे खरीदने बेचने और फोड़ने का त्याग करें और असंख्यात जीव हिंसा के पाप से बचे🚫* 💈✨☄❗☄✨💈 *⛳जिनशासन जयवंत हो⛳* *💎जिनशासन संघ💎*
  3. *🤔 क्या माता पिता द्वारा छोटे बच्चों को दिगंबर मुनि मुद्रा धारण कराकर, उनको पिच्छी कमंडल देकर, आहार आदि चर्या कराना उचित है ❓* *➡आज व्हाट्सएप पर निम्नलिखित msg और उसके साथ कुछ वीडियो एवं फ़ोटो वायरल हुई* 👇🏽👇🏽👇🏽 Sector 11 उदयपुर में एक आचार्य महाराज जी के संघ मे 3 years का बच्चा महाराज जी के पास aata है रोज मुनि मुद्रा मे आचार्य श्री के साथ साथ रहता है उनको नहीं छोड़ता... मुनि धर्म की कॉपी करता है कमंडल पिचि सब रखता hai.. आहार चर्या मे उतरता hai.. जय हों jain धर्म के पूर्व संस्कार ... इसमें दिख rahe.. 24sep2019 ➡ जैन शास्त्रों में *ब्रह्म गुलाल* की कहानी इस विषय पर स्पष्ट है कि एक बार दिगंबर मुनि मुद्रा धारण करने के बाद उसे छोड़ नहीं सकते। ➡ शास्त्रों में ८ वर्ष अन्तर्मुहूर्त से कम उम्र के लड़कों को दीक्षा ग्रहण करने के अयोग्य बताया है। ➡ ऐसे में ३ साल के अनभिज्ञ बालक को नग्न करके उसे पिच्छी कमंडल देकर पड़गाहन के लिए विधि लेकर आहार चर्या पर निकलते हुए देखकर आश्चर्य हुआ कि उस बालक के माता पिता को जैन धर्म के मूल तथ्यों एवं दिगंबर दीक्षा के विषय में जानकारी का अभाव है जिस वजह से उन्होंने इसे केवल एक बाल क्रीड़ा के रूप में देखते हुए अपने बालक को मुनि चर्या करने के लिए सम्मति दी होगी। ➡ सभी अभिभावकों से निवेदन है कि उपरोक्त कारणों की वजह से अपने बच्चों को कभी भी देखादेखी दिगंबर मुनि की तरह चर्या न करवाएं। ➡ अपने बच्चों को नाटक आदि में भी दिगंबर मुनि का अभिनय नहीं करवाएं। ➡ दिगंबर मुनि की मुद्रा और चर्या यह नाटक अथवा अभिनय का विषय नहीं है और एक बार दिगम्बरत्व धारण करने पर छोड़ने से क्या दोष लगता है यह किन्ही जानकार विद्वान से पूछें। *🙏🏽कृपया यह msg उन सभी ग्रुप्स में प्रेषित करें जहां उपरोक्त ३ वर्ष के बालक की मुनि मुद्रा में फ़ोटो एवं वीडियो भेजे गए हैं* *⛳जिनशासन जयवंत हो⛳* *💎जिनशासन संघ💎*
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