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ऐसा पलना झूले रे : महावीर जयंती (जन्म कल्याणक विशेष) रील लक्की ड्रॉ अपडेट - हुमने कहा था अधिक लाइक पर लक्की ड्रॉ निकलेगा - (Min cut off base pe ) however we did not get much like and so we thought of doing luck draw cut off was changed to zero... अधिक लाइक वाले 2 प्रतियोगि Saachi Pravika को भी हम सूची मे जोड़ रहे हैं कुल 3 की जगह अब 5 उपहार दिए जा रहे हैं आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाए
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🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 तीन लोक हर्षाते,जन्म होता जब महावीर का, नरंको तक में, शांति का झरना झरता है। चाहते सूत्र, सुख समृद्धि और शांति का, तो जिओ और जीने दो, संदेश वीर प्रभु का कहता है।। राम हो या महावीर,भगवान वही बनता, रगों में जिसकी, लहू करुणा का बहता है।🙏🏼🙏🏼 इक ज्योति पुंज का जन्म हुआ,उद्धार हुआ जन जन का, भारत वसुधा कृतार्थ हुई । धन्य हुए सिद्धार्थ, धन्य- धन्य मां त्रिशला, पाकर जन जन, महिमा जिनकी गाता है।। राम हो या महावीर, भगवान वही बनता, रगों में जिसकी, लहू करुणा का बहता है।🙏🏼🙏🏼 ध्येय सर्वज्ञ बनना और बनाना, हित हो प्राणी मात्र का, नमन सिर्फ वीतरागता को करता है। क्रोध का हार बना दे, क्षमा के फूलों से, आडंबर नहीं स्वार्थ और अहंकार का, मायाचारी से डरता है। राम हो या महावीर,भगवान वही बनता, रगों में जिसकी, लहू करुणा का बहता है।🙏🏼🙏🏼 ब्रह्मचार्य पर आरूढ़ हो, त्याग निधि को पाकर, भौतिक सुखों से जो,कोसों दूर रहे। संयम तप की,अग्नि में जलने वाला,निज गौरव को प्राप्त कर,कुंदन बन चमकता है।। राम हो या महावीर, भगवान वही बनता, रगों में जिसकी, लहू करुणा का रहता है।। मन में दया का सागर उमड़े, परिग्रह हो गागर जितना, वाणी से सत्य की धार बहे। बूँद मात्र भी हिंसा ना हो, कोसों दूर कुशिल से, पर धन पर, न अपना अधिकार जमाता है ।। राम हो या महावीर,भगवान वही बनता, रगों में जिसकी, लहू करुणा का बहता है।।🙏🏼🙏🏼 रोम रोम में रहे नाम प्रभु का, वीतराग छवि आंखों में, पर सेवा के लिए हाथ बढे। प्रभावना जिन शासन की इस मुख से, कानों से जिनवाणी श्रवण,परोपकार के लिए पांव बढ़ाता है।। राम हो या महावीर भगवान वही बनता रगों में जिसकी लहू करुणा का बहता है।।🙏🏼🙏🏼 हिंसा के बादल छाए,झुलस रही सारी दुनिया, आशा की किरण भी धूमिल हुई। जियो और जीने दो प्यारे,चार शब्दों की इस युक्ति में, हर समाधान नजर आता है।। राम हो या महावीर, भगवान वही बनता, रगों में जिसकी, लहू करुणा का बहता है।।🙏🏼🙏🏼 तीन लोक हर्षाये, जन्म हुआ जब महावीर का, नरंको तक में, शांति का झरना झरता है । चाहते सूत्र, सुख, समृद्धि और शांति का, तो जिओ और जीने दो,संदेश वीर प्रभु का कहता है।। विनोद पाटनी (बस्सी वाले ) किशनगड़ ,अजमेर 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
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भगवान महावीर को विनयांजली. 🙏 आज से करीबन 27सों साल पहले भगवान महावीर ने बताये हुए तत्वों को संपूर्ण विश्व को अंगिकार करनेकी, आज वर्तमान में पहले से ज्यादा आवश्यकता क्यो पड रही है? क्योंकी हम इन्सांन है। समय के बदलाव के साथ इस स्वयंकेंद्रित भौतिक जगत मे रहते हुए जाने अंजाने में हमं अपनी मानवता को खो रहे है। आज व्यक्तीस्वातंत्र्य के नाम पर हर क्षेत्र में स्वैराचार बढ रहा है। हमारी भौतिक सुख की लालसा के कारण इंसान संपूर्ण पर्यावरण और प्राणी मात्रांओंको हानी पहु़चा रहा है। सत्ताके लालच के कारण हर बलशाली व्यक्ती, समाज, राष्ट्र एक दुसरे के सामने बंदूक ताने खडा है। सभी तरफ अशांती ही अशांती फैली हुई है। ऐसे निराशाजनक परिस्थिती से बाहर निकालने का सामर्थ्य सिर्फ भगवान महावीर ने बताये हुये "जिओ और जीने दो" इस मानवतावादी विचारोमें ही है। इतिहास भी गवाह है कि भगवान महावीर का सत्ताइसो साल पहले दिया हुआ अहिंसा का संदेश, सातसों साल पहले जगद्गुरू ज्ञानेश्वर ने भी बताया और परकियोंके आक्रमण से देश को स्वातंत्र्य दिलाने के लिए महात्मा जी ने भी अहिंसाका ही बिगूल बजाया। और आज भी रोजाना साधुसंत, महापुरुष, दुनिया को इसी मार्ग पर लाने का प्रयास कर रहे है। हमें भी महापुरुषोंके आदर्श का पालन जयंती, स्पर्धा या विशेष कार्यक्रमों तक ही सिमीत न रखते हुए, तन मनसे रोजाना स्वयम् इस राह पर चलने का और औरोंको भी लाने का अविरत प्रयत्न करना होगा।यहीं भगवान महावीर को सच्ची मानवंदना होगी। ओम् शांती. 🙏😊