नमोस्तु नमोस्तु नमोस्तु भगवन्त
भगवान महावीर स्वामी ने हमे अपरिग्रह का सिद्धान्त देकर हम सभी जीवो पर अनंत उपकार किया है। जैसे एक छोटा सा पैंसिल का उदाहरण ही है,कि उसे बनाने के लिए एक पेड़ कटता है जो एक इंद्री जीव है साथ ही उस पेड़ पर कितने पशु पक्षी आश्रित होते है अपने निवास के लिए अपने खाने के लिए लेकिन एक पेड़ काटकर हमने कितने सारे जीवो को दुख दिया फिर उस पैंसिल को बनाने के लिए लैड(lead) की जरूरत होती है जिसके लिए खुदाई होती है जिससे फिर से अनेक जीवो की हिंसा होती है उसके बाद उसे रंगने के लिए वो फैक्ट्री मे जाती है और फिर अंत मे ट्रासपोर्ट जिससे कितना प्रदूषण होता है और हिंसा भी। तो इससे पता चलता है कि सिर्फ एक छोटी सी वस्तु का निर्माण करने से कितनी हिंसा और पर्यावरण का सत्यानाश होता है। इसलिए भगवान महावीर स्वामी ने अपरिग्रह का सिद्धान्त दिया और सिर्फ उतना ही संग्रह करने को कहा जितने की जरूरत है अनावश्यक चीजो को एकत्रित करने को मना किया।
every act of consumption has a suffering footprint.
Consumption is not the way of happiness