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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. दर्श पाइए अतिशयकारी चतुर्थकालीन नमिनाथ भगवान के जो मध्यप्रदेश के शहडोल ज़िले में विराजमान हैं संभवतः भारत में एकमात्र मंदिर जिसमें नमिनाथ भगवान मूलनायक के रूप में विराजमान हैं 🙏🙏🙏
  2. जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज ७ जुलाई, दिन मंगलवार, श्रावण कृष्ण द्वितीया शुभ तिथि को २० वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ मुनिसुव्रतनाथ भगवान का गर्भ कल्याणक पर्व है- 🙏🏻 आज अत्यंत भक्ति-भाव से देवादिदेव श्री १००८ मुनिसुव्रतनाथ भगवान की घर पर ही पूजन कर गर्भ कल्याणक पर्व मनाएँ। ☀️ तीर्थंकरों के जीवन की ऐसी घटना जो अन्य जीवों के कल्याण का आधार बनती हैं कल्याणक कहलाते हैं। वर्तमान में साक्षात में तो भगवान के कल्याणक देख पाना संभव नहीं अतः कल्याण पर्वों के शुभ अवसर पर भगवान की भक्ति, पूजन आदि द्वारा पुण्योपार्जन करना चाहिए। 🙏🏻 मुनिसुव्रतनाथ भगवान की जय🙏🏻 🙏🏻 गर्भ कल्याणक पर्व की जय🙏🏻
  3. केवलज्ञान उत्पन्न होने के पश्चात् गणधर के अभाव में छयासठ (६६) दिन तक भगवान महावीर की दिव्य ध्वनि नहीं हुई। जिस दिन भगवान महावीर की प्रथम देशना हुई भी उसे वीर शासन जयन्ती के रूप में (श्रावण कृ. १) मनाते हैं। आप सभी को वीर शासन जयन्ती (दिव्य ध्वनि दिवस) की हार्दिक शुभकामनाएं
  4. ☀️ भगवान नेमिनाथ मोक्ष कल्याणक पर्व☀️ जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज २७ जून, दिन शनिवार, आषाढ़ शुक्ल सप्तमी शुभ तिथि को २२ वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ नेमिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व है- 🙏🏻 आज अत्यंत भक्ति-भाव से देवादिदेव नेमिनाथ भगवान की पूजन अत्यंत भक्ति-भाव के करके भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व मनाएँ। 🙏🏻 महामारी के इस समय में देश में अधिकांश नगरों में जिनालय खुल गए हैं लेकिन अनेक स्थानों में अभी भी जिनालय बंद हैं अतः घर पर ही भक्ति-भाव से भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व मनाएँ। 🙏🏻 महामारी के समय में अभी तो नेमिनाथ भगवान की निर्वाण भूमि श्री गिरिनार जी जाना संभव नहीं अतः सभी घर से परोक्ष रूप में निर्वाण भूमि की वंदना करें। 🙏🏻 नेमिनाथ भगवान के निर्वाण कल्याणक पर्व पर हम सभी को संकल्पित होना चाहिए कि हम अधिक-२ से गिरिनार जी की वंदना हेतु जायेगे। 🙏🏻 नेमिनाथ भगवान की जय🙏🏻 🙏🏻 मोक्ष कल्याणक पर्व की जय🙏🏻 🙏🏻 श्री गिरिनार जी सिद्ध क्षेत्र की जय🙏🏻
  5. जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज २६ जून, दिन शुक्रवार, आषाढ़ शुक्ल षष्ठी शुभ तिथि को वर्तमान शासन नायक २४ वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ महावीर भगवान का गर्भ कल्याणक पर्व है- 🙏🏻 आज अत्यंत भक्ति-भाव से देवादिदेव श्री १००८ महावीर भगवान की घर पर ही पूजन कर गर्भ कल्याणक पर्व मनाएँ। ☀️ तीर्थंकरों के जीवन की ऐसी घटना जो अन्य जीवों के कल्याण का आधार बनती हैं कल्याणक कहलाते हैं। वर्तमान में साक्षात में तो भगवान के कल्याणक देख पाना संभव नहीं अतः कल्याण पर्वों के शुभ अवसर पर भगवान की भक्ति, पूजन आदि द्वारा पुण्योपार्जन करना चाहिए। 🙏🏻 महावीर भगवान की जय🙏🏻 🙏🏻 गर्भ कल्याणक पर्व की जय🙏🏻 ☀️
  6. जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज १५ जून, दिन सोमवार, आषाढ़ कृष्ण दशमी शुभ तिथि को २१ वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ नमिनाथ भगवान का जन्म व तप कल्याणक पर्व है- 🙏🏻 आज अत्यंत भक्ति-भाव से देवादिदेव श्री १००८ नमिनाथ भगवान की घर पर ही पूजन कर जन्म व तप कल्याणक पर्व मनाएँ। ☀️ तीर्थंकरों के जीवन की ऐसी घटना जो अन्य जीवों के कल्याण का आधार बनती हैं कल्याणक कहलाते हैं। वर्तमान में साक्षात में तो भगवान के कल्याणक देख पाना संभव नहीं अतः कल्याण पर्वों के शुभ अवसर पर भगवान की भक्ति, पूजन आदि द्वारा पुण्योपार्जन करना चाहिए। 🙏🏻 नमिनाथ भगवान की जय🙏🏻 🙏🏻 जन्म कल्याणक पर्व की जय🙏🏻 🙏🏻 तप कल्याणक पर्व की जय🙏🏻 🇮🇳 इंडिया नहीं, भारत बोलें🇮🇳 "मातृभाषा अपनाएँ, संस्कृति बचाएँ" ☀️ आगामी विशेष पर्व २७ जून, आषाढ़ शुक्ल सप्तमी को २२ वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ नेमिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व।
  7. जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज १३ जून, दिन शनिवार, आषाढ़ कृष्ण अष्टमी शुभ तिथि को १३ वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ विमलनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक पर्व तथा अष्टमी पर्व है- आज अत्यंत भक्ति-भाव से श्री विमलनाथ भगवान की पूजन आराधन कर घर पर ही कर मोक्ष कल्याणक पर्व मनाएँ। अष्टमी/चतुर्दशी आदि पर्व के दिनों में विशेष संयम का पालन करना चाहिए क्योंकि पर्व के दिनों का यह संयम विशेष फलदायी होता है तथा अशुभ से बचाता है ऐसा साधु परमेष्ठी बताते हैं। आप सभी को अनंत शुभकामनायें कृपया ध्यान दें भगवान विमलनाथ के मोक्ष कल्याणक संबंधी आषाढ़ कृष्ण षष्ठी तथा आषाढ़ कृष्ण अष्टमी दो तिथियाँ प्रचलन में हैं। पुरानी पूजन में षष्ठी का ही उल्लेख है।
  8. जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज ११ जून, दिन गुरुवार, आषाढ़ कृष्ण षष्ठी शुभ तिथि को १२ वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ वासुपूज्य भगवान का गर्भ कल्याणक पर्व है- आज अत्यंत भक्ति-भाव से देवादिदेव श्री १००८ वासुपूज्य भगवान की घर पर ही पूजन कर गर्भ कल्याणक पर्व मनाएँ। 🙏🏻 वासुपूज्य भगवान की जय🙏🏻 🙏🏻 गर्भ कल्याणक पर्व की जय🙏🏻 आप सभी को अनंत शुभकामनायें
  9. आदिनाथ भगवान की पूजा 1 https://jainsamaj.vidyasagar.guru/jinvani.html/puja/shree-aadhinaath-ji-pooja/ 2 https://jainsamaj.vidyasagar.guru/jinvani.html/puja/shree-aadhinaath-ji-pooja-chandkhedi/ 3 https://jainsamaj.vidyasagar.guru/jinvani.html/puja/shree-aadinaath-ji-pooja/ ऑडियो https://jainsamaj.vidyasagar.guru/musicbox/play/203-jain-mp3/ श्री 1008 आदिनाथ भगवान का भजन संग्रह https://jainsamaj.vidyasagar.guru/musicbox/play/503-jain-mp3/
  10. जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज ७ जून, दिन रविवार, आषाढ़ कृष्ण द्वितीया शुभ तिथि को इस युग के प्रथम तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ ऋषभदेव भगवान का गर्भ कल्याणक पर्व है- 🙏🏻 आज अत्यंत भक्ति-भाव से देवादिदेव श्री १००८ ऋषभदेव भगवान की घर पर ही पूजन कर गर्भ कल्याणक पर्व मनाएँ। ☀️ तीर्थंकरों के जीवन की ऐसी घटना जो अन्य जीवों के कल्याण का आधार बनती हैं कल्याणक कहलाते हैं। वर्तमान में साक्षात में तो भगवान के कल्याणक देख पाना संभव नहीं अतः कल्याण पर्वों के शुभ अवसर पर भगवान की भक्ति, पूजन आदि द्वारा पुण्योपार्जन करना चाहिए। 🙏🏻 ऋषभदेव भगवान की जय🙏🏻 🙏🏻 गर्भ कल्याणक पर्व की जय🙏🏻 आप सभी को अनंत शुभकामनायें
  11. जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज ३ जून, दिन बुधवार, ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी शुभ तिथि को ७ वें तीर्थंकर देवादिदेव श्री १००८ सुपार्श्वनाथ भगवान का जन्म व तप कल्याणक पर्व है- 🙏🏻 आज अत्यंत भक्ति-भाव से देवादिदेव श्री १००८ सुपार्श्वनाथ भगवान की घर पर ही पूजन कर जन्म व तप कल्याणक पर्व मनाएँ। आप सभी को अनंत शुभकामनायें
  12. 🙏🏻जिणवाणी थुदि🙏🏻🌹 सिरि जिणवाणी जग कल्लाणी जगजणमदतममोहहरी जणमणहारी गणहरहारी जम्मजराभवरोगहरी । तित्थयराणं दिव्वझुणिं जो पढइ सुणइ मईए धारइ णाणं सोक्खमणंतं धरिय सासद मोक्खपदं पावइ ।।
  13. आज चतुर्दशी है.21-05-2020 गुरुवार देवाधिदेव 1008 श्री शांतिनाथ भगवान जी🙏🙏🙏 के जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक ।आप सभी को अनंत शुभकामनायें
  14. स्तोत्र-स्रजं तव जिनेन्द्र गुणैर्निबद्धाम्, भक्त्या मया रुचिर-वर्ण-विचित्र-पुष्पाम्। धत्ते जनो य इह कण्ठ-गता-मजस्रं, तं मानतुङ्ग-मवशा-समुपैति लक्ष्मी:॥ 48॥
  15. मत्त-द्विपेन्द्र- मृग- राज-दवानलाहि- संग्राम-वारिधि-महोदर-बन्ध -नोत्थम्। तस्याशु नाश-मुपयाति भयं भियेव, यस्तावकं स्तव-मिमं मतिमानधीते॥ 47॥
  16. आपाद-कण्ठमुरु-शृङ्खल-वेष्टिताङ्गा, गाढं-बृहन्-निगड-कोटि निघृष्ट-जङ्घा:। त्वन्-नाम-मन्त्र- मनिशं मनुजा: स्मरन्त:, सद्य: स्वयं विगत-बन्ध-भया भवन्ति॥ 46॥
  17. सादर जय जिनेन्द्र, आपको यह आज शाम 9 बजे तक भेजनी है। आओ शब्दो से भजन बनाये उदहारण :- ध क म ज धरम करो मस्त जवानी में 1 जी है पा की बूं क 2 मे आ कृ से स का 3 पा प्या ला च प्या 4 मं ण ह प्रा से प्या 5 ज से गु द मि म 6 स ध क जि दि मौ की 7 अ ज ज सि प्र ज ज 8 ण मं है न्या जि ला 9 छो सा मं ब वी गु 10 वि की तृष् को छो के 11 हिं पी वि रा म 12 तू जा रे चे प्रा क 13 ते पां हु कल् प्र ए बा 14 सो सो में नि ग सा जिं 15 मु आ मे कु में आ है 16 मि है सच् सु के भ 17 मा तू द क क से 18 ल ल ल के झं जि का 19 क हूं में अ स्वी क 20 झी झी उ रे गु चा रे
  18. अम्भोनिधौ क्षुभित-भीषण-नक्र-चक्र- पाठीन-पीठ-भय-दोल्वण-वाडवाग्नौ। रङ्गत्तरङ्ग -शिखर- स्थित- यान-पात्रास्- त्रासं विहाय भवत: स्मरणाद्-व्रजन्ति ॥ 44॥
  19. कुन्ताग्र-भिन्न-गज-शोणित-वारिवाह, वेगावतार-तरणातुर-योध-भीमे। युद्धे जयं विजित-दुर्जय-जेय-पक्षास्- त्वत्पाद-पङ्कज-वनाश्रयिणो लभन्ते॥ 43॥
  20. वल्गत्-तुरङ्ग-गज-गर्जित-भीमनाद- माजौ बलं बलवता-मपि-भूपतीनाम्। उद्यद्-दिवाकर-मयूख-शिखापविद्धं त्वत्कीर्तनात्तम इवाशु भिदामुपैति॥ 42॥
  21. रक्तेक्षणं समद-कोकिल-कण्ठ-नीलम्, क्रोधोद्धतं फणिन-मुत्फण-मापतन्तम्। आक्रामति क्रम-युगेण निरस्त-शङ्कस्- त्वन्नाम- नागदमनी हृदि यस्य पुंस:॥ 41॥
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