पाठ - 5 वाक्य रचना-विधि एवं आज्ञा और भविष्यत्काल - कर्ता कारक
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विधि एवं आज्ञा काल में प्रयुक्त होने वाले प्रत्यय
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एकवचन |
बहुवचन |
उत्तम पुरुष |
मु |
मो |
मध्यम पुरुष |
इ, ए, 0 , उ, हि, सु |
ह |
अन्य पुरुष |
उ |
न्तु |
जैसे-
मैं पढ़ूँ – हउं पढमु / पढेमु
मै ठहरूँ – हउं ठामु
हम पढ़ें – अम्हे/ अम्हइं पढमो/ पढेमो/ पढामो
हम ठहरें - अम्हे/अम्हइं - ठामो
तुम पढ़ो – तुहुं - पढि/ पढे/पढ/पढु/ पढहि/ पढसु/ पढेहि/ पढेसु
तुम ठहरो – तुहुं - ठाइ/ ठाए/ ठा/ ठाउ/ ठाहि/ ठासु
तुम सब पढ़ो - तुम्हे / तुम्हइं - पढह /पढेह
तुम सब ठहरो- तुम्हे / तुम्हइं - ठाह
वह ठहरे - सो/ सा - ठाउ
वह पढे- सो / सा - पढउ/पढेउ
वे सब पढ़ें - ते / ता/ ताओ/ताउ - पढन्तु/ पढेन्तु
वे सब ठहरें - ते/ ता/ ताओ/ताउ - ठन्तु
भविष्यत्काल के मुख्य प्रत्यय
‘स’ एवं ‘हि’ हैं। ‘स’ एवं ‘हि’ प्रत्यय क्रिया में जोड़ने के बाद वर्तमान काल के भी प्रत्यय जोड़े जाते हैं|
जैसे -
मैं हँसूँगा |
हउँ हसेसउँ, हसेसमि, हसिहिउँ, हसिहिमि। |
मैं ठहरूँगा |
हउँ ठासउँ, ठासमि, ठाहिउँ, ठाहिमि। |
हम सब हँसेंगे |
अम्हे/अम्हइं हसेसहुं, हसेसमो, हसेसमु, हसेसम, हसिहिहुं, हसिहिमो, हसिहिमु, हसिहिम। |
हम सब ठहरेंगे |
अम्हे/अम्हइं ठासहूं, ठासमो, ठासमु, ठासम, ठाहिहुं, ठाहिमो, ठाहिमु, ठाहिम। |
तुम हसोगे |
तुहं हसेसहि, हसेससि, हसेससे, हसिहिहि, हसिहिसि, हसिहिसे। |
तुम ठहरोगे |
तुहं ठासहि, ठाससि, ठाहिहि, ठाहिसि। |
तुम सब हँसोगे |
तुम्हे/तुम्हइं हसेसहु, हसेसह, हसेसइत्था, हसिहिहु, हसिहिह, हसिहित्था। |
तुम सब ठहरोगे |
तुम्हे/तुम्हइं ठासहूं, ठासह, ठासइत्था, ठाहिहु, ठाहिह, ठाहित्था। |
वह हँसेगा |
सो हसेसइ, हसेसए, हसिहिइ, हसिहिए। |
वह ठहरेगा |
सो ठासइ, ठाहिइ। |
वे सब हँसेंगे |
ते/ता हसेसहिं, हसेसन्ति, हसेसन्ते, हसेसइरे, हसिहिहिं, हसिहिन्ति, हसिहिन्ते, हसिहिइरे। |
वे सब ठहरेंगे |
ते/ता ठासहिं, ठासन्ते, ठासन्ते, ठाण्डरे, ठाहिहिं, ठाहिन्ति, ठाहिन्ते, ठाहिइरे। |
राजा हँसेगा |
नरिंद/नरिंदा/नरिंदु/नरिंदो हसेसइ, हसेसए, हसिहिइ, हसिहिए। |
राजा हँसेंगे |
नरिंद/नरिंदा हसेसहिं, हसेसन्ति, हसेसन्ते, हसेसइरे, हसिहिहिं, हसिहिन्ति, हसिहिन्ते, हसिहिइरे। |
माता हँसेगी |
माया/माय हसेसई, हसेसए, हसिहिइ, हसिहिए। |
माताएँ हँसेंगी |
माया/माय/मायाउ/मायउ/मायाओ/मायओ हसेसहिं, हसेसन्ति, हसेसन्ते, हसेसइरे, हसिहिहिं, हसिहिन्ति, हसिहिन्ते, हसिहिइरे। |
कमल खिलेगा |
कमल/कमला/कमलु विअसइ, विअसेइ, विअसए |
कमल खिलेंगे |
कमल/कमला/कमलइं/कमलाई विअसेसहिं, विअसेसन्ति, विअसेसन्ते, विअसेसइरे, विअसिहिहिं, विअसिहिन्ति, विअसिहिन्ते, विअसिहिरे। |
अभ्यास करें
वाक्य बनाएँ
इन रचनाओं में से वर्तमान काल – विधि एवं आज्ञा काल और भविष्यतकाल की क्रियाएँ पहचानिए।
•जो णिय भाउ ण परिहरइ जो पर भाउ ण लेइ
जाणइ सयलु वि णिच्चु पर सो सिउ संतु हवेइ॥
उदाहरण= परिहरइ= अन्य पुरुष- एक वचन -वर्तमान काल
•मूढ़ा सयलु वि कारिमउ मं फुडु तुहुं तुस कंडि
सिवपइ णिम्मलि करहि रइ धरु परियण लहु छंडि॥
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