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पाठ - 4 वाक्य रचना- वर्तमान काल- कर्ता कारक


Saransh Jain

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वाक्य रचना- वर्तमान काल- कर्ता कारक

 

 

सर्वनाम

(मैं) हउं ,(हम सब) अम्हे / अम्हइं, (तुम) तुहुं ,(तुम सब) तुम्हइं/ तुम्हे , वह  - सो (पुल्लिंग), सा (स्त्रीलिंग), वे सब-  ते (पुल्लिंग), ता (स्त्रीलिंग)

संज्ञा

(पुल्लिंग) - नरिंद = राजा, पुत्त = पुत्र, बालअ = बालक,  देव = देव , मेह = मेघ, बादल, 

(स्त्रीलिंग)  ससा = बहिन, माया = माता, कमला = लक्ष्मी, जुवइ = युवती

(नपुंसकलिङ्ग) णाण = ज्ञान, वेरग्ग = वैराग्य, सालि = चावल, कमल = कमल 

क्रिया

सोह = शोभना, ठा - ठहरना , हो = होना, उज्जम = प्रयास करना, विअस = खिलना, कोक्क = बुलाना, जुज्झ  = लड़ना, सय = सोना, खेल = खेलना, गज्ज = गर्जना, गच्छ = जाना, आगच्छ = आना, उग = उगना, उल्लस=खुश होना, पणम= प्रणाम करना, ण्हा= नहाना

 

वर्तमान काल में प्रयुक्त होने वाले क्रिया के प्रत्यय 

 

 एकवचन 

 बहुवचन 

उत्तमपुरुष 

  उंमि

 हुं,   मो,    मु,   

मध्यमपुरुष

 हि, ,से 

हु, हे, इत्था

अन्यपुरुष     पु./स्त्री./ नपु.

.

हिं, न्ति,न्ते, इरे

 

कर्ता कारक - जो कारक संज्ञा शब्द का कर्ता के रूप में क्रिया से सम्बन्ध दर्शाये वह कर्ता कारक है |

अकारांत पुल्लिंग के प्रथमा विभक्ति के रूप

 

 

एकवचन

बहुवचन

प्रथमा

 देव, देवा, देवु, देवो

देव, देवा

 

अकारान्त नपुंसकलिंग 'कमल' शब्द

 

एकवचन

बहुवचन

प्रथमा

कमल, कमला, कमलु

कमल,कमला,कमलइं, कमलाइं

 

इकारान्त पुल्लिंगहरि ' शब्द

 

एकवचन

बहुवचन

प्रथमा

हरि, हरी

हरि, हरी

 

इकारान्त नपुंसकलिंग 'वारि' शब्द

 

एकवचन

बहुवचन

प्रथमा

वारि,  वारी

वारि, वारी, वारीइं, वारिइं

 

आकारान्त कहा ' शब्द
 

 

एकवचन

बहुवचन

प्रथमा

कहा,कह

कहा, कह, कहाउ, कहउ, कहाओ, कहओ

आइये सीखें वाक्य रचना :-

उत्तम पुरुष एकवचन में मि प्रत्यय  जोड़ने से पहले क्रिया के आखरी वर्ण में आ अथवा ए जोड़ने अ विकल्प भी होता है|

  • कर्ता के पुरुष,एवं वचन के अनुसार ही क्रिया का पुरुष वचन होता है |  जैसे-
  1. मैं (हउं) सोता हूँ –सयउं / सयमि / सयामि / सयेमि  ­
  2. मैं ठहरता हूँ - हउं ठाउं/ठामि
  3. हम सब (अम्हे / अम्हइं) सोते हैं – सयमु/ सयमो/ सयहुं / सयम
  4. हम सब ठहरते हैं - अम्हे / अम्हइं -  ठाहुं, ठामो,ठामु, ठाम
  5. तुम सब सोते हो- तुम्हे / तुम्हइं -  सयहु/सयह/ सयित्था
  6. तुम सब ठहरते हो -  तुम्हे / तुम्हइं -  ठाहु,ठाह, ठाइत्था

 

  • संज्ञा शब्द सदैव अन्य पुरुष माने जाते हैं |यथा-

         कमल खिलेगा – कमलु/कमल/कमला- विअसइ, विअसेइ, विअसए

          वह ठहरता है -   सो  ठाइ।

  • संयुक्ताक्षर से पहले दीर्घ स्वर होता है तो वह हृस्व हो जाता है 

यथा- वे सब ठहरती हैं - ता ठाहिं, ठन्ति, ठन्ते, ठाइरे

अभ्यास प्रश्न

राम नहाता है।

माता बुलाती है।

बच्चे खेलते हैं

मैं प्रयास करता हूँ

तुम हँसते हो

हम सब नाचते हैं

राजा लड़ते हैं

तुम सब खुश होते हो

लक्ष्मी प्रणाम करती है

देव ठहरते हैं

 

 

 

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