Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World

admin

Administrators
  • Posts

    2,456
  • Joined

  • Last visited

  • Days Won

    331

 Content Type 

Profiles

Forums

Events

Jinvani

Articles

दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

Downloads

Gallery

Blogs

Musicbox

Posts posted by admin

  1. राजगिरजी सिद्धक्षेत्र/जन्मभूमि

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, राजगिर, पोस्ट - राजगिर, जिला - नालन्दा (बिहार) पिन - 803 116

    टेलीफोन - 09334770321 (पंचपहाड़),09386745881,09334770317 (धर्मशाला)

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 80, कमरे (बिना बाथरूम) - 30 , हाल - 4 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - नहीं

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000, ए.सी. कमरे - 20

    भोजनशाला - नियमित, सशुल्क

    विद्यालय - नहीं, कम्प्यूटर संस्था

    औषधालय - है (आयुर्वेदिक)

    पुस्तकालय - है।

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - राजगिर - 1 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - राजगिर

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - गया या पटना से रेल द्वारा, राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 31 से नवादा, हिसुआ या बिहारशरीफ होकर सड़क मार्ग से ।

    निकटतम प्रमुख नगर - बिहारशरीफ - 25 कि.मी., गया - 65 कि.मी., पटना - 110 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र राजगिर ।(बिहार प्रान्त तीर्थक्षेत्र कमेटी), देवाश्रम - महादेवा रोड, आरा

    अध्यक्ष - श्री आर. के. जैन, मुम्बई ।

    मंत्री - श्री अजयकुमार जैन (093343 - 96920)

    प्रबन्धक - श्री सुनिल जैन (093340 08611)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 12 (पहाड़ पर 10, तलहटी पर 2)

    क्षेत्र पर पहाड़ - है (कुल 4189 सीढ़ियाँ, 5 पहाड़ है)

    ऐतिहासिकता - यहाँ भगवान मुनिसुव्रतनाथजी के गर्भ, जन्म, तपएवं ज्ञान कल्याणक हुए हैं, अत: जन्मभूमि है। यह भगवान महावीर की प्रथम (देशना) स्थली है। यहाँ स्थित विपुलाचल, रत्नगिरि, उदयगिरि, अरूणगिरि (स्वर्णगिरि) व वैभवगिरि आदि पाँच पहाड़ियों से अनेक मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया, इसलिये इसे सिद्धक्षेत्र माना गया है । लाल मन्दिर के प्रांगण में गणिनी प्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से भगवान मुनिसुव्रतनाथ की 121/4 की प्रतिमा कमलासन पर विराजमान की गई है।

    विशेष जानकारी - राजगिर जैन धर्म के अतिरिक्त हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई एवं बौद्ध धर्मों का संगम स्थल है । प्रकृति प्रदत्त गर्म जल के झरने यहाँ के विशेष आकर्षण हैं । अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर - 15 कि.मी., पावापुरी -35 कि.मी., गुणावाँ - 40 कि.मी, गुलजारबाग (पटना) - 110 कि.मी., शिखरजी-225 कि.मी., कोल्हुआ पहाड़-135 कि.मी. 

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

    • Like 1
  2. सिद्ध क्षेत्र अहारजी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, अहारजी तहसील - बल्देवगढ़, जिला - टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) पिन - 472 001

    टेलीफोन - 07683-298932, 09926610184, नरेन्द्रकुमार जैन-09425141593

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 22, कमरे (बिना बाथरूम) - 150 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 200), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. ए.सी.कमरे-02 , डीलक्स कमरे-14

    भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर

    औषधालय - है (आयुर्वेदिक)

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय - है (संस्कृत विद्यालय, एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। छात्रावास, व्रती आश्रम)

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - मऊरानीपुर-62 कि.मी., ललितपुर-83 कि.मी., झाँसी-120 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - बलदेवगढ़ - 10 कि.मी., टीकमगढ़ - 25 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग टीकमगढ़ से अहारजी

    निकटतम प्रमुख नगर - टीकमगढ़ - 25 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - प्रबन्धकारिणी समिति, अहारजी (सिद्धक्षेत्र अहारजी)

    अध्यक्ष - श्री महेन्द्रजैन बड़ागांव, टीकमगढ़ (09425141579)

    महामंत्री - श्री राजकुमार जैन (09407067923)

    प्रबन्धक - श्री वीरेन्द्रकुमार जैन (07683-298932, 09926485273)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 08, मानस्तम्भ-2, चरणछतरी-6 (पंचपहाड़ी पर)

    क्षेत्र पर पहाड़ - क्षेत्र से .75 कि.मी. की दूरी पर है,40 सीढ़ियाँ है।

    ऐतिहासिकता - इस क्षेत्र से भगवान मल्लिनाथ के तीर्थकाल में सत्रहवें कामदेव मदनकुमार (नलराज) एवं महावीर स्वामी के तीर्थकाल में आठवें केवली बिस्कवल ने तपस्या कर मोक्ष प्राप्त किया। जनश्रुति है कि 12वीं शताब्दी में चंदेरी निवासी पाणाशाह व्यापारी ने जिन दर्शन उपरांत भोजन करने का व्रत ले रखा था। एक बार उन्हें रांगा भरी गाड़ियों सहित यहाँ रुकना पड़ा, लेकिन यहाँ जिनालय न होने से वे भोजन ग्रहण नहीं कर सकते थे। तभी उन्हें वहाँ मुनिराज के दर्शन हुए, उन्हें आहार देकर स्वयं भोजन किया। संयोग से उनका रांगा चाँदी में परिवर्तित हो गया। उस द्रव्य राशि से मंदिर बनवाया व क्षेत्र का नाम अहारजी रखा। मूलनायक प्रतिमा शांतिनाथ भगवान की लगभग 5 मीटर ऊँची है। दीवार वेदियों में त्रिकाल चौबीसी तथा 20 विदेह क्षेत्र स्थित तीर्थंकरों की प्रतिमाएँ विराजमान हैं। मूर्तियाँ 11वीं व 12वीं शताब्दी की हैं। प्रतिवर्ष अगहन सुदी 13 से 15 तक वार्षिक मेला लगता है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - पपौराजी - 22 कि.मी., द्रोणगिरि - 56 कि.मी., खजुराहो - 125 कि.मी., श्री फलहौड़ी - बड़ागाँव-30 कि.मी., ओरछा-110 कि.मी., कुंडेश्वर - 30 कि.मी.

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  3. golakot.jpg

    अतिशय क्षेत्र आहूजी (धार) मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री संकटमोचन आहू पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, आहूजी (धार) ग्राम - आहू, जिला - धार (मध्यप्रदेश) पिन - 454001 टेलीफोन - 07292-232370, 098260 65200

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - जयसागर धर्मशाला कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 3 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100.

    भोजनशाला - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

     

    आवागमन के साधन 

    रेल्वे स्टेशन - इन्दौर - 65 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - धार - 13 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग व्हाया धार

    निकटतम प्रमुख नगर - धार - 13 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री संकटमोचन आहू पार्श्वनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी

    अध्यक्ष - श्री हुकमचन्द कासलीवाल (232370, 09826065200)
    संयोजक - श्री पवन जैन गंगवाल (09826391407)

    प्रबन्धक - श्री पंकज जैन पापलिया

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा 500 वर्ष पुरानी है। लोक व्यवहार में इसके चमत्कारिक प्रसंग कहे और सुने जाते हैं। लगभग 150 वर्ष पूर्व चैत्यालय को मन्दिर में रूपान्तरित किया गया। संतों की प्रेरणा से मन्दिर जीर्णोद्धार एवं क्षेत्र का विकास कार्य प्रगति पर है। पौष बदी ग्यारस के दिन भगवान पार्श्वनाथजन्मोत्सव पर वार्षिक मेला लगता है।

    पत्राचार - 2, प्रताप मार्ग, धार (फोन: 07292 - 406292, मो. : 09826391407) 

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - मानतुंगगिरि-13 कि.मी., बनेड़िया-75 कि.मी., बावनगजा (चूलगिरि)-122 कि.मी. कागदीपुरा-38 कि.मी., मांडव-52 कि.मी.

  4. venur.jpg

    अतिशय क्षेत्र वेणूर कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री बाहुबली दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, वेणूर, तह. - बेलथांगडी, जिला - दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक), पिन - 574242

    टेलीफोन - 08256 - 286288, सम्पर्क - श्री अशोक जैन - 09449640770

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 3, कमरे (बिना बाथरूम) - 10 हाल - 1, गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100.

    भोजनशाला - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - हैं

    पुस्तकालय - नहीं

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - मेंगलौर (कनकनाड़ी)- 55 कि.मी.

    बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग - धर्मस्थल - 35 कि.मी., वेणूर धर्मस्थल से बस या जीप द्वारा, मूड़बद्री-धर्मस्थल मार्ग 

    निकटतम प्रमुख नगर - मंगलोर - 55 कि.मी., धर्मस्थल - 35 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र समिति (री.), वेणूर

    अध्यक्ष - डॉ. डी. वीरेन्द्र हेगड़े (08256 - 277121)

    उपाध्यक्ष - डॉ. पद्मप्रसाद अजील (08256 - 272266)

    मंत्री - श्री ए. गुणपाल जैन (08256 - 286078)

    सेक्रेटरी - श्री विजयराज (09448770834)

    मैनेजर - श्री पृथ्वीराज (097318 95229)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 08

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - वेणूर दक्षिण भारत में जैनों का पवित्र तीर्थ क्षेत्र है। भगवान बाहुबली की 35 फीट ऊँची प्रतिमा सन् 1604 ई. में प्रतिष्ठित की गई। प्रतिवर्ष फाल्गुन पूर्णिमा के दिन रथयात्रा और उत्सव होता है। यहाँ के जैन लोग केवल खेती करते हैं, व्यापार नहीं। यहाँ खूब बरसात होती है। चांवल, नारियल, सुपारी और काजू यहाँ की खास पैदावार हैं।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - मूड़बिद्री - 20 कि.मी., धर्मस्थल - 33 कि.मी., कारकल - 37 कि.मी., वारंग-64 कि.मी., श्रवणबेलगोला -225 कि.मी. हूमचा (पद्मावती)-156 कि.मी., नरसिंह राजपुरा - 158 कि.मी.

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  5. अतिशय क्षेत्र स्तवनिधी (तवंदी)) कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, स्तवनिधी (तवंदी) ता. चिक्कोड़ी, जिला - बेलगाँव (कर्नाटक) पिन - 591237

    टेलीफोन - 08338 - 220308, 223776, 097390 39559

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - ४, कमरे (बिना बाथरूम) - 36 हाल - 4, गेस्ट हाऊस - 3 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 600.

    भोजनशाला - निशुल्क, नियमित

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - X 

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - कोल्हापुर - 47 कि.मी., बेलगाँव - 70 कि.मी,

    बसस्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग - निपाणी -7 कि.मी. सड़क मार्ग, कोल्हापुर से 47 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 4

    निकटतम प्रमुख नगर - कोल्हापुर - 47 कि.मी., इचलकरंजी - 48 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - दक्षिण भारत जैन सभा की श्री क्षेत्र कमेटी, स्तवनिधि

    अध्यक्ष - श्री राजू रा. पाटील (08338-264450)

    मंत्री - प्रा. विलास आ. उपाध्ये (08338-221964, 09739039559)

    प्रबंधक - श्री सुधाकर भा. नाडगे (08338-220308)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 05

    क्षेत्र पर पहाड़ - है। 90 सीढ़ियाँ है।

    ऐतिहासिकता - पायशेट्टि और जायशेट्टि श्रावकों के उपचार से बीजापुर बादशाह की बीमार बेगम के ठीक होने से बादशाह ने जिनमन्दिर निर्माण की अनुमति दी। दोनों श्रावकों को स्वप्न में वल्मीक से ध्वनि सुनाई दी। खोदने पर मूर्ति खंडित अवस्था में मिली। पुन: स्वप्न पाकर मूर्ति निकाली तो अखंडित मूर्ति प्राप्त हुई। वही मूर्ति (श्री नवखंड पाश्र्वनाथ भगवान) दर्शन के लिये उपलब्ध है। यहाँ क्षेत्रपाल ब्रह्मदेव भी श्रद्धा के स्रोत हैं। हाई-वे के नजदीक ही पार्श्वनाथ जैन गुरुकुल है एवं इसमें ठहरने की व्यवस्था भी है।

    वार्षिक मेला - पोष कृष्ण अमावस्या

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - कुम्भोज बाहुबली - 60 कि.मी., कोथली - 26 कि.मी., कसमलगी - 140 कि.मी.

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  6. hassan.jpg

    अतिशय क्षेत्र श्रवणबेलगोला कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्रवणबेलगोला ग्राम - श्रवणबेलगोला, तह.-चन्द्रराय पट्टन, जिला-हासन (कर्नाटक) पिन - 573135 टेलीफोन - 08176 - 257258-59, फैक्स : 257281, 099728 44424

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 300, कमरे (बिना बाथरूम) - 10 हाल - 5

    गेस्ट हाऊस - 12 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 2000.

    भोजनशाला - निशुल्क, नियमित

    विद्यालय - है।

    औषधालय - है।

    पुस्तकालय - है।

     

    आवागमन के साधन

     रेल्वे स्टेशन - हासन-52 कि.मी., बैंगलोर-150 कि.मी., श्रवणबेलगोला-2 कि.मी.

    बसस्टेण्ड - श्रवणबेलगोला

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - बैंगलोर, मैसूर, हासन आदि स्थानों से सड़क मार्ग द्वारा 

    निकटतम प्रमुख नगर - मैसूर - 85 कि.मी., बैंगलोर - 146 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - SDJMI मैनेजिंग कमेटी

    अध्यक्ष - स्वस्तिश्री चारूकीर्ति भट्टारक महास्वामीजी

    चीफ सेक्रेटरी - श्री राजकुमार (09448742087)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - पर्वत, तलहटी व ग्राम में अनेक जिनालय

    क्षेत्र पर पहाड़ - 2 पहाड़-विन्ध्यगिरि पर 644 एवं चन्द्रगिरि पर 175 सीढ़ियाँ हैं। डोली की व्यवस्था है।

    ऐतिहासिकता - एक हजार वर्ष से भी अधिक पूर्व 981 ई.में महामात्य चामुण्डरायजी ने आचार्य श्री नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती के सान्निध्य में इन्द्रगिरि पर्वत पर भगवान बाहुबली की प्रतिमा प्रतिष्ठित कराई थी। यह मूर्ति लगभग 18 मीटर (58 फीट) ऊँची, उत्तरमुखी, खड्गासन, संसार की अनुपम, अद्वितीय एवं अतिशय सम्पन्न विशाल प्रतिमा है। इस भव्य मूर्ति का महामस्तकाभिषेक 12 वर्षों के अन्तराल से होता है। यह दक्षिण भारत का प्रमुख जैन तीर्थ व पर्यटन स्थल है। चन्द्रगिरि पर्वत पर अनेक प्राचीन मन्दिर एवं बहुमूल्य शिलालेख हैं जिनसे प्राचीन जैन इतिहास पर प्रकाश पड़ता है। लगभग 15-16 कि.मी. की दूरी से यह मूर्ति दृष्टिगोचर होती है। लगभग 500 शिलालेख जैनों की गौरव गाथा का उल्लेख करते हैं। श्री भट्टारक चारूकीर्तिजी का निवास जैन मठ है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - धर्मस्थल - 180 कि.मी, वेणूर - 180 कि.मी., मूडबिद्री - 200 कि.मी., कारकल - 225 कि.मी., हॅमचा - 200 कि.मी.

  7. कला क्षेत्र शंखबसदी कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री 1008 भगवान नेमिनाथ दिगम्बर जैन सहस्रकूट, शंखबसदी पोस्ट - लक्ष्मेश्वर, तहसील - बसदी, जिला - गदग (कर्नाटक) पिन - 582 116

    टेलीफोन -

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - X हाल - X,

    गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - X

    भोजनशाला - नहीं

    अन्य - लक्ष्मेश्वर शहर में होटल लॉजिंग है।

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - गुडागेरी - 12 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - लक्ष्मेश्वर - 2 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग - हुबली से लक्ष्मेश्वर बस द्वारा पेट्रोल - पम्प पर उतरना। क्षेत्र उसके निकट है।

    निकटतम प्रमुख नगर - हुबली - 50 कि.मी. संस्था श्री शंखबसदी ट्रस्ट कमेटी

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    अध्यक्ष - श्री आर.आर. पाटिल, श्री जी.बी. पाटिल

    मंत्री - श्री एस. आर. पाटिल, श्री एस. जे. पाटिल

    प्रबन्धक - श्री वी.सी. पाटिल, श्री एम.एस.पाटिल

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 03

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - यह मन्दिर छठीं, सातवीं शती ई. का बहुत प्राचीन है। कन्नड़ साहित्यकार एवं कवि ‘पंप' की जन्मस्थली है, जिन्होंने कन्नड़ भाषा, कन्नड़ आचार विचार का महत्व बतलाया है। पुलिगेरी के मुन्नुर में 772 बसदी(मन्दिर) थे, लेकिन अब 2 बसदी (मन्दिर) हैं। अनेक जैन आचार्यों ने यहाँ धर्म प्रचार किया है।

     

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - ब्रह्म जिनालय लक्कूदी - 50 कि.मी., अनन्तनाग बसदी में अनंतनाथ दि. जैन मन्दिर एवं शांतिनाथ श्वेताम्बर मन्दिर है।

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  8. श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, पावापुरी

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, पावापुरी

    पोस्ट - पावापुरी, तहसील - गिरीयक, जिला - नालंदा (बिहार) पिन - 803 115

    टेलीफोन - मो.: 090065 61904, 099312 28733

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 50, कमरे (बिना बाथरूम) - 20, हाल - 1 (यात्री क्षमता - 50), ए. सी. कमरे - 10

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000.

    भोजनशाला - अनुरोध पर, सशुल्क

    अन्य - धर्मशाला - 2

    औषधालय - है (आयुर्वेदिक)

    पुस्तकालय - है

    विद्यालय - है (भगवान महावीर महाविद्यालय)

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - पावापुरी हाल्ट - 11 कि.मी.

    बस स्टेण्ड -  बिहारशरीफ - 12 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - पटना से 95 कि.मी., गया से 85 कि.मी.

    निकटतम प्रमुख नगर - पटना - 95 कि.मी., गया - 85 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - बिहार स्टेट प्रादेशिक दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी

    अध्यक्ष - श्री आर.के. जैन, मुम्बई (022-23878293)

    मंत्री - श्री अजयकुमार जैन (09334396920)

    अ. मंत्री - श्री विमलकुमार जैन, पटना (०9934087001)

    प्रबन्धक - श्री अरुण कुमार जैन (०99312 28733)

    क्षेत्रका महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 04

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - यह भगवान महावीर की निर्वाणस्थली है। इसका प्राचीन नाम अपावापुर (पुण्यभूमि) है।

    विशेष जानकारी - भगवान महावीर के निर्वाणस्थल पर विशाल पद्म-सरोवर है । पद्मसरोवर के मध्य में श्वेत संगमरमर का जैन मन्दिर है। सरोवर में खिले हुए कमल अत्यन्त मनोहारी दृश्य उपस्थित करते हैं । मन्दिरजी में भगवान के निर्वाण के प्रतीक प्राचीन चरण विराजमान है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    कुण्डलपुर - 25 कि.मी., राजगिर - 40 कि.मी., गुणावाँजी - 25 कि.मी., मन्दारगिरजी - 300 कि.मी., चम्पापुरी - 250 कि.मी., शिखरजी -225 कि.मी., कोल्हुआ पहाड़ - 145 कि.मी.।

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  9. सिद्ध क्षेत्र मन्दारगिर

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, मन्दारगिर, मु. मन्दारगिर, पो. बौसी, जिला - बाँका (बिहार) पिन - 8 13 124

    टेलीफोन - 095254 72865 (पर्वत प्रबन्धक), 095070 26319

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 10, कमरे (बिना बाथरूम) - 02, बड़ा हॉल - 2, मिनी हॉल - 1 ए.सी. एवं कुलर कमरे - 06

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता -- 200.

    भोजनशाला - सशुल्क, नियमित

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - मन्दार हिल - ० कि.मी., जसीडीह - 75 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - बौसी - 1/2 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - भागलपर से 50 कि.मी. - रेल अथवा सडक मार्ग से। जसीडीह देवधर से सड़क मार्ग -75 कि.मी.

    निकटतम प्रमुख नगर - भागलपुर - 50 कि.मी., देवधर - 70 कि.मी., बाँका - 15 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री बिहार स्टेट दि. जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी

    मंत्री - श्री अजयकुमार जैन, पटना (093343 96920)

    क्षेत्र मंत्री - श्री श्रीचन्द पाटनी, भागलपुर - 812002 (0641-2423870(O), 2420967(R), 093346 01181)

    प्रबन्धक - श्री पवन जैन, मन्दारगिर (095070 26319)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 08 (पर्वत पर 5 एवं तलहटी में 3)

    क्षेत्र पर पहाड़ - है (1.5 कि.मी. खड़ा पहाड़ है, डोली की व्यवस्था है) पर्वत तलहटी पर यात्री गाड़ियों हेतु पार्किंग सुविधा है। साथ ही सुविधा घर एवं आराम हेतु 2 कमरे हैं।

    ऐतिहासिकता - बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य स्वामी के तप, ज्ञान एवं निर्वाण कल्याणक यहाँ हुए हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के समय इसी पर्वत को राई बनाया गया था। विशेष आयोजन |: भादों सुदी चौदस को निर्वाण महोत्सव (रथ यात्रा) मनाया जाता है।

    अन्य - मनोहर उद्यान में मानस्तम्भ एवं चौबीस टोंक निर्माणाधीन

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र

    श्री सम्मेदशिखरजी - 225 कि.मी., चम्पापुरीजी - 54 कि.मी., गुणावाँ - 225 कि.मी.,पावापुरी - 250 कि.मी., राजगिर -300 कि.मी., कुण्डलपुर - 270 कि.मी.

    अन्य दर्शनीय स्थल

    देवधर - बाबाधाम एवं जैन मंदिर, जसीडीह - आरोग्यधाम, भागलपुर - दि. जैन मंदिर 

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  10. moodbadri.jpg

    अतिशय क्षेत्र मूड़बिद्री कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र जैन काशी, मुड़बिदी। ग्राम-प्रन्थ्या, तहसील-मूडबिद्री, जिला दक्षिण कन्नड (कर्नाटक) पिन-574227 www.jainkashi.com, email : jainkashi@yahoo.com/hotmail.com

    टेलीफोन - 08258 - 236318, 236418, 325105

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 30, कमरे (बिना बाथरूम) - 20,  हाल-5+2+2 (यात्री क्षमता 15+100+50), गेस्ट हाऊस - 4, (2 गेस्ट हाउस में वातानुकूलित सुविधाएं उपलब्ध) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500 ।

    भोजनशाला - है, अनुरोध पर सशुल्क (निर्धन के लिए नि:शुल्क)

    औषधालय - है।

    पुस्तकालय - है, पुस्तके -11000, शास्त्र - 4500

    विद्यालय - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - 1. पुराना रेल्वे स्टेशन-अत्तावरा-मेंगलूर - 38 कि.मी. एवं 2. नया रेल्वे स्टेशन-कनकनाड़ी-मेंगलूर- 36 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - मूडबिद्री - आधा कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - मंगलूर से - 38 कि.मी., शोलापुर - राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 13, कारकल - वेणूर के मध्य 18 कि.मी.

    निकटतम प्रमुख नगर - मेंगलूर -38 कि.मी., (दक्षिण-पश्चिम), उडुपी -50 कि.मी., बाजपेयी विमानतल-28 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था 

    संस्था - श्री दि. जैन मठ, हेड-ऑफिस 18 जैन मंदिर, मूड़बिद्री

    मैनेजिंग ट्रस्टी - परमपूज्य स्वस्ति श्री भट्टारक चारूकीर्ति स्वामीजी (08258 - 236318)

    ट्रस्टी - 

    1. श्री पी.सुधेश (08258 - 236418)
    2. श्री एस.एन. दिवाकर (08258-236277)
    3. श्री अबुईथ (08258-237000) प्रबन्धक श्री बी.चन्द्रराज (08258 - 236418/238925, 325105) एवं श्री रवीराज शेट्टी

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 18

    क्षेत्र पर पहाड़ -  है, 8 कि.मी. की दूरी पर पर्वत है। दारेगुड्डे-6 कि.मी. कोनेज पर्वत

    ऐतिहासिकता - जैन काशी के नाम से विख्यात मूड़बिद्री के 18 मंदिरों में अत्यन्त प्राचीन एवं मनोज्ञ प्रतिमाएँ हैं। 29 स्फटिक मणि की प्रतिमाएँ हैं। हीरा, पन्ना आदि की 35 मूर्तियाँ हैं। मठ में भी प्राचीन रत्नों की प्रतिमाएँ हैं। हजार खम्बों वाला मंदिर, सिद्धान्त दर्शन व धवलत्रय (धवला, जयधवला, महाधवला) आगम ग्रंथों की यहाँ जैनमठ के भंडार में उपलब्धि विशेष उल्लेखनीय है।

    विशेष मेले या विशेष आयोजन की तिथियाँ - महावीर जयन्ति पर रथोत्सव

     

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र

    कारकल - 18 कि.मी., वेणूर - 17 कि.मी., धर्मस्थल -51 कि.मी., हॅमचा - 143 कि.मी., श्रवणबेलगोला -238 कि.मी., श्री कृष्ण मंदिर एवं अष्ठमठ - उड्पी -50 कि.मी.,

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  11. कुण्डलपुर-नंद्यावर्त महल

    नाम एवं पता - भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर, नंद्यावर्त महल, पोस्ट - कुण्डलपुर (नालंदा) बिहार 803 111

    टेलीफोन - 06112-295134, 281846, मो.: 09431022376, 09412708203

    Email: kundalpurnalanda@gmail.com, Website : www.jambudweep.org

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 35, (बिना बाथरूम)- 14, हाल - 02 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - ४

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 400

    अन्य - आकर्षक फुलवाड़ी, बगीचा एवं प्राकृतिक सौन्दर्य से युक्त वातावरण

    भोजनशाला - सशुल्क, नियमित

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - नहीं 

    पुस्तकालय - नहीं

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - नालंदा - 4 कि.मी., राजगिर - 15 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - बिहारशरीफ - 15 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग -पटना से बस द्वारा बिहारशरीफ एवं बिहारशरीफ से जीप, टैम्पो आदि द्वारा कुण्डलपुर, नालन्दा से 3 कि.मी.

    निकटतम प्रमुख नगर - बिहारशरीफ-15 कि.मी.,राजगिर-15 कि.मी.,पटना-90 कि.मी.,गया - 80 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - भगवान महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर दिगम्बर जैन समिति

    अध्यक्ष - कर्मयोगी ब्र, रवीन्द्र कुमार जैन (094127 08203)

    महामंत्री - श्री अनिल कुमार जैन, दिल्ली (09810383697), श्री अजय कुमार जैन (06112-2352285, 2221250)

    मंत्री - श्री विजय जैन, हस्तिनापुर (०94578 17324) 

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 05

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - सदियों से जन-जन की आस्था का केन्द्र भगवान महावीर स्वामी की गर्भ एवं जन्मकल्याणक भूमि कुण्डलपुर (नालंदा) में गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से नंद्यावर्त महल तीर्थ का निर्माण किया गया है। वर्तमान समय से 2610 वर्ष पूर्व भगवान महावीर ने इसी धरती पर सात खण्ड के ऊँचे दिव्य 'नंद्यावर्त' नामक महल में जन्म लिया था। उसी की स्मृति में इस तीर्थ का निर्माण पूज्य माताजी के सान्निध्य में मात्र 22 महीनों की अल्पावधि (सन् 2003-04) में हुआ है। यहाँ पर 101 फुट ऊँचा तीर्थंकर महावीर जिनमंदिर, नवग्रहशांति जिनमंदिर, भगवान ऋषभदेव जिनमंदिर, त्रिकाल चौबीसी जिनमंदिर एवं नंद्यावर्त महल की ऊपरी मंजिल पर भगवान शांतिनाथ जिनालय अति आकर्षक रूप में निर्मित हैं। महावीर जिनमंदिर में भगवान की अवगाहना प्रमाण 11 फुट की खड्गासन चमत्कारिक प्रतिमा विराजमान है।

    वार्षिक मेला : प्रतिवर्ष महावीर जयंती पर्व पर कुण्डलपुर महोत्सव-चैत्र शुक्ला त्रयोदशी

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    राजगिर-15कि.मी., पावापुर-25 कि.मी., गुणावाँ-45 कि.मी., सम्मेदशिखर-225कि.मी.

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

     

     

  12. malkhed.jpg

    अतिशय क्षेत्र मळखेड (मान्यखेट) कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री 1008 मल्लिनाथ भगवान दिगम्बर जैन मंदिर (ट्रस्ट) पुरातन जैन पीठ मळखेड (मान्यखेट) ता. सेडम, जिला गुलबर्गा (कर्नाटक)-585317

    टेलीफोन - 08441-280382, 09902991725

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - नहीं। जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। अभी काम होना बाकी है।

    भोजनशाला - है।

    प्रवचन हाल - नहीं

    पुस्तकालय - है।

    औषधालय - है।

    विद्यालय - नहीं

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - सेड़म रेल्वे स्टेशन क्षेत्र से 10 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - है।

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - गुलबर्गा से से 50 कि.मी. की दूरी पर यह क्षेत्र है। गुलबर्गा से हर 30 मिनट पर बस की सुविधा है।

    निकटतम प्रमुख नगर - गुलबर्गा - 25 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री 1008 मल्लिनाथ भगवान दिगम्बर जैन मंदिर (ट्रस्ट)

    अध्यक्ष - डॉ. पवनकुमार शहा (08441276055, 9972450551)

     

    क्षेत्र का महत्व 

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - यह 9वीं शताब्दी में जैन पीठ था। यह मळखेड ग्राम मान्यखेट राजधानी के नाम से प्रसिद्ध था प.पू. 108 आचार्य श्रुत सागर मुनिमहाराजजी के अथक प्रयास से यह पुरातन पीठ आज अपनी पुरानी छवि को पुनः प्राप्त किया है। यहां जीर्णोद्धार कार्य होना बाकी है।

    विशेष जानकारी - पुरातत्त्व विभाग अब इसके जीर्णोद्धार के लिये आगे आया है। प्रति वर्ष जून में वार्षिकोत्सव मनाया जाता है।

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - हरसूर ता. जि. गुलबर्गा - 40 कि.मी., हुणसी हडगिल ता. जि. गुलबर्गा-80 कि.मी. भंकूर ता. चितापूर जि. गुलबर्गा-25 कि.मी., कामठाण ता. जि. बीदर-110 कि.मी., जेवर्गी, ता. यादगीर जि. गुलबर्गा -90 कि.मी.,

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  13. कुण्डलपुर(कल्याणक क्षेत्र/जन्मभूमि)

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र, प्राचीन मंदिर, कुण्डलपुर, ग्राम कुण्डलपुर, जिला - नालन्दा (बिहार) पिन - 803 111

    टेलीफोन - 093082 20291

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 7, कमरे (बिना बाथरूम) - 4 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 50) ए.सी. कमरा -1

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150.

    भोजनशाला - अनुरोध पर

    अन्य - भगवान महावीर चित्रकला दीर्घा

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - नालन्दा - 4 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - नालन्दा - 4 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - बिहार शरीफ बस स्टेण्ड से राजगिर जाने वाली बस से नालन्दा उतरकर बड़गाँव आना, जहाँ से कुण्डलपुर आधा कि.मी. पर है।

    निकटतम प्रमुख नगर - बिहारशरीफ-16 कि.मी. (पूर्व दिशा में), गया -80 कि.मी., पटना -100 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिग. जैन तीर्थक्षेत्र कुण्डलपुर (बिहार प्रान्त तीर्थक्षेत्र कमेटी)

    अध्यक्ष - श्री संघई सुधीर कुमार जैन

    मंत्री - श्री अजयकुमार जैन, आरा (09334396920)

    प्रबन्धक - श्री सत्येन्द्र जैन (093043 76771)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01 +05 = 6

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - प्राचीन धार्मिक मान्यतानुसार भगवान महावीर की गर्भ व जन्म कल्याणक भूमि । सदियों से जन-जन की आस्था एवं श्रद्धा के केन्द्र के रूप में भ, महावीर की जन्मभूमि के रूप में पूज्य है। लगभग 150 वर्ष पूर्व जीर्णोद्धरित इस मन्दिर में प्रतिवर्ष असंख्य तीर्थयात्री दर्शनार्थ आते हैं। क्षेत्रीय जनता श्रद्धापूर्वक भगवान महावीर का वन्दन जन्मभूमि में आकर करती है। यहाँ पर भगवान महावीर 2600 वाँ जन्म जयंती महोत्सव की स्मृति में कीर्ति स्तम्भ परमपूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माता जी की प्रेरणा से बनाया गया है। आपकी ही प्रेरणा से भगवान महावीर की जन्मभूमि के विकास की श्रृंखला में नंद्यावर्त महल परिसर का विकास किया गया है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    राजगिर - 15 कि.मी., पावापुरी - 25 कि.मी. नालन्दा, विश्वविद्यालय (खंडहर) एवं संग्रहालय -2 कि.मी.गुणावाँ - 45 कि.मी., सम्मेदशिखर - 225 कि.मी., वैशाली - 16 कि.मी.

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  14. kothli.jpg

    अन्य क्षेत्र कोथली कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री देशभूषण दिगम्बर जैन शान्तिगिरि ट्रस्ट, कोथली कुप्पनवाड़ी, त.- चिकोडी, जिला - बेलगाम (कर्नाटक) पिन - 591287 टेलीफोन - 08338 - 295250, 09741619776, 09480039599

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 4, कमरे (बिना बाथरूम) - 15 हाल - 01, गेस्ट हाऊस - 01 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500.

    अन्य - गुरूकुल एवं देशभूषण हाई स्कूल कोथली, कुप्पनवाड़ी

    भोजनशाला - 

    विद्यालय - है।

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - कोल्हापुर - मिरज से 60 कि.मी., बेलगाम - 80 कि.मी.बस स्टेण्ड - कोथली, चिक्कोड़ी - 8 कि.मी., निप्पाणी - 15 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग द्वारा

    निकटतम प्रमुख नगर - चिक्कोडी - 8 कि.मी., निप्पाणी - 15 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री 108 आचार्य रत्न देशभूषण दिगम्बर जैन शांतिगिरि ट्रस्ट कोथली, कुप्पनवाड़ी

    अध्यक्ष - श्री. पी. आर. पाटिल, अधिवक्ता (0231 - 2653423)

    महामंत्री -  श्री. पी. बी. पाटिल (08338 - 262027, 097397 34408)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 14

    क्षेत्र पर पहाड़ - है। 1.5 कि.मी. आश्रम से चलकर वाहन ऊपर जाते हैं।

    ऐतिहासिकता - महाराष्ट्र व कर्नाटक राज्य की सीमा पर स्थित साधारण सा गाँव कोथली आचार्यरत्न श्री देशभूषणजी महाराज की प्रेरणा से बहुत ही प्रसिद्ध हो गया है। उन्होंने यहाँ विशाल जैन मन्दिर का निर्माण करवाया वहीं पर समाधिमरण किया। उनकी जन्म-तिथि तथा जन्मजयन्ति कार्यक्रम एवं त्रिमूर्तियों का महामस्तकाभिषेक भी किया जाता है। 85 रत्नों के बिम्ब है तथा दो चंदन एवं चार चांदी की इस प्रकार कुल 91 रत्नमयी जिनबिम्ब है।

     

    समीपवर्ती अन्य दर्शनीय स्थल 

    स्तवनिधि - 16 कि.मी., कुम्भोज बाहुबली - 76 कि.मी.

    1. आ. शांतिसागर महाराजजी का जन्म स्थल - भोज - 20 कि.मी.
    2. आ. विद्यासागर महाराजजी का जन्मस्थल - सदलगा - 20 कि.मी.
    3. आ. विद्यानन्दजी महाराज का जन्म स्थल - शेडबाल - 80 कि.मी.
    4. निशीधी का बोरगाँव - प्राचीन मंदिर - अम्मणगी - 35 कि.मी.

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

    • Like 1
  15. श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, कमलदहजी

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, कमलदहजी सुदर्शन पथ, गुलजार बाग, पटना (बिहार) पिन - 800 007

    टेलीफोन - 091626 02994, 093861 52398, 08252735405

     क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 2, कमरे (बिना बाथरूम) - 5, हाल - 1, गेस्ट हाउस - 1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250.

    भोजनशाला - अनुरोध पर सशुल्क

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - गुलजारबाग -2 किमी. पटना जंक्शन-7 कि.मी., पटना साहिब-4 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - मीठापुर-7 कि.मी,पटना जंक्शन-गुलजारबाग स्टेशन-6 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - पटना जंक्शन से ऑटो रिक्शा द्वारा एवं पैसेन्जर ट्रेन गुलजार - बाग के लिए।

    निकटतम प्रमुख नगर - पटना -7 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

     संस्था - श्री बिहार प्रादेशिक दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी,देवाश्रम, आरा

    अध्यक्ष - श्री आर.के. जैन, मुम्बई (09323003006) 

    मंत्री - श्री अजयकुमार जैन, पटना (09334396920 )

    क्षेत्रीय मंत्री - श्री महेन्द्र कुमार जैन, पटना (०9334944737)

    प्रबन्धक - श्री विमल जैन, (093861 52398)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 1+1 (चरण पादुका श्री कमलदहजी निर्वाण स्थली)

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - भागलपुर स्थित चम्पानगर में जन्मे महामुनि सुदर्शन (सेठ सुदर्शन) का तपस्या करते हुए कमलदहजी में निर्वाण हुआ था।

    विशेष जानकारी - प्रत्येक वर्ष पौष शुक्ल पंचमी को महामुनि सुदर्शन स्वामी का निर्वाणोत्सव मनाया जाता है । यहाँ पर मन्दिरजी में भगवान नेमिनाथजी की मूलनायक प्रतिमा विराजमान है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र 

    पावापुरी - 80 कि.मी., कुण्डलपुर - 90 कि.मी., राजगिर - 100 कि.मी, गुणावाँ -95 कि.मी., वैशाली - 60 कि.मी., पटना सिटी - प्राचीन तीन मंदिर, मीठा पुर जैन मंदिर, संग्रहालय, तारामण्डल, चिड़ियाघर, गोल घर -8 कि.मी. ।

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

     

  16. श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, गुणावाँजी

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, गुणावाँजी, मु.पो. गुणावाँ, जिला - नवादा (बिहार) पिन - 805 110

    टेलीफोन - 093348 37581 (सुभाष जैन)

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 2, कमरे (बिना बाथरूम) - 5, हाल - 1 (यात्री क्षमता - 40), गेस्ट हाउस x

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100

    त्यागी भवन - है

    भोजनशाला - है, अनुरोध पर सशुल्क

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    आवागमन के साधन

     रेल्वे स्टेशन - नवादा - 3 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - नवादा -2 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - गया जंक्शन से नवादा रेल एवं बस द्वारा ।

    निकटतम प्रमुख नगर - गया - 65 कि.मी., पटना - 120 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री बिहार प्रादेशिक दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी

    अध्यक्ष - श्री आर. के. जैन, मुम्बई

    मंत्री - श्री अजयकुमार जैन, आरा, पटना (०9334396920)

    प्रबन्धक - श्री सुभाष जैन, गुणावाँ

    क्षेत्रीय मंत्री - श्री सदयचन्द जैन, नवादा (094700 27063)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - यह पवित्र स्थल इन्द्रभूति गौतम गणधर का निर्वाण स्थल माना जाता है।

    विशेष जानकारी - यहाँ एक सरोवर है जिसके मध्य में मन्दिर बना है। मन्दिर तक पहुँचने के लिये 60 मीटर लम्बा पुल है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    श्री सम्मेदशिखरजी - 180 कि.मी. श्री मन्दारगिरजी -290 कि.मी. (वायाचम्पापुर)

    श्री राजगिरजी - 30 कि.मी., कोल्हुआ पहाड़ - 130 कि.मी., पावापुरी - 22 कि.मी., कुण्डलपुर (नालन्दा) - 42 कि.मी.

    गुलजार बाग पटना - 120 कि.मी.

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

     

     

  17. अतिशय क्षेत्र कारकल कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कारकल, जिला - उडुपि (कर्नाटक) पिन - 574104

    टेलीफोन - 08258233977 (मठ) - 233099 (कमेटी), 09964159927

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 8, कमरे (बिना बाथरूम) - 5 हाल - 2, गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000.

    भोजनशाला - है। 

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - है।

    पुस्तकालय - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेलवे स्टेशन - मेंगलौर - 53 कि.मी.

    बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग - कारकल - 8 कि.मी. मूडबिद्री या मंगलौर से सड़क मार्ग द्वारा

    निकटतम प्रमुख नगर - मूडबिद्री - 16 कि.मी., मेंगलौर - 53 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - भट्टारक मठ एवं श्राविकाश्रम

    अध्यक्ष - श्री राजगुरू स्वस्तिश्री ललित कीर्ति भट्टारक जी

    प्रबन्धक - तेजप्पा (09964159927)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 23

    क्षेत्र पर पहाड़ - दो पहाड़ हैं। बड़े पहाड़ पर 150 एवं छोटे पहाड़ पर 20 सीढ़ियाँ हैं।

    ऐतिहासिकता - सन् 1432 में कारकल नरेश वीर पांडव द्वारा 13 मीटर ऊँची बाहुबली स्वामी की प्रतिमा स्थापित कराई गई थी। यहाँ पर 12 प्राचीन दिगम्बर जैन मन्दिर हैं तथा कुल मिलाकर 23 जैन मन्दिर हैं। 1000 वर्ष पुराना क्षेत्र है, शिल्पकला हेतु प्रसिद्ध है। जैन राजा का कार्य क्षेत्र रहा है।

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - मूड़बिद्री, - 16 कि.मी., हॅमचा - 110 कि.मी., श्रवणबेलगोला - 225 कि.मी. , वारंगल, कुन्दकुन्द बेट्ट, ज्वालामालिनी आदि |

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  18. Kanakgiri Digambar Jain Tirtha Kshetra1.jpg

    सिद्ध क्षेत्र कनकगिरि कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री कनकगिरि दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र, कनकगिरि ग्राम - पो. - मलेयूर, तह. एवं जि.-चामराजनगर (कर्नाटक) पिन - 571128 टेलीफोन - 08226-211786, 210786, 09449203201

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 20    यात्री निवास 18 कमरे अटैच

    सुविधाएँ - हाल-3 (यात्री क्षमता-100+50+50), यात्री ठहराने की कुल क्षमता-300, गेस्ट हाऊस - 13

    भोजनशाला - है, नियमित

    पुस्तकालय - पुस्तके - 5000, शास्त्र- 100

    औषधालय - है।

    विद्यालय - स्कूल/कॉलेज/आश्रम

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - कवलन्दे - 10 कि.मी.मैसूर - 52 कि.मी.

    बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग - मलेयूर - 1 कि.मी. नंजनगुड़ (ऊटी हाईवे) से 25 कि.मी. चामराजनगर 20 कि.मी.

     

    निकटतम प्रमुख नगर

    मैसूर शहर-58 कि.मी., मैसूर-ऊटी के मध्य नंजनगुड़ शहर-25 कि.मी., हरवे-4 कि.मी., मूगूर-50 कि.मी., उम्मत्तूर-35 कि.मी., कुदेरू-2 कि.मी.तगडूर-20 कि.मी. एचिगनहल्ली- 35 कि.मी., बैंगलोर-200 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिगम्बर जैन मठ, कनकगिरि

    अध्यक्ष - स्वस्ति श्री भट्टारक भुवनकीर्ति जी

    मंत्री - श्री विनोद बाकलीवाल, मैसुर (9900420001)

    प्रबन्धक - श्री मेघराज (09449203201)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 3 (24 चरण-प्रत्येक नसियाएँ)

    क्षेत्र पर पहाड़ -  है,350 सीढ़ियाँ हैं वाहन ऊपर तक जा सकते हैं।

    ऐतिहासिकता - कनकगिरि या कनकाद्रि के नाम से जाना जाता है। आचार्य श्री पूज्यपाद स्वामी की तपोभूमि एवं समाधि क्षेत्र, कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु राज्यों की सीमा पर स्थित मलेयर गांव में स्थित है। भगवान महावीर का विहार यहाँ हुआथा। कर्नाटक राज्य के मैसूर नगर से 50 कि.मी. की दूरी पर स्थित मनोरम शिलाखण्डों का पर्वत सूर्यपुर के महान तपोनिधि सुप्रतिष्ठ महामुनि ने घोरतप साधना के फलस्वरूप केवलज्ञान प्राप्त कर मोक्ष प्राप्त किया। अन्तिम श्रुतकेवली भद्रबाहु स्वामी से सम्बद्घ शिलालेख एवं गुफायें यहाँ उपलब्ध है। श्री अनन्तबल मुनि का यह केवल ज्ञान स्थल है। यह ज्ञानचन्द मुनि की मोक्ष स्थली है। जैन मुनि तपस्वियों के साधकों की सल्लेखना विधिपूर्वक समाधि के बारे में 27 से भी अधिक शिलालेख हैं। चौबीस तीर्थंकरों के चरण स्थापित, टोंकेभी निर्मित हैं।

     

    समीपवर्ती दर्शनीय एवं तीर्थक्षेत्र

    श्रवणबेलगोला, वाया मैसूर -140, चन्द्रनाथगिरि, वेनाडू (केरल) केलसुरा, ऊंटी-138 आ.वीरसेनस्वामी -घवला के अमूल्यग्रंथों के रचयिता की तपोभूमि- श्री दिग. जैन मठ भी है। प्राचीन तीर्थक्षेत्र है, अनेक जैनाचार्यों की समाधिस्थली है।

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  19. अतिशय क्षेत्र कमठाण कर्नाटक

    नाम एवं पता - श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान दि. जैन अतिशय क्षेत्र, कमठाण त. एवं जिला - बीदर (कर्नाटक) पिन - 585 226

    टेलीफोन - 08482-229524, 220295, मो. : 098803 95004, 09845334456

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 12, हाल - 2 (यात्री क्षमता - 200+300), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200+300 = 500

    प्रवचन हाल - 300 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता

    भोजनशाला -  नि:शुल्क, अनुरोध पर, आधुनिक सुविधा से युक्त

    औषधालय - है।

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - बीदर - 9 कि.मी. बिदर जिला केन्द्र स्थान है।

    बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग - कमठाण - 1/2 कि.मी. रेल अथवा सड़क मार्ग, मुम्बई - हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग क्र.9- 19 कि.मी. की दूरी पर है।     

    नोट : बीदर जैन मंदिर में भी ठहरने के लिए कमरों की व्यवस्था है एवं 100 व्यक्तियों के ठहरने की एक हॉल की व्यवस्था है।

    निकटतम प्रमुख नगर - बीदर - 9 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान दि. जैन अतिशय क्षेत्र, कमठाण ट्रस्ट

    अध्यक्ष - श्री जिनेन्द्र एन. टिक्के (09880395004)

    मंत्री - श्री अशोक आर. वनकूदरे (09448123267)

    प्रबन्धक - श्री पद्मण्णा बेलकीरे (09242845465)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता : रट्ट राजवंश के राजाओं द्वारा निर्मित भगवान पार्श्वनाथ की ध्यानमग्न पद्मासन प्रतिमा 4 फीट ऊँची 1100 वर्ष प्राचीन, अति सुन्दर एवं मनोहारी हैं। देखने वालों को ऐसा प्रतीत होता है कि साक्षात तीर्थकर मौन व्रत धारण कर तपस्या में जीवंत बैठे हुए हैं। सन् 1989 में आचार्य श्री श्रुतसागरजी मुनि महाराजजी ने भगवान की प्रतिमाजी को गुफा के ऊपरी भाग में प्रतिष्ठापित करवाया। प्रतिमा की महिमा बहुत है। आज भी अनेक अतिशयकारी घटनायें देखने को मिलती है।

    विशेष जानकारी : प्रति वर्ष माघ शुक्ल 5 से 7 तकरथयात्रा महोत्सव मनाया जाता है।   

     

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    1. अतिशय क्षेत्र हणसी, हड्गील, जिला-गुलबर्गा - 142 कि.मी.
    2. अतिशय क्षेत्र - कुलचारम् (आंध्र प्रदेश) - 92 कि.मी.

     

    समीपवर्ती अन्य दर्शनीय एवं ऐतिहासिक स्थल - बीदर नगर में जैन मंदिर देखने लायक है। 100 कि.मी. की दूरी पर 'मान्य-खेट। (मल-खेड़) में भगवान मल्लिनाथजी का मंदिर है, जो गुलबर्गा जिले में है। भगवान जैन त्रिकूटमंदिर, हरसूर, जिला-गुलबर्गा -100 कि.मी.

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  20. चम्पापुर (सिद्ध क्षेत्र)

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन बीसपंथी सिद्धक्षेत्र मंदिर, चम्पापुर, छपरावाला ट्रस्ट कोठी, पो.- नाथनगर, जिला - भागलपुर (बिहार)

    पिन -812006

    टेलीफोन - 088638 79621, 094724 63388 (तेरापंथी कोठी)  

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे(अटैच बाथरूम)- 26 (ते.) 21 (बी.), कमरे (बिना बाथरूम)- 15(बी.), हाल- 4(ते.) 1(बी.) एसी एवं कुलर कमरे- 26(ते.)11(बी)

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1400

     भोजनशाला - है, सशुल्क

    विद्यालय - नहीं

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - भागलपुर - 4 कि.मी.

    बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग - भागलपुर बागबाड़ी, टी.एन.बी. कॉलेज - '०' माईल रेल व सड़क मार्ग दोनों

    निकटतम प्रमुख नगर - भागलपुर - 4 कि.मी. - 110 कि.मी. पटना - 230 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री चम्पापुर दिगम्बर जैन बीसपंथी मन्दिर (छपरावाला ट्रस्ट)

    अध्यक्ष - श्री पुष्पदंत जैन (छपरा)

    मंत्री - श्री मनोज पाटनी (भागलपुर) 09431001597

    प्रबन्धक - श्री राजेश जैन (088638 79621, 091998 32931)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02 कोठी (19 मंदिर तेरापंथी कोठी, 35 वेदियाँ बीसपंथी कोठी)

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - यहाँ पर बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य के पाँचों कल्याणक हुए हैं।

    विशेष जानकारी - बीसपंथी कोठी एवं तेरापंथी कोठी की धर्मशालाओं में ही मन्दिर व क्षेत्र कार्यालय स्थित है। इसके अलावा भागलपुर कोतवाली जैन मंदिर में भी धर्मशाला एवं भव्य मन्दिर हैं।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    मंदारगिरि (बौसी) - 55 कि.मी., नवादा - 190 कि.मी., शिखरजी - 265 कि.मी. गुणावाँ - 193 कि.मी., पावापुरी - 216 कि.मी., कुण्डलपुर - 235 कि.मी., राजगिर - 250 कि.मी., सुल्तानगंज - 22 कि.मी. (दिगम्बर जैन मन्दिर)

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

     

  21.                                                             बासोकुण्ड (वैशाली) कल्याणक क्षेत्र     

    नाम एवं पता - भगवान महावीर जन्म स्मारक, बासोकुण्ड विदेह कुण्डपुर (वैशाली), ग्राम - बासोकुण्ड, तह.-सरैया, जि. मुजफ्फरपुर (बिहार) पिन - 844128

    टेलीफोन - (मंत्री) 09835266811, 075440 03396-3397 (पटना ऑफिस)

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच्ड बाथरूम) - 5 गेस्ट हाउस -18 कमरे (अटैच्ड लेट बाथ) हाल -1(यात्री क्षमता - ), डाक बंगला - है

     यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000  यात्री निवास - 24 कमरे (अटैच्ड लेट बाथ)

    भोजनशाला - है-सशुल्क

    अन्य - प्राकृत, जैन शास्त्र एवं अहिंसा शोध संस्थान

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

     विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - हाजीपुर - 38 कि.मी.

    बस स्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग - पटना -62 कि.मी., वैशाली 0.5 कि.मी. पटना होते हुए

    निकटतम प्रमुख नगर - पटना - 62 कि.मी., हाजीपुर - 38 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - भगवान महावीर स्मारक समिति, पटना

    अध्यक्ष - श्री एन.के. सेठी, जयपुर (09414058167)

    मंत्री - श्री रतनलाल गंगवाल, पटना (09835266811)

    पत्राचार का पता - ‘जैन सदन', गोविन्द मिश्रा रोड, पटना-800004 (बिहार)

    कोषाध्यक्ष - श्री सुरेन्द्र कुमार गंगवाल, पटना (०9334128122)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 2

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - कतिपय पुराविदों की मान्यता के अनुसार ईसा से 599 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन विदेह क्षेत्र में वैशाली के बासोकुण्ड में राजा सिद्धार्थ एवं रानी त्रिशला के घर बालक वर्द्धमान का जन्म यहां हुआ। कुछ अजैन भी श्रद्धा रखकर पूजा अर्चना करते हैं। इस भूमि पर वर्ष 1956 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भगवान महावीर स्मारक निर्माण हेतु शिलान्यास किया एवं स्व. साहू शांति प्रसाद जैन ने 'प्राकृत, जैन शास्त्र एवं अहिंसा शोध संस्थान की स्थापना की। भारत सरकार ने भगवान महावीर के 2600 वें जन्म कल्याणक महोत्सव पर वैशाली के विकास हेतु बड़ा योगदान दिया। यहां भगवान महावीर स्मारक समिति के माध्यम से तीर्थ के विकास का कार्य प्रारम्भ हो चुका है भव्य दिगम्बर जैन मन्दिर नया बना है । साधु- संतों हेतु आवास, यात्री-निवास, गेस्ट हाऊस, भोजनालय, संग्रहालय, पुस्तकालय आदि का निर्माण प्रस्तावित है। वैशाली में 52 पोखर तालाब से प्राप्त भगवान महावीर की अतिशयकारी काले पाषाण की मूर्ति गाँव के

    मंदिर में विराजमान है।

    समीपवर्ती दर्शनीय एवं तीर्थक्षेत्र

    गौतम बुद्ध ने ज्ञान की शिक्षा इसी नगरी से प्राप्त की है। बुद्धत्व प्राप्ति के बाद वे कई बार यहाँ पधारे। 

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  22. अतिशय क्षेत्र आरा, बिहार

    नाम एवं पता - भगवान बाहुबली स्वामी महावीर स्वामी दि. जैन अतिशय क्षेत्र, आरा

    धर्मकुंज, धनपुरा,आरा, जिला - भोजपुर (बिहार) पिन - 802301

    टेलीफोन - 094314 19369, 093081 41042

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 8, कमरे (बिना बाथरूम) - 15, हाल - 1 (यात्री क्षमता - 150), गेस्ट हाउस - 1

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200.

    भोजनशाला - नहीं

    विद्यालय - है

    औषधालय- है

    पुस्तकालय - है

    आवागमन के साधन 

    रेल्वे स्टेशन आरा -2 कि.मी.

    बस स्टेण्ड आरा - 1 कि.मी.

     पहुँचने का सरलतम मार्ग - आरा स्टेशन से बस या टेक्सी द्वारा (आरा-पटना मुख्य मार्ग पर)

    निकटतम प्रमुख नगर - आरा - 2 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - भगवान बाहुबली स्वामी महावीर दि. जैन अतिशय क्षेत्र

    अध्यक्ष - श्री अजयकुमार जैन (09334396920)

    मंत्री - श्री प्रशान्तकुमार जैन (09431419369)

    प्रबन्धक - श्री पंकज जैन (06182691901)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - शहर में कुल 40 मन्दिर हैं।

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - यहाँ महिलारत्न ब्र. पं. चन्दाबाई द्वारा स्थापित श्री । जैन बाला विश्राम संचालित है। कई बालिकाएँ जैन संस्कृति के अनुसार शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। प्रत्येक 12 वर्ष में भ. बाहुबली स्वामी की विशाल एवं अद्वितीय प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक किया जाता है।

    विशेष जानकारी - आरा बहुत ही प्राचीन शहर है। यहाँ जैन समुदाय की 3 धर्मशालाएँ एवं अनेक विद्यालय संचालित हैं। यहाँ 40 शिखरबन्द दिगम्बर जैन मन्दिर हैं। उत्तर भारत का प्रसिद्ध श्री जैन सिद्धांत भवन ग्रंथागार है, जहाँ हजारों ताड़पत्रीय एवं हस्तलिखित जैन ग्रंथसंग्रहीत हैं।

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र

    श्री कमलदहजी गुलजार बाग (सेठ सुदर्शन का निर्वाण स्थल) - 50 कि.मी. यहाँ से राजगृही, पावापुरी, कुंडलपुर, गुणावाँजी, आदि स्थानों की यात्रा सुगम है।

     

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  23. suryapahad-assam.jpg

    अतिशय क्षेत्र सूर्यपहाड़ असम

    नाम एवं पता - श्री सूर्यपहाड़ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, ग्राम-दुवापाड़ा, तह.- मोरनोई, जिला-ग्वालपाड़ा (असम), पिन कोड - 783 101

    टेलीफोन - 9957889957, 8011021913, 9854768151, 9435118987

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास : कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 6  हाल - 1 (बिस्तर वाला) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100

    नोट : गुवाहाटी में यात्रियों के ठहरने हेतु महावीर भवन है।

    भोजनशाला : अनुरोध पर सशुल्क

    औषधालय निःशुल्क होमियोपेथी

    पुस्तकालय : है |

    विद्यालय : लॉर्ड आदिनाथ अकादमी है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन ग्वालपाड़ा - 18 कि.मी., गुवाहाटी - 140 कि.मी.

    बस स्टेण्ड : गुवाहाटी दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, त्रिवेन्द्रम, जयपुर से सीधी रेल एवं हवाई सेवा से जुड़ा है।

    निकटतम प्रमुख नगर : ग्वालपाड़ा- 15 कि.मी., दुवापाड़ा-3 कि.मी., दुधनै-25 कि.मी., कृष्णेय-14 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था श्री सूर्यपहाड़ दि. जैन अतिशय क्षेत्र विकास समिति

    अध्यक्ष : श्री महावीर प्रसाद गंगवाल (09435011369)

    मंत्री श्री विजय कुमार पांड्या (088768 28477)

    अतिरिक्त महामंत्री : श्री निरंजन गंगवाल (9864411388)

    प्रबन्धक : श्री मोतीलाल जैन 'प्रभाकर' (09957889957)

     

    क्षेत्र का महत्व 

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01+2 चैत्यालय

    क्षेत्र पर पहाड़ : बहुत मनोरम पहाड़ है। लगभग 250 सीढ़ियाँ एवं ऊपर वाहन नहीं जाते हैं।

    ऐतिहासिकता : गुवाहाटी से लगभग 140 कि.मी. की दूरी पर गोवालपाड़ा (ग्वालपाड़ा) जिले के अन्तर्गत सूर्य पहाड़ नामक एक पर्वत है। यहाँ उत्कीर्णित जैन मूर्तियों की लोग विभिन्न देवी देवताओं के रूप में उपासना करते हैं। सन् 1975 में सूर्यपहाड़ की एक गुफा में एक चट्टान पर उकेरी भगवान आदिनाथ व पद्मप्रभु की खड्गासन मूर्तियां प्राप्त हुई। सन् 1994 में पुनः श्री सुपाश्र्वनाथ तीर्थंकर की एक प्राचीन मूर्ति प्राप्त हुई। पुरातत्ववेताओं ने इन मूर्तियों का निर्माण काल 8वीं शताब्दी के आस पास बताया है। पुरातत्व के आधार पर कभी यह स्थल हिन्दू, बौद्ध एवं जैन धर्मों का प्रभावशाली केन्द्र रहा। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा ने इस क्षेत्र (सूर्य पहाड़) के विकास हेतु समिति का गठन किया। असम सरकार ने क्षेत्र के विकास हेतु 52 बीघा भूमि महासभा को आबंटित की है।

    वार्षिक मेला : भगवान आदिनाथ का निर्वाण कल्याणक माघ कृष्ण चतुर्दशी को सन् 1994 से मनाया जाता है। प्रति वर्ष धार्मिक मेला भी आयोजित होता है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : सूर्य मंदिर, शिव मंदिर, बुद्ध स्तूप, लखी पहाड़, पंचरतन पर्वत, वेद-हुआ, पगलाटेक। यहाँ अनेक शिवलिंग हैं।

    सम्पर्क सूत्र : मोतीलाल जैन 'प्रभाकर' श्री सूर्यपहाड़ग्वालपाड़ा, वास्तु शास्त्री, प्राचार्य - प्रबंधक

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  24. श्री दि. जैन भवन (80 कमरे)

    10-ए, चितपुर स्पूर, बागड़ बिल्डिंग के पास, कोलकाता-700007

    फोन : 033-22693554

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  25. महावीर भवन, ए.टी.रोड, आठगांव, गुवाहाटी - 781 001(आसाम)

    फोन: 0361-2630540  (5 कमरे, 1 हाल)

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

     

×
×
  • Create New...