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दस लक्षण पर्व ऑनलाइन महोत्सव

शांति पथ प्रदर्शन (जिनेंद्र वर्णी)

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  1. अतिशय क्षेत्र गोम्मटगिरि - इन्दौर मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - भगवान बाहुबली दिगम्बर जैन अतिशय तीर्थ क्षेत्र, गोम्मटगिरि हातोद रोड़, तहसील - हातोद, जिला - इन्दौर (मध्यप्रदेश) पिन - 453111

    टेलीफोन - 0731 - 2882251, धर्मशाला - 2882650

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 45, (क्षेत्र पर धर्मशालायें हैं) गेस्ट हाउस तलहटी पर -3 पहाड़ी पर -1, ए.सी.रूम-8 हाल - 5 (यात्री क्षमता - 350), गेस्ट हाउस - 3 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. तलहटी पर

    भोजनशाला - गोम्मटेश भोजनालय, सशुल्क, नियमित पहाड़ी पर-1

    पुस्तकालय - है
    विद्यालय - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - इन्दौर - 15 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - गंगवाल बस स्टेण्ड, इन्दौर-10 किमी., सरवटे बस स्टेण्ड-15 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - इन्दौर तक रेल अथवा सड़क मार्ग, ऑटो-रिक्शा, टेम्पो, नगर  सेवा, सिटी-बस, टाटा मैजिक उपलब्ध

    निकटतम प्रमुख नगर - इन्दौर - 10 कि.मी. (पश्चिम दिशा)

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - भगवान बाहुबली दिगम्बर जैन ट्रस्ट, गोम्मटगिरि

    अध्यक्ष - श्री कमल चन्द सेठी (93021 06655)

    कार्याध्यक्ष - श्री प्रतिपाल टोंग्या (93021 06984)

    महामंत्री - श्री भरत मोदी (98260 33128)

    कोषाध्यक्ष - श्री शांतिकुमार टोंग्या (9926958968)

    प्रबन्धक - श्री अनिल जैन (09329114091)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 24 मंदिर, 21 फीट, बाहुबली प्रतिमा, आदिनाथ मंदिर-3, महावीर मंदिर-1, रत्नत्रय मंदिर, तलहटी पर आदिनाथ मंदिर - 1 आदि (कुल - 32 मन्दिर)

    क्षेत्र पर पहाड़ : है (पहाड़ पर 110 सीढ़ियाँ है), वाहन जाते हैं ।

    ऐतिहासिकता : आचार्य श्री विद्यानन्दजी महाराज की प्रेरणा से यह क्षेत्र निर्मित हुआ है। सन् 1986 में आचार्य श्री विद्यानन्दजी महाराज, आचार्य श्री विमलसागरजी महाराज एवं अनेक मुनिराजो के सान्निध्य में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा सम्पन्न कर भगवानबाहबली की विशाल प्रतिमाएवं वर्तमान चौबीसी जिनालय की स्थापना की गई। यह क्षेत्र अति सुन्दर, मनोहारी एवं आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है। त्रिकाल चौबीसी की रत्नों की प्रतिमाएँ दर्शनीय हैं। तलहटी में भी जिनालय है। इसके अलावा इन्दौरशहर में अनेकभव्य जिनालय हैं।

    वार्षिक मेले व विशेष आयोजन की तिथियाँ : मार्च के द्वितीय रविवार को

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अतिशय क्षेत्र श्री बनेड़ियाजी - 33 कि.मी., मक्सी पार्श्वनाथ - 80 कि.मी., पुष्पगिरि-80 कि.मी., सिद्धवरकूट-90 कि.मी., अतिशय तीर्थनवग्रहजिनालय-3 कि.मी.

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  2. अतिशय क्षेत्र गोलाकोट मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्री गोलाकोटजी

    अंतर्गत - (श्री शांतिनाथ चौरासी दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट)

    कार्यालय - खनियांधाना, जिला - शिवपुरी (मध्यप्रदेश) पिन - 473990

    टेलीफोन - मो.: 09926730232, 09926784422

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 3

    हाल - 1 (यात्री क्षमता - 20), गेस्ट हाउस - X

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 60.

    भोजनशाला - नहीं (श्री नंदीश्वर जिन मंदिर खनियांधाना में सुविधा है)

    औषधालय - नहीं ।

    पुस्तकालय - नहीं ।

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - बसई (बबीना - ललितपुर के मध्य) - 45 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - खनियांधाना - 10 कि.मी., ग्राम - गूड़र - 3 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग व्हाया खनियांधाना 

    निकटतम प्रमुख नगर - खनियांधाना - 10 कि.मी.


    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री शांतिनाथ चौरासी दि. जैन मंदिर ट्रस्ट, खनियांधाना

    अध्यक्ष - श्री नाथूराम जैन कठया (07497 - 235428)

    मंत्री - श्री ताराचन्द जैन सिंघई (099267 84422)

    प्रबन्धक - श्री श्यामलाल जैन चौधरी (07497 - 235679)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02

    क्षेत्र पर पहाड़ : है । छोटी पहाड़ी हैं।

    ऐतिहासिकता : विंध्य पर्वतमाला पर प्रकृति की सुरम्य गोद में स्थित चतुर्थकालीन मन्दिर की दो दालानों में मूलनायक आदिनाथ भगवान की प्रतिमा सहित अनेक दिव्य, भव्य एवं बोलती पाषाण प्रतिमाएँ, भगवान महावीर के शासनकाल के पूर्व की विराजमान हैं। यहाँ अतिशययुक्त बावड़ी का जल पीने से अनेकों रोग दूर होते हैं। मेला एवं विमानोत्सव प्रतिवर्ष 15 जनवरी को होता है। पहाड़ी पर चहारदीवारी में मंदिर हैं, उसमें 119 प्रतिमाएँ हैं जो कि दर्शनीय एवं मनोज्ञ हैं।

    पत्राचार - श्री सुनील जैन 'सरल', मै, सरल ज्वेलर्स, खनियांधाना - 473990 जिला - शिवपुरी (म.प्र.), (09926730232)

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र -  पचराई -30 कि.मी.,चंदेरी - 60 कि.मी.,थुबोनजी - 85 कि.मी.,सोनागिरि-130 कि.मी., पवाजी - 65 कि.मी, सेरोनजी - 70 कि.मी., जैन मंदिर - गुड़र - 3 कि.मी., खनियांधाना-10 कि.मी., पंचमेरू नंदीश्वर जिन मंदिर एवं तीन जैन मंदिर दर्शनीय हैं।

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  3. पुरातत्व क्षेत्र गंधर्वपुरी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता -  श्री संकट हरण गंधर्वपुरी पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन ऐतिहासिक तीर्थक्षेत्र, गंधर्वपुरी ग्राम - गंधर्वपुरी, तहसील - सोनकच्छ, जिला - देवास (मध्यप्रदेश)

    टेलीफोन - 07270 - 277173, 099938 31876, 94248 28876

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 2 हाल-X, गेस्ट हाऊस - है। यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 50

    भोजनशाला - नहीं

    संग्रहालय - है।

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - देवास - 45 कि.मी., इन्दौर - 80 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - गंधर्वपुरी में है।

    पहँचने का सरलतम मार्ग - सड़क मार्ग व्हाया देवास, इन्दौर - भोपाल मुख्य मार्ग पर  सोनकच्छ से 9 कि.मी.

    निकटतम प्रमुख नगर - सोनकच्छ - 09 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - संकटहरण गंधर्वपुरी पार्श्वनाथ दि, जैन ऐतिहासिक तीर्थक्षेत्रा

    अध्यक्ष - श्री रतनलाल जी जैन

    मंत्री - श्री कल्पित जैन (277173, 09938 36876)

    प्रबन्धक - बिन्दु जैन (07270-277173, 094248 28876)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता : यहाँ पर भगवान महावीर विराजे थे। पुरातत्व के दृष्टिकोण से म.प्र. में गंधर्वपुरी का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है यहाँ वहाँ बिखरी हुई जैन प्रतिमाएँ, इस बात की द्योतक है कि यहाँ एक बड़ा नगर एवं व्यापारिक स्थल रहा होगा। पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. कैलाशनाथ काटजू ने यहाँ पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना करवाई। एक मूर्ति 12 फुट लम्बी एवं 4 फुट चौड़ी है। चूने एवं पतली ईंट का बना मंदिर लगभग 250 वर्ष पुराना है। इस मंदिर में मूलनायक प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की है, जो कि संकट हरण गंधर्वपुरी पाश्र्वनाथ के नाम से प्रसिद्ध है। खुदाई करने पर पत्थर के बने हुए मंदिर एवं सीढ़ियाँ मिलती हैं। यहाँ पुरातत्त्व पर शोध करने के लिए भी बाहर से अनेक विद्वान आते रहते हैं।

    वार्षिक मेला - पौष बदी ग्यारस के दिन भगवान पार्श्वनाथ जन्मोत्सव पर वार्षिक मेला लगता है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र  - पुष्पगिरि - 13 कि.मी., बनेड़ियाजी - 75 कि.मी., बावनगजा (चूलगिरि) - 222 कि.मी., मक्सी - 75 कि.मी. 87

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  4. सिद्ध क्षेत्र फलहोड़ी-बड़ागाँव मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री 1008 दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र, फलहोड़ी-बड़ागाँव ग्रा.-फलहोड़ी-बड़ागाँव (धसान), तह. एवं जि.-टीकमगढ़ (म.प्र.) पिन-472010

    टेलीफोन - मंत्री - 09977016880

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - ४ कमरे (बिना बाथरूम) - 8  हाल - 2, (यात्री क्षमता - 100+ 50 ),त्यागी वृत्ति आश्रम - 14

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200

    भोजनशाला - नहीं

    अन्य : उदासीन आश्रम है।

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - 3500 पुस्तकें

    विद्यालय - है।

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - ललितपुर-75 कि.मी.,दमोह-100 कि.मी.,झांसी-130 कि.मी

    बस स्टेण्ड - बड़ागाँव (धसान) आधा कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग  - टीकमगढ़ से सागर - राज मार्ग (हर आधा घंटा पर बस सेवा उपलब्ध)

    निकटतम प्रमुख नगर - टीकमगढ़ - 30 कि.मी., सागर-100 कि.मी., बड़ागाँव - (धसान) 0.5 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिग. जैन सिद्ध क्षेत्र, फलहोड़ी - बड़ागाँव प्र. का. समिति

    अध्यक्ष - श्री महेन्द्रकुमार जैन (094251 41579)

    मंत्री - श्री शाह मुन्नालाल जैन (07683-210823, 9977016880)

    कार्यालय - श्री रमेशचन्द्र जैन (09630120392)

    प्रचार मंत्री - श्री अमितकुमार जैन (09926859688)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : तीन जिनालय, सात वेदी

    क्षेत्र पर पहाड़ : है। 80 सीढ़ियाँ हैं।

    ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र से साढ़े तीन करोड़ मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया। यह क्षेत्र बुन्देलखण्ड के तीर्थ क्षेत्रों का केन्द्र है। इसके चारों ओर-25 कि.मी. के अन्तराल में प्राचीन जिन मंदिर एवं तीर्थ क्षेत्र स्थित हैं। आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद से पद्मासन 16'/, फीट की आदिनाथ भगवान की प्रतिमा विराजमान है। 5 फुट खड़गासन ‘सफेद चौबीसी' है।
    वार्षिक मेला - महावीर जयंती पर

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अहारजी - 25 कि.मी., पपौराजी - 25 कि.मी., नैनागिरि-70 कि.मी., द्रोणगिरजी - 32 कि.मी., नवागढ़ - 07 कि.मी., कारीटोरन-18 कि.मी. थूबोनजी-90 कि.मी., गिरारजी-60 कि.मी., बंधाजी-65 कि.मी., बानपुर-40 कि.मी., खजुराहो-135 कि.मी.

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  5. अतिशय क्षेत्र ईशुरवारा मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, ईशुरवारा ग्राम - ईशुरवारा (जरूवाखेडा), तहसील एवं जिला-सागर (म.प्र.) पिन - 470 115

    टेलीफोन - 09754571273,07582-269186, 09977541326

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 11, कमरे (बिना बाथरूम) -7  हाल - 2 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - X

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200.

    भोजनशाला - नहीं

    पुस्तकालय - है। (1 पहाड़ पर एवं 1 नीचे)

    औषधालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - ईशुरवारा - 3.5 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - ईशुरवारा - 0.5 एवं किशनपुरा - 3.5 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - सागर - खुरई रोड़ के मध्य में ईशुरवारा तथा है। सड़क मार्ग सागर किशनपुरा - ईशुरवारा, खुरई - किशनपुरा - ईशुरवारा।

    निकटतम प्रमुख नगर - सागर - 25 कि.मी., खुरई - 25 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था 

    संस्था - श्री 1008 शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, ईशुरवारा

    अध्यक्ष - श्री देवेन्द्रकमार जैन (07584-283331,09926948940)

    महामंत्री - श्री मुन्नालाल जैन (O7582-233598,093008-07598)

    प्रबन्धक - श्री संतोषकुमार जैन (097545 71273)

    कार्यकारी एवं निर्माणकारी अध्यक्ष श्री उत्तमचन्द जैन, सागर (07582 - 244960)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02

    क्षेत्र पर पहाड़ : है। 800 मीटर पक्की सड़क है। वाहन जाते है।

    ऐतिहासिकता : सन् 1600 ई. में श्री पाणाशाह द्वारा पहाड़ी पर निर्मित जिन मन्दिर है। इसमें शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ, चन्द्रप्रभु व नेमिनाथ भगवान की खड्गासन प्रतिमाएँ हैं। धर्मशाला व पहाड़ी का विकास कार्य प्रगति पर है। मुनि पुंगव श्री 108 सुधासागरजी की जन्मस्थली है। मुख्य मंदिर का द्वार 12 फीट ऊँचा कर दिया है।

    वार्षिक मेले  :

    1. वसंत-पंचमी पर विमान उत्सव
    2. जेठवदी चतुर्दशी को निर्वाण महोत्सव

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सागर - 30 कि.मी., नैनागिरि - 57 कि.मी., द्रोणगिरि - 100 कि.मी., अहारजी, पपौराजी, पजनारी - 30 कि.मी., रहली पटनागंज - 65 कि.मी., भाग्योदय तीर्थ - 25 कि.मी., बीना बारा - 105 कि.मी.

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

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  6. सिद्ध क्षेत्र द्रोणगिरि मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि (लधु सम्मेद शिखर), द्रोणगिरि ग्राम - सेंधपा, तहसील - बिजावर, जिला - छतरपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 471311

    टेलीफोन - 09754355296 (पवनकुमार जैन - 07049319402), सिद्धायतन (09753456868-पंकज)

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 30, कमरे (बिना बाथरूम) - 83  हाल - 3 (यात्री क्षमता - 500), गेस्ट हाउस - 1

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. संत निवास - 1

    भोजनशाला - स:शुल्क, नियमित

    अन्य- सिद्धायतन - 42 कमरे अटेच

    औषधालय - है (आयुर्वेदिक), नि:शुल्क

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय - हैं - (उदासीन आश्रम है)

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - हरपालपुर एवं सागर - 117 कि.मी., झाँसी -175 कि.मी., ललितपुर - 120 कि.मी., दमोह-103 कि.मी., हवाई अड्डा - खजुराहो - 107 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - बड़ा मलहरा-7 कि.मी., छतरपुर-57 कि.मी., टीकमगढ़- 60 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - बड़ा मलहरा से द्रोणगिरि क्षेत्र सड़क मार्ग राष्ट्रीय मार्ग - 86, कानपुर सागर, बड़ा मलहरा से प्रति 30 मिनिट में वाहन उपलब्ध

    निकटतम प्रमुख नगर - बड़ा मलहरा -- 7 कि.मी., छतरपुर - 57 कि.मी., धुवारा से 23 कि.मी. पूर्व की ओर

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दि.जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि प्रबन्ध समिति (लधु सम्मेदशिखर)

    अध्यक्ष - श्री कपूरचन्द घुवारा-विधायक (09425880545)

    मंत्री - श्री भागचन्द जैन (पीली दुकान) बड़ामलहरा (07689 - 252376, 09425144006)

    प्रबन्धक - श्री पवनकुमार जैन (097543-55296)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : गुफायें - 3, चरण पादुकाएँ - 5, तलहटी में 4 मंदिर

    क्षेत्र पर पहाड़ : है (पर्वतराज पर 32 मंदिर, 255 सीढ़ियाँ हैं)

    ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र से गुरुदत्त मुनि सहित साढ़े आठ करोड़ मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया है। पर्वत पर जाने के लिये 170 सीढियाँ बनी हुई हैं। पर्वत पर 35 जिनालय व तीन गुफाएँ हैं। पर्वत के पास दो कुण्ड हैं जिनका जल सर्दियों में गर्म तथा गर्मियों में ठण्डा रहता है। इस क्षेत्र के दोनों ओर चदांक्षीव, श्यामरी नामक दो नदियाँ बहती हैं। ग्राम में मूलनायक भगवान आदिनाथ की सं. 1549 की प्रतिष्ठित प्रतिमा है। गुरुदत्त निर्वाण गुफा, कांच मंदिर, चौबीसी मन्दिर, मानस्तम्भ (अति प्राचीन, चतुर्थकालीन) एवं संग्रहालय दर्शनीय हैं।

    विशेष जानकारी : यहाँ दि. जैन तीर्थ प्रबन्धन प्रशिक्षण संस्थान संचालित है।

    वार्षिक मेले : माघ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक। रथ यात्रा माघ शुक्ला पूर्णिमा को। कार्तिक कृष्ण अमावस्या को श्री महावीर स्वामी भगवान का निर्वाण महोत्सव।।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अहारजी - 58 कि.मी., पपौराजी - 58 कि.मी., नैनागिरि - 88 कि.मी., खजुराहो - 104 कि.मी., डेरा पहाड़ी - 57 कि.मी., सोनागिरि - 225 कि.मी. कुंडलपुर - 147 कि.मी., देवगढ़ - 152 कि.मी.

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  7. अतिशय क्षेत्र छोटा महावीरजी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र छोटा महावीरजी, कागदीपुरा, जिला -धार (मध्यप्रदेश) 454001

    टेलीफोन - 07292-223432, 09425967460, 09424800572, 09827248654

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 8, कमरे (बिना अटैच) - 2 हाल -1

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 50

    भोजनशाला - है, सशुल्क

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - X  

    विद्यालय - X

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - X 

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - इंदौर - 75 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - धार, मांडव

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - धार से मांडव रोड़ पर

    निकटतम प्रमुख नगर - बगड़ी दूरी 8 कि.मी., इंदौर 75 कि.मी., धार 22 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - छोटा महावीरजी ट्रस्ट कागदीपुरा

    अध्यक्ष - श्री विनय छाबड़ा (जैन) (07292-223432, 09425967460)

    महामंत्री - श्री आशिष जैन (07292-232892)

    प्रबन्धक - श्री अजित छाबड़ा (07292-273412)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 1

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता : भगवान महावीर की मनोज्ञ अतिशयकारी प्रतिमा स्वप्न देकर भूगर्भ से 24 अक्टूबर 2007 को प्रकट हुई। महावीर भगवान की अंगुली से दूध निकलना, अभिषेक करते वक्त जल दूध में बदल जाना, सफेदनाग-नागिन का मंदिरजी की परिक्रमा अनायास करना, असंख्य श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होना ऐसी अनेक बातें क्षेत्र के अतिशय से जुड़ी हैं। पं. आशाधरजी ने नलकच्छपुर के कागदीपुरा में नेमिनाथ जिनालय में शास्त्रों की रचना की । नेमिनाथ भगवान की 4.5 फूट पद्मासन प्रतिमा मांडव के पुरातत्त्व संग्रहालय में है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र मानतुंग गिरि-धार - 25 कि.मी., आहूजी (धार) - 37 कि.मी., बावनगजा - 110 कि.मी., सिद्धवरकूट - 110 कि.मी., मांडव ऐतिहासिक हिल स्टेशन-15 कि.मी. 83

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  8. अतिशय क्षेत्र चंदेरी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन चौबीसी बड़ा मन्दिर, चंदेरी चंदेरी, जिला - गुना (मध्यप्रदेश) पिन - 473446

    टेलीफोन - 07547 - 252118, 07547252118, 08989261185

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 5, कमरे (बिना बाथरूम) - 19 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 250), गेस्ट हाउस - 3

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000.

    भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर 

    औषधालय - 

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय - है - 3

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - हैं -8/10

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - ललितपुर-36 कि.मी.,मुंगावली-38 कि.मी.,अशोकनगर-58 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - चंदेरी

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल व सड़क मार्ग

    निकटतम प्रमुख नगर - ललितपुर - 36 कि.मी., मुंगावली - 38 कि.मी., अशोकनगर - 58 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दि. जैन चौबीसी बड़ा मंदिर ट्रस्ट प्रबन्ध समिति, चंदेरी

    अध्यक्ष - श्री महावीर चौधरी 9425381257

    मंत्री - डॉ. अविनाश कुमार जैन सराफ (09009167555)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता : यहाँ चौबीस तीर्थंकरों की अत्यन्त कलापूर्ण प्रतिमाएँ पृथक - पृथक गर्भगृह में, प्रत्येक तीर्थंकर के मूल वर्ण के अनुरूप उसी रंग के पाषाण से निर्मित हैं। इन प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा सं. 1893 में हुई थी। मन्दिर में 13 वीं शताब्दी की अन्यमूर्तियाँ कलात्मक एवं दर्शनीय हैं। विशेष आकर्षण : केन्द्रीय पुरातत्त्व विभाग का चन्देरी म्यूजियम जिसमें बूढ़ी चन्देरी के 61 जैन मंदिरों के अवशेष एवं तीर्थंकर की प्रतिमाएं विराजमान है। म्यूजियम में शुक्रवार अवकाश रहता है। प्रतिदिन समय प्रातः 9 से सायं 5 बजे तक।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - थूथोनजी - 22 कि.मी., सेरोनजी - 27 कि.मी., बूढ़ी चन्देरी - 20 कि.मी., देवगढ़ - 62 कि.मी., श्री गोलाकोट - 70 कि.मी., खनियांधाना - 60 कि.मी., पचरई - 75 कि.मी., आमनचार - 29 कि.मी., बीठला - 19 कि.मी., मामौन - 16 कि.मी., भियाँदाँत - 14 कि.मी.

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  9. अतिशय क्षेत्र बीनाजी (बारहा), मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बीनाजी (बारहा) पोस्ट- बीना (बारहा), देवरीकलाँ, जिला - सागर (मध्यप्रदेश) पिन - 470 226 टेलीफोन - 07586 - 250457, 09425451153, 09425838178

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 12, कमरे (बिना बाथरूम) - 85 हाल - 4 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - 12

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500.

    भोजनशाला - स:शुल्क नियमित

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं

     

    आवागमन के साधन 

    रेल्वे स्टेशन - नरसिंहपुर - 85 कि.मी., करेली - 55 कि.मी.,सागर-73 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - देवरीकलाँ - 8 कि.मी. बायपास रोड़ पर

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - नरसिंहपुर - देवरीकलाँ - बीनाजी (बारहा) सड़क मार्ग, सागर - देवरीकलाँ - बीनाजी (बारहा) सड़क मार्ग

    निकटतम प्रमुख नगर - देवरी कलाँ - 8 कि.मी., सागर-60 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र बीनाजी (बारहा)

    अध्यक्ष - श्री संतोष चौधरी, अनन्तपुर (99269 79547)

    कार्याध्यक्ष - दिनेश सोंधिया

    मंत्री - श्री अलकेश जैन, देवरी (9425182108)

     

    क्षेत्र का महत्व

     

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 04 (संतशिरोमणी आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद से बंशी पहाड़पुर पत्थर से जीर्णोद्धार का कार्य तीव्र गति से चल रहा है)

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं
    ऐतिहासिकता : विश्व के जैन इतिहास में अन्यत्र कहीं न मिलने वाली चूना- गारा से निर्मित 16 फीट पद्मासन अवगाहना में महावीर स्वामी की प्रतिमा विराजमान है। इसी के निकट भगवान चन्द्रप्रभु की पाषाण की रक्ताभ रंग की सवा छ: फीट अवगाहना की प्रतिमा विराजमान है। भगवान शांतिनाथ की 18 फीट ऊँची कत्थई पाषाण प्रतिमा मनोज्ञ एवं अतिशययुक्त है। गंधकुटी स्तूप जिनालय 40-40 सीढ़ियों वाला लाल पत्थर से निर्मित अलौकिक छटा वाला है। भोंहरे में भी अनेक प्राचीन प्रतिमाएँ हैं। खण्डित पाषाण की अनेक मूर्तियाँ संग्रहालय में रखी हैं।

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - पटनागंज - 35 कि.मी., कुंडलपुर-140 कि.मी., पटेरिया-45 कि.मी., कोनीजी-155 कि.मी., मढ़ियाजी (जबलपुर)-120 कि.मी.

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  10. अतिशय क्षेत्र बिजौरी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री 1008 चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बिजौरी ग्राम - बिजौरी, तहसील - पाटन, जिला - जबलपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 483 113

    टेलीफोन - विमल जैन-99939 05227, पप्पु जी- 78795 48201

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 4, कमरे (बिना बाथरूम) - X

    हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150.

    अन्य : साधारण धर्मशाला के ऊपर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

    भोजनशाला - नि:शुल्क, अनुरोध पर।

    औषधालय - नहीं।

    पुस्तकालय - नहीं।

    विद्यालय - नहीं।

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - मदन-महल, जबलपुर-30 कि.मी., श्रीधाम - 25 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - बिजौरी

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर से चरगंवा रोड़ पर 18 कि.मी. बिजौरी मेन रोड़ पर स्थित है। पक्का मार्ग

    निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 30 कि.मी., गोटेगांव - 30 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री 1008 चन्द्रप्रभु दि. जैन अतिशय क्षेत्र, बिजौरी

    अध्यक्ष - श्री पवनकुमार जैन

    उपाध्यक्ष - श्री उदयचन्द जैन

    मंत्री - श्री धरमचन्द जैन

    प्रबन्धक - श्री मुकेश आत्मज श्री अच्छेलाल जैन

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता : 22 मई 1997 को आये भूकम्प की पूर्व सूचना भगवान श्री चन्द्रप्रभु ने ग्राम निवासी पवनकुमार को स्वप्न में दे दी थी कि रात्रि में भूकम्प आने वाला है, खुदे पड़े गढ़ों में कालम भरवाकर व्यवस्था बना लो, जो तत्काल कर ली गई। रात में भीषण भूकम्प तो आया लेकिन समवशरण में कोई आंच नहीं आई, जबकि शिखर सहित बहुत नुकसान हुआ। सन् 1998 में चोरी की नीयत से आये चार चोर चन्द्रप्रभु की प्रतिमा उठा भी नहीं सके। उनकी आँखों में अंधेरा छा गया। चोर 24 घंटे के अन्दर पुलिस द्वारा पकड़ लिये गये। श्री चन्द्रप्रभु भगवान के गर्भगृह से वाद्यों की आवाज आती है। कभी-कभी रात्रि में केशर वर्षा भी होती है।

    विशेष तिथियाँ - क्वांर बदी एकम् को मेला एवं विमान उत्सव कार्यक्रम

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - मढ़ियाजी-25 कि.मी., कोनीजी-55 कि.मी., तिलवारा घाट गौशाला-20 कि.मी., भेड़ाघाट (घुवांधार) - 15 कि.मी., पनागर - 45 कि.मी., बंदर कुदनी - 17 कि.मी. 

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  11. अतिशय क्षेत्र भौंरासा मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, भौंरासा ग्राम - भौंरासा, तहसील - कुरवाई, जिला - विदिशा (मध्यप्रदेश) पिन - 464224

    टेलीफोन - 07593 - 247054, 247252, 09009153244

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 6, कमरे (बिना बाथरूम) - 6  हाल - 4 (यात्री क्षमता - 200), गेस्ट हाऊस -X

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 300.
    भोजनशाला  - नि:शुल्क, अनुरोध पर

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय  - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - मंडी बामोरा - 8 कि.मी., बीना जंक्शन - 18 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - कुवाई - 3 कि.मी. एवं भौंरासा
    पहुँचने का सरलतम मार्ग - मंडी बामोरा एवं बीना से सड़क मार्ग 

    निकटतम प्रमुख नगर - बीना - 18 कि.मी., मंडी बामोरा - 8 कि.मी., कुरवाई - 3 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री 1008 पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र समिति, भौंरासा

    अध्यक्ष - श्री जिनेन्द्रकुमार जैन, भौंरासा

    उपाध्यक्ष - श्री सतीश कुमार जैन (099774 43259)

    कोषाध्यक्ष - श्री नवीन जैन (098934 86288)

    प्रबन्धक - श्री प्रदीपजी (ब्रह्मचारी) (094251 56630, 09425471171)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता क्षेत्र पर मन्दिरजी में पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पद्मासन साढे चार फुट ऊँची, सं. 1272 की प्रतिष्ठित विराजमान है एवं चन्द्रप्रभु भगवान 1143 की श्वेत पाषाण की प्रतिमाएँ हैं। यह क्षेत्र 4000 वर्ग फुट में विकसित है । भौंरासा एक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक तीर्थस्थल है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - बड़ोह - 40 कि.मी., सिरोंज नसियाँजी - 40 कि.मी., उदयगिरि (विदिशा) - 80 कि.मी., चंदेरी (चौबीसी) -70 कि.मी.

    आपका सहयोग : 

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

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  12. अतिशय क्षेत्र भोजपुर मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र शान्तिनगर, भोजपुर ग्राम - भोजपुर, तहसील - गौहरगंज, जिला - रायसेन (मध्यप्रदेश) पिन - 464 993

    टेलीफोन - 099934-63612, 09425011360, (गौशाला-093015 53960)

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 62  हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाऊस - ४

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250

    गौशाला - है।

    भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं

    संस्था - सन् 1998 में विद्यासागर गौशाला स्थापित

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - भोपाल - 25 कि.मी.
    बस स्टेण्ड - भोपाल - 27 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - भोपाल से नियमित बस सेवा, ओबेदुल्लागंज रेल्वे स्टेशन से बसद्वारा भोजपुर - 14 कि.मी.

    निकटतम प्रमुख नगर - भोपाल - 30 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दि.जैन अतिशय क्षेत्र शान्तिनगर पर्यटन केन्द्र विकास समिति, भोजपुर

    अध्यक्ष - श्री मनोहरलाल जैन टोंग्या (09425011360)

    महामंत्री - श्री विमल जैन 'राजदीप’ (091390 98888)

    मैनेजर - श्री राजेन्द्र जैन (099934-63612)

     

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01

    क्षेत्र पर पहाड़ : है- टेकड़ीनुमा

    ऐतिहासिकता : भक्तामर स्तोत्र के रचयिता आचार्य मानतुंग की समाधि स्थली है। समाधिस्थल के निकट जैन मन्दिर में तीर्थंकर शांतिनाथ भगवान की साढ़े बाईस फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित है और इसके दोनों ओर तीर्थंकर पार्श्वनाथ एवं सुपार्श्वनाथ की प्रतिमाओं की ऊँचाई 8 फीट है। राजा भोज के निर्देशानुसार ये प्रतिमाएँ सन् 1100-1101 में प्रतिष्ठित की गई है। निकट ही शिव मन्दिर है। यह पर्यटन स्थल भी है। पास ही बेतवा नदी प्रवाहित होती है। सिद्धशिला पर भगवान बाहुबली की प्रतिमा स्थापित है।

    विशेष जानकारी : ओबेदुल्लागंज - भोजपुर के रास्ते में आशापुरी में संग्रहालय है। जहाँ प्राचीन जैन मूर्तियाँ हैं।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र जैन मन्दिर कुराना - 28 कि.मी., प्राचीन जैन मन्दिर समसगढ़ - 22 कि.मी.

    आपका सहयोग : 

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  13. सिद्ध क्षेत्र बावनगजा (चूलगिरि) मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, बावनगजा (चूलगिरि) ग्राम - बावनगजा, तहसील एवं जिला - बड़वानी (मध्यप्रदेश) पिन - 451 551 टेलीफोन - 07290 - 291010, मो.: 81031 91289 (आवास-जितेन्द्र जैन)

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम एवं ए.सी.) - 45, कमरे (बिना बाथरूम) - X सुविधाएँ हाल - 4 (यात्री क्षमता - 50), गेस्ट हाऊस - 6

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 400.
    भोजनशाला - सशुल्क, नियमित

    संत निवास - 24 कमरे

    औषधालय - है (बाह्य उपचार केंद्र)

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - इन्दौर - 160 कि.मी., महू - 138 कि.मी., खण्डवा - 180 कि.मी., दाहोद - 170 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - बड़वानी - 8 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग -  इन्दौर, खंडवा, दाहोद, बड़ौदा से बड़वानी के लिये बस सुविधा है। बड़वानी से बावनगजा नियमित बस सेवा है। निकटतम प्रमुख नगर - बड़वानी - 8 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र चूलगिरि ट्रस्ट बावनगजा

    अध्यक्ष - श्री राजकुमार जैन (099937-37000)

    मंत्री - श्री राज प्रकाश पहाड़िया (094259-14345)

    प्रबन्धक - श्री इन्द्रजीत मंडलोई, (094250-90384, 09977771022)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 33

    क्षेत्र पर पहाड़ : है- कुल 800 सीढ़ियाँ, डोली की व्यवस्था है।

    ऐतिहासिकता  : यह एक सिद्धक्षेत्र है। यहीं से इन्द्रजीत व कुम्भकर्ण आदि साढे पाँच करोड़ मुनि मोक्ष पधारे थे। यहाँ पहाड़ में पाषाण की विश्व प्रसिद्ध सबसे ऊँची भगवान आदिनाथ की लगभग 27 मीटर (84 फीट) प्रतिमा उत्कीर्ण है। 52 हाथ ऊँची (किसी काल में गज का प्रमाण 1 हाथ था) होने के कारण ही इसे बावनगजा क्षेत्र कहते हैं। यह मूर्ति 13 वीं शताब्दी से भी पहले बनी थी। पर्वत के पास में ही मंदोदरी का प्रासाद बना है। प्रत्येक बारह वर्ष में महामस्तकाभिषेक व मेला आयोजित होता है। मूर्तियों पर 1223, 1258, 1380 लेख वाली प्रतिमाएँ है। मंदिर के पीछे की ओर आचार्य कुन्दकुन्द की खड़गासन प्रतिमा है।

    वार्षिक मेला : प्रति वर्ष भगवान आदिनाथजी के निर्वाणोत्सव पर माध बदी चौदस को मेला लगता है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - तालनपुर - 40 कि.मी., ऊन (पावागिरि) - 80 कि.मी., सिद्धवरकूट - 180 कि.मी., तालनपुर - 40 कि.मी., ऊ पावागढ़ - 220 कि.मी.

    आपका सहयोग : 

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  14. अतिशय क्षेत्र बरही (वल्ल भपुर) मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बरही (वल्लभपुर) ग्राम एवं पोस्ट - बरही, तहसील - अटेर, जिला - भिण्ड (मध्यप्रदेश) पिन -477556

    टेलीफोन - 07534 - 287703, 990096 63048 (ज्ञानचंद पुजारी)

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 07, कमरे (बिना बाथरूम) - 16  हाल - 02 (यात्री क्षमता - 20), गेस्ट हाऊस - X 

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500

    भोजनशाला - अनुरोध पर

    औषधालय - हाँ  

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं।

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - इटावा-12 कि.मी., ग्वालियर-100 कि.मी., भिण्ड-20 कि.मी. फूप -7 कि.मी. बस स्टेण्ड इटावा - 12 कि.मी., भिण्ड - 20 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - ग्वालियर - भिण्ड सड़क मार्ग, पूर्व एवं उत्तर से आने वालों के लिये व्हाया इटावा, ग्वालियर सड़क मार्ग एवं रेल मार्ग से जुड़ा है। दूरी-32 कि.मी.

    निकटतम प्रमुख नगर - इटावा - 12 कि.मी., भिण्ड - 20 कि.मी., ग्वालियर - 100 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र प्रबन्धकारिणी समिति, बरही (वल्लभपुर

    अध्यक्ष - श्री पांडे प्रभुदयाल जैन (09412572903)

    पूर्व अध्यक्ष - श्री अशोक कुमार जैन (09926485681)

    संयोजक - डॉ. एस.के.जैन भिण्ड (98262-11688)

    मंत्री - श्री नेमीचन्द जैन (07534 - 234391)

    प्रबन्धक - श्री ज्ञानचन्द्र पुजारी (09009663048)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता - किंवदन्ती है कि भगवान महावीर के समवशरण स्थल वल्लभपुर (बरही) में देवों ने भव्य जिनालय का निर्माण किया था। वर्तमान जिनालय 1200 वर्ष प्राचीन है एवं जिन प्रतिमाएँ 10 वीं व 11 वीं शताब्दी की हैं। भगवान अजितनाथ की पद्मासन मूलनायक पाषाण प्रतिमा सं. 1520 की है। इसके अलावा क्षेत्रपालजी की चमत्कारिक मूर्ति भी यहाँ की महत्वपूर्ण विशेषता है। भव्य मानस्तम्भ दर्शनीय है। अश्विन कृष्णा सप्तमी-अष्टमी को वार्षिक मेला लगता है। खरौआ जैन समाजव्यवस्था प्रमुख है।

    पत्राचार - श्री नेमीचन्द जैन, के के टेन्ट हाऊस, हाउसिंग कालोनी, भिण्ड

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - शौरीपुर बटेश्वर - 60 कि.मी., बरासोंजी - 40 कि.मी., सिहोंनियाँजी-100 कि.मी., पावई-40 कि.मी., मरसलगंज(उ.प्र.)-100कि.मी. मंगलायतन-250 कि.मी. आगरा-200 कि.मी., कानपुर -200 कि.मी. महामृत्युञ्जयतीर्थउदीइटावा-3 कि.मी.

    आपका सहयोग : 

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  15. अतिशय क्षेत्र बरेला मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बरेला ग्राम - बरेला, जिला - जबलपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 483 001

    टेलीफोन - X

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 5 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाऊस - X,

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150.

    भोजनशाला - नि:शुल्क, अनुरोध पर
    औषधालय - है।

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय - है। 
    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है।


    आवागमन के साधन 

    रेल्वे स्टेशन - जबलपुर - 16 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - बरेला - 1/2 कि.मी.

    सरलतम मार्ग पहुँचने का - जबलपुर - मंडला सड़क मार्ग

    निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 16 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री पार्श्वनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र समिति, बरेला।

    अध्यक्ष - श्री कन्छेदीलाल जैन

    मंत्री - श्री सुधीरकुमार जैन

    कोषाध्यक्ष - श्री राजेन्द्रकुमार जैन

    प्रबन्धक श्री राजेशकुमार जैन

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता : 200 वर्ष पुराना शिखरबन्द मन्दिर है। 10 वर्ष पूर्व मन्दिरजी से 14 प्राचीन प्रतिमाएँ चोरी हो गई थीं, जो 2 दिन पश्चात् सही हालत में बरामद हो गई। एक बार मन्दिर के शिखर पर बिजली गिरने से मीटर के जलने के अलावा कोई नुकसान नहीं हुआ।

    समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - मढ़ियाजी (जबलपुर) -20 कि.मी., भेड़ाघाट - 35 कि.मी., पनागर - 35 कि.मी., बहोरीबन्द अतिशय क्षेत्र - 70 कि.मी., कोनीजी - 55 कि.मी. कुंडलपुर सिद्धक्षेत्र - 160 कि.मी., कान्हा केसली राष्ट्रीय उद्यान - 160 कि.मी.

    आपका सहयोग : 

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  16. अतिशय क्षेत्र बरासोंजी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र (पुरपट्टन) वरनेर, वरासोंजी ग्राम-वरासोंजी, तहसील-मेहगांव, जिला-भिण्ड (मध्यप्रदेश) पिन-477001

    टेलीफोन - 09753863231

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ - आवास कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 14  हाल - 2 (यात्री क्षमता - 120), गेस्ट हाऊस - X

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 300.

    भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर

    औषधालय - है (शासकीय)

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - है (शासकीय)

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- नहीं

     

    आवागमन के साधन 

    रेल्वे स्टेशन - भिण्ड - 20 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - भिण्ड - 20 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - ग्वालियर एवं इटावा से भिण्ड आकर प्रायवेट बस / निजी वाहन से क्षेत्र तक पहुँचें।

    निकटतम प्रमुख नगर - भिण्ड - 20 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र संरक्षिणी कमेटी, वरासों (भिण्ड)

    अध्यक्ष - श्री राजेन्द्रकुमार जैन, भिण्ड (089622 56388)

    मंत्री - श्री प्रभाषचन्द जैन (09926287226)

    प्रबन्धक - श्री राजेन्द्र (पुजारी) (09753863231)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं, टीले पर 40 फुट की ऊंचाई पर मंदिर स्थित है।

    ऐतिहासिकता : इसे भगवान महावीर की समवशरण स्थली माना जाता है। देवों से पुनीत मन्दिर एक है। अनुमान है। कि यह मन्दिर 2500 वर्ष पूर्व प्राचीन हैं। मंदिरजी में तहखाना एवं प्राचीन सुरंगें हैं। प्रतिमाएँ अति प्राचीन हैं। आश्विन बदी दूज को वार्षिक मेला लगता है। मेले के अवसर पर सर्यों का आना मुख्य विशेषता है। अभी तक यहाँ 13 मुनियों की दीक्षा हो चुकी हैं। प्रमुख आचार्यों एवं संघों का आवागमन बना रहता है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र पावई -20 कि.मी., ग्वालियर (गोपाचल) -80 कि.मी. शौरीपुर बटेश्वर - 100 कि.मी., बरही - 40 कि.मी.

    आपका सहयोग : 

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  17. अतिशय क्षेत्र बनेड़ियाजी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बनेड़ियाजी ग्राम - बनेड़िया, तहसील - देपालपुर, जिला - इन्दौर (मध्यप्रदेश) पिन - 453115
    टेलीफोन - 098937-13839

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 10, कमरे (बिना बाथरूम) - 20 (6 सुसज्जित डीलक्स कमरे) हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100+25),

    गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 300.

    भोजनशाला - नियमित, सशुल्क

    अन्य - संतसदन

    औषधालय -   है |

    पुस्तकालय - पुस्तके - 200

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - गौतमपुरा रोड़ - 21 कि.मी., इन्दौर - 45 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - देपालपुर से बनेड़ियाजी - 4 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - इन्दौर से बनेड़िया सड़क मार्ग, उज्जैन, धार, गौतमपुरा से सड़क मार्ग, बस, टेम्पो, जीप सुविधा उपलब्ध

    निकटतम प्रमुख नगर - इन्दौर - 45 कि.मी., देपालपुर - 4 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बनेड़ियाजी ट्रस्ट

    अध्यक्ष - श्री माणकचन्दगंगवाल (0731-2521414,9425910074)

    मंत्री - श्री प्रदीप चौधरी (9425066920)

    प्रबन्धक - श्री संदीप जैन (098937-13839)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 (एक ही परिसर में) तथा 5 बेदियाँ

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र लगभग 800 वर्ष प्राचीन है। मूलनायक प्रतिमा भगवान अजितनाथ की अति प्राचीन, अतिशय युक्त व मनोमुग्धकारी है। मंदिर में सैकड़ों प्राचीन प्रतिमाएँ विराजमानहैं। किंवदन्ती है कि इस जैन मन्दिर को महात्माओं द्वारा आकाश मार्ग से पृथ्वी पर उतारा गया है। इस मन्दिर की नींव नहीं है। प्रतिवर्ष चैत्र सुदी पूर्णिमा को वार्षिक मेला भरता है। मंदिर के पास विशाल तालाब है। अन्दर की तीनों बेदियों में काँच का मनोहारी कार्य देखने योग्य।

    विशेष जानकारी : देपालपुर-बनेड़िया जंक्शन पर श्री दि. जैन सोशल ग्रुप, इन्दौर नगर व ट्रस्ट के सहयोग से विशाल अजितनाथ द्वार यात्रियों की जानकारी हेतु निर्मित किया गया है। समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र गोम्मटगिरि - 30 कि.मी., सिद्धवरकूट - 125 कि.मी. मक्सीजी - 95 कि.मी., सूमठा -8 कि.मी.

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  18. अतिशय क्षेत्र बंधाजी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री 1008 दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बंधा जी तहसील - जतारा, जिला - टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) पिन - 472 101
    टेलीफोन - 
    090983 55530 email : bandhaji1008@yahoo.com
     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)-25, कमरे (बिना बाथरूम) - 40  हाल - 2 (यात्री क्षमता - 200), गेस्ट हाऊस - X

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 450, संतनिवास कमरे-14

    भोजनशाला - निःशुल्क, नियमित

    औषधालय - है |

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय - है (आश्रम प्रस्तावित)

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - ललितपुर से वाया टीकमगढ़ वम्हौरी होते हुए बंधाजी-97 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - ललितपुर से वाया वांसी वार मोहनगढ़ होते हुए बंधाजी-60 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - निजी वाहन से यात्रा सफर

    निकटतम प्रमुख नगर - टीकमगढ़ - 40 कि.मी., झाँसी से 70 कि.मी. बम्हौरी (बराना) होते हुए।

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री 1008 दि. जैन अतिशय क्षेत्र, बंधा जी, जिला - टीकमगढ़

    अध्यक्ष - श्री सुभाषचंद्र जैन, टीकमगढ़ (09993487900)

    महामंत्री - श्री राजेन्द्रकुमार सिंघई, मोहनगढ़ (09754450968)

    मंत्री - श्री निर्मलकुमार जैन,बड़माड़ई वाले,टीकमगढ़ (09425880284)

    प्रबन्धक - श्री रमेशचन्द जैन, (09098355530)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 06 एवं एक अद्वितीय मानस्तंभ

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

    ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र 1500 वर्ष प्राचीन है। मुगल काल में धर्मविद्रोहियों ने भगवान अजितनाथ की मूर्ति खण्डित करने का प्रयास किया, तभी विद्रोहीजन देवयोग से जकड़ा गये, तभी से इस क्षेत्र का नाम 'बंधा' विख्यात हुआ। मूल नायक भ. अजितनाथ की मूर्ति अतिशय युक्त है। सन् 1953 में आचार्य श्री महावीरकीर्तिजी ने मूर्ति के जलाभिषेक को सूखे कुएं में डालकर जल से परिपूर्ण किया। सन् 1997 में 3 माह तक पाँच दूध जैसी धारायें देवयोग से बनी। सन् 1998 में दीपावली पर मूर्ति के सामने रखे दीपों में से एक दीप बहुत धमाके की आवाज देकर फटा जिसके टुकड़े मूर्ति को छोड़कर सभी दूर जा गिरे। ऐसे अतिशय आज भी क्षेत्र पर देखने को मिलते हैं। आज भी मनोकामना पूरी होती है। दूर-दूर से यात्री आते हैं। क्षेत्र पर प्रतिवर्ष निरंतर 1000 शांतिनाथ नवग्रह विधान होते हैं तथा विधान केसमय कभी-कभी सभी प्रतिमाओं से जलकीधाराआना शुरू हो जाती है।

    वार्षिक मेला : चैत सुदी 3 से 5 तक

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : सोनागिरि-120 कि.मी., करगुवाँजी-70 कि.मी. पपौराजी-45 कि.मी. अहारजी- 65कि.मी., ओरछा - पर्यटक क्षेत्र (झाँसी के निकट)- 57 कि.मी., कुण्डेश्वर (शंकरजी का भव्य मंदिर)-50 कि.मी., पावागिरी - 50 कि.मी., (टीकमगढ़ के निकट) वाया तालबेहट पूराकला अच होते निरंतर बसों से सुविधा

    आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  19. अतिशय क्षेत्र बजरंगगढ़ मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र- बजरंगगढ़, गुना (मध्यप्रदेश) पिन - 473 001

    टेलीफोन - 07542 - 257635, 09589859929

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ 

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 4, कमरे (बिना बाथरूम) - 14 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 200), गेस्ट हाऊस - 01

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500.

    भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर (भोजनशाला का निर्माण प्रगति पर है)

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - है।

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है।
     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - गुना -7 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - गुना -7 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - गुना से बस या ऑटो रिक्शा उपलब्ध हैं।

    निकटतम प्रमुख नगर - गुना -7 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी, बजरंगगढ़ (गुना)

    अध्यक्ष - श्री रमेश जैन आमन्या (07542-252256,09826821256)

    मंत्री - श्री राजेश चौधरी, मनभावन (09425134574)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03

    क्षेत्र पर पहाड़ नहीं

    ऐतिहासिकता : मुख्य मंदिर सं. 1236 में सेठ पाड़ाशाह ने बनवाया था। इसमें मूलनायक भगवान शांतिनाथजी की प्रतिमा 4.5 मीटर तथा पीठ सहित 5.5 मीटर ऊँची है। मूर्ति के एक ओर भगवान अरहनाथजी की व दूसरी ओर भगवान कुंथुनाथजी की प्रतिमा विराजमान है। यहाँ दीवारों पर चित्रकारी एवं मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। भगवान बाहुबली की 1.75 मीटर ऊँची मूर्ति भी दर्शनीय है। दो नई बेदियों का निर्माण कार्य जारी है|

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : अशोक नगर त्रिकाल चौबीसी - 45 कि.मी., थुबोनजी - 70 कि.मी., चाँदखेड़ी - 150 कि.मी., चंदेरीचौबीसी - 100 कि.मी., खंदारजी - 90 कि.मी. 

    आपका सहयोग : 

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  20. अतिशय क्षेत्र बहोरीबंद मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बहोरीबंद ग्राम एवं तहसील - बहोरीबंद, जिला - कटनी (मध्यप्रदेश) पिन - 483 330

    टेलीफोन - 07624 - 261736, 09755670164

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 10, कमरे (बिना बाथरूम) - 08  हाल - 4 (यात्री क्षमता - 200),गेस्ट हाऊस - 01(शासकीय) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500

    अन्य - ‘श्री सदलगा भवन' है।

    भोजनशाला - अनुरोध पर

    संतनिवास - 20 कमरे

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - शासकीय है।

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - नहीं ।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - सिहोरा व सलैया - 25 कि.मी., कटनी - 50 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - बहोरीबंद
    पहुँचने का सरलतम मार्ग - कटनी, जबलपुर, सिहोरा, सलैया आदि स्थानों से प्रति घंटे 
    बस सुविधा उपलब्ध - सड़क मार्ग अच्छा है।

    निकटतम प्रमुख नगर - सिहोरा - 25 कि.मी., कटनी - 50 कि.मी., जबलपुर - 65 कि.मी., श्री कुण्डलपुर - 65 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र बहोरीबंद प्रबन्धकारिणी समिति

    अध्यक्ष - श्री उत्तमचंद जैन, कटनी (09425153750)

    मंत्री - श्री सेनकुमार जैन (09301010620)

    कोषाध्यक्ष - श्री मनोजकुमार जैन, खितौला बाजार, सिहोरा (09893625600)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं
    ऐतिहासिकता|: लगभग 1000 वर्ष प्राचीन शांतिनाथ भगवान की 16 फुट ऊँची खड्गासन मूर्ति मन्दिर में विराजमान है। जिनसे ग्रामीण जनता ‘खनुआदेव' रक्षक देवता के रूप में मनौती मांगती थी। सन् 1981 में प्रतिमा नवीन वेदी में प्रतिष्ठित की गई। यहाँ भगवान बाहुबली की 4'/, फुट ऊँची अति प्राचीन व मनोज्ञ प्रतिमा भी है। आचार्य श्री विद्यासागरजी ससंघ 1982, 1992 व 2001 में यहाँ पधार चुके हैं। मंदिर जी के सामने शांति-भवन का निर्माण हुआ।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - तिगवाँ ग्राम (36 देवालयों के अवशेष) -3 कि.मी., कुण्डलपुर - 65 कि.मी., कैमोर पहाड़ी व तीन जलकुण्ड -5 कि.मी., मढ़ियाजी - 70 कि.मी.

    आपका सहयोग : 

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  21. कला क्षेत्र बडोह मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - गड़मल दिगम्बर जैन मन्दिर एवं चौबीसी दिगम्बर जैन वन मन्दिर, बड़ोह ग्राम-बड़ोह, पोस्ट-पठारी, त.-कुरवाई, जिला-विदिशा (म.प्र.) पिन- 464337

    टेलीफोन - 07593-245405, 09977154101, 09425683535

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - X हाल -, गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - पठारी 2कि.मी. जैन धर्मशाला है।

    शासकीय क्वाटर्स है, यात्रियों की ठहरने की सुविधा उपलब्ध है।

    भोजनशाला - अनुरोध पर

    औषधालय - है|

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- नहीं

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - गंजबासोदा - 35 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - पठारी - 1 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - पठारी से बड़ोह

    निकटतम प्रमुख नगर - गंजबासौदा - 35 कि.मी., पठारी 2 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - गड़मल दिगम्बर जैन मन्दिर कमेटी

    अध्यक्ष - श्री अन्नीलाल जैन (07593 - 245618)

    मंत्री - श्री अभिनन्दन जैन (07593 - 245405)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02

    क्षेत्र पर पहाड़ : पास में एक कि.मी. पर है।
    ऐतिहासिकता : यह एक प्राचीन कला क्षेत्र है। यहाँ की कलाकृतियाँ 11 वीं शताब्दी की ज्ञात होती है। बड़े बाबा की प्राचीन प्रतिमा खड्गासन है, जिसकी ऊँचाई 18 फुट - चौड़ाई 4 फुट है। प्रतिमा अत्यन्त मनोहारी है। वन मन्दिर चौबीसी में 19 कोठरी हैं। अन्य दर्शनीय स्थल सोलह खम्बा, दश अवतार, गुफा भीमगजा तथा म्यूजियम हैं। यह क्षेत्र पुरातत्व विभाग के अधीन है।

     

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    पठारी -2 कि.मी., ग्यारसपुर - 40 कि.मी.,

    खुरई - 18 कि.मी., उदयपुर -20 कि.मी.

    आपका सहयोग : 

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  22. अतिशय क्षेत्र बाडी मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बाड़ी तहसील-बाड़ी, जिला-रायसेन (म.प्र.) पिन - 464665

    टेलीफोन - 07486-263443, 09926347850

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (सामान्य ) - 24, हॉल-2 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200

    भोजनशाला -है 

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - है 

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - नहीं

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - भोपाल -100 कि.मी., होशंगाबाद - 65 कि.मी.

    बस स्टेण्ड - पिपरिया -70 कि.मी., जबलपुर -200 कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - बाड़ी बस स्टेण्ड से मंदिर स्थल की दूरी 01 कि.मी. ऑटो द्वारा निकटतम प्रमुख नगर बरेली-18 कि.मी., सुल्तानपुर-25 कि.मी., बक्तरा-18 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी बाड़ी

    अध्यक्ष - श्री बागमल जैन (07486263443)

    उपाध्यक्ष - श्री नरेश बजाज 

    महामंत्री - श्री नरेन्द्र जैन (09893217779)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01, वेदी संख्या - 09

    क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं, गुफा - प्राचीन 01

    ऐतिहासिकता : मंदिर अतिप्राचीन है। राजा विक्रमादित्य की पत्नि अक्कलादेवीजी के द्वारा विक्रम संवत् आठ में श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिष्ठा की गई। इस मूर्ति का जीर्णोद्धार 1282 में आचार्य श्री मदनकीर्तिजी के द्वारा कराया गया। इस मंदिर की अनेक मूर्तियाँ पहली शताब्दी से लेकर उन्नीसवी शताब्दी तक की विराजमान हैं। प्राचीन भित्तिकला राजस्थानी शैली का मानस्तम्भ (पाषाण निर्मित) अतिशयकारी अनेक घटनाएं इस तीर्थ की धरोहर है। अनेक कलापूर्ण प्राचीन जिनबिम्ब दर्शनीय हैं। एवं ऐतिहासिक शिलालेख शोध के विषय हैं। वार्षिक मेले एवं विशेष आयोजन तिथियाँ - वार्षिक महामस्तकाभिषेक एवं विमानोत्सव चैत्र कृष्ण नवमी

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अतिशय क्षेत्र भोजपुर - 70 कि. मी.

    आपका सहयोग : 

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  23. भिलोड़ा अतिशय क्षेत्र

    नाम एवं पता - श्री 1008 चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन बावन जिनालय अतिशय क्षेत्र तह.-ग्राम-भिलोड़ा, जिला-साबरकांठा (गुजरात),

    पिन कोड -383 245

    टेलीफ़ोन - 02771-234731

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 10, हाल - 1, गेस्ट हाऊस - 02,शासकीय

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150

    भोजनशाला - अनुरोध पर सशुल्क

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - अहमदाबाद - 125 कि.मी., हिम्मत नगर - 50 कि.मी.,

    बस स्टेण्ड - भिलोड़ा - दूरी - ० कि.मी.

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - क्षेत्र पर वाहन सुविधा उपलब्ध है।

    निकटतम प्रमुख नगर - अहमदाबाद - 125 कि.मी., हिम्मतनगर - 50 कि.मी. इडर - 30 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री चन्द्रप्रभु दि.जैन बावन जिनालय अतिशय क्षेत्र ट्रस्ट, भिलोड़ा

    अध्यक्ष - श्री शाह कान्तिलाल सांकलचन्द्र (02771-232358) 09426750011

    मंत्री - श्री शाह नरेशकुमार अमृतलाल (02771-234563) 09427061921

    प्रबन्धक - श्री गांधी बाबुलाल पानाचन्द (०94276-97667) 

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - एक-बावन जिनालय एवं कीर्ति स्तम्भ 58 फीट उत्तुंग

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - उत्तर गुजरात में भिलोड़ा एक महत्वपूर्ण तीर्थ क्षेत्र है। इस क्षेत्र में 52 जिनालय हैं। यह हाथमती नदी के तट पर बसा है। मूलनायक भगवान चन्द्रप्रभ के अतिरिक्त 110 नयनाभिरामी चतुर्थ कालीन भव्य प्रतिमाएं हैं। यहां तीन मंजिला भव्यातिभव्य कीर्ति स्तंभ 58 फीट उत्तुंग है। 12वीं सदी में निर्मित जिनालय अलौकिक है। संगमरमर के 111 जिनबिम्ब हैं, जो 12वीं, 16वीं एवं 19वीं सदी के हैं। श्री भरतस्वामी एवं बाहुबली स्वामी के खगासन बिम्ब त्याग तपस्या को प्रतिबिम्बित करते हैं एवं मिश्र धातु के 45 जिन बिम्ब भी अपनी परंपरा को संजोये हुए हैं।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

    श्री चिंतामणी पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र, चिंतामणी, किशनगढ़ - 11 कि.मी., श्री नेमीनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, क्षेत्रपाल, तह- विजय नगर-30 कि.मी., श्री तारंगाजी सिद्धक्षेत्रा, तारंगाजी, तह.-विसनगर-80.कि.मी., ईडर -30 कि.मी.

    आपका सहयोग :

    जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

  24. अतिशय क्षेत्र अजयगढ़ मध्यप्रदेश

    नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, अजयगढ़, पोस्ट/तहसील - अजयगढ़, जिला - पन्ना (मध्यप्रदेश) पिन - 488220

    टेलीफोन - 07730 - 278244, मो.: 094250-25925

     

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - X हाल - X, गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - X 

    भोजनशाला - नहीं

    औषधालय - है (शासकीय)

    पुस्तकालय - नहीं

    विद्यालय - नहीं

    एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है।

     

    आवागमन के साधन

    रेल्वे स्टेशन - सतना - 100 कि.मी.

    बसस्टेण्ड पहुँचने का सरलतम मार्ग अजयगढ़ पन्ना अथवा बाँदा से सड़क मार्ग द्वारा

    निकटतम प्रमुख नगर - पन्ना - 32 कि.मी.

     

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी, अजयगढ़

    अध्यक्ष - श्री राजकुमारजी जैन (09981091591)

    मंत्री - श्री कोमलचन्द जैन (09179320609) श्री सिंघई महेन्द्रकुमार जैन (07730 - 278498)

    प्रबन्धक - सिंघई महेन्द्रकुमार जैन (07730 - 278498)

     

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02

    क्षेत्र पर पहाड़ - है। पहाड़ पर 2 मंदिर एवं तहलटी पर 3 मंदिर हैं, 550 सीढ़ियाँ हैं।

    ऐतिहासिकता - चंदेल वंशी राजाओं के समय जयपाल पर्वत पर बना प्राचीन जिन मन्दिर है, जिसमें 12 फीट ऊँची शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा है। साथ ही अरहनाथ व कुंथुनाथ की भी प्रतिमाएँ हैं एवं सहस्रकूट चैत्यालय भी है। पर्वत पर जैन मूर्तियाँ बिखरी पड़ी हैं। आजकल यह क्षेत्र पुरातत्त्व विभाग के अधिकार में है, जिसके द्वारा पूजन पर रोक लगी हुई है। दो मंदिरों का निर्माण कार्य चल रहा है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - खजुराहो-50 कि.मी., द्रोणागिरि, नैनागिरि, श्रेयांसगिरि-100 कि.मी., चित्रकूट - 100 कि.मी., कालिंजर-30 कि.मी.

    आपका सहयोग :जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  25. अतिशय क्षेत्र वैशाली

    नाम एवं पता - श्री वैशाली दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र, वैशाली, वैशाली हाईस्कूल चौक, जिला - वैशाली (बिहार) पिन - 844128

    क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

    आवास - कमरे - 3, कमरे (बिना बाथरूम) - 2 , हाल - (यात्री क्षमता -४), गेस्ट हाऊस - शासकीय

    यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 25

    भोजनशाला - सशुल्क - अनुरोध पर

    विद्यालय - नहीं

    औषधालय - नहीं

    पुस्तकालय - नहीं

    आवागमन के साधन

     रेल्वे स्टेशन -  पटना - 35 कि.मी.,

    बस स्टेण्ड - वैशाली-1.5 कि.मी. पश्चिम-बौना पोखर

    पहुँचने का सरलतम मार्ग - पटना एवं मुजफ्फरपुर से मध्यान्ह 3 बजे से 5 बजे तक बस द्वारा

    निकटतम प्रमुख नगर - हाजीपुर - 35 कि.मी., मुजफ्फरपुर - 35 कि.मी.

    प्रबन्ध व्यवस्था

    संस्था - श्री बिहार स्टेट दि. जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी, आरा

    अध्यक्ष - श्री साहू शरद कुमार जैन, मुम्बई (022-22871914)

    मंत्री - श्री अजय कुमार जैन, आरा (बिहार) (०93343-96920)

    क्षेत्रीय मंत्री - श्री सुबोध जैन (0612 - 3110115, 093345 22201)

    प्रबन्धक - श्री विष्णुहरि पंडित (077638 63032)

    क्षेत्र का महत्व

    क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 03

    क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

    ऐतिहासिकता - कतिपय पुराविदों की राय में यह क्षेत्र भगवान महावीर की जन्मभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ प्राचीन जैन मंदिर है। कुछ लोगों की मान्यता है कि अतिशयकारी छोटी प्रतिमा की प्रतिदिन लघु शांति धारा करने से असाध्य रोग स्वतः ठीक हो जाते हैं।

    विशेष - पास में श्री वैशाली-कुण्डलपुर दि. जैन तीर्थक्षेत्र, बीना पोखर है जहाँ पर चन्द्रगुप्त मौर्य कालीन 2000 वर्ष प्राचीन भगवान महावीर की प्रतिमा है । उस क्षेत्र के अध्यक्ष श्री निर्मलकुमार जैन सेठी (रा.अध्यक्ष-भा.दिग.जैन महासभा), दिल्ली है।

    समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र एवं दर्शनीय स्थल

    गुलजारबाग - पटना - 50 कि.मी.

    (1) राजा विशाला विश्व प्रसिद्ध प्रथम संसद (गढ़)

    (2) भगवान शंकर की अद्वितीय चौमुखी प्रतिमा

    (3) अशोक पिलर,

    (4) भगवान महावीर की गुप्तकालीन प्रतिमा-बीना पोखर

    (5) बासोकुण्ड (6) शांति स्तूप इत्यादि। 

     

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