Sadhana hemant jain Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 मति ज्ञान के चार भेद अवगृह ईहा अवाम धारणा
Chand Jain Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 Matigyan k chaar bhed hai:- 1. Avagrah 2. Ehaa 3. Abaay 4 dharna
BharatJain20 Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 Mati gyaan ke do bhed - savharik pratyaksh& paroksh
RAVIKANT JAIN Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 अवग्रहेहावायधारणा:।’ अवग्रह, ईहा, अवाय, और धारणा ये मतिज्ञान के चार भेद हैं ।अवग्रहेहावायधारणा:।’ अवग्रह, ईहा, अवाय, और धारणा ये मतिज्ञान के चार भेद हैं ।
Anupriya jain Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 1- अवग्रह—रूप देखने के पश्चात् अर्थ का ग्रहण करना । 2- ईहा— अवग्रह द्वारा जाने गये पदार्थों को विशेष रूप से जानना । 3- अवाय— विशेष चिन्ह देखकर वस्तु का निर्णय हो जाना । 4- धारणा— अवाय से निश्चय किये पदार्थ को कालान्तर में नहीं भूलना ।
Lata Mahendra Jain Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 मति ज्ञान के भेद मति ज्ञान के चार भेद अव ग्रह ईहा अवाय धारणा अव ग्रहेहावायधारणा:
Archana goyal Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 मति ज्ञान के भेद हैं चार अवग्रह् ईहा धारणा अपाय
Aaradhana Choudhary Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 मतिज्ञान के भेद हैं चार(अवग्रह ईहा अवाय धारणा), कष्टो का हो संहार ज्ञान की ज्योति तुम जलाओ, पुण्यात्मा फिर बन जाओ (इस पंक्ति में मतिज्ञान के भेद सहित ज्ञान की प्राप्ति का संदेश दिया गया है) - श्रीमति आराधना चौधरी द्वारा
Veena jain25 Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 मतिज्ञान के चार भेद १-अवग्रह २- ईहा ३-अवाय ५-धारणा
K j Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 मति ज्ञान के चार भेद हैं अवगृह ईहा अवाय धारणा इनके प़भेद करने पर मतिज्ञान के तीन सौ छत्तीस भेद भी बन जाते हैं
Madhu jain new Rohtak road Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 मतिज्ञान के चार भेद है अवग्रह ईहा अवाय धारणा मधु जैन देहली 5
Soumya jain burhar Posted October 5, 2021 Posted October 5, 2021 मति ज्ञान के भेद हैं चार :- १. अवग्रह २. ईहा ३. अवाय ५. धारणा
Adinath Jain Posted October 6, 2021 Posted October 6, 2021 मती ज्ञान ३३६ प्रकार के हैं| अवग्रह ईसा,आवाम,धारणा, ५इंद्रीय,१मन से, १२ प्रकार के वस्तुओं को जानता है,और मन और चक्षु को छोड़कर ४इंद्रीयोंसे व्यंजनावग्रह ज्ञान होता है, १२×६×४=२८८+४८=३३६
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