?महान जैन महोत्सव - अमृत माँ जिनवाणी से - २८६
? अमृत माँ जिनवाणी से - २८६ ?
"महान जैन महोत्सव"
पूज्य आचार्यश्री शान्तिसागरजी महराज ससंघ की शिखरजी वंदना के संघपति जबेरी बंधुओं द्वारा निश्चित शिखर में जिनेन्द्र पंचकल्याणक महोत्सव बड़े वैभव के साथ जिनेन्द्र भगवान की पूज्य तथा अत्यंत प्रभवना के साथ सम्पन्न हुआ।
भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी का उत्सव इंदौर के धन कुवेर सर राव राजा दानवीर सेठ हुकुमचंद की अध्यक्षता में बड़े उत्साह और उल्लासपूर्वक पूर्ण हुआ था। उस समय भीड़ अपार थी। लाउडस्पीकर का सन १९२८ तक अपने देश में आगमन न हुआ था, अतयव महोत्सव में लोगों का हल्ला ही हल्ला सुनाई पड़ता था।
दिगम्बर जैन महासभा का नैमित्तिक अधिवेशन ब्यावर के धार्मिक सेठ तथा आचार्यश्री के परम भक्त मोतीलाल जी रानीवालों के नेतृत्व में हुआ था। उस समय समाज के बंधन शिथिल करने वाले विधवा विवाह आदि आंदोलनों के निराकरण रूप धर्म तथा समाज उन्नति के प्रस्ताव पास हुए थे।
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रंथ का ?
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