?नादिरशाही आदेश - अमृत माँ जिनवाणी से - २७९
? अमृत माँ जिनवाणी से - २७९ ?
"नादिरशाही आदेश"
सन १९५१ की बात है। नीरा जिला पूना में नवनिर्मित सुंदर जिन मंदिर की प्रतिष्ठा के समय हजारों जैन बंधु आये थे। उस समय आचार्य शान्तिसागर महराज भी वहाँ विराजमान थे।
पूना जिलाधीश ने विवेक से काम न ले आचार्य शान्तिसागर महराज के सार्वजनिक विहार पर बंधन लगा दिया, जिससे भयंकर स्थिति उत्पन्न होने की संभावना थी।
उद्योगपति सेठ लालचंद हीराचंद, सदस्य, केंद्रीय परिषद तथा स्व. मोतीचंद भाई कांट्रेक्टर बम्बई ने गृहमंत्री श्री मोरारजी भाई के समक्ष उपस्थित हो उक्त जिलाधीश के विवेक शून्य आदेश की ओर ध्यान दिलाया। इसलिए सहृदय गृहमंत्री महोदय ने जिलाधीश को विशेष आदेश देकर नादिरशाही आर्डर को वापिस लेने की विशेष आज्ञा दी।
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रंथ का ?
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