?जैन धर्म की घटती का कारण - अमृत माँ जिनवाणी से - २७३
? अमृत माँ जिनवाणी से - २७३ ?
"जैन धर्म की घटती का कारण"
एक भाई ने पूज्यश्री से पूंछा- "महराज जैन धर्म की घटती का क्या कारण है जबकि उसमें जीव को सुख और शांति देने की विपुल सामग्री विद्यमान है?"
महराज ने कहा- "दिगम्बर जैन धर्म कठिन है। आजकल लोग ऐहिक सुखों की ओर झुकते हैं। मोक्ष की चिंता किसी को नहीं है। सरल और विषय पोषक मार्ग पर सब चलते हैं, जैन धर्म की क्रिया कठिन है। अन्यत्र सब प्रकार का सुभीता है। स्त्री आदि के साथ भी अन्यत्र साधु रहते हैं।
अन्यत्र साधु प्यास लगने पर पानी पी लेगा, भूख लगने पर भोजन करेगा। ४६ दोषों को टालकर कौन भोजन करता है?"
महराज ने कहा- "इसी कारण दिगम्बर जैन साधुओं की संख्या अत्यंत कम है। दिगम्बर जैन मुनि प्राण जाने पर भी मर्यादा का पालन करते हैं। धूप में बिना जल ग्रहण किए मर गए, तो परवाह नहीं, किन्तु साधु पानी नहीं पियेगा, वह संयम का पूर्ण रक्षण करेगा।"
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रंथ का ?
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