?टीकमगढ़ नरेश पर प्रभाव - अमृत माँ जिनवाणी से - ३०५
? अमृत माँ जिनवाणी से - ३०५ ?
"टीकमगढ़ नरेश पर प्रभाव"
पपौराजी जाते हुए महराज टीकमगढ़ में ठहरे थे। टीकमगढ़ स्टेट में जैनधर्म और जैनगुरु का बड़ा प्रभाव प्रभाव पढ़ा। टीकमगढ़ नरेश आचार्यश्री का वार्तालाप हुआ था। उससे टीकमगढ़ नरेश बहुत प्रभावित हुए थे।
आचार्य महराज में बड़ी समय सूचकता रही है। किस अवसर पर, किस व्यक्ति के साथ कैसा व्यवहार उचित और धर्मानुकूल होगा, इस विषय में महराज सिद्ध-हस्त रहे हैं।
बुंदेलखंड अपने गजरथों के लिए प्रसिद्ध रहा आया है। वहाँ पंचकल्याणक महोत्सवों से अजैन लोग बहुत प्रभावित हैं। उस भूमि में आचार्य महराज जैसे आध्यात्मिक तेजस्वी मूर्ति का विहार करना बड़ा प्रभाववर्धक हो गया।
लोग तो यही कहते सुने गए कि जीवन में ऐसा आनंद फिर कभी नहीं आएगा और न कभी ऐसे सच्चे परमहंस दिगम्बर मुनिराज के इस कलिकाल में फिर से दर्शन भी होंगे।
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रंथ का ?
?आज की तिथी - चैत्र कृष्ण सप्तमी?
0 Comments
Recommended Comments
There are no comments to display.