?दीनो के हितार्थ विचार - अमृत माँ जिनवाणी से - १४१
? अमृत माँ जिनवाणी से - १४१ ?
"दीनों के हितार्थ विचार"
कुंथलगिरी में पर्युषण पर्व में पूज्य आचार्यश्री शान्तिसागरजी महाराज ने गरीबों के हितार्थ कहा था- "सरकार को प्रत्येक गरीब को जिसकी वार्षिक आमदनी १२० रूपये हो, पाँच एकड़ जमीन देनी चाहिए और उसे जीववध तथा मांस का सेवन न करने का नियम कराना चाहिए। इस उपाय से छोटे लोगों का उद्धार होगा।"
महराज के ये शब्द बड़े मूल्यवान हैं- "शूद्रों के साथ जीमने से उद्धार नहीं होता। उनको पाप से ऊपर उठाने से आत्मा का उद्धार होता है। जब तक पाप-प्रवृत्तियों से जीव को दूर कर पुण्य की ओर उसका मन नहीं खींचा जाएगा, तब तक उसका कैसे उद्धार होगा?"
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रन्थ का ?
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