Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World
  • entries
    335
  • comments
    11
  • views
    31,022

आकर्षण - अमृत माँ जिनवाणी से - ७९


Abhishek Jain

288 views

?     अमृत माँ जिनवाणी से - ७९     ?


                      "आकर्षण"

       
                     २४ नवम्बर, १९५५ में लेखक दिवाकरजी पूज्य मुनिश्री १०८ धर्मसागर जी महाराज के समीप गए। उस समय वह जबलपुर के समीप बरगी में विराजमान थे।

                    पूज्य १०८ धर्मसागरजी महाराज ने आचार्यश्री शान्तिसागरजी महाराज का संस्मरण सुनाते हुए कहा था- "मै उस समय छोटा था। मैंने महाराज के यरनाल में दर्शन किये थे। वे ऐलक थे। यरनाल में उनकी मुनि दीक्षा हुई थी। बाद में महाराज का कोन्नूर में चातुर्मास हुआ था। वह स्थान हमारे गाँव पाच्छापुर से दस मील पर था। 

                 रविवार को हमारे स्कूल की छुट्टी रहती थी। उस दिन हम दस मील दौड़ते हुए महाराज के पास कोन्नूर जाया करते थे। उनके दर्शन के उपरांत शाम को लौटकर घर वापिस आते थे। महाराज के जीवन का आकर्षण इतना था कि उस समय बीस मील आना जाना कष्टप्रद नहीं लगता था।"


?  स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रन्थ का  ?

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Guest
Add a comment...

×   Pasted as rich text.   Paste as plain text instead

  Only 75 emoji are allowed.

×   Your link has been automatically embedded.   Display as a link instead

×   Your previous content has been restored.   Clear editor

×   You cannot paste images directly. Upload or insert images from URL.

  • अपना अकाउंट बनाएं : लॉग इन करें

    • कमेंट करने के लिए लोग इन करें 
    • विद्यासागर.गुरु  वेबसाइट पर अकाउंट हैं तो लॉग इन विथ विद्यासागर.गुरु भी कर सकते हैं 
    • फेसबुक से भी लॉग इन किया जा सकता हैं 

     

×
×
  • Create New...