क्या जमाना खराब है? - अमृत माँ जिनवाणी से - ३१
? अमृत माँ जिनवाणी से - ३१ ?
"क्या जमाना खराब है?"
एक दिन आचार्यश्री शान्तिसागरजी महाराज के सामने चर्चा चली कि आज का जमाना खराब है, शिथिलाचार का युग है।
पुराना रंग ढंग बदल गया, अतः महाराज को भी अपना उपदेश नय ढंग से देना चाहिए।
महाराज बोले- "कौन कहता है जमाना खराब है। तुम्हारी बुद्धि खराब है, जो तुम जमाने को खराब कहते हो। जमाना तो बराबर है|
सूर्य पूर्व से उदित होता था, पश्चिम मे अस्त होता था, वही बात आज भी है।
अग्नि उष्ण थी जो आज भी है। जल शीतल था, जो आज भी है।
पुत्र की उत्पत्ति स्त्री से होती थी, आज भी वही बात है। गाय से बछड़ा पैदा होता था, यही नियम आज भी है।
इन प्राकृतिक नियमो मे कोई अंतर नही पड़ा है, इससे अब जमाना बदल गया है कहना ठीक नही है।
जमाना बराबर है। बुद्धि में भ्रष्टपना आ गया है। अतः उसे दूर करने को/स्वच्छ करने को, पापाचार के त्याग का उपदेश देना आवश्यक है।"
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रंथ का ?
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