admin Posted December 28, 2018 Share Posted December 28, 2018 अतिशय क्षेत्र एलोरा (वेरूल) महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन (पहाड़) मन्दिर,एलोरा (वेरूल)/श्री पा.ब्र.आश्रम (गुरुकुल) तहसील - खुलताबाद, जिला - औरंगाबाद (महाराष्ट्र) पिन - 431102 टेलीफोन - 02437 - 244590, (प्रबन्धक) 086059 34056 Email : info@ellorajaingurukul.com, Website : www.ellorajaingurukul.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) -7, कमरे (बिना बाथरूम) - 10 हाल - 4 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाऊस - शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय -है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - गुरूकुल है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। अन्य - हाई स्कूल एवं होस्टल है। (तकनीकी हाई स्कूल) एवं आई.टी.आई. आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - औरंगाबाद - 30 कि.मी., चालीसगांव - 60 कि.मी. बस स्टेण्ड - औरंगाबाद - 30 कि.मी., कन्नड़ - 30 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल व सड़क दोनों मार्ग से औरंगाबाद होते हुए निकटतम प्रमुख नगर - औरंगाबाद - 30 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - (1) श्री पार्श्वनाथ ब्रह्मचर्याश्रम (गुरूकुल), एलोरा, जि.-औरंगाबाद (2) श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर (पहाड़) जैन मन्दिर, एलोरा अध्यक्ष - श्री वर्धमानजी पाण्डे (02437-244411, 09422706726) मंत्री - डॉ. प्रेमचंद मंगलचंद पाटनी (09422706726) प्रबन्धक - श्री पलाश शिरिश पाटनी (08605934056) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 क्षेत्र पर पहाड़ : है (.5 कि.मी. की चढ़ाई है) 350 सीढिया है। ऐतिहासिकता : विश्वविख्यात एलोरा गुफाओं में बौद्ध, हिन्दू, जैन धर्म की गुफाएँ हैं। नं. 30 से 34 तक जैन गुफाएँ वास्तुकला, शिल्पकला, चित्रकला की उत्कृष्ट धरोहर हैं। 16 नंबर की कैलाश गुफा विश्वविख्यात है। 950 वर्ष प्राचीन भगवान पार्श्वनाथकी अर्द्ध-पद्मासन प्रतिमा विशेष उल्लेखनीय है। विशेष जानकारी : पहाड़ पर 16 फुट ऊँची भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा सातिशय एवं अद्वितीय है। यहाँ छात्रावास (200 छात्र), विद्यालय भवन, आरोग्य-धामअतिथिगृह व सुन्दर जिनालय बने हैं। दि. जैन की गुरुकुल भी है जो आचार्यश्रीसमंतभद्रमहाराज एवंआचार्यश्री आर्यनंदिमहाराज की प्रेरणा से चल रहा है। वार्षिक मेला : श्रावण शुक्ल सप्तमी (भ. पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक) समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - जटवाड़ा जैनगिरि - 25 कि.मी., कचनेर - 65 कि.मी., कुंथलगिरि - 240 कि.मी., पैठण-80 कि.मी., मांगीतुंगीवगजपंथा-180 कि.मी., जिंतूर (नेमगिरि)-200 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| Link to comment Share on other sites More sharing options...
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