Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World

Overview

About This Club

जैन समाज औरंगाबाद

Category

Regional Samaj

Jain Type

Digambar
Shwetambar

Country

Bharat (India)

State

Maharashtra
  1. What's new in this club
  2. अतिशय क्षेत्र पैठण (प्रतिष्ठानपुर) महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पैठण जैनपुरा, पोस्ट एवं तहसील-पैठण, जिला-औरंगाबाद (महाराष्ट्र) पिन - 431107 टेलीफोन - 02431-223149, 09226576897, 09404000418, 09763146623 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - ए.सी. कमरे (अटैच बाथरूम) - 11, कमरे (बिना बाथरूम) - 5 एक ए.सी. हॉल, 0ए.सी. कमरे - 15 हाल - 3, (यात्री क्षमता-60+100+100), गेस्ट हाऊस-X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 400. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - जैन इंग्लिश स्कूल एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - औरंगाबाद - 50 कि.मी. बस स्टेण्ड - एस.टी. स्टेण्ड, पैठण पहुँचने का सरलतम मार्ग - अहमदनगर से बस द्वारा 100 कि.मी. औरंगाबाद से बस द्वारा 50 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - औरंगाबाद - 50 कि.मी., अहमदनगर - 100 कि.मी., बीड़ - 100 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, पैठण अध्यक्ष - श्री महावीरकुमार कँवरलाल बड़जात्या (0241 - 2421981, 09823024011) मंत्री - श्री विलाश मिश्रीलाल पहाड़े पैठण, (02431-223937, 09422204497) प्रबन्धक - श्री राजेश जैन सिंघई (02431-223149, 092265-76897) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : भगवान मुनिसुव्रतनाथ की अर्द्धपद्मासन साढे तीन फुट ऊँची मूलनायक प्रतिमा के अतिरिक्त 50 मूर्तियाँ हैं। प्रत्येक शनि अमावस्या को यात्रा एवं महामस्तकाभिषेक होता है। यहाँ अनेक प्रकार की चमत्कारिक घटनायें होती रहती हैं। यह प्रतिमा चतुर्थ कालीन होकर राजा खरदूषण द्वारा रेती से निर्मित है। विशेष जानकारी : यहाँ का बगीचा (संत ज्ञानेश्वर उद्यान) एवं बाँध दर्शनीय हैं। पैठण पर्यटन केन्द्र बन गया है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : एलोरा - 80 किमी., कचनेर - 35 कि.मी., जटवाड़ा - 62 कि.मी., पांचालेश्वर - 32 कि.मी., कुंथलगिरि - 150 कि.मी., जिन्तूर-180 कि.मी., भानस हेवरा - 55 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  3. अतिशय क्षेत्र कचनेर महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 चिन्तामणि पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कचनेर तहसील एवं जिला-औरंगाबाद (महाराष्ट्र) पिन - 431 007 टेलीफोन - 0240-2644108, धर्मशाला 2644103, प्रशाला 2644105, 09421889331 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 24, कमरे (बिना बाथरूम) - 22 हाल - 2 (यात्री क्षमता-200),वी.आई.पी.गेस्ट हाऊस - 08 वी.आय.पी. रुम -18 ए.सी.-वी.आय.पी. रूम - 14 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 800. भोजनशाला नियमित-सशुल्क औषधालय - है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - गुरूकुल, हाईस्कूल एवं छात्रावास (औरंगाबाद) आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - औरंगाबाद - 35 कि.मी. बस स्टेण्ड - कचनेर एवं चित्तेपीपलगांव पहुँचने का क्षेत्र सरलतम मार्ग - का वाहन प्रतिदिन प्रातः 7 बजे एवं सायं 5 बजे औरंगाबाद, राजा बाजार मंदिर से उपलब्ध है। निकटतम प्रमुख नगर - औरंगाबाद - 35 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 चिन्तामणि पार्श्वनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र कचनेर ट्रस्ट मेनेजिंग ट्रस्टी - श्री सुरेशकुमार कासलीवाल (094233-92460) अध्यक्ष - श्री प्रमोदकुमार कासलीवाल (094222 06158) महामंत्री - श्री भरतकुमार ठोले (09422209575) स्कूल प्राचार्य - श्री किरणकुमार मास्ट (09423777919) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ भगवान पार्श्वनाथ की सातिशय, मनोवांछित फलदायक प्रतिमा विराजमान है। लोकोक्ति के अनुसार इस मूर्ति का सिर धड़ से अलग हो गया तब श्रावकों ने उसके स्थान पर अन्य मूर्ति स्थापित करनी चाही, तो एक श्रावक को स्वप्न आया कि एक कमरे में गड्डा बनाकर मुझे(खण्डित मूर्ति को) उसमें रखकर गड्डे में घी, शक्कर भर दो, सात दिन की अखण्ड पूजन से मूर्ति पूर्ववत हो जायेगी। ऐसा ही होने पर प्रतिमा की पुन: प्रतिष्ठा की गई। विशेष जानकारी : कार्तिक शुक्ल 15 को वार्षिक मेला लगता है। प्रति पूर्णिमा को महाभिषेक एवं पर्युषण पर्व/गुड़ी पड़वा, पार्श्वनाथ जयंती आदि वर्ष में 29 बार अभिषेक समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - पैठण - 30 कि.मी., एलोरा -70 कि.मी., औरंगाबाद - 35 कि.मी., जटवाड़ा - 48 कि.मी., कुंथलगिरि - 180 कि.मी., जिंतूर - 194 कि.मी., अजंता - 135 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  4. अतिशय क्षेत्र जटवाड़ा महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 संकटहर पार्श्वनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, जटवाड़ा मु.पो. जटवाड़ा, तहसील एवं जिला - औरंगाबाद (महाराष्ट्र) - 431001 टेलीफोन - 0240 - 2601008, 09922463491, 08554028568 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 30, कमरे (बिना बाथरूम) - 3 हाल - 2 (यात्री क्षमता - 30+60), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 300 भोजनशाला सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - औरंगाबाद - 16 कि.मी. बस स्टेण्ड - जटवाड़ा ग्राम, ग्राम में ही मन्दिर स्थित है। पहुँचने का सरलतम मार्ग - बस, ऑटो रिक्शा, टेक्सी निकटतम प्रमुख नगर -औरंगाबाद - 9 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 संकटहर पार्श्वनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, जटवाड़ा (ट्रस्ट बोर्ड) अध्यक्ष - श्री सुरेन्द्र शा. नेमिनाथ शा. साहूजी (0240-2380735) महामंत्री - श्री देवेन्द्रकुमार मोहनलाल काला (0240 - 2351128) प्रबन्धक - श्री हुकुमचन्द बंडूलाल काला (0240-2601008, 08554028568) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 05 क्षेत्र पर पहाड़ : है। आधा कि.मी. की सीधी चढ़ाई हैं। ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र 600 वर्ष प्राचीन है, लेकिन सन् 1987 से यह क्षेत्र प्रकाश में आया है। एक मुस्लिम व्यक्ति अपने घर की नींव के लिये पत्थर निकाल रहा था, तो वह जमीन में धंसने लगा। उसे निकालने पर एक भूयार दिखा जिसमें 21 प्रतिमाएँ विराजमान थीं। भगवान पद्मप्रभु व पार्श्वनाथ की प्रतिमाएँ अतिशय युक्त है। सह्याद्री की पहाड़ी से घिरे इस क्षेत्र में 12 फीट ऊँची भगवान बाहुबली की प्रतिमा शीघ्र ही विराजमान होने जा रही है। पूर्व में इस तीर्थ क्षेत्र का नाम जैनगिरी था। सन् 1997 में आचार्य देवनंदीजी ने सभा में बताया कि क्षेत्र का नाम 'जैन अतिशय क्षेत्र जैनगिरि जटवाड़ा, ऐसा होगा। तब से नाम जैनगिरी कहलाने लगा। पहाड़ पर बाहुबली भगवान की प्रतिमा है। चौबीसी मंदिर तथा तीन मूर्तियाँ भगवान आदिनाथ, भगवान भरत एवं भगवान बाहुबली की हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : एलोरा -23 कि.मी., कचनेर - 48 कि.मी., पैठण - 63 कि.मी., एलोरा गुफएँ - 21 कि.मी., अजन्ता गुफाएँ - 104 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  5. अतिशय क्षेत्र एलोरा (वेरूल) महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन (पहाड़) मन्दिर,एलोरा (वेरूल)/श्री पा.ब्र.आश्रम (गुरुकुल) तहसील - खुलताबाद, जिला - औरंगाबाद (महाराष्ट्र) पिन - 431102 टेलीफोन - 02437 - 244590, (प्रबन्धक) 086059 34056 Email : info@ellorajaingurukul.com, Website : www.ellorajaingurukul.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) -7, कमरे (बिना बाथरूम) - 10 हाल - 4 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाऊस - शासकीय यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 200. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय -है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - गुरूकुल है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। अन्य - हाई स्कूल एवं होस्टल है। (तकनीकी हाई स्कूल) एवं आई.टी.आई. आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - औरंगाबाद - 30 कि.मी., चालीसगांव - 60 कि.मी. बस स्टेण्ड - औरंगाबाद - 30 कि.मी., कन्नड़ - 30 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल व सड़क दोनों मार्ग से औरंगाबाद होते हुए निकटतम प्रमुख नगर - औरंगाबाद - 30 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - (1) श्री पार्श्वनाथ ब्रह्मचर्याश्रम (गुरूकुल), एलोरा, जि.-औरंगाबाद (2) श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर (पहाड़) जैन मन्दिर, एलोरा अध्यक्ष - श्री वर्धमानजी पाण्डे (02437-244411, 09422706726) मंत्री - डॉ. प्रेमचंद मंगलचंद पाटनी (09422706726) प्रबन्धक - श्री पलाश शिरिश पाटनी (08605934056) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 क्षेत्र पर पहाड़ : है (.5 कि.मी. की चढ़ाई है) 350 सीढिया है। ऐतिहासिकता : विश्वविख्यात एलोरा गुफाओं में बौद्ध, हिन्दू, जैन धर्म की गुफाएँ हैं। नं. 30 से 34 तक जैन गुफाएँ वास्तुकला, शिल्पकला, चित्रकला की उत्कृष्ट धरोहर हैं। 16 नंबर की कैलाश गुफा विश्वविख्यात है। 950 वर्ष प्राचीन भगवान पार्श्वनाथकी अर्द्ध-पद्मासन प्रतिमा विशेष उल्लेखनीय है। विशेष जानकारी : पहाड़ पर 16 फुट ऊँची भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा सातिशय एवं अद्वितीय है। यहाँ छात्रावास (200 छात्र), विद्यालय भवन, आरोग्य-धामअतिथिगृह व सुन्दर जिनालय बने हैं। दि. जैन की गुरुकुल भी है जो आचार्यश्रीसमंतभद्रमहाराज एवंआचार्यश्री आर्यनंदिमहाराज की प्रेरणा से चल रहा है। वार्षिक मेला : श्रावण शुक्ल सप्तमी (भ. पार्श्वनाथ मोक्ष कल्याणक) समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - जटवाड़ा जैनगिरि - 25 कि.मी., कचनेर - 65 कि.मी., कुंथलगिरि - 240 कि.मी., पैठण-80 कि.मी., मांगीतुंगीवगजपंथा-180 कि.मी., जिंतूर (नेमगिरि)-200 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  6. श्री चन्द्रसागर दि. जैन धर्मशाला, शहागंज, औरंगाबाद - 431001 (महा.) फोन: 0240-2368543, 9422556583 (2ए.सी. कमरे सहित 30 कमरे 3 हॉल) आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  7.  

×
×
  • Create New...