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श्री देव पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर अतिशय क्षेत्र, पिड़रूवा, सागर (मध्यप्रदेश)


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अतिशय क्षेत्र पिंडवा मध्यप्रदेश

नाम एवं पता - श्री देव पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर अतिशय क्षेत्र, पिड़रूवा ग्राम-पिड़रूवा, तहसील-बण्डा, जिला-सागर (मध्यप्रदेश)

पिन - 470442

 टेलीफोन - 07582 - 246975, मो. : 097524-72274  
 

क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) -3, कमरे (बिना बाथरूम) - 4 हाल - 2, (यात्री क्षमता - 20) गेस्ट हाऊस - ४ यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 50

भोजनशाला - है अनुरोध पर समयानुसार

औषधालय - है।

पुस्तकालय - है - 200 पाडुलिपियाँ + 3500 पुस्तकें

विद्यालय - नहीं

एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है।

 

आवागमन के साधन 

रेल्वे स्टेशन - सागर - 35 कि.मी.

बस स्टेण्ड - सागर - 35 कि.मी.

पहुँचने का सरलतम मार्ग - सागर से सड़क मार्ग द्वारा झाँसी रोड़ NH-26 पर पाली - 35 कि.मी. पाली से पिड़रूवा या सागर से धामोनी मार्ग बहरोल से पिड़रूवा

निकटतम प्रमुख नगर - सागर - 35 कि.मी., बण्डा - 28 कि.मी.

 

प्रबन्ध व्यवस्था

संस्था - श्री देव पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर ट्रस्ट, पिड़रूवा

अध्यक्ष - श्री फूलचन्द सिंघई (सिंघई हार्डवेअर, भगवानगंज, सागर) फोन (07582 - 246975)

प्रबन्धक - श्री सचिन कुमार सेठ, पिड़वा (096303-13808)

 

क्षेत्र का महत्व

क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01

क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं 

ऐतिहासिकता : सागर से उत्तर की ओर 35 कि.मी., दूर सघन वन में स्थित अति प्राचीन क्षेत्र है। आदिनाथ स्वामी की 5 फीट पदमासन प्रतिमा, पाषाण की 41 प्रतिमाएँ एवं पीतल की 71 प्रतिमाएँ विराजित हैं। मंदिरजी में 31 बड़े यंत्र, 81 हस्तलिखित ग्रन्थ एवं छपे शास्त्र हैं। क्षेत्ररक्षक पद्मावती देवी की प्रतिमा अद्भुत एवं अतिशयकारी है एवं अमावस्या पर कष्ट दूर करती है। मन्दिर में सात वेदियाँ, 2 चौक व 4 शिखर हैं। अनेक मुनि, माताजी, आचार्य यहाँ ध्यानार्थ पधारते रहते हैं। मंदिर में संवत् 1400 की अत्यन्त प्राचीन मूर्तियाँ हैं। हस्तलिखित ग्रंथराज हैं। मंदिर में ग्राम नैतना,बम्होरी सागोनी, धामोनी के मंदिर समाहित हैं। शनि अरिष्ट निवारक देव श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान की अद्वितीय तीन फुट श्यामवर्ण, पाषाण की प्रतिमा है। प्रत्येक शनिवार - अमावस्या को मेला लगता है।

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र नैनागिरि - 58 कि.मी., बीना (बारहा) - 60 कि.मी., कुंडलपुर - 125 कि.मी., द्रोणगिरि - 120 कि.मी., पजनारी बण्डाजी - 15 कि.मी., खजुराहो - 170 कि.मी. 123

पका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

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