admin Posted November 26, 2018 Posted November 26, 2018 नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, सम्मेदशिखरजी, पो.- मधुबन, जिला - गिरिडीह (झारखंड) पिन - 825 329 टेलीफोन - बीसपंथी कोठी - 06558 - 232228, 232209, 098014 33599, 07739397175 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ - आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 280 - कमरे (बिना बाथरूम) - 300, हाल - 30, गेस्ट हाऊस - 15 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 4500 भोजनशाला - नियमित, सशुल्क एवं नि:शुल्क विद्यालय - है। औषधालय - है। पुस्तकालय - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - पार्श्वनाथ -23 कि.मी., गिरिडीह - 32 कि.मी. बस स्टेण्ड - गिरिडीह पहुँचने का सरलतम मार्ग - गिरिडीह से मेन लाइन पर मधुबन से। गया - कलकत्ता मार्ग पर पारसनाथ रेल्वे स्टेशन से मधुबन। निकटतम प्रमुख नगर- गिरिडीह - 32 कि.मी., ईसरी - 23 कि.मी. । प्रबन्ध व्यवस्था - संस्था - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र सम्मेदशिखर कमेटी बीसपंथी कोठी अध्यक्ष - श्री अजयकुमार जैन, देवाश्रम, आरा (0612-2221258) मंत्री - श्री अरविन्द आर. दोशी, मुम्बई मेला मंत्री - श्री महावीरप्रसाद सेठी (06557 - 235889) प्रबन्धक - श्री सुधाकर के, अन्नदाते (०98600 16913) क्षेत्र का महत्व - क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 24 टोंक तथा 2 मन्दिर पर्वत पर क्षेत्र पर पहाड़ : है (9 कि.मी. चढाई, 9 कि.मी. वन्दना,9 कि.मी. उतराई, कुल 27 कि.मी.) डोली व्यवस्था है। ऐतिहासिकता : सम्मेदाचल महापवित्र तथा शाश्वत निर्वाणभूमि | है। अनन्त तीर्थंकर अपनी अमृतवाणी और दिव्य दर्शन से इस तीर्थ को पवित्र बना चुके हैं। वर्तमान चौबीसी के 20 तीर्थंकर यहाँ से मोक्ष गये हैं। पर्वत पर जल मन्दिर वचोपड़ाकुण्ड पर भी मंदिर है। मधुबन तलहटी में अनेक भव्य जिनालयवधर्मशालाएँ हैं। पर्वत वन्दना के लिये डाक बंगले पर यात्रियों के रहने की सुविधा है। महत्ता - ‘एक बार बन्देजो कोई, ताको नरक पशुगति नहीं होई। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - पावापुरी - 225 कि.मी., गुणावाँ - 200 कि.मी., कुण्डलपुर - 250 कि.मी., राजगिर -235 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
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