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JainSamaj.World

About This Club

जैन समाज परभणी

Category

Regional Samaj

Jain Type

Digambar
Shwetambar

Country

Bharat (India)

State

Maharashtra
  1. What's new in this club
  2. अतिशय क्षेत्र नेमगिरि, जिंतूर महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र नेमगिरि संस्थान, नेमगिरि, जिंतूर मेनरोड़, जिंतूर, जिला - परभणी (महाराष्ट्र) पिन - 431509 टेलीफोन - 09766720520 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 6, कमरे (बिना बाथरूम) - 18, हाल - 4, (यात्री क्षमता प्रत्येक - 50), गेस्ट हाऊस - 4 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. 4 ब्लॉक x3 रुम अन्य संस्था : श्री विघ्नहर नेमीनाथ गोशाला, नेमिगिरि भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - परभणी - 43 कि.मी. बस स्टेण्ड - जिंतूर - 3 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - जिंतूर सड़क मार्ग बायपास येलदरी रोड से नेमगिरि 4 व्हीलर के लिये शहर में से मेनरोड़ से नेमगिरि सीधा निकटतम प्रमुख नगर - परभणी - 43 कि.मी., औरंगाबाद- 160 कि.मी., नांदेड- 110 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र नेमगिरि संस्थान, जिंतूर अध्यक्ष - श्री मनोहर साहूजी कलमकर,(09422925466) महामंत्री - श्री वीरकुमार साहूजी कलमकर (02457-221564, 9766412500) सम्पर्क सूत्र - श्री धन्यकुमार सावजी कलमकर(02457-220123, 09403585548) प्रबन्धक - श्री बंसीलाल गोरे (09766720520) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 02 (कुल गुफाएँ - 7) क्षेत्र पर पहाड़ : 02 पहाड़ है। नेमगिरि पर वाहन जाते हैं, चन्द्रगिरि पर 250 सीढ़ियाँ है। ऐतिहासिकता : नेमगिरि व चन्द्रगिरि पर मंदिर एवं 7 गुफाएँ चक्रव्यूहाकार हैं। तीन नम्बर गुफा में भगवान शांतिनाथ की 6 फीट ऊँची पद्मासन प्रतिमा, चौथी गुफा में मूलनायक नेमिनाथ भगवान की सवा सात फीट ऊँची पद्मासन प्रतिमा एवं पांचवीं गुफा में पार्श्वनाथ भगवान की 9 टन वजन वाली 6 फीट ऊँची पद्मासन प्रतिमा भूमि से ऊपर अधर अंतरिक्ष में विराजित है। विशेष जानकारी : चन्द्रगिरि पर प्राचीन चौबीसी मन्दिर है। वार्षिक मेला : भाद्रपद कृष्ण पंचमी, भ.नेमिनाथ-जन्म कल्याणक, भ. पार्श्वनाथ-मोक्ष कल्याणक समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - नवागढ़ -60 कि.मी., आसेगांव-70 कि.मी., शिरड शहापुर -50 कि.मी. कचनेर-190 कि.मी., एलोरा-185 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  3. अतिशय क्षेत्र नवागढ़ (उखलद) महाराष्ट्र नाम एवं पता - श्री 1008 नेमिनाथ भगवान दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, नवागढ़ ग्राम-उखलद, पो./तह.-पिंपरी-(देशमुख), जिला-परभणी (महाराष्ट्र) पिन-431401 टेलीफोन - 02452-291671, 098506 55758 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 15, कमरे (बिना बाथरूम) - 64, हाल-3,(यात्री क्षमता-200+200+150), गेस्ट हाऊस-6 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - सशुल्क, नियमित पुस्तकालय - है, पुस्तकें-300, औषधालय - नहीं। नियमित पत्रिकाएँ - 10 विद्यालय गुरूकुल, हाईस्कूल है। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मरखेल - 3 कि.मी., परभणी - 20 कि.मी. बस स्टेण्ड - परभणी - 20 कि.मी., त्रिधारा -7 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल्वे, सड़क मार्ग से व्हाया परभणी निकटतम प्रमुख नगर परभणी - 18 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 नेमिनाथ भगवान दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, नवागढ़ अध्यक्ष - श्री माणिकचन्दजी विनायके (02451-222387, 09422192290) मंत्री - श्री माणिक राव तरटे, परभणी (02452 - 221065) प्रबन्धक - श्री अशोक सोनटक्के (09850655758) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03, आचार्य 108 आर्य नन्दी महाराज दर्शन स्थल स्मारक - 1 (प्रेक्षणीय) बगीचा क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : प्राचीनकाल में यह क्षेत्र 2 कि.मी. दूर पूर्णा नदी के तट पर बसा था। बाढ़ में मंदिर ढह गया, अतः सन् 1931 में यहाँ (नवागढ़) में मूर्तियाँ विधिवत स्थापित की गई जनश्रुति है कि नेमिनाथ की मूर्ति के चरणगुंष्ठ में पारसमणि थी। निज़ाम सरकार ने जब उसे लोभवश लेना चाहा तो वह स्वयं छिटक कर नदी में लुप्त हो गई। विशेष जानकारी : नेमिनाथ जन्मोत्सव श्रावण शुक्ल 6, रथोत्सव माघ शुक्ल 5 से 7 तक धूमधाम से मनाया जाता है। वात्सल्यमूर्ति परम पूज्य श्री 108 आचार्य आर्य नन्दी महाराज का समाधिमरण माघ शुक्ल 2 दिनांक 7 फरवरी, 2000 को इसी क्षेत्र पर हुआ । उनकी पावन स्मृति में 43'x43' आकार के भव्य स्मारक है। क्षेत्र पर संचालित गुरुकुल में संगणक - 15, कलरप्रिंटर -3, स्केनर आदि आधुनिक सुविधायें उपलब्ध हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - शिरड़शहापुर -50 कि.मी., नेमगिरि - 70 कि.मी., आसेगांव - 40 कि.मी., शेलगांव -50 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
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