?संघपति का महत्वपूर्ण अनुभव - अमृत माँ जिनवाणी से - १५४
? अमृत माँ जिनवाणी से - १५४ ?
"संघपति का महत्वपूर्ण अनुभव"
संघपति सेठ गेंदनमलजी तथा उनके परिवार का पूज्य आचार्यश्री शान्तिसागरजी महराज के संघ के साथ महत्वपूर्ण सम्बन्ध रहा है। गुरुचरणों की सेवा का चमत्कारिक प्रभाव , अभ्युदय तथा समृद्धि के रूप में उस परिवार ने अनुभव भी किया है।
सेठ गेंदनमलजी ने कहा था- "महराज का पुण्य बहुत जोरदार रहा है।हम महराज के साथ हजारों मील फिरे हैं, कभी भी उपद्रव नहीं हुआ है। हम बागड़ प्रान्त में रात भर गाड़ियों से चलते थे, फिर भी विपत्ति नहीं आई।
बागड़ प्रान्त के ग्रामीण ऐसे भयंकर रहते हैं कि दस रूपये के लिए भी प्राण लेने में उनको जरा भी हिचकिचाहट या संकोच नहीं होता था।
ऐसे अनेक भीषण स्थानों पर हम गए है कि जहाँ से सुख-शांतिपूर्वक जाना असंभव था, किन्तु आचार्य महराज के पुण्य-प्रताप से कभी भी कष्ट नहीं देखा।
वर्षा का भी अद्भुत तमाशा बहुत बार देखा। हम लोग महराज के साथ-साथ रहते थे। वर्षा आगे रहती थी, पीछे रहती थी, किन्तु महराज के साथ पानी ने कभी कष्ट नहीं दिया। उनको हर प्रकार की पुण्याई के दर्शन किए थे।"
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रन्थ का ?
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