अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च: इस सृष्टि का सनातनः सत्यं यही है की अहिंसा ही परम धर्म है क्योंकि जब इस सृष्टि का प्रत्येक कण परब्रह्म का ही अंश है जिस प्रकार सुर्यदेव का अंश उनकी प्रकाश की किरणें होती है जो सुर्य की उपस्थिति की अनुभूति सदैव हमें कराती रहती है!
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित हैं, सत्य मेरा भगवान् हैं और अहिंसा उसे पाने का साधन हैं.
शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है.