महावीर प्रभु के जन्म महोत्सव पर ,
सभी ने आरती का थाल सजाया है।
प्रभु ने सत्य-अहिंसा हमें सिखाकर,
करुणा व प्रेम का पाठ पढ़ाया है।
नगर नगर में हर जीव ने,
खुशियों से डँका बजाया है।
चारों और खुशियाँ फैली,
हर आंगन फूला न समाया है,
आओ देखो ऐसे भगवान वीर का ,
जन्म कल्याणक आया है।