जय जिनेन्द्र
8 सितंबर से शुरू होने वाला पर्व कोई छोटा पर्व नही है ये दसलक्षण पर्व हम सभी जैन को बहुत बड़ा पर्व है सभी जैन इसको मिलकर मानते है ये पर्व दस दिन का होता है जो दस दिन हमे अलग अलग धर्म और आत्म शुद्धि करते है ये दस धर्म है
उत्तम क्षमा, अर्जाव मर्जाव, सोचे, सत्य, सयम, तप, त्याग, अकिंचन, ब्रमचार्य
और अंतिम दिन क्षमा वाणी का दिन मान्या जाता है
सुबह उठकर मंदिर जाते है ओर भगवान से प्रार्थना करते है की हमे मोक्ष प्राप्त हो और जन्म मरण से छुटकारा मिल
ये दस धर्म कुछ इस प्रकार हैं:
उत्तम सत्य - हमेशा सच बोलना
उत्तम सयम - अपनी वाणी अपने मन और शरीर पर काबू रख ना
उत्तम तप - मोक्ष प्राप्त करने के लिए और जन्म मरण से छुटकारा मिल जाए
उत्तम त्याग - दान देना ओसाधी दान देना
उत्तम अकिंचन - सभी से मोह और राग को छोड़ना
उत्तम ब्रमचार्य - अपने मन और शरीर को पवित्र रखना सभी को पवित्र दृष्टि से देखना
ये दस धर्म हमे दस नियम भी सीखते है देव दर्शन करना अभिषेक करना वा इच्छा अनुसार व्रत या उपवास करना