अहिंसा इसका व्यापक अर्थ है-किसी भी प्राणी को तन,मन,कर्म, वचन और वाणी हे कोई नुकसान न पहुचाना मन में किसी का अहित न सोचना, किसी को कटुवाणी आदि के द्वारा भी नुकसान न देना तथा कर्म हे मी किसी भी अवस्था में किसी भी प्राणी कि हिंसा न करना,यह अहिंसा है जैन धर्म एवं हिंदू धर्म में अहिंसा का बहुत महत्व है
सीख-हिंसा करने वाला कितने भी शक्ती वाली हो अहिंसा के आगे उसकी हार निश्र्चित है इस लिये अहिंसा को धारण करो
उषाताई सुभाषराव उदापूरकर परतवाडा जिल्हा अमरावती महाराष्ट्र
मो नं-9325194900