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Lyric: भक्तामर स्तोत्र श्लोक 13
वक्त्रं क्व ते सुर-नरोरग-नेत्र-हारि,
नि:शेष- निर्जित-जगत्त्रितयोपमानम् ।

बिम्बं कलङ्क-मलिनं क्व निशाकरस्य,
यद्वासरे भवति पाण्डुपलाश-कल्पम्॥13॥
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