Dinesh Kumar Jain Posted July 23, 2021 Share Posted July 23, 2021 #दिगम्बरमुनि #दिगम्बरसाधु #दिगम्बरमुनिकेछायाचित्र #दिगम्बरजैनछायाचित्रकोअनुमति #आचार्यश्री #आचार्यश्रीविद्यासागर #socialMedia #भारत सरकार जय जिनेन्द्र..नमस्ते... इस पोस्ट के माध्यम से मैं फेसबुक,यूट्यूब, ट्विटर आदि और सभी जैन-अजैन भाई बहनों को दिगम्बर जैन मुनि के बारे में बताना चाहता हूँ। दिगम्बर मुनि और नग्न व्यक्ति में बहुत अंतर होता है। दिगम्बर मुनि की दिशा ही वस्त्र होती हैं। दिगम्बर मुनि पाँच महाव्रतों का पालन करते हैं। दिगम्बर मुनि अपने साथ मयूरपंख की पिच्छी रखते हैं जो मुख्य रूप से जीवों की रक्षा के लिये होती है। दिगम्बर मुनि अपने साथ कमण्डलु और शास्त्र भी रखते हैं। दिगम्बर मुनि या दिगम्बर साधु अहिंसा, अचौर्य, सत्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह महाव्रत का पालन करते हैं। ब्रह्मचर्य महाव्रत का मतलब है किसी भी प्रकार का कुशील का न होना। दिगम्बर मुनि के लिए सभी स्त्रियाँ/लड़कियाँ माता, बहिन या बेटी के समान होती हैं। दिगम्बर मुनि शील धर्म का पालन करते है। दिगम्बर मुनि या निर्ग्रन्थ दिगम्बर जैन साधु भगवान का स्वरूप होते हैं। 24 तीर्थंकर भी (तीर्थंकर आदिनाथ भगवान से तीर्थंकर महावीर भगवान तक) दिगम्बर मुनिदीक्षा लेकर तप करके मोक्ष गए। दिगम्बर अवस्था में ही मोह राग द्वेष छूट सकता है और सूक्ष्म रूप से अहिंसा का पालन सिर्फ दिगम्बर मुनि अवस्था में ही हो सकता है। अहिंसा परमो धर्म: -अहिंसा ही परम धर्म है। यदि हम कपड़े पहनते हैं तो हमें उन्हें खरीदना पड़ेगा, कपड़े गन्दे होंगे तो धोने भी पड़ेंगे, कपड़े धोने में बहुत हिंसा होती है। एक समय के बाद कपड़े पुराने हो जायेंगे तो नए खरीदने पड़ेंगे। कपड़े खरीदने के बाद उनको रखने के लिए व्यवस्था करनी पड़ेगी। दिगम्बर मुनि का न कोई घर होता है न ही वे अपने पास पैसे रखते हैं। कोई पुरुष अपना घर परिवार छोड़कर दिगम्बर मुनि दीक्षा लेता है। दिगम्बर मुनि को लोग अज्ञानता के कारण सिर्फ नग्न/nude ही समझते हैं। कुछ लोग जिन्होंने कभी दिगम्बर मुनि के बारे में सही- सही नहीं जाना वे उनके दिगम्बरत्व, तप, त्याग, तपस्या और महाव्रत को नहीं समझ पाते। सभी को पहले दिगम्बर मुनियों के बारे में जानना चाहिए। दिगम्बर मुनि पूज्यनीय होते हैं। दिगम्बर मुनि वंदनीय होते हैं। आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज उत्कृष्ट दिगम्बर जैन मुनि हैं। सभी दिगम्बर आचार्य और उनके शिष्य अपने आत्मकल्याण के साथ हमें भी आत्मकल्याण का मार्ग समझाते हैं। दिगम्बर मुनि दिन में एक ही बार आहार लेते हैं। पैदल विहार करते हैं। अपने हाथों से केशलोंच (बाल निकालते हैं) करते हैं आदि । सभी को पहले दिगम्बर जैन साधुओं के बारे में पता करना चाहिए। उनके बारे में जानकर उनके त्याग और तप की अनुमोदना करनी चाहिये। उनकी जितनी बनें उतनी प्रशंसा करनी चाहिए कि वे इस पंचम काल में भी मोक्षमार्ग पर चल रहे हैं। नग्न व्यक्ति को देखकर काम वासना जागृत हो सकती है परंतु जो दिगम्बर मुनि को देखकर त्याग, अहिंसा और दया के भाव ही उत्पन्न होते हैं। दिगम्बर आचार्य, उपाध्याय और साधु/मुनि हमारे पाँच परमेष्ठि में आते हैं। जो परम पद पर स्थित हैं वे परमेष्ठि कहलाते हैं। णमोकार मंत्र में भी अरहंत जी, सिद्ध जी, आचार्य जी, उपाध्याय जी और सर्व साधुओं को नमस्कार किया गया है। मेरा सभी से निवेदन है कि दिगम्बर जैन आचार्य उपाध्याय, मुनि और साधु-संत के फोटो को सम्मान दें। जैन दिगम्बर साधु, दिगम्बर हैं, नग्न नहीं। अतः जिन्होंने भी उनकी फोटो या वीडियो फेसबुक या किसी और social media पर डाली है तो उसे रहने दें। भारत हमेशा ऋषि मुनियों का देश रहा है।दिगम्बर जैन मुनि हमेशा से भारत की भूमि पर होते रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे। श्रमण (दिगम्बर मुनि) और वैदिक दोनों भारतवर्ष की बहुत प्राचीन परम्पराएँ हैं। आजकल हम दिगम्बर मुनियों की सभी फ़ोटो मूलरूप में सोशल मीडिया पर नहीं डाल पाते हैं यह हमारे लिए चिंता का विषय है। सोशल मीडिया दिगम्बरत्व और नग्नत्व में भेद नहीं कर पा रहा है। हमें जागरूक होने की जरूरत है और सभी को दिगम्बर मुनि के स्वरूप को समझाने की जरूरत है। हमें भारत सरकार और सोशल मीडिया तक यह बात पहुँचानी चाहिए कि दिगम्बरत्व अलग है और नग्नत्व (जो प्रतिबंधित है) अलग है। ताकि दिगम्बर जैन मुनियों की सभी फ़ोटो और वीडियो को फेसबुक आदि सभी Social Media, Website और App पर रखने अनुमति हमें हमेेेशा मिल सके।( allow all digamber jain muni pictures )। ताकि हम मूलस्वरूप में दिगम्बर मुनियों की पोस्ट कहीं भी आसानी से भेज सके । दिनेश कुमार जैन "आदि" मुम्बई - अम्बाह Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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