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श्री ऋषभदेव दि. जैन मंदिर, अयोध्या, फैजाबाद (उत्तरप्रदेश)


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कल्याणक क्षेत्र अयोध्या

नाम एवं पता - श्री ऋषभदेव दिगम्बर जैन मंदिर, अयोध्या, बड़ी मूर्ति, रायगंज,पो.-अयोध्या,जिला-फैजाबाद (उत्तरप्रदेश) पिन-224 123

टेलीफोन - 05278 - 232308, 07376879723, 094505 23104

क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)- 50 कमरे (बिना बाथरूम) - 20, हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100) गेस्ट हाऊस - X

यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000.

भोजनशाला - है, नियमित, सशुल्क। 

पुस्तकालय - है।

विद्यालय - है (गुरूकुल)

एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है।

आवागमन के साधन

रेल्वे स्टेशन - अयोध्या - 1 कि.मी., सभी रेलगाड़ियाँ रूकती हैं।

बस स्टेण्ड - अयोध्या नया घाट - 2 कि.मी., बस सुविधा उपलब्ध

पहुँचने का सरलतम मार्ग - लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, गोरखपुर होकर फैजाबाद स्टेशन से 6 कि.मी. अयोध्या है।

निकटतम प्रमुख नगर - बनारस - 200 कि.मी., लखनऊ - 135 कि.मी., कानपुर - 210 कि.मी., इलाहाबाद - 165 कि.मी., गोरखपुर - 130 कि.मी. ।

प्रबन्ध व्यवस्था

संस्था - श्री दिगम्बर जैन अयोध्या तीर्थक्षेत्र कमेटी

अध्यक्ष - स्वस्तिश्री पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी (01233 - 292943, 280184, 09412708203)

महामंत्री - श्री सरोजकुमार जैन, तहसील - फतेहपुर (बाराबंकी) (05240-245575,094500 55039)

प्रबन्धक - श्री चन्दरकुमार जैन (073768 79723)

क्षेत्र का महत्व

क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 3+ कटरा मंदिर एवं तीर्थंकर भगवन्तों की टोंक, कुल मंदिर - 10

क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं

ऐतिहासिकता - प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के गर्भ, जन्म कल्याणक व चार अन्य तीर्थंकरों - भगवान अजितनाथ, भगवान अभिनन्दननाथ,भगवान सुमतिनाथ तथा भगवान अनंतनाथजी के गर्भ, जन्म, दीक्षा व केवलज्ञान कल्याणक की पावन नगरी अयोध्या है। इस प्रकार यहाँ कुल 18 कल्याणक हुए हैं। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री रामचन्द्रजी ने भी यहीं जन्म लिया। आचार्यरत्न श्री देशभूषणजी महाराज की प्रेरणा से रायगंज में 31 फुट ऊँची उत्तुंग विशाल मूर्ति की स्थापना सन् 1965 में कराई गई थी। इस परिसर का जीर्णोद्धार एवं विकास, 2 नवीन मन्दिर निर्माण, आवासीय व्यवस्थाओं के अलावा प्राचीन टोंकों का जीर्णोद्धार तथा ऋषभदेव उद्यान का निर्माण गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से 1993-94 में किया गया तथा माताजी की प्रेरणा से भगवान ऋषभदेव मंदिर का भी निर्माण किया गया।

वार्षिक मेले - ऋषभदेव-जन्मजयन्ति, चैत्र कृ. 9 वार्षिक मेला

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र

रत्नपुरी - 30 कि.मी., श्रावस्ती - 110 कि.मी., त्रिलोकपुर - 130 कि.मी., वाराणसी - 200 कि.मी., काकन्दी - 200 कि.मी.।।

आपका सहयोग :

जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 

 

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