admin Posted September 10 Share Posted September 10 कार्यस्थल में ईमानदारी बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, विशेषकर जब प्रतिस्पर्धा और व्यक्तिगत लाभ शामिल हों। आत्म-संबोधन की शिक्षाओं को ध्यान में रखते हुए, आप कैसे सुनिश्चित करेंगे कि आपकी कार्य पद्धति और इरादे ईमानदार और सरल हों? 1 Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Rajkumaar jain Posted September 10 Share Posted September 10 *आज का धर्म - उत्तम आर्जव धर्म* *उत्तम आर्जव धर्म की जय* सीधा, सादा और सरल होना ही सहजता है और सहजता का जीवन में आ जाना ही ऋजुता है, यानी जिसके जीवन में सीधापन, सरलता, सहजता और ऋजुता है वही उत्तम आर्जव धर्म का सही उपासक है। *ॐ ह्रीं उत्तम आर्जव धर्माङ्गाय नमः* Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
R K Posted September 10 Share Posted September 10 हम अपना कार्य ईमानदारी और सरलता से करते रहेंगे दूसरो से कोई तुलना नहीं करेंगे Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Sarita Jain Sagar Posted September 10 Share Posted September 10 अपने आचरण और व्यवहार से Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
रेखा जैन Posted September 10 Share Posted September 10 कुछ पुरुषार्थ कुछ भावनाओ को शामिल कर अपने लौकिक व धार्मिक जीवन मैं जिसमें आर्जव धर्म का पालन हो सके मोह माया वासना व स्वार्थको त्यागकर। Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
Pravina Shah Posted September 10 Share Posted September 10 कार्यस्थल में ईमानदारी बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, विशेषकर जब प्रतिस्पर्धा और व्यक्तिगत लाभ शामिल हों। आत्म-संबोधन की शिक्षा को ध्यान मे रखते व्यक्ति गत लाभ को न देखते सभी को साथ मे रख कर ईमांदर् बनेंगे Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
padmaini shashikant shah Posted September 10 Share Posted September 10 आत्मा संबोधन की शिक्षा ओ को ध्यान में रखते हुए हम अपने कार्य स्थल पर कार्य पद्धति और इरादे ईमानदार और सरल हो इसके लिए हम थोड़ा सख्त नियम बनाए गये सभी कार्य करने वाले कार्यकर्ता ओ के लिए और समय सूचकता,समय की पाबंदी कार्य स्थल पर ताकि कार्य करने का समय पालन रहे और सभी कार्यकर्ता ईमानदारी पूर्वक अपने कार्य को समय-समय पर करके ईमानदारी और समय सूचकता और अपने कार्य के प्रति सहजता और सरलता पूर्वक करके न्याय दे सके। और यह सब काम संबंधित क्रियाओं को सहजता और सरलता से न्याय दे। यही सही मायने में निश्चयात्मक तरीका है। Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
राजकुमारी जैन गवालियर Posted September 17 Share Posted September 17 Hume apna parichay imaandari ka parichay dena chahiye dharmik karya karta rehna chahiye pap karmo se mukt rahenge yeh hi atma samman ka parichay h Das dharm ki jai Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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