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उत्तम क्षमा धर्म विलक्षण स्वाध्याय प्रश्न 25


admin

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*उत्तम मार्दव धर्म की जय* 

मार्दव अर्थात मान (घमंड) तथा दीनता-हीनता का अभाव। और वह नाश जब आत्मा के ज्ञान/श्रद्धान सहित होता है, तब ‘उत्तम मार्दव धर्म’ नाम पाता है।

🙏🙏🙏

*ॐ ह्रीं उत्तम मार्दव धर्मांगाय नम:*

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यदि "उत्तम क्षमा" के सिद्धांत को आधुनिक कार्यस्थल में लागू किया जाए, तो इससे आपसी संबंधों में गहरा सुधार होगा। कार्यस्थल पर होने वाली गलतियों या मतभेदों के प्रति लोग अधिक सहिष्णु और समझदार बनेंगे। व्यक्तिगत आक्रोश या शिकायतें लंबे समय तक नहीं रहेंगी, जिससे एक सकारात्मक और सहयोगपूर्ण वातावरण बनेगा। इससे तनाव और विवाद कम होंगे, और लोग एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझते हुए, सहयोग और समन्वय के साथ काम करेंगे। इसका परिणाम न केवल व्यक्तिगत विकास में होगा, बल्कि समूचे संगठन की प्रगति में भी दिखाई देगा।

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बहुत अच्छा लगी सवाधयाय हुआ  आतम शुद्धिकरण हुआ  

 क्षमा आतमा का सवभाव है क्षमा सवभाव की आश्रय से आतमा में जो कौध के आभाव रूप शान्ति‌ ‌। सवरूप पराया पकट होती है उसे भी क्षमा कहते हैं। 

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