Abhishek Jain Posted August 29, 2022 Share Posted August 29, 2022 जय जिनेन्द्र बंधुओं, आज भाद्रपद शुक्ल द्वितीया तिथि है। इस तिथि में परम उपकारी, चारित्र चक्रवर्ती परम पूज्य आचार्यश्री शांतिसागर जी महाराज ने उत्कृष्ट समाधिपूर्वक अपनी मनुष्य देह त्याग करके स्वर्गारोहण किया था। परम पूज्य आचार्यश्री शांतिसागर जी महाराज बहुत उत्कृष्ट साधक थे। उनके जैन संस्कृति पर उपकारों को शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं। उन्होंने बहुत ही कठिन परिस्थितियों में भी मुनि परंपरा को जीवंत किया। आज हम सभी वर्तमान में मुनिराजों के दर्शन व उनको श्रवण करने का जो लाभ प्राप्त कर रहे हैं यह पूज्यश्री का उपकार है। नियमित प्रसंग भेजने का मेरा उद्देश्य भी यह है कि हम सभी जैन श्रावक अपने परम उपकारी को जाने तथा उनकी गुण महिमा को हमेशा स्मरण रख अपना कल्याण करें। पूज्य आचार्यश्री शांतिसागर जी महाराज के समाधिदिवस पर मैं सभी से यही अपेक्षा रखता हूँ कि हम आज सभी उनकी भक्ति पूर्वक पूजन करें, उनके बारे में पढ़े तथा उनके जीवन चरित्र चरित्र चक्रवर्ती ग्रंथ को पढ़ने के लिए संकल्पित हों। परम पूज्य आचार्यश्री शांतिसागर जी महाराज की जय अभिषेक जैन 1 Quote Link to comment Share on other sites More sharing options...
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