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JainSamaj.World

About This Club

जैन समाज बाराबंकी

Category

Regional Samaj

Jain Type

Digambar
Shwetambar

Country

Bharat (India)

State

Uttar Pradesh
  1. What's new in this club
  2. अतिशय क्षेत्र त्रिलोकपुर नाम एवं पता - भगवान नेमिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र, त्रिलोकपुर, मु. पो.-त्रिलोकपुर तहसील-रामनगर, जिला-बाराबंकी (उत्तरप्रदेश)पिन-225 208 टेलीफोन - 05240 - 236309, 094155 11961, 09453853501 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 1 कमरे (बिना बाथरूम) -7 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 60) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 120. भोजनशाला - अनुरोध पर चाय-नाश्ता एवं भोजन नि:शुल्क औषधालय - है (ऐलोपेथी) पुस्तकालय - नहीं विद्यालय - है (नर्सरी से हाई स्कूल, हिन्दी मिडियम) एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - बिन्दौरा - 5 कि.मी. (लखनऊ - गोंडा लाइन पर)। बस स्टेण्ड - बिन्दौरा - 6 कि.मी., जीप, टेम्पो उपलब्ध होने पर त्रिलोकपुर में टेम्पो स्टेण्ड - 300 मीटर पर पहुँचने का सरलतम मार्ग - बाराबंकी से टेम्पो-जीप, कार द्वारा 23 कि.मी., बुढ़वल जंक्शन से तांगा/टेम्पो द्वारा-11 कि.मी. (पक्की सड़क प्रारंभ) निकटतम प्रमुख नगर - बाराबंकी - 23 कि.मी., लखनऊ - 50 कि.मी., बिन्दौरा - 5 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - भगवान नेमिनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी, त्रिलोकपुर अध्यक्ष - श्री रामगोपाल जैन, त्रिलोकपुर (05240 - 236325) महामंत्री - श्री पदमचन्द जैन, त्रिलोकपुर (05240 - 236311 ) प्रबन्धक - डॉ. विनयकुमार जैन (05248 - 222411, 094150 48611) कोषाध्यक्ष - श्री कल्याणजी जैन (05240-236319, 094502 83782) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 02 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - भगवान नेमिनाथ की 1000 वर्ष पुरानी कसौटी पत्थर की मूर्ति बहुत ही चमत्कार पूर्ण है जो कि 300 वर्ष पूर्व गाँव के बाहर खुदाई करते समय मिली थी। यहाँ चमत्कार होते रहते हैं। कभी-कभी वाद्य यंत्रों एवं घंटे/घड़ियाल की ध्वनि सुनाई देती है। प्रात: मन्दिर में केशर की सुगंध फैल जाती है। आज से लगभग 60 वर्ष पूर्व मूल प्रतिमा की बेदी पर हरे लौंग, हरी हल्दी व चाँदी के सिक्के प्रात: प्राप्त होते थे। पुन:60 वर्ष उपरांत 21 फरवरी 2006 को मूल प्रतिमा के बेदी के अन्दर दो दिव्य हरे फल प्रात:काल के समय देवों द्वारा चढ़ायें प्राप्त हुए। अभी भी उपलब्ध है। गणिनी प्रमुख श्रीज्ञानमतीमाताजी चार बार यहाँ वन्दनार्थ आ चुकी हैं। वार्षिक रथयात्रा - कार्तिक सुदी-6,गर्भ कल्याणक भगवान नेमिनाथ की रथयात्रा। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र बाराबंकी - 23 कि.मी., रत्नपुरी - 90 कि.मी., अयोध्या - 105 कि.मी., श्रावस्ती - 145 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
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