अतिशय क्षेत्र श्रवणबेलगोला कर्नाटक
नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, श्रवणबेलगोला ग्राम - श्रवणबेलगोला, तह.-चन्द्रराय पट्टन, जिला-हासन (कर्नाटक) पिन - 573135 टेलीफोन - 08176 - 257258-59, फैक्स : 257281, 099728 44424
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 300, कमरे (बिना बाथरूम) - 10 हाल - 5
गेस्ट हाऊस - 12 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 2000.
भोजनशाला - निशुल्क, नियमित
विद्यालय - है।
औषधालय - है।
पुस्तकालय - है।
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन - हासन-52 कि.मी., बैंगलोर-150 कि.मी., श्रवणबेलगोला-2 कि.मी.
बसस्टेण्ड - श्रवणबेलगोला
पहुँचने का सरलतम मार्ग - बैंगलोर, मैसूर, हासन आदि स्थानों से सड़क मार्ग द्वारा
निकटतम प्रमुख नगर - मैसूर - 85 कि.मी., बैंगलोर - 146 कि.मी.
प्रबन्ध व्यवस्था
संस्था - SDJMI मैनेजिंग कमेटी
अध्यक्ष - स्वस्तिश्री चारूकीर्ति भट्टारक महास्वामीजी
चीफ सेक्रेटरी - श्री राजकुमार (09448742087)
क्षेत्र का महत्व
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - पर्वत, तलहटी व ग्राम में अनेक जिनालय
क्षेत्र पर पहाड़ - 2 पहाड़-विन्ध्यगिरि पर 644 एवं चन्द्रगिरि पर 175 सीढ़ियाँ हैं। डोली की व्यवस्था है।
ऐतिहासिकता - एक हजार वर्ष से भी अधिक पूर्व 981 ई.में महामात्य चामुण्डरायजी ने आचार्य श्री नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती के सान्निध्य में इन्द्रगिरि पर्वत पर भगवान बाहुबली की प्रतिमा प्रतिष्ठित कराई थी। यह मूर्ति लगभग 18 मीटर (58 फीट) ऊँची, उत्तरमुखी, खड्गासन, संसार की अनुपम, अद्वितीय एवं अतिशय सम्पन्न विशाल प्रतिमा है। इस भव्य मूर्ति का महामस्तकाभिषेक 12 वर्षों के अन्तराल से होता है। यह दक्षिण भारत का प्रमुख जैन तीर्थ व पर्यटन स्थल है। चन्द्रगिरि पर्वत पर अनेक प्राचीन मन्दिर एवं बहुमूल्य शिलालेख हैं जिनसे प्राचीन जैन इतिहास पर प्रकाश पड़ता है। लगभग 15-16 कि.मी. की दूरी से यह मूर्ति दृष्टिगोचर होती है। लगभग 500 शिलालेख जैनों की गौरव गाथा का उल्लेख करते हैं। श्री भट्टारक चारूकीर्तिजी का निवास जैन मठ है।
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - धर्मस्थल - 180 कि.मी, वेणूर - 180 कि.मी., मूडबिद्री - 200 कि.मी., कारकल - 225 कि.मी., हॅमचा - 200 कि.मी.