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JainSamaj.World

About This Club

जैन समाज हिसार

Category

Regional Samaj

Jain Type

Digambar
Shwetambar

Country

Bharat (India)

State

Haryana
  1. What's new in this club
  2. अतिशय क्षेत्र हाँसी (पुण्योदय तीर्थ) नाम एवं पता - श्री 1008 भगवान पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र ‘पुण्योदय तीर्थ', हाँसी, जिला - हिसार (हरियाणा) पिन - 125 033 टेलीफोन - 98964 52358, www.jaintemplehansi.com, Email - punyodyatirth@gmail.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - ए.सी.कमरे (अटैच बाथरूम) - 15,कमरे (बिना बाथरूम) - 25, हाल - 2 एवं 20 कमरे शहर की धर्मशाला में (क्षमता - 250), गेस्ट हाऊस - एक शासकीय व एक निजी यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 250. भोजनशाला है। विद्यालय - नहीं औषधालय - है। पुस्तकालय - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - हाँसी (रेवाडी फाजिल्का लाईन पर) क्षेत्र से 1 कि.मी. बस स्टेण्ड - हाँसी (दिल्ली फाजिल्का लाईन पर) क्षेत्र से 4 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - दिल्ली से रेल एवं सड़क मार्ग द्वारा महाराजा अग्रसेन राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. - 10 निकटतम प्रमुख नगर - दिल्ली - 140 कि.मी., भटिंडा, रेवाड़ी, सिरसा, हिसार, रोहतक आदि प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - भगवान पार्श्वनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र प्रबन्धकारिणी समिति, हाँसी अध्यक्ष - श्री मुकेश जैन, हाँसी (०1663-259585, 09896452358) मंत्री - श्री कुलभूषण जैन, अधिवक्ता, हाँसी (093559 10294) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 04 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं ऐतिहासिकता - पांडवों के तोमरवंशीय शासकों ने यहाँ 1153 ई. तक राज्य किया। इस काल में यहाँ भगवान पार्श्वनाथ व अन्य तीर्थंकरों के भव्य मन्दिर थे। तुर्क लुटेरों से बचाने के लिये प्रतिमाओं को भूमिगत कर दिया गया। यहाँ किले से अष्टधातु की 57 अमूल्य प्रतिमाएँ प्राप्त हुई हैं। सभी प्रतिमाएँ 8वीं से 10वीं शताब्दी के बीच की होने का अनुमान है। 40 बड़े आकार की व 17 छोटे आकार की मूर्तियाँ हैं। 19 प्रतिमाएँ भगवान पार्श्वनाथ की अति सुन्दर एवं मनोहारी हैं। प्राचीन बड़ा मंदिर 350 वर्ष पूर्व बना है। एक कांच का सुन्दर मंदिर भी है। नगर में तीन अन्य मंदिर भी हैं। विशेष जानकारी - प्रस्तावित भव्य नये मन्दिर की लागत करीब 5 करोड़ रुपये होगी जिसका निर्माण कार्य जारी है। दो मंजिल एवं सीढ़ियाँ बनकर तैयार हैं। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र रोहतक - 75 कि.मी., रानीला - 75 कि.मी., तिजारा - 200 कि.मी., श्री महावीरजी - 350 कि.मी.। ये सभी अतिशय क्षेत्र हैं। आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
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