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JainSamaj.World

About This Club

जैन समाज जबलपुर

Category

Regional Samaj

Jain Type

Digambar
Shwetambar

Country

Bharat (India)

State

Madhya Pradesh
  1. What's new in this club
  2. अतिशय क्षेत्र पिसनहारी मढियाजी मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, पिसनहारी मढ़ियाजी, ग्राम - गढ़ा पुरवा (त्रिपुरी वार्ड), तहसील/जिला-जबलपुर (मध्यप्रदेश) पिन-482003 टेलीफोन - 0761 - 2672827, 07389915287 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास कमरे (अटैच बाथरूम) - 100, कमरे (बिना बाथरूम) - 100 हाल -7, (यात्री क्षमता - 450) ए.सी. कमरे (वीआईपी)- 20 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1500 भोजनशाला - सशुल्क, नियमित ब्राह्मी विद्या आश्रम संचालित औषधालय - है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - है (वर्णी गुरूकुल/व्रती आश्रम) आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - जबलपुर - 10 कि.मी., मदन महल - 3 कि.मी. बस स्टेण्ड - जबलपुर -7 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल अथवा सड़क से जबलपुर होकर राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 7 एवं 12 पर स्थित है। एयरपोर्ट भी है। निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 5 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर पिसनहारी मढ़िया ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष - श्री कैलाशचंद जैन, मट्टू (094250 26812) महामंत्री -चौधरी राकेश जैन प्रधान (09425154861) प्रबन्धक - श्री अजयकुमार जैन (073899 15287) कार्या. धर्मशाला - श्री आनन्दकुमार जैन (073899 15287) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : पर्वत पर 13 जिनालय, चौबीसी, प्राचीन गुफाएँ, नंदीश्वर द्वीप क्षेत्र पर पहाड़ - है। 350 सीढ़ियाँ है, डोली की व्यवस्था है। ऐतिहासिकता : लगभग 650 वर्ष पूर्व सन् 1442 में एक निर्धन, विधवा, वृद्धा माँ ने चक्की पीस - पीस कर धन अर्जन किया था एवं निन मंदिर बनवाने का प्रण किया था। श्रम, संकल्प एवं श्रद्धा की प्रतीक इस पिसनहारी वृद्धा माँ ने विंध्य पर्वत पर भव्य मढ़िया का निर्माण करवाया था। श्रम शक्ति के प्रतीक चक्की के पाट आज भी मंदिर के शिखर पर कलश के रूप में विद्यमान हैं। यह काल, गौड़ रानी दुर्गावती का था। इस श्रमदेवी, पिसनहारी माँ के पुण्य के अर्जन से यह क्षेत्र पिसनहारी मढ़िया के नाम से विकसित हुआ। कालांतर में 13 और जिन मंदिरों का निर्माण कराया गया। यहां श्री नंदीश्वर द्वीप जिनालय की रचना दर्शनीय है। यहां अनेक जनकल्याणकारी संस्थाएं आ. विद्यासागरजी के आशीर्वाद से कार्यरत हैं। वृद्धाश्रम, औषधालय, श्री ब्राह्मी विद्या आश्रम, भारतवर्षीय दिगम्बर जैन प्रशासकीय प्रशिक्षण संस्थान आदि। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - कोनीजी (पाटन)-40 कि.मी.,पनागर - 25 कि.मी.,सम्मेदगिरि -40 कि.मी., बहोरीबन्द-75 कि.मी.,भेड़ाघाट-15 कि.मी.,बरगी बाँध-40 कि.मी. प्रतिभास्थली-5 कि.मी. बड़े बाबा कुण्डलपुर- 150 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  3. अतिशय क्षेत्र पनागर मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन मन्दिर अतिशय क्षेत्र, पनागर पोस्ट - पनागर, जिला - जबलपुर, (मध्यप्रदेश) पिन - 483220 टेलीफोन - 0761 - 2350055, 2350086 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 9, कमरे (बिना बाथरूम) - 5 हॉल -2 (यात्री क्षमता -200) धर्मशाला - 1 (क्षमता - 100) जती भवन (क्षमता- 200) यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर सरस्वती भवन (क्षमता-100) औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - है (कन्याशाला) एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - देवरी - 2 कि.मी. बस स्टेण्ड - पनागर पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर - कटनी नेशनल हाईवे क्र. 7 पर जबलपुर से 16 कि.मी. निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 16 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन प्रबन्धकारिणी सभा, पनागर अध्यक्ष - श्री सुरेन्द्रकुमार कंटगहा, पनागर (0761-2350086) मंत्री - श्री चौधरी प्रकाशचन्द जैन, पनागर क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 06 (25 वेदी) क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं। ऐतिहासिकता : यहाँ भगवान शांतिनाथ की 9 फुट ऊँची खड्गासन व भगवान पार्श्वनाथ की 5 फुट ऊँची पद्मासन प्रतिमाएँ मनोहारी एवं अतिशय युक्त हैं। पंचायती मन्दिर में लगभग 2.5 मीटर ऊँची भगवान ऋषभदेव की कायोत्सर्ग मुद्रा में अत्यन्त मनोज्ञ प्रतिमा है । इसके अतिशय के कारण ही यह क्षेत्र प्रसिद्ध हुआ है । सम्मेदशिखरजी की रचना दर्शनीय है। शरद पूर्णिमा को क्षेत्र पर वार्षिक मेला लगता है। विशेष जानकारी : अतिशयकारी भगवान सुपार्श्वनाथ मन्दिर का जीर्णोद्धार 2 वर्ष में पूर्ण हुआ है । प्रतिमा अति मनोज्ञ, मनोहारी एवं सुन्दर है, वेदी प्रतिष्ठा के समय से ही साक्षात अतिशययुक्त है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र मढ़ियाजी - 20 कि.मी.कोनीजी - 60 कि.मी., बहोरीबन्दजी - 50 कि.मी., भेड़ाघाट (जबलपुर) पर्यटन स्थल -25 कि.मी., सम्मेदगिरि गोशलपुर-10 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  4. अतिशय क्षेत्र कुण्डलगिरि (कोनीजी) मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कुण्डलगिरि (कोनीजी) ग्राम-कोनीकला, पोस्ट- पाटन, जिला-जबलपुर(मध्यप्रदेश) पिन - 483113 टेलीफोन - 07621 - 294895, 09977460299 (प्रबंधक) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, (बिना बाथरूम) - 30 हाल - 6 (यात्री क्षमता - 300), गेस्ट हाउस -X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500. भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है, पुस्तके - 3000 विद्यालय - है (शासकीय) एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - जबलपुर - 40 कि.मी. बस स्टेण्ड - पाटन - 6.5 कि.मी. मुख्य सड़क (वासन) 1.5 कि.मी.। पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर-दमोह व्हाया पाटन मार्ग पर मुख्य सड़क से 1.5 कि.मी. अन्दर क्षेत्र अवस्थित है। निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 36 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र कुन्डलगिरि (कोनीजी) जीर्णोद्धार समिति अध्यक्ष - श्री सिंघई राजेन्द्र कुमार जैन (एम.डी.),जबलपुर (0761 - 2442917, 099072 68917) मंत्री - श्री विमलकुमार नायक, पाटन (07621 - 220536) प्रचार मंत्री - श्री अभिनन्दन सांधेलीय, पाटन (07621 - 220488, मो.: 09425863244) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 10 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यहाँ कुल 10 मन्दिर हैं जिनका पूर्णतया जीर्णोद्धार किया गया है। गर्भ मन्दिर अतिशय सम्पन्न है। इस मंदिर में सहस्रकूट चैत्यालय भी है। नंदीश्वर जिनालय भी दर्शनीय है। मूलनायक भगवान विघ्नहर चिंतामणी पारसनाथजी की अतिशयपूर्ण प्रतिमा मनोकामना पूर्ण करने वाली विराजित है। 1982 में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सान्निध्य में म.प्र. में प्रथम त्रिमूर्ति जिनालय का निर्माण हुआ तथा भगवान आदिनाथ, भरत तथा बाहुबली की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा हुई। प्रतिवर्ष पर्युषण समाप्ति के बाद प्रथम रविवार को वार्षिक मेला लगता है। जनवरी में वार्षिक मेला लगता है। विशेष जानकारी : यह क्षेत्र विन्ध्यांचल पर्वतमाला के कैमोर भांडेर पहाड़ियों की तलहटी एवं हिरन सरिता के तट पर अवस्थित है। अन्य दर्शनीय स्थल : विश्व प्रसिद्ध जल-प्रपात, भेड़ाघाट, जहाँ नर्मदा नदी संगमरमर की धवल चट्टानों के बीच प्रवाहित होती है - दूरी 25 कि.मी. है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - पनागर -56 कि.मी., कुण्डलपुर -110 कि.मी., पिसनहारी मढ़ियाजी - 40 कि.मी., बहोरीबन्द -67 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  5. अतिशय क्षेत्र बिजौरी मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बिजौरी ग्राम - बिजौरी, तहसील - पाटन, जिला - जबलपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 483 113 टेलीफोन - विमल जैन-99939 05227, पप्पु जी- 78795 48201 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 4, कमरे (बिना बाथरूम) - X हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150. अन्य : साधारण धर्मशाला के ऊपर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। भोजनशाला - नि:शुल्क, अनुरोध पर। औषधालय - नहीं। पुस्तकालय - नहीं। विद्यालय - नहीं। एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - मदन-महल, जबलपुर-30 कि.मी., श्रीधाम - 25 कि.मी. बस स्टेण्ड - बिजौरी पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर से चरगंवा रोड़ पर 18 कि.मी. बिजौरी मेन रोड़ पर स्थित है। पक्का मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 30 कि.मी., गोटेगांव - 30 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 चन्द्रप्रभु दि. जैन अतिशय क्षेत्र, बिजौरी अध्यक्ष - श्री पवनकुमार जैन उपाध्यक्ष - श्री उदयचन्द जैन मंत्री - श्री धरमचन्द जैन प्रबन्धक - श्री मुकेश आत्मज श्री अच्छेलाल जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : 22 मई 1997 को आये भूकम्प की पूर्व सूचना भगवान श्री चन्द्रप्रभु ने ग्राम निवासी पवनकुमार को स्वप्न में दे दी थी कि रात्रि में भूकम्प आने वाला है, खुदे पड़े गढ़ों में कालम भरवाकर व्यवस्था बना लो, जो तत्काल कर ली गई। रात में भीषण भूकम्प तो आया लेकिन समवशरण में कोई आंच नहीं आई, जबकि शिखर सहित बहुत नुकसान हुआ। सन् 1998 में चोरी की नीयत से आये चार चोर चन्द्रप्रभु की प्रतिमा उठा भी नहीं सके। उनकी आँखों में अंधेरा छा गया। चोर 24 घंटे के अन्दर पुलिस द्वारा पकड़ लिये गये। श्री चन्द्रप्रभु भगवान के गर्भगृह से वाद्यों की आवाज आती है। कभी-कभी रात्रि में केशर वर्षा भी होती है। विशेष तिथियाँ - क्वांर बदी एकम् को मेला एवं विमान उत्सव कार्यक्रम समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - मढ़ियाजी-25 कि.मी., कोनीजी-55 कि.मी., तिलवारा घाट गौशाला-20 कि.मी., भेड़ाघाट (घुवांधार) - 15 कि.मी., पनागर - 45 कि.मी., बंदर कुदनी - 17 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  6. अतिशय क्षेत्र बरेला मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बरेला ग्राम - बरेला, जिला - जबलपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 483 001 टेलीफोन - X क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - 5 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 100), गेस्ट हाऊस - X, यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 150. भोजनशाला - नि:शुल्क, अनुरोध पर औषधालय - है। पुस्तकालय - है। विद्यालय - है। एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - जबलपुर - 16 कि.मी. बस स्टेण्ड - बरेला - 1/2 कि.मी. सरलतम मार्ग पहुँचने का - जबलपुर - मंडला सड़क मार्ग निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 16 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री पार्श्वनाथ दि. जैन अतिशय क्षेत्र समिति, बरेला। अध्यक्ष - श्री कन्छेदीलाल जैन मंत्री - श्री सुधीरकुमार जैन कोषाध्यक्ष - श्री राजेन्द्रकुमार जैन प्रबन्धक श्री राजेशकुमार जैन क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : 200 वर्ष पुराना शिखरबन्द मन्दिर है। 10 वर्ष पूर्व मन्दिरजी से 14 प्राचीन प्रतिमाएँ चोरी हो गई थीं, जो 2 दिन पश्चात् सही हालत में बरामद हो गई। एक बार मन्दिर के शिखर पर बिजली गिरने से मीटर के जलने के अलावा कोई नुकसान नहीं हुआ। समीपवर्तीतीर्थक्षेत्र - मढ़ियाजी (जबलपुर) -20 कि.मी., भेड़ाघाट - 35 कि.मी., पनागर - 35 कि.मी., बहोरीबन्द अतिशय क्षेत्र - 70 कि.मी., कोनीजी - 55 कि.मी. कुंडलपुर सिद्धक्षेत्र - 160 कि.मी., कान्हा केसली राष्ट्रीय उद्यान - 160 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  7. श्री शान्तिनाथ दि. जैन मन्दिर ट्रस्ट धर्मशाला भेड़ाघाट, जिला जबलपुर । फोन : 094251-54887 (श्री सुनिल जैन) आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  8. श्री दि. जैन बड़ा मन्दिर ट्रस्ट धर्मशाला हनुमानताल, जबलपुर (म.प्र.) फोन : 09303323100 (श्री पूरनचन्द जैन) आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  9. श्री दि. जैन लार्डगंज मंदिर ट्रस्ट धर्मशाला जवाहरगंज, जबलपुर (म.प्र.) फोन : 09425155806 (चौ. श्री ज्ञानचंद जैन) आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
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