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JainSamaj.World

About This Club

जैन समाज ग्वालियर

Category

Regional Samaj

Jain Type

Digambar
Shwetambar

Country

Bharat (India)

State

Madhya Pradesh
  1. What's new in this club
  2. अतिशय क्षेत्र मनहरदेव मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 शांतिनाथ मनहरदेव दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, मनहरदेव ग्राम - करहिया, तहसील -भितरवार, जिला - ग्वालियर (मध्यप्रदेश) पिन - 475 220 सम्पर्क : श्री पदमकुमार जैन, ग्राम करहिया, ग्वालियर टेलीफोन - 096303 89083, 09893103295 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, (बिना बाथरूम) - X हाल - X, गेस्ट हाउस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - X. भोजनशाला - नहीं औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - प्राथमिक शाला एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - नहीं आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ग्वालियर - 50 कि.मी. बस स्टेण्ड - करहिया पहुँचने का सरलतम मार्ग - ग्वालियर, डबरा, भितरवार से प्रायवेट बस सुविधा उपलब्ध है। (कच्चा मार्ग) निकटतम प्रमुख नगर - ग्वालियर - 50 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशयक्षेत्र मनहरदेव प्रबन्धकारिणी समिति, करहिया अध्यक्ष - श्री रोशनलाल जैन, करहिया (09753004343) मंत्री - श्री पदमकुमार जैन,कुलैथवाले,करहिया (09893103295) सहमंत्री - श्री राजकुमार जैन (075250-285624) प्रबन्धक - श्री पदमकुमार जैन (09891 03295, 09630389083) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : पहाड़ी पर 1 एवं तहलटी में 2 (7 मंदिर) क्षेत्र पर पहाड़ : पहाड़ी है, 25 सीढियाँ बन गई है । 100 सीढ़ियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ऐतिहासिकता : यहाँ 11 वीं-12वीं शताब्दी की बहुत तथा अन्य पुरातत्त्व सामग्री विपुल मात्रा में बिखरी पड़ी है। मन्दिरजी में 4.5 मीटर ऊँची अतिशय सम्पन्न प्रतिमा भगवान शांतिनाथजी की विराजमान है। 5000 फीट की ऊँचाई पर 1008 भगवान मुनि सुव्रतनाथ एवं शासनदेवी की प्रतिमा (2'/ फीट) पहाड़ी पर विराजमान है। क्षेत्रपालजी का मंदिर भी है। कुँए का पानी चमत्कारी है। मेला एवं तिथि : चैतबदी -9 समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सोनागिरि - 65 कि.मी., गोपाचल पर्वत (ग्वालियर) - 55 कि.मी., करहिया-6 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  3. दर्शनीय क्षेत्र ग्वालियर-स्वर्ण मंदिर मध्य प्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन तेरापंथी पंचायती, बड़ा मंदिर (पुरानी सहेली), गस्त का ताजिया, डीडवाना ओली, लश्कर, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) पिन-474001 टेलीफोन - 0751 - 2433727 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X कमरे (बिना बाथरूम) - 6 हाल - 1 (यात्री क्षमता - 25), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 50 भोजनशाला - मंदिर के सामने - नियमित एवं सशुल्क है। औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ग्वालियर - मंदिर से 4 कि.मी. बस स्टेण्ड - ग्वालियर - मंदिर से 4 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - दिल्ली-मुम्बई, दिल्ली-चेन्नई, मुख्य रेल मार्ग पर ग्वालियर निकटतम प्रमुख नगर मंदिर ग्वालियर शहर में ही हैं। प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन तेरापंथी, पंचायती बड़ा मंदिर, पुरानी सहेली, प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष - श्री अनिलकुमार शाह (0751 - 2420179) मंत्री - श्री संजयकुमार भौंच (0751 - 2431016) प्रबन्धक - श्री देवेन्द्र क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 01 क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : स्वर्ण मंदिर के निर्माण में तत्कालीन श्रेष्ठियों ने 2 मन (80 किलो) सोने का उपयोग स्वर्ण चित्रकारी हेतु किया था। जो इस मन्दिर का वैशिष्ट्य है। ग्वालियर के इर्द-गिर्द 7 वीं - 8 वीं शताब्दी से 14 वीं-15 वीं शताब्दी तक प्राचीन जिनालयों के दर्शन होते हैं। रियासतों के काल से श्री 1008 पार्श्वनाथ दि. जैन बड़ा मंदिर अपनी गौरवशाली संस्कृति समेटे हुए हैं एवं तेरापंथी पंचायती मंदिर पुरानी सहेली के नाम से विख्यात है। इसका निर्माण भादों सुदी 2 संवत् 1761 में हुआ। भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा संवत् 1212 की प्रतिष्ठित है। इस मंदिर में 163 मूर्तियाँ है जो - चांदी,मुंगा, स्फटिक मणि, प्लेट, पाषाण, कसौटी, संगमरमर तथा श्यामश्वेत पाषाण की हैं। एक इंच से 5-6'' अवगाहना की खड़गासन तथा पद्मासन प्रतिमाएं एवं त्रिकालचौबीसी विराजमान हैं। एक प्रतिमा भगवान पाश्र्वनाथ की श्यामवर्ण की फणयुक्त है। कुल6वेदियाँ है एवं कलापूर्ण समवशरण, जिसमें स्वर्ण चित्रकारी का काम सोने की कलम से बारीकी से किया गया है एवं कई अन्य दर्शनीय स्थल है। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - श्री गोपाचल सिद्धक्षेत्र-3 कि.मी., सोनागिर-65 कि.मी., 15 वीं एवं 16 वीं शताब्दी का ग्वालियर का दुर्ग है -5 कि.मी., श्री सिंहोनिया सिद्ध क्षेत्र-60 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  4. सिद्ध क्षेत्र एवं अतिशय क्षेत्र गोपाचल पर्वत मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र गोपाचल पर्वत संरक्षक न्यास, गोपाचल पर्वत पार्श्वनाथ वनस्थली,गोपाचल मार्ग,फूलबाग के पास,ग्वालियर, (मध्यप्रदेश) पिन-474 002 टेलीफोन - 0751 - 2427778, 2420964, 09301122000 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, कमरे (बिना बाथरूम) - X हाल - X, गेस्ट हाउस - X क्षेत्र यात्री ठहराने की कुल क्षमता - x किन्तु लश्कर में नई सड़क पर महावीर जैन धर्मशाला सर्व सुविधा सम्पन्न है। जैन छात्रावास, हॉस्पिटल रोड, ग्वालियर स्वर्ण मन्दिर, गस्त का ताजिया, ग्वालियर। भोजनशाला - नहीं पर आवास सुविधा उपलब्ध है। औषधालय - नहीं पुस्तकालय - है। विद्यालय - नहीं एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ग्वालियर -2 कि.मी. बस स्टेण्ड - ग्वालियर - 2 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - रेल व सड़क मार्ग दोनों निकटतम प्रमुख नगर - ग्वालियर प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र गोपाचल पर्वत संरक्षक न्यास अध्यक्ष - श्री श्यामलाल विजयवर्गीय (0751-6536647) मंत्री - श्री अजीत वरैया (0751-2431000, 2432000, 093011 22000) कोषाध्यक्ष - श्री अनिल शाह (0751 - 2632226, 2420179) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : तहलटी में 2 जिनालय व 26 गुफाओं में मूर्तियाँ हैं। क्षेत्र पर पहाड़ : है, 50 सीढ़ियाँ है। ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र भगवान पार्श्वनाथ की देशनास्थली, सुप्रतिष्ठित केवली की निर्वाणस्थली होने के साथ पर्वत पर 26 जिनालयों के अन्दर छोटी बड़ी डेढ़ हजार से अधिक मूर्तियाँ हैं। गुफा नं. 10 में भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन 42 फुट ऊँची, 30 फुट चौड़ी संसार की सबसे विशाल पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। सं. 1398 से सं. 1536 के मध्य पर्वत को तराशकर ये मूर्तियाँ बनाई गई थीं। मुगल आतताइयों द्वारा मूर्तियाँ खण्डित की गईं। पार्श्वनाथ प्रतिमा पर वार करने पर चमत्कार हुआ एवं विध्वंसक भाग गये। क्षेत्र की प्राचीनता एवं पुरातत्व के बारे में विस्तृत सर्वेक्षण कराकर कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ, इन्दौर द्वारा सचित्र रंगीन प्रामाणिक पुस्तक का प्रकाशन The Jain Sanctuaries of Fortres of Gwalior शीर्षक से किया गया है। वार्षिक मेले एवं विशेष आयोजन तिथियाँ: 1. भगवान महावीर का जन्म कल्याणकचैत्रसुदी-13 एवं निर्वाण कल्याणक कार्तिक वदी- 30, 2.भगवान पाश्र्वनाथ का जन्म कल्याणक - पौषबदी -11 एवं निर्वाण कल्याणक - श्रावण सुदी -7, 3. वार्षिक मेला - क्वाँर - बदी - 4 समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - सोनागिर-70 कि.मी., सिंहानियाँ-60 कि.मी., शिवपुरी-115 कि.मी., आगरा -115 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  5. चम्पाबाग धर्मशाला, नई सडक, ग्वालियर फोन : 0751-2436156, 094257 55556 (4 कमरे, 2 हॉल, पूर्व सूचना पर उपलब्घ) आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  6. श्री पार्श्वनाथ धर्मशाला (स्वर्ण मंदिर) गस्त का ताजियां, ग्वालियर फोनः 0751-2433727 (4 कमरे) आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
  7. श्री महावीर धर्मशाला, नई सडक, यादव टॉकीज के सामने, ग्वालियर, फोन :0751 - 4079792 (15 कमरे अटैच,2 हॉल) आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस धर्मशाला के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस धर्मशाला में रुके है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|
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