सिद्ध क्षेत्र/अतिशय क्षेत्र कुण्डल महाराष्ट्र
नाम एवं पता - श्री कलिकुंड पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन सिद्ध (अतिशय) क्षेत्र, कुण्डल तहसील - पलूस, जिला - सांगली (महाराष्ट्र) पिन - 416 309
टेलीफोन - 02346 - 271113, मो. 09403008024, 09421131980, 09970560552
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ
आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 9 कमरे (बिना बाथरूम) - 2 हाल -1, गेस्ट हाऊस - 3 कि.मी. की दूरी पर किर्लोस्कर वाड़ी में कम्पनी का गेस्ट हाऊस है । धर्मशाला एवं कार्यालय भी है।
यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 300.
भोजनशाला - नहीं
औषधालय - नहीं
पुस्तकालय - नहीं
विद्यालय - है (गांधी एजूकेशन सोसायटी)
एस.टी.डी./पी.सी.ओ.- है।
आवागमन के साधन
रेल्वे स्टेशन - किर्लोस्कर वाड़ी - 3 कि.मी. (पूना-मिरज ब्रॉडगेज)
बस स्टेण्ड पेठनाका स्टेण्ड (पूना-बैंगलोर हाइवे)-20 कि.मी.
पहुँचने का सरलतम मार्ग - तासगांव - 18 कि.मी., कराड़ - 30 कि.मी., सांगली - 45 कि.मी. से
निकटतम प्रमुख नगर - कराड़ - 30 कि.मी., सांगली - 45 कि.मी.
प्रबन्ध व्यवस्था
संस्था - श्री कलिकुंड पार्श्वनाथ दि. जैन सिद्धातिशय, कुण्डल
अध्यक्ष - श्री विद्याचंद्र मोतीचंद्र शहा (09421544309)
मंत्री - श्री सुनिल शिवलाल शहा (09422011335)
सचिव - श्री दीपक मनोहर वर्णे, कुंडल (094030008024, 09422011335)
क्षेत्र का महत्व
क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 03
क्षेत्र पर पहाड़ : है (लहान एवं बंडा पहाड़) प्रथम पहाड़ पर 300 सीढ़ियाँ है। एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ पर जाने के लिए 1 कि.मी. का रास्ता है।
ऐतिहासिकता : यहाँ तीन जिन मन्दिर हैं। एक कलिकुंड पार्श्वनाथ गाँव में तथा दो अन्य श्री गिरि पार्श्वनाथ एवं श्री झरी पार्श्वनाथ पहाड़ पर स्थित है। अंतिम श्रुतकेवली श्रीधर मुनि की निर्वाण भूमि है। कहा जाता है कि तीर्थंकर पाश्र्वनाथ व महावीर स्वामी का समवशरण यहाँ आया था।
विशेष जानकारी : यहाँ पंचामृत अभिषेक की प्रथा है। मन्दिर जीर्णोद्धार व यात्रियों की सुविधा हेतु विकास योजनाएँ प्रगति पर हैं।
समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : वशी पार्श्वनाथ - 35 कि.मी., बाहुबली हातकलंगे - 75 कि.मी., कुंथुगिरि-80 कि.मी., धर्मनगर - 75 कि.मी., नांदणी - 60 कि.मी.
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