Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World
  • entries
    284
  • comments
    3
  • views
    14,347

आत्मा का लक्षण


Sneh Jain

979 views

आचार्य योगीन्दु सभी जीवों को सुख और शान्ति के मार्ग पर अग्रसर करना चाहते हैं, और यह सुख-शान्ति का मार्ग बिना आत्मा को पहचाने सम्भव नहीं है। अतः आत्मा पर श्रृद्धान कराने के लिए विभिन्न- विभिन्न युक्तियों से आत्मा के विषय में बताते हैं। इस 31वें दोहे में आत्मा का लक्षण बताया गया है -

 

31    अमणु अणिंदिउ णाणमउ मुत्ति-विरहिउ चिमित्तु

      अप्पा इंदिय-विसउ णवि लक्खणु एहु णिरुत्तु ।।

 

अर्थ - आत्मा, मन रहित, इन्द्रिय रहित, मूर्ति (आकार) रहित, ज्ञानमय (और) चेतना मात्र है, (यह) इन्द्रियों का विषय नहीं है। (आत्मा का) यह लक्षण बताया गया है।

शब्दार्थ - अमणु-मन रहित, अणिंदिउ-इंद्रिय रहित, णाणमउ-ज्ञान सहित, मुत्ति-विरहिउ-मूर्ति रहित, चिमित्तु-चेतना मात्र, अप्पा- आत्मा, इंदिय-विसउ- इन्द्रियों का विषय, णवि-नहीं, लक्खणु-लक्षण, एहु- यह, णिरुत्त-बताया गया है।

0 Comments


Recommended Comments

There are no comments to display.

Guest
Add a comment...

×   Pasted as rich text.   Paste as plain text instead

  Only 75 emoji are allowed.

×   Your link has been automatically embedded.   Display as a link instead

×   Your previous content has been restored.   Clear editor

×   You cannot paste images directly. Upload or insert images from URL.

  • अपना अकाउंट बनाएं : लॉग इन करें

    • कमेंट करने के लिए लोग इन करें 
    • विद्यासागर.गुरु  वेबसाइट पर अकाउंट हैं तो लॉग इन विथ विद्यासागर.गुरु भी कर सकते हैं 
    • फेसबुक से भी लॉग इन किया जा सकता हैं 

     

×
×
  • Create New...